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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premdhan Ki Chayya Smriti

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Class 12 Hindi NCERT Solutions for Antra Chapter 10 Premdhan ki Chayya Smriti

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Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 3 - Antra

Chapter Name:

Chapter 10 - Premdhan Ki Chayya Smriti

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

Access NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 10 – प्रेमघन की छाया स्मृति

12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:1

1.लेखक ने पिताजी की किन-किन विशेषताओं का वर्णन किया है?

उत्तर: लेखक ने पिताजी की विशेषताओं के बारे में बताया है की वह फ़ारसी भाषा के अच्छे ज्ञाता थे तथा प्राचीन भाषाओं के प्रशंसक थे। उन्हें हिंदी में लिखे वाक्यों को फ़ारसी में अनुवाद करने का शोक था। लेखक के पिता को हर रात अपने परिवार को रामचरितमानस को चित्रात्म ढंग से सुनाने का शौक था। वे भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटकों के प्रशंसक थे।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:2

2.बचपन में लेखक के मन में भारतेंदु जी के संबंध में कैसी भावना जगी रहती थी?

उत्तर: लेखक बचपन से ही राजा हरिश्चंद्र और भारतेंदु हरिश्चंद्र में कोई भेद नहीं समझते थे। वे दोनों को एक ही मानते थे। जिससे दोनों को मिली – जुली भावना का माधुर्य का संचार उसी में होता था। बचपन में लेखक के मन में भारतेंदु जी के संबंध में एक अपूर्व मधुर भावना जगी रहती थी।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:3

3.उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की पहली झलक लेखक ने किस प्रकार देखी?

उत्तर: मिर्जापुर आने के बाद लेखक को पता चला की भारतेंदु के मित्र उपाध्याय बद्रीनाथ चौधरी ‘ प्रेमघन’ यहां रहते है। वह बालकों की मंडली जोड़कर डेढ़ मील का सफर तय कर एक मकान के सामने पहुंचे। वहाँ नीचे का बरामदा खाली था तथा ऊपर का बरामदा सघन लताओं से भरा हुआ था। खम्भों के बीच खाली जगह थी। कुछ देर बाद वहां एक मूर्ति दिखाई पड़ी। दोनों कन्धों पर बाल गिरे हुए थे। एक हाथ खम्भे पर रखा हुआ था। देखते देखते वह एक दम से ओझल हो गई। इस प्रकार लेखक ने पहली झलक देखी।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:4

4.लेखक का हिंदी साहित्य के प्रति झुकाव किस प्रकार बढ़ता गया?

उत्तर: लेखक के पिताजी का हिंदी साहित्य के प्रशंसक होने के कारण तथा बचपन से ही हिंदी अनुवाद, रामचरितमानस, रामचंद्रिका तथा नाटकों का वाचन सुनने के कारण हिंदी की तरफ झुकाव हो गया था। उनके पिताजी ने उनको हिंदी साहित्य से पहले ही अवगत करा दिया था। कॉलेज में भी वे हिंदी की पुस्तकें पढ़ते थे। उन्होंने 16 वर्ष की आयु में ही हिंदी प्रेमियों की मंडली में जाना प्रारंभ कर दिया था। इस प्रकार हिंदी साहित्य के प्रति लेखक का झुकाव बढ़ता गया।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:5

5.‘नि:संदेह’ शब्द को लेकर लेखक ने किस प्रसंग का जिक्र किया है?

उत्तर: लेखक ने जब हिंदी साहित्य की मंडली में जाना शुरू कर दिया था तो वह उसके बारे में बताते हैं कि लेखक खुद को तब तक एक लेखक मानने लग गया था। वहां पर नए पुराने लेखकों की चर्चा होती थी। उन लोगों की बातचीत प्राय: पढ़ने लिखने की भाषा में होती थी। जिसमें ‘नि:संदेह’ इत्यादि शब्द शामिल थे। जहाँ पर हम लोग रहते थे वहां वकीलों, कचहरी के अफसरों की बस्ती थी। ऐसे लोगों के उर्दू कानों की बोली कुछ अलग लगती थी। इसी से उन्होंने हमारा नाम नि:संदेह रख कर छोड़ दिया था। लेखक नि:संदेह शब्द को लेकर इसी प्रसंग का जिक्र करता है।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:6

6.पाठ में कुछ रोचक घटनाओं का उल्लेख है। ऐसी तीन घटनाएँ चुनकर अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: पाठ में अनेक रोचक घटनाओं के उल्लेख आए हुए है। जिनमें से किन्ही तीन का वर्णन इस प्रकार है:

  • एक बार कवि वामनचिरयागिरी ने चौधरी जी पर कविता लिखने की सोची उनकी कविता पूरी हो गई थी बस अंतिम पद्य रह गया था। उनको खंभे के साथ खड़े देखकर वो भी पूरा हो गया। उसका अंतिम पद था– खंभा टेकी खड़ी जैसे नारी मुगलानें की।

  • एक दिन कई लोग बैठे बातें कर रहे थे कि पंडित जी आ गए और चौधरी जी ने उनके हाल के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा की एकादशी का व्रत है इसलिए पानी खाकर आए हैं। सभी लोगों के बीच अब यह प्रश्न था की पानी ही पीया है या फर कुछ फल भी खाया है।

  • एक दिन चौधरी जी पड़ोसी के यहां पहुंचे और प्रश्न हुआ की घनचक्कर के क्या मायने हैं। पड़ोसी ने कहा ‘वाह! यह क्या मुश्किल बात है। एक दिन रात सोने से पहले कलम और कागज हाथ में लेकर पूरे दिन में किए गए काम को लिख लीजिए और पढ़ जाइए’।

  • इस प्रकार पाठ में ऐसे रोचक तथ्यों का उल्लेख हुआ है। जिनमें से तीन का वर्णन यहां किया गया है।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:7

7.इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कोतूहल का अद्भुत मिश्रण रहता था। यह कथन किसके संबंध में कहा गया और क्यों? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: लेखक ने यह कथन चौधरी साहब के लिए कहा है। ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि मंडली में वह सबसे ज्यादा उमर के इंसान थे। सभी उन्हे एक पुरानी चीज समझा करते थे। उनके यहाँ त्योहारों में अनेक उत्सव होते थे। इसलिए लेखक ने चौधरी जी के लिए यह कथन कहा है।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:8

8.प्रस्तुत संस्मरण में लेखक ने चौधरी साहब के व्यक्तित्व के किन किन पहलुओं को उजागर किया है?

उत्तर: लेखक ने संस्मरण में चौधरी जी के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है जैसे–

चौधरी साहब का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षित करने वाला था। उनके हंसमुख चेहरे के हाव भाव देखकर सभी प्रसन्न हो जाते थे। चौधरी जी हिंदी प्रेमी थे। वे प्रेमघन उपनाम से अपनी रचनाएं लिखते थे। वे तहजीब और रियासती वाले इंसान थे। उनके यह त्योंहारों पर अनेक उत्सव होते थे। इस प्रकार लेखक ने चौधरी जी की अनेक पहलुओं की उजागर किया है।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:9

9.समवयस्क हिंदी प्रेमियों की मंडली में कौन कौन से लेखक मुख्य थे?

उत्तर: समवयस्क हिंदी प्रेमियों को मंडली में काशी प्रसाद जायसवाल, भगवानदास जी हालना, पंडित बद्रीनाथ गौंड, पंडित उमा शंकर द्विवेदी आदि प्रमुख लेखक शामिल थे।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास:10

10.“भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह दृश्य ह्रदय परिचय बहुत शीघ्र गहरी मैत्री में परिणत हो गया।” कथन का आशय स्पष्ट कीजिए?

उत्तर: लेखक बताता है की उसके पिता ने उसे एक बार किसी बारात में भेज दिया था। वह घूमता-घूमता हुआ चौखंभा की ओर जा निकला। वही से एक घर में से केदार जी पाठक निकलते दिखाई पड़े। वह मुझे पुस्तकालय में रोजाना देखा करते थे। इसलिए वहीं खड़े हो गये। बातों ही बातों में पता चला कि जिस घर से वह निकले थे वह भारतेंदु जी का घर था। मैं बड़ी चाह और कोतूहल की दृष्टि से और जिस भाव से उस घर को देख रहा था, मेरी यह भावना देखकर पाठक जी बड़े प्रसन्न हुए और काफी देर तक मुझसे बातें करते रहे। जिससे वे एक दूसरे को अच्छे से जान और पहचान सके। इसलिए लेखक ने कहा की भारतेंदु जी के मकान के नीचे का यह दृश्य हृदय परिचय बहुत शीघ्र ही गहरी मैत्री में परिणत हो गया।


भाषा – शिल्प

12:1:12:प्रश्न और अभ्यास: भाषा शिल्प:1

1.हिंदी – उर्दू के विषय में लेखक के विचारों को देखिए। आप इन दोनों को एक ही भाषा की दो शैलियां मानते है या अलग अलग भाषाएं?

उत्तर: लेखक के विचारों में भी दोनो अलग- अलग भाषा है। उर्दू का आगमन भारत में मुगलों के साथ हुआ था। उसके बाद ही यह प्रचलन में आई। प्रचलन में आने के बाद ही इसमें लेखन की शुरुआत हुई। भारतेंदु ने उर्दू में रचना की लेकिन वे इसके साथ साथ हिंदी भाषा का भी प्रयोग करते थे। हिंदी भाषा का उद्भव भारत में ही हुआ है। दोनों में अंतर करना कठिन है क्योंकि यह हिंदी के साथ- साथ रच बस गई है। लेकिन हिंदी और उर्दू दो अलग- अलग भाषाएं है।


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास: भाषा शिल्प:2

2.चौधरी जी के व्यक्तित्व को बताने के लिए पाठ में कुछ मजेदार वाक्य दिए गए है उन्हे छांटकर उनका संदर्भ लिखिए।

उत्तर:

  • चौधरी जी के व्यक्तित्व को बताने के लिए पाठ में कुछ मज़ेदार वाक्यों का प्रयोग किया गया है जिनका संदर्भ इस प्रकार है।     

  • पुरात्व की दृष्टि में प्रेम और कोतूहल का एक अद्भुत मिश्रण रहता है। यह पंक्ति चौधरी जी के व्यक्तित्व को दर्शाती है की वह उनकी मंडली में सबसे ज्यादा उम्र के है लेकिन फिर भी उनमें स्नेह है। जोकि उनकी उम्र और स्नेह का अच्छा मिश्रण है।

  • जो बातें उनके मुख से निकलती थी उनमें एक विलक्षण विक्रेता रहती थी। इससे पता चलता है कि चौधरी जी कोई भी बात सीधे- सीधे नहीं बताते थे। उनकी बातों में कुटिलता का समावेश होता था। उनकी बातें समझने के लिए थोड़ी बुद्धि का प्रयोग करना पड़ता था। 


12:1:12:प्रश्न और अभ्यास: भाषा शिल्प:3

3.पाठ की शैली की रोचकता पर टिप्पणी लिखिए?

उत्तर: इस पाठ में लेखक ने हिंदी साहित्य के महत्व और भाषा को प्रस्तुत किया है। उर्दू भाषा के शब्दों के साथ- साथ उनके अर्थ को भी स्पष्ट किया है। तत्कालीन सामाजिक परिस्थितियों का सटीक प्रयोग किया है। स्थानीय भाषा का प्रयोग बड़े अच्छे से किया है। कहीं- कहीं हिंदी के शुद्ध रूप का वर्णन भी किया है।


Chapter Summary 

Chapter 10, "Premdhan Ki Chayya Smriti," is a touching and introspective exploration of the depth of human emotions, relationships, and the passage of time. The chapter narrates the story of an elderly couple, Gurudutt and Urmila, who have spent their lives together and now live in their twilight years. As they reflect on their long journey together, they are confronted with the bittersweet realization that their time together is limited. The story beautifully portrays the enduring love between the couple and their profound understanding of each other's thoughts and emotions, even in the silence between their conversations. "Premdhan Ki Chayya Smriti" delves into the themes of love, companionship, and the inevitability of aging, illustrating the poignant and timeless nature of true love. This chapter serves as a heartfelt reminder of the enduring power of love that transcends the boundaries of time and age.


NCERT Hindi Class 12 Solutions

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NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 10

Premdhan ki Chayya Smriti is written by Shri Ram Chandra Shukla. In the chapter Premdhan ki Chayya Smriti, In memory of Prem Dhan, a memorial essay, Shukla has given a very interesting description of his early trends towards Hindi language and literature. His childhood was full of the academic environment, in his childhood, how Bharatendu and other creators of his group, especially concerning Prem Dhan, took the literary shape of Shukla.

How the personality of Prem Dhan influenced Shukla ji's congregation, how he attracted towards Hindi and a very interesting depiction of aspects related to the creation of personality of a creator, etc. is done in this essay.

NCERT solutions Hindi Class 12 Antra Chapter 10 Premdhan ki Chayya Smriti will clear the concept and help the students gain in-depth knowledge and confidence about the prose and ensure that students grasp its thorough understanding well. The detailed knowledge will help students who are preparing for CBSE 2024-25 Board Hindi examinations.

There are ten questions related to the topic that has been asked. All questions with their replies prepared by experienced teachers available on the Vedantu web page and are free of any cost.


NCERT Solutions with the Latest Syllabus for Class 12 Hindi (Core and Elective)

The freshly updated CBSE curriculum for Hindi Core is bifurcated in 2 sections. Section A consists of the matter from two books that are Aroh 2 (18 chapters) and Vitan 2 (4chapter), and section B consists of the matter from a book Aroh 2.

For Class 12 Hindi Elective the syllabus is bifurcated in 2 sections. Section A consists of the matter from 2 books that are Antra 2 (21 chapters) and Antral 2 (4 chapters) and section B consists of the matter from a book named Antra part 2.

All this book content is given in a PDF file present on Vedantu's website page.

NCERT Solutions Class 12 Hindi Antral part 2 book prescribed by CBSE have four chapters and all chapter-wise solutions provided for free downloading at Vedantu's platform.

According to CBSE pattern, NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra part 2 book contains 21 chapters with poems and prose are given below.

Poem Section:

  • Chapter 1 Poem-Devsena ka geet-Kaneliya ka geet

  • Chapter 2 Poem-Geet gaane do mujhe-Saroj-smriti

  • Chapter 3 Poem - Yeh deep akela - Maine dekha ek boond

  • Chapter 4 Poem - Banaras – Disha

  • Chapter 5 Poem - Ek kam-Satya

  • Chapter 6 Poem - Basant aya-Toro

  • Chapter 7 Poem -  Bharat-Ram ka prem-Pad

  • Chapter 8 Poem - Barahmasa

  • Chapter 9 Poem - Pad

  • Chapter 10 Poem - Ramchandra Chandrika

  • Chapter 11 Poem - Kabita/Sabeya

Prose Section:

  • Chapter 12 Premdhan ki Chayya Smriti

  • Chapter 13 Sumirini ke man ke

  • Chapter 14 Kaccha Chitta

  • Chapter 15 Samvadiya

  • Chapter 16 Gandhi, Neheru aur Yasser Arafat

  • Chapter 17 Sher, Pehchan, Chaar haath, Sajha

  • Chapter 18 Jaha koi wapas nahi

  • Chapter 19 Yathasmay rochate Vishvam

  • Chapter 20 Dusra Devdas

  • Chapter 21 Kutaj 


Importance of Vedantu Application and Website:

Vedantu's Unique selling point is the quality of teachers along with all answered NCERT and reference book questions that students can freely access for excellent performance in the CBSE board exams. Moreover, for a student's personalized experience, it offers free online individual and group classes and with our best tutors. All study material like past year's solved question papers, etc.

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This was the complete discussion on the NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 10 - Premdhan Ki Chayya Smriti. We have learnt the short summary along with the complete syllabus that is covered in the Aroh textbook. It is highly recommended for you to solve the NCERT solutions once you have completed the chapter. These solutions would help you to score well in the exams while also helping you understand the chapter deeply! Be exam ready with Vedantu!


Conclusion

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Chapter 10 - Premdhan Ki Chayya Smriti Notes

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Chapter 10 - Premdhan Ki Chayya Smriti Important Questions



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Comprehensive NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan

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Additional NCERT Books for Class 12 Hindi

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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premdhan Ki Chayya Smriti

1. Can we get Material on the Vedantu Site for NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 10 Premdhan ki Chayya Smriti, to Prepare for the Board Exams?

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5. How do I score well in  Class 12 Hindi Antra, Chapter 10- Premdhan ki Chayya Smriti?

To score well in Class 12 Hindi Antra, Chapter 10- Premdhan ki Chayya Smriti, firstly, understand the theme, message, storyline, characters, poetic devices used in the chapter after reading it from the NCERT. Clear all doubts related to the meaning of difficult words as soon as possible. Then, solve the NCERT questions with the help of Vedantu's NCERT Solutions class 12 Hindi Antra Chapter 10 for this chapter. Practice as many additional questions as you can and give timed-mock tests from this chapter to score well in the Hindi exam. 

6. What qualities and interests of his father has the author disclosed in the lesson?

The author's father was highly proficient in the Persian language. He was also a great admirer of the old Hindi language. He used to enjoy matching the sayings in the Hindi language with the Farsi sayings. He was a great fan of Bharatendu's plays. And, in the late evening, he used to recite from Ramcharitamanas and Ramchandrika. He used to win everyone's heart with his recitation skills. 

7. How did the writer's inclination towards Hindi literature increase?

The author's father was a Persian fluent and a Hindi lover. Hindi plays composed by Bharatendu used to be read in his house. The writer was exposed and introduced to Hindi literature from childhood by his father. Bharatendu's written plays attracted the writer. Therefore, the writer's father had a major contribution in sowing the seed of love for Hindi literature in him. Thus, it was natural to have an inclination and deep interest in Hindi literature. 

8. How did the author see the first glimpse of 'Premghan'?

The writer's father was transferred to a city outside Mirzapur. While staying there, he came to know one day that Bharatendu Harishchandra's friend whose name is Upadhyay Badrinarayan Choudhary (who writes with the surname 'Premghan') lives there. The writer was eager to meet him and, after walking along with his circle of friends, he stood under his house. The writer continuously kept looking upwards for some time until he got a glimpse of Premghan.