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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 1 Surdas Ki Jhopri

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NCERT Solutions for Class 12 Chapter 1 Hindi - FREE PDF Download

Class 12 Hindi Chapter 1 Surdas Ki Jhopri (Antral), written by Premchand, is a thought-provoking story that revolves around Surdas, a blind man who lives in a small hut. The story highlights Surdas’s struggles and his strong will to overcome hardships, including the burning of his hut. It gives insights into his life's emotional, social, and economic aspects while portraying human resilience in the face of adversity. Surdas, despite his blindness, displays immense courage and determination when he faces the destruction of his home.

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Table of Content
1. Access NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra Chapter 1 Surdas Ki Jhopri
2. Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 1 Surdas Ki Jhopri
3. Related Links for Class 12 Hindi Antral Chapter 1 - Surdas Ki Jhopri
4. Chapter-wise NCERT Solutions Class 12  Hindi - (Antral)
5. NCERT Class 12 Hindi Other Books Solutions
6. Related Important Study Material Links for Class 12 Hindi 
FAQs


Our solutions for Class 12 Hindi Antral NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 12 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 12 Chapter 1. 


Glance on Class 12 Hindi Chapter 1 (Antral) Surdas Ki Jhopri 

  • Surdas’s hut burns down, but he realises it wasn’t an accident—it was an act of vengeance.

  • Bhairon, driven by false pride, sets Surdas’s hut on fire out of anger and jealousy.

  • Surdas feels deeply disheartened, seeing the ashes of not just his hut, but his dreams.

  • Despite the hardships, Surdas rises again, determined to rebuild and face life’s struggles.

  • The story showcases themes of resilience, human nature, and social conflict.

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Access NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra Chapter 1 Surdas Ki Jhopri

1. चूल्हा  ठंडा किया होता तो,दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा  होता ?नायकराम के इस कथन में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर:  नायकराम के इस कथन का निहितार्थ यह है कि सूरदास के घर में लगी आग उनके दुश्मनों के लिए बहुत ख़ुशी की बात रही होगी। सूरदास के जलते घर को देखकर , जलधर ने अनुमान लगाया था कि सूरदास के चूल्हे में बचे कोयले से हवा के साथ उड़कर आग लगी हो सकती है। इस अनुमान पर जगधर ने नायकराम से पूछा कि सूरदास ने आज चूल्हा ठंडा नही किया , जिसकी वजह से आग लग गयी है । इस पर नायकराम  ने जवाब दिया कि “ यदि चूल्हा ठंडा हो गया होता , तो दुश्मनों का कलेजा कैसे ठंडा होता ? दूसरे लोग भी यही मान रहे थे कि चूल्हे में बची आग से घर जल गया है लेकिन यह सच नहीं था।भैरों ने जानबूझकर बदला लेने के इरादे से सूरदास के घर में आग लगा दी थी । नायकराम को ज्ञात था कि आग चूल्हे की वजह से नहीं लगी है बल्कि किसी ने लगाई है ।


2. भौरों ने सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ? 

उत्तर : भैरों ने अपने झूठे अहंकार के कारण सूरदास को अपने दुश्मन के रूप में मान लिया था और उससे बहुत क्रोधित था। वह इतना क्रोधित था कि उसने सूरदास जैसे गरीब का घर तक जला दिया। केवल एक छोटी सी बात थी - एक दिन जब भैरों और उसकी पत्नी सुभागी के बीच झगड़ा हुआ तो गुस्से में सुभागी सूरदास के घर रहने चली गई । भैरों को यह पसंद नहीं आया । दूसरी ओर सूरदास भी धार्मिक संकट की स्थिति में था । वह हताश सुभागी को बेसहारा नहीं कर पाया । गरीब आदमी इतना छल नहीं जानता था । विनम्रता से सुभागी को मना नहीं कर पाया और अपने घर में रहने दिया। यह भैरों के लिए असहनीय था। उसका मन बेचैन था । सूरदास के इस कार्य से उसे अपना अपमान महसूस हुआ और उसने सूरदास से बदला लेने का फैसला किया । हर हाल में सूरदास को सबक सिखाना चाहता था। जिस घर पर उसने सुभागी को रखा था भैरों ने उसी घर को जला ददिया इस तरह उसने सूरदास की झोपड़ी में अपने तथाकथित अपमान का बदला लेने के लिए आग लगा दी । 


3. ‘ यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी।संदर्भ सहहत विवेचना कीजिए।  

उत्तर: सूरदास एक अंधे भिखारी थे। उनके जीवन या उनकी संपत्ति का आधार कहा जाए तो उनके पास केवल एक छोटी सी झोपड़ी , ज़मीन का एक छोटा सा टुकड़ा और जीवनभर की जमा की गई पूँजी थी , जिसके लिए उनके मन में काफ़ी अरमान थे। उनकी ज़मीन पर गाँव के सभी जानवर चरते थे। सूरदास उसी से ख़ुश था। झोपड़ी जल चुकी थी , जिसे फिर से बनाया जा सकता था लेकिन उस आग में उसकी जमा पूँजी भी जलकर राख हो गई। वह इच्छाएँ जो उसने उस जमा पूँजी के साथ बाँधी थी वह जलकर राख हो गई थी। वह ग्रामीणों के लिए एक कुआँ बनाना चाहते थे , अपने बेटे की शादी करना चाहते थे और अपने पूर्वजों को प्रदान करना चाहते थे।उनकी कुल जमा पूँजी पाँच सौ रुपये थी जो फिर से इतनी जल्दी जमा होना संभव नहीं थी।झोपड़ी के साथ ही अपनी संचित पूंजी भी जल जाने के कारण अपनी किसी भी आकांक्षा को पूरा नहीं कर सका , इसलिए उसने महसूस किया कि यह राख “ फूस की राख नहीं बल्कि उसकी अभिलाषाओं की राख है । “ इस तरह की गतिविधि के कारण सूरदास के पास कुछ भी नहीं था।बस दुख और अफ़सोस के साथ राख में अपनी इच्छाओं की खोज कर रहा था ।

 

4. जगधर के मन में ककस तरह का ईष्याभ-भाव जगा और क्यों? 

उत्तर- सूरदास के घर में आग लगी और उसकी झोपड़ी जलकर राख हो गई।ये आग किसने लगवाई ? जब यह जगधर को पता चला तो वह भैरों के घर गया।भैरों से मिलने पर पता चला कि उसने बस आग ही नहीं लगवाई बल्कि सूरदास की पूरी जमा पूँजी भी हथिया ली है अर्थात् सूरदास के पाँच सौ रुपये पर अब भैरों का क़ब्ज़ा था।भैरों के पास इतना रुपया देख जगधर को अच्छा नहीं लगा।उसे लगने लगा कि इतने पैसों से भैरों की जिंदगी की सारी कठिनाइयाँ पल भर में दूर हो सकती है।भैरों की चाँदी होते देख जगधर से रहा न गया और वह मन ही मन भैरों से जलने लगा | जगधर के मन में भी लालच भर गया । वह भैरों के इतने रुपये लेकर आराम से जिंदगी जीने के ख्याल से ही तड़प उठा।भैरों की खुशी जगधर के सबसे बड़े दुख का कारण बन गई थी ।

 

5. सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ? 

उत्तर : सूरदास सामाजिक प्रतिष्ठा के कारण अपने आर्थिक नुकसान को जगधर से गुप्त रखना चाहते थे।सूरदास एक अंधा भिखारी था जो लोगों की दया और उनकी दानशीलता पर पलता था , इसलिए लोगों को उसके पास इतनी संपत्ति होने पर आश्चर्य की बात हो सकती है और लोगों को शक हो सकता है कि उसके पास इतना पैसा कहाँ से आया ? वह जानता था कि भिखारी के पास इतना पैसा रखना सही नहीं है , लोग इसके बारे में विभिन्न तरीकों से बात कर सकते हैं।जब जगधर ने सूरदास से इन रुपयों के बारे में पूछा , तो सूरदास हिचकिचा रहे थे , वे इसके बारे में जगधर को नहीं बताना चाहते थे । जब जगधर ने सूरदास को बताया कि पैसा अब भैरों के पास है तो सूरदास ने उन रुपयों को अपना मानने से इनकार कर दिया था । वह खुद को समाज के सामने शर्मिंदा नहीं करना चाहता था।वह जानता था कि कोई भी उसकी गरीबी का मज़ाक उड़ाया।अगर लोगों को पता चल गया कि उसके पास इतना पैसा था तो सूरदास लोगों को क्या जवाब देगा ? उनके पास इतना पैसा कहाँ से आया ? इसलिए वह चाहता था कि वह उसके नुकसान को गुप्त रखे ।


6.' सूरदास उठ खड़ा हुआ और विजय - गर्व की तरंग में राख के ढेर को दोनों हाथों से उड़ाने लगा । ' इस कथन के संदर्भ में सूरदास की मनोदशा का वर्णन कीजिए ।

उत्तर : सूरदास अपने जीवन में संचित पूँजी की चोरी से दुखी था।उसने महसूस किया कि उसके जीवन में कुछ भी नहीं बचा है।परेशानी , दुःख , ग्लानि और निराशा के भाव उसे हर पल महसूस हो रहे थे । अचानक उसने घीसू द्वारा मिठुआ को कहते सुना कि “ खेल में रोते हो " , इस बयान ने अचानक सूरदास के मूड पर एक चमत्कारी बदलाव किया।दुःखी और निराश सूरदास फिर से जी उठा , यह महसूस करते हुए कि जीवन संघर्षों का नाम है।जीवन में हार जीत तो जारी रहेगी व्यक्ति को चोटों और मेहनत से डरना नहीं चाहिए , जीवन के संघर्षों का सामना करना चाहिए । जो मनुष्य जीवन के इस खेल को स्वीकार नहीं करता है वह दुख और निराशा के अलावा कुछ नहीं पाता।घीसू के शब्द उसे समझाते है कि खेल में बच्चे भी रोना पसंद नहीं करते।वह फिर क्यों रो रहा है ? सूरदास उठा और उसने दोनों हाथों से राख के ढेर को उड़ाना शुरू कर दिया।यह ऐसे शख़्स की मनोदशा है जिसने हार का मुंह तो देखा लेकिन हार नहीं मानी बल्कि अपनी हार को जीत में बदल दिया ।


7. ‘ तो हम सौ लाख बार बनाएँगे । ‘ इस कथन के संदर्भ में सूरदास के चरित्र का विवेचन कीजिए ।

उत्तर : इस कथन से सूरदास के चरित्र के निम्नलिखित बिंदुओं का पता चलता है 

( क ) दृढ़संकल्पित- सूरदास एक दृढ़निश्चयी व्यक्ति है जो थोड़े समय के लिए रुपये के नुकसान से दुखी था , लेकिन खेलते हुए बच्चों की बात ने उसे फिर से मजबूत कर दिया।मेहनती और हिम्मती आदमी गिरकर भी खड़ा हो सकता है । फिर उसने दृढ़ संकल्प के साथ समस्याओं का सामना करने की क़सम खाई ।

( ख ) कठोर परिश्रमी- वह नियति के भरोसे में रहने वाला आदमी नहीं था , उसे खुद पर भरोसा था और इसलिए उसने मिठुआ से वादा किया कि जितनी बार उसकी झोपड़ी जलेगी उतनी बाद उसे फिर से खड़ा करेगा । 

( ग ) अडिग और निडर- दिव्यांग होने के बावजूद उसने सूरदास कायर नहीं था।वह मुसीबतों का सामना करना जानता था।यहाँ तक कि ऐसे कठिन और प्रतिकूल समय में भी वह बिना किसी की मदद के खुद को संभालने की हिम्मत रखता है।बहादुरी न केवल युद्ध के मैदान में बल्कि जीवन में भी देखी जाती हैं ।


योग्यता विस्तार –

1. इस पाठ का नाद्य रूपांतर कर उसकी प्रस्तुति कीजिए।
2. प्रेमचंद के उपन्यास ‘रंगभूमि’ का संक्षिप्त पढ़िए।
उत्तर : ये काम विद्यार्थी स्वयं करेंगे। विद्यार्थी ‘रंगभूमि’ का संक्षिप्त संस्करण पढ़े।


Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 1 Surdas Ki Jhopri

  • Understanding the emotional depth of Surdas’s character and his reactions to adversity.

  • Exploring the impact of social inequality and how it plays out in personal conflicts.

  • Learning about human resilience and how determination can overcome challenges.

  • Analysing the symbolic meaning of Surdas’s hut and what it represents in his life.

  • Appreciating Premchand’s writing style and the moral lessons woven into the narrative.


Related Links for Class 12 Hindi Antral Chapter 1 - Surdas Ki Jhopri

S. No

Important Study Material Links for Chapter 1

1

Class 12 Surdas Ki Jhopri Notes

2

Class 12 Surdas Ki Jhopri Questions


Conclusion

'Surdas Ki Jhopri' is a powerful narrative that delves into human emotions, particularly the strength of the human spirit when faced with adversity. Surdas’s journey from despair to determination teaches us valuable lessons about resilience, hope, and the importance of staying strong in difficult times. The NCERT Solutions for this chapter offer detailed explanations, ensuring that students understand the complex layers of the story and are well-prepared for their exams.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 12  Hindi - (Antral)

After familiarising yourself with the Class 12 Hindi Chapter 1 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 12 Antrall textbook chapters.


S. No

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral - All Chapters

1

Chapter 2 - Biskohar Ki Maati Solutions

2

Chapter 3 - Aapna Malwa Solutions


NCERT Class 12 Hindi Other Books Solutions


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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 1 Surdas Ki Jhopri

1. Why did Bhairon set fire to Surdas’s hut according to NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 1 'Surdas Ki Jhopri'?

Bhairon set fire to Surdas’s hut because of his false pride and jealousy, as he felt insulted when his wife Sobhagi took refuge at Surdas’s home.

2. What is the significance of the phrase "यह फूस की राख न थी उसकी अभिलाषाओं की राख थी" in 'Surdas Ki Jhopri'?

The phrase signifies that the ashes not only represent Surdas’s burnt hut but also the destruction of his dreams and hopes, which were tied to his small savings.

3. How is Surdas’s character portrayed in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 1 'Surdas Ki Jhopri'?

Surdas is portrayed as a determined and resilient man who, despite facing tremendous loss, stands strong and is ready to rebuild his life.

4. What emotions does Surdas experience after his hut burns down in 'Surdas Ki Jhopri'?

Surdas experiences deep sorrow and helplessness initially, but later he regains his resolve and chooses to fight back and rebuild his hut.

5. How does NCERT Solutions for Chapter 1 'Surdas Ki Jhopri' depict Bhairon’s feelings towards Surdas?

Bhairon feels extreme jealousy and anger towards Surdas because his wife sought shelter with Surdas, and this fuels his desire for revenge.

6. What role does Jagdhar play in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 1 'Surdas Ki Jhopri'?

Jagdhar envies Bhairon when he learns that Bhairon has taken Surdas’s savings, which could improve Bhairon’s financial situation, sparking Jagdhar’s jealousy.

7. Why does Surdas hide his financial loss in Surdas Ki Jhopri as per NCERT Solutions?

Surdas hides his financial loss because he fears societal judgement and doesn’t want people to question how a poor beggar like him accumulated such savings.

8. What does Surdas’s statement "तो हम सौ लाख बार बनाएँगे" signify in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 1?

This statement reflects Surdas’s resilience and determination to rebuild his hut and life no matter how many times it is destroyed, symbolising his strong spirit.

9. How does 'Surdas Ki Jhopri' highlight social issues according to NCERT Solutions for Class 12 Hindi?

The story highlights social issues like jealousy, power dynamics, and societal judgement, showing how these factors affect relationships and actions within the community.

10. What lesson can students learn from NCERT Chapter 1 Surdas Ki Jhopri?

Students can learn about the importance of resilience, the consequences of jealousy and revenge, and how to face challenges with courage and determination.