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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 3 Torch Bechnewale

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NCERT Solutions for Class 11 Chapter 3 Torch Bechnewale Hindi (Antra) - FREE PDF Download

The NCERT Solutions for Class 11 Chapter 3: Torch Bechnewale from the Hindi (Antra) textbook provide a comprehensive resource for understanding this impactful story written by Harishankar Parsai. The chapter explores thought-provoking themes such as social issues, human nature, and the ironies of life, making it a significant part of the curriculum. These solutions are designed in line with the Class 11 Hindi Syllabus, providing detailed explanations and insights that enhance comprehension of the text.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 11 Chapter 3 Torch Bechnewale Hindi (Antra) - FREE PDF Download
2. Glance on Class 11 Hindi (Antra) Chapter 3 - Torch Bechnewale
3. Access NCERT Solutions For Class 11 Hindi पाठ ३ - टॉर्च बेचने वाले
4. Benefits of NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 3 Torch Bechnewale
5. CBSE Class 11 Hindi Chapter 3 Other Study Materials
6. Chapter-wise NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra
7. NCERT Class 11 Hindi Other Books Solutions
8. Important Study Material for Hindi Class 11
FAQs


Students can easily access the FREE PDF download of the NCERT Solutions Class 11 Hindi Antra by visiting the landing page here. These solutions help students prepare effectively for their exams, gain a deeper understanding of the themes, and develop their analytical skills, making them an invaluable tool for excelling in Hindi literature.


Glance on Class 11 Hindi (Antra) Chapter 3 - Torch Bechnewale

Chapter 3, "Torch Bechnewale," written by Harishankar Parsai, presents a satirical narrative that delves into social issues and the complexities of human behaviour. Here’s a brief overview of the chapter:


  • The story follows a torch seller who navigates the challenges of his trade while interacting with various characters. Through his experiences, the narrative explores themes of ambition, irony, and the absurdities of life.

  • Parsai employs satire to critique societal norms and human nature, highlighting the discrepancies between aspirations and reality. The humour in the narrative serves to engage readers while provoking thought about serious social issues.

  • The characters in the story represent different facets of society, each illustrating unique traits and behaviours. Their interactions with the torch seller reveal the complexities and contradictions of human relationships.

  • The chapter emphasises the irony of life, as the torch seller's journey reflects broader societal challenges. It addresses the disillusionment faced by individuals striving for success in a flawed system.

  • The narrative resonates with readers by tapping into universal feelings of struggle and the pursuit of dreams, encouraging reflection on their own experiences and societal observations.

  • "Torch Bechnewale" not only entertains but also serves as a commentary on cultural and social dynamics, urging readers to critically examine their surroundings.

Access NCERT Solutions For Class 11 Hindi पाठ ३ - टॉर्च बेचने वाले

प्रश्न-अभ्यास:

1. लेखक ने टॉर्च बेचने वाली कंपनी का नाम 'सूरज छाप’ही क्यों रखा?

उत्तर: लेखक ने टॉर्च बेचने वाली कंपनी का नाम 'सूरज छाप’ इसलिए रखा क्योंकि जिस तरह सूरज रात के अंधेरे के बाद दिन में प्रकाश कहलाता है और किसी को डर नहीं लगता उसी प्रकार ' सूरज छाप'रात के अंधेरे में सूरज का काम करेगी और ‘सूरज छाप’ टॉर्च रात के अंधेरे में सूरज की रोशनी का प्रतीक है।


2. पांच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात किन परिस्थितियों में और कहां हुई?

उत्तर: पांच साल पहले दोनों दोस्त बेरोजगार थे। पांच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात प्रवचन स्थल पर होती है, लेकिन परिस्थिति पहले जैसी नहीं थी। उनमें से एक टॉर्च बेचने वाला था तथा दूसरा उपदेश देने वाला बन गया था।


3. पहला दोस्त मंच पर किस रूप में था और किस अंधेरे को दूर करने के लिए टॉर्च बेच रहा था?

उत्तर: पहला दोस्त मंच पर संत की तरह था। उसकी वेशभूषा भी संतों की तरह थी, बहुत सुंदर रेशमी कपड़ों से सजा धजा था। वह गुरु - गंभीर वाणी में प्रवचन दे रहा था और लोग उसके उपदेश को ध्यान से सुन रहे थे। वह आत्मा की अंधेरे को दूर करने के लिए टॉर्च बेच रहा था। उसके अनुसार सारा संसार अज्ञान रुपी अंधकार से घिरा हुआ है। मनुष्य की अंतरात्मा भय और पीड़ा से त्रस्त है। वह लोगों को उपदेश दे रहा था की अंधेरे से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आत्मा के अंधेरे को अंतरात्मा के प्रकाश द्वारा खत्म किया जा सकता है।


4. भव्य पुरुष ने कहा - “जहां अंधकार है वही ही प्रकाश है।” इसका क्या तात्पर्य है?

उत्तर: भव्य पुरुष ने अपने प्रवचन में कहा की “जहां अंधकार है वही प्रकाश है।” जैसे हर रात के बाद सुबह आती है उसी प्रकार अंधकार के बाद प्रकाश आता है। मनुष्य को अंधकार से डरना नहीं चाहिए।आत्मा में ही अज्ञान के अंधकार के साथ ज्ञान की रोशनी भी होती है जिसे जगाने की जरूरत नहीं होती। उसके लिए अपने भीतर ही ज्ञान के प्रकाश को ढूंढना पड़ता है। इस प्रकार भव्य पुरुष ने सच ही कहा है की जहां अंधकार है वही प्रकाश है।


5. भीतर के अंधेरे की टॉर्च बेचने और 'सूरज छाप’ टॉर्च बेचने के धंधे में क्या फर्क है? पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर: भीतर के अंधेरे की टॉर्च आत्मा में बसे अंधेरे को दूर करने के लिए काम आती है। जहां एक तरफ पहला दोस्त अपनी वाणी से लोगों को जागृत करने का काम करता है। वह अपने प्रवचनों से लोगों के भीतर के अंधकार को दूर करना चाहता है। उसका काम लोगों अज्ञान रूपी अंधकार से हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश प्रदान करना है। इस प्रकाश सिद्ध पुरुष ही अज्ञान रूपी अंधकार को आत्मा से दूर करता है और लोगों के भीतर ज्ञान रूपी दीपक को जलाना है। वहीं दूसरी ओर दूसरा दोस्त रात के अंधेरे से बचने के लिए 'सूरज छाप’टॉर्च बेचता है। वे लोगों के अंदर रात का भय पैदा करता है ताकि वे डर कर उसकी टॉर्च खरीदें। यह टॉर्च बाहर के अंधेरे को दूर करता है। रात के अंधेरे में मनुष्य को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार वह लोगों को रात के अंधेरे का डर दिखाकर 'सूरज छाप’ टॉर्च बेचता है|दोनों के टॉर्च बेचने के धंधों में बहुत फर्क है। एक आत्मा के अंधेरे को दूर करता है और दूसरा रात के अंधेरे को दूर करता है।


6. “सवाल के पांव जमीन में गहरे गड़े हैं। यह उखड़ेंगे नहीं।” इस कथन से मनुष्य की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया गया है और क्यों?

उत्तर: दोनों दोस्तों ने पैसे कमाने की कई कोशिशें की। दोनों के मन में गई सवाल आता था कि खूब पैसे कैसे कमाए जाए।लेकिन इसका हल निकालना आसान नहीं था। बहुत कोशिश करने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला तो उनमें से एक ने कहा कि सवाल के पांव जमीन में गहरे गड़े हैं, यह उखड़ेंगे नहीं। यह कथन मनुष्य की उस प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है जब जवाब ना मिलने पर मनुष्य उस सवाल को टाल देना ही उचित समझता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी अनसुलझे सवाल में समय लगाना व्यर्थ होता है।


7. ‘व्यंग्य विधा में भाषा सबसे धारदार है।’ परसाई जी की इस रचना को आधार बनाकर इस कथन के पक्ष में अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर: लेखक हरिशंकर परसाई की रचना 'टॉर्च बेचने वाले' एक व्यंग्यात्मक रचना है। इस पाठ में लेखक ने समाज में फैले अंधविश्वास और पाखंडी साधु संत द्वारा रचे गए ढोंग से बचकर रहने का संदेश दिया हैं। ऐसे लोग भोली भाली जनता को अंधेरे का डर दिखाकर पैसे कमाते हैं। हमें ऐसे अंधविश्वास और पाखंडों से बचना चाहिए। लेखक ने इस व्यंग्य रचना के माध्यम से यह समझाने की कोशिश की है कि धर्म और अध्यात्म के नाम पर पैसे ठगने वाले ठगों के चंगुल में हमें फसना नहीं चाहिए। इस प्रकार 'व्यंग्य विधा’ के माध्यम से भाषा प्रभावशाली हो जाती है तथा लोगों के मन पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है और लोग इसके चंगुल में फंस जाते हैं। इसलिए लेखक ने इन लोगों से बचने की सलाह दी है।


8. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) “आजकल सब जगह अँधेरा छाया रहता है। रातें बेहद काली होती हैं। अपना ही हाथ नहीं सूझता।”

(ख) “प्रकाश बाहर नहीं है, उसे अंतर में खोजो। अंतर में बुझी उस ज्योति को जगाओ।”

(ग) “धा बही करूँगा, अपनी टार्च बेचूँगा। बस कंपनी बदल रहा हूं।”

उत्तर :

(क) सूरज छाप टार्च बेचने वाले का मतलब है कि आजकल हर जगह अंधेरा फैला है और रातें इतनी काली हैं कि आदमी को अपने हाथ भी नहीं दिखते। इसलिये, अंधेरे से बचने के लिए सूरज छाप टार्च खरीदनी चाहिए।

(ख) सिद्ध पुरुष का आशय है कि आत्मा के अंधकार को दूर करने के लिए हमें प्रकाश की खोज अपने भीतर करनी चाहिए, क्योंकि वही प्रकाश हमारे अंदर छिपा होता है। हमें उस आंतरिक ज्योति को जगाना चाहिए, जिससे आत्मा के अंधकार को दूर किया जा सके।

(ग) इस पंक्ति का अर्थ है कि जो लोग दूसरों को रात के अंधेरे से डराते हैं, वे चाहे जिस नाम से जाने जाएं—दार्शनिक, साधु या संत—वे केवल अपने स्वार्थ के लिए ऐसा करते हैं। वे लोगों को डराकर अपनी कंपनी की टार्च बेचना चाहते हैं।


9. लेखक ने ‘सूरज छाप’ टॉर्च को नदी में क्यों फेंक दिया?

उत्तर: लेखक ने 'सूरज छाप’ टॉर्च को नदी में इसलिए फेंक दिया क्योंकि उसने सोचा कि इस टॉर्च बेचने वाले रोजगार से ज्यादा कमाई हो नहीं रही क्यों ना मैं भी अपने दोस्त की तरह संत की तरह ज्ञान रूपी अंधकार को दूर भगाऊ इसमें गाड़ी, बंगला, पैसे सब कुछ है, मेरे काम में तो रुपए पैसे ही नहीं है।इसी सोच की वजह से उसने अपनी पेंटी को नदी में फेंक दिया।मैं बिल्कुल भी वैसा नहीं करता क्योंकि जो रोजी-रोटी सच्चाई के साथ कमाई जाए उससे जीने में आनंद आता है। लोगों को मूर्ख बनाकर  उनको लूट कर कोई फायदा नहीं है। बेईमानी के रास्ते बहुत होते हैं और उसके परिणाम भी वैसे ही भयंकर होते हैं। इसलिए बेहतर है कि सरल जीवन और सच्चाई की रोटी खाए।

10. टॉर्च बेचने वाले किस प्रकार की स्किल प्रयोग करते हैं? इसका 'स्किल इंडिया’ प्रोग्राम से कोई संबंध है?

उत्तर: टॉर्च बेचने वाले कई प्रकार की स्किल का प्रयोग करते हैं जो निम्नलिखित है:

1. बोलने का तरीका

2. ग्राहकों को आकर्षित करने का तरीका

3. ग्राहक को हर तरह के फायदे बताना

4. अपने सामान का प्रचार करना

मेरे अनुसार इसका स्किल इंडिया प्रोग्राम से कोई संबंध नहीं है। यह कला खुद की होती है या खुद में इसको लाया जाता है कि किस तरह अपना सामान लोगों तक पहुंचाएं। बेचने वाला तरह-तरह के प्रचार प्रसार करता है जिससे खरीदने वाला आकर्षित हो जाता है और सामान खरीदना है।


Benefits of NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 3 Torch Bechnewale

  1. Clear Understanding: The NCERT Solutions provide detailed explanations of the themes and characters in "Torch Bechnewale," helping students grasp the nuances of the story effectively.

  2. Expert Insights: Developed by experienced teachers, these solutions offer insights into the author’s intent and the social commentary embedded in the narrative, enriching students’ comprehension.

  3. Structured Format: The chapter-wise solutions present organised answers to important questions, aiding students in preparing for exams systematically and efficiently.

  4. Critical Thinking Enhancement: Engaging with the solutions encourages students to think critically about the themes of irony and societal issues presented in the story, fostering deeper analysis.

  5. Language Skill Improvement: The solutions are written in simple, clear language, helping students enhance their Hindi vocabulary and grammar through context-based learning.

  6. Accessibility: The NCERT Solutions are readily available online, providing convenient access for students to study and revise whenever needed.

  7. Confidence Building: By providing comprehensive coverage of the chapter, these solutions help students approach exam questions with confidence, knowing they are well-prepared.

  8. Practical Examples: The solutions include practical examples related to the text, making it easier for students to relate concepts to real-life situations and understand their relevance.


NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 3 - Torch Bechnewale are a valuable resource for students who want to better understand the story by Harishankar Parsai. These solutions provide clear explanations and organised answers, helping students grasp the important ideas in the text. Moreover, the solutions are easily accessible, making them useful for exam preparation. By using these resources, students can improve their understanding of Hindi literature and perform better in their studies. Overall, these solutions help students appreciate the themes in "Torch Bechnewale" while building their confidence in the subject.


CBSE Class 11 Hindi Chapter 3 Other Study Materials



Chapter-wise NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra


NCERT Class 11 Hindi Other Books Solutions


Important Study Material for Hindi Class 11

S. No

Class 11 Hindi Study Resources 

1.

Class 11 Hindi NCERT Books

2.

Class 11 Hindi Revision Notes

3.

Class 11 Hindi Sample Papers

4.

Class 11 Hindi Important Questions

FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 3 Torch Bechnewale

1. Are NCERT chapter-wise solutions enough for examinations?

NCERT questions are carefully made of varying difficulty levels and cover the chapter very well. But are they enough? Well, it depends if you have read and understood the chapter well enough, and then practising them will fetch you good marks. For excellent marks, you have to follow the previous year's trends and solve some standard books too.

2. Which website should I look for the latest news about my examinations?

You can always look to Vedantu for any help you need regarding your examinations. The site is up to date with the latest syllabus and trends and will give you confidence while preparing for your exams. Free direct links to the PDFs of resources are provided for your ease.

3. What are the tips which can be followed to fetch good marks in exams?

You should first complete all the NCERT solutions by understanding the topics. It will provide you with a firm base and then try to solve the previous year questions which will give you an insight into the trends of questions generally asked in the exams. Follow up by taking lots of mock tests, which will give you an edge over other candidates.

4. How did the person selling the torch attract the customers?

The person selling the torch would often use the metaphor of darkness to attract his customers. He would talk in theatrical and dramatic gestures and say that in the present times, everywhere one looks around there is only darkness to be seen. In the night, even a glance at our own hands is impossible. While walking on the streets people get lost and might step on thorns that might lead to excessive bleeding. Even at night while sleeping, when someone needs to use the washroom, there is darkness, and in this darkness, they might step on a snake that might bite them leading to their death. All these exaggerated suggestions would frighten the common people gathered around him and in this way they would buy his torch.

5. What confusion were the two friends going through?

The two friends, both in their teens, were confused about their future. There was a big question in front of them, that they were finding difficult to solve. This question was about what they should do in order to earn a living. After much deliberation, they come to the conclusion that each of them should take different paths to find a job for themselves. They promise each other to meet at a particular spot after a span of five years, to compare what they have been doing for all these years.

6. Why was the friend laughing while listening to the talk of the saint on the stage?

The friend who used to sell the torch found the talk to the other friend on the stage funny. He found it much more hilarious when he saw the people who had gathered around, paying close attention to him. This is because he traced the similarity between the way he sells the torch and the way the saint puts forth his thoughts. Both use the example of darkness, but the difference arises in the fact that the first friend talks about the outer darkness whose remedy is the buying of the torch that he sells. While the other friend talks about the darkness that every individual has within themselves, whose remedy remains in the direction of spirituality. 

7. What does the story try to convey?

In today's world, everyone is confused about what they want to achieve and attain. This dilemma leads the man astray. To save oneself from this situation it is important that they look within themselves and figure out what makes them happy. They need to illuminate their inner darkness with the light of their knowledge and intellect. The story conveys this thought stating that just by getting rid of the outer happiness, a man can never attain peace. To attain peace, they need to get rid of the darkness within themselves.

8. How does the torch-selling friend retort to the other friend?

The friend selling the torch tells the other friend that both of them have the same profession, that is, of selling the torch. This is because they both use the example of darkness in order to attain light. The first friend uses it in order to sell his torches, while the other friend uses it to teach his audience about the path of spirituality to attain light. The saint is against this statement and believes that both of them have completely different paths of approach, but the friend selling the torch claims that he is right. He does this by stating that no one has ever started by saying that the outside world is filled with brightness, they all start by claiming that it is filled with darkness, and therefore they are not different from each other. For a more detailed explanation, visit Vedantu.

9. How does the story reflect human nature?

The interactions between the torch seller and various characters highlight different aspects of human nature, including ambition, greed, and disillusionment, providing a mirror to societal behaviours.

10. How does "Torch Bechnewale" relate to contemporary society?

The themes of ambition and societal critique in "Torch Bechnewale" resonate with contemporary issues, prompting readers to reflect on their own experiences and the complexities of modern life.