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CBSE Class 12 Hindi Vitan Chapter 4 - Diary Ke Panne - Free PDF Download

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Last updated date: 25th Apr 2024
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CBSE Class 12 Hindi Vitan Important Questions Chapter 4 - Diary Ke Panne - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Vitan Chapter 4 - Diary Ke Panne prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Access NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 4-डायरी के पन्ने

अति लघु उत्तरीय                                                                                       (1 अंक)

1. ऐन फ्रेंक कौन थी?

उत्तर: ऐन फ्रेंक यहूदी परिवार में जन्मी एक पंद्रह साल की बच्ची थी|


2. घर के कायदे कानून का कौन सही से पालन नहीं करता है?

उत्तर: घर के कायदे क़ानूनों का सही से पालन मिस्टर डसेल के द्वारा नहीं किया जाता था|


3. ऐन फ्रेंक का परिवार कहाँ छुपने वाला था?

उत्तर: ऐन फ्रेंक का परिवार उसके पिताजी के कार्यालय की इमारत में छुपने वाला था।


4. जॉन और मिस्टर क्लीमेन को किसके बारे में बात करना अच्छा लगता है?

उत्तर: जॉन और मिस्टर क्लीमेन को उन लोगों के बारे में बात करना अच्छा लगता था अज्ञातवास में छुपे या भूमिगत हो गए हों|


5. इज्मुईडेन पर ब्रिटिश सेना का हमला कैसा था?

उत्तर: इज्मुईडेन पर 550 टन गोला बारूद ब्रिटिश सेना के 350 वायुयानों के द्वारा बरसाया गया था।

 

 लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                           (2 अंक)

1. ऐन फ्रेंक के पिता के ऑफिस में कौन- कौन कार्य करता था?

उत्तर: ऐन फ्रेंक के पिता के ऑफिस में ज्केवल कुछ लोग ही  काम किया  करते थे। , मिस्टर क्लीमेन,मिस्टर कुगलर, मिएप और बेप वोस्कुइल जो तेइस बरस की टाइपिस्ट थी बस इतने ही लोग ऐन फ्रैंक के पिताजी के ऑफिस में कार्य किया करते थे। 


2. मिस्टर डसेल किसके साथ पत्राचार कर रहे थे तथा उनके पत्र कौन डील करता है ?

उत्तर: मिस्टर डसेल चार्लोट और बाकी लोगों के साथ पत्राचार कर रहे थे तथा उनके पत्रों को डील उनकी डच अध्यापिका मार्गोट किया करती है।


3. सैनिक किस बात पर गर्व करते हैं?

उत्तर: घायल सैनिक अपने ज़ख़्मों को दिखाते हुए गर्व महसूस करते हैं क्योंकि जिस सैनिक को जितने ज्यादा घाव लगते हैं, वह उतना ही गर्व से भर जाता है| 


4. ऐन फ्रेंक को क्या मुंह-जबानी याद रहता था और कैसे?

उत्तर: ऐन फ्रैंक को फिल्मों की समीक्षाएं और उनमें काम कर रहे मुख्य नायक व नायिकाओं के नाम मुंह-जबानी याद रहती थी, क्योंकि मिस्टर कुम्लर उसके लिए पत्रिका 'सिनेमा एंड थियेटर' लाते थे जिसे वह पढ़ा करती थी।


5. ऐन फ्रैंक का परिवार अज्ञातवास में क्यों चला गया था?

उत्तर: ऐन फ्रेंक का परिवार अज्ञातवास में इसलिए चला गया था क्योंकि ऐन फ्रेंक का परिवार यहूदी था| हिटलर यहूदी लोगों से नफरत किया करता था तथा दुनिया से यहूदी लोगों को मिटा देना चाहता था।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                            (3 अंक)

1. इल्या इहरनबुर्ग ने ऐन के लिए क्या टिप्पणी की थी?

उत्तर: इल्या इहरनबुर्ग ने  ऐन के लिए टिप्पणी की थी कि "यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज़ है। एक ऐसी आवाज है,जो किसी संत या कवि की नहीं ,बल्कि एक साधारण लड़की की है|"


2. ऐन फ्रैंक की डायरी का कौन-सा कथन उसके अन्दर के दुःख को बताता है?

उत्तर: ऐन फ्रैंक की  डायरी का यह कथन उसके अन्दर के दुःख को बताता है"काश कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता।अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला....।"


3. ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में स्त्रियों के लिए क्या लिखा गया था?

उत्तर: ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में स्त्रियों के लिए यह लिखा गया था कि 'प्रकृति प्रदत्त प्रजनन शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व -व्यवस्था ने न सिर्फ़ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित - किया है बल्कि जनांधिक्य की समस्या भी पैदा की है।'


4. ऐन की डायरी में किसका वर्णन है तथा इसे ऐतेहासिक दस्तावेज क्यों कहा जाना चाहिए?

उत्तर: ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी में यहूदी परिवारों पर हुए अकल्पनीय यातनाओं का वर्णन किया जोकि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हुआ था लेकिन साथ ही ये एक जीवंत दस्तावेज़ भी है जिसमें ऐन के निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल के बारे में बताया गया है, दूसरे विश्वयुद्ध के समय यहूदी परिवारों पर हुए अकल्पनीय यातनाओं,उनकी पीड़ाओं के वर्णन के कारण ही यह डायरी एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है।


5. खाने की टेबल पर ऐन को कौन-सी कहानियाँ सुननी पड़ती थी?

उत्तर: खाने की टेबल पर ऐन को अच्छे खाने और राजनीति के बारे में कहानियाँ बहुत-सी  सुननी पड़ती थी| ऐन लिखती है कि "अगर खाने के वक्त बातचीत राजनीति या अच्छे खाने के बारे में नहीं हो रही होती तो मम्मी या मिसेज वान दान अप बचपन की उन कहानियों को लेकर बैठ जाती हैं जो हम हजार बार सुन चुके हैं या फिर डसेल शुरू हो जाते थे। उसे खूबसूरत रेस के घोड़े, उनकी चार्लोट का महँगा वार्डरोब, लीक करती नावें, चार बरस की उम्र में तैर सकने वाले बच्चे, दर्द करती माँसपेशियों और डरे हुए मरीज आदि के किस्से सुनने पड़ते थे।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                    (5 अंक)

1. हिटलर किसे दुनिया से मिटा देना चाहता था तथा उसने कितनी हत्याएं की थी?

उत्तर: हिटलर दुनिया से यहूदियों को मिटा देना चाहता था क्योंकि वह यहूदियों  से नफरत करता था इसलिए उनपर अपमानजनक नियम कानून थोपता रहता था। हिटलर के डर से यहूदी अपने लिए सुरक्षित स्थानों को खोजते  फिरते थे। वे अंधकारमय कमरों में जीवन जीने के लिए मजबूर थे।अगर उन्हे पकड़ लिया जाता था तो उन्हें तरह- तरह की  यातनायें दी जाती थी| प्राप्त दस्तावेज़ों में पाया गया कि हिटलर ने लगभग  60 लाख यहूदियों का नरसंहार किया। यह अब तक का सबसे बड़ा नरसंहार है यही कारण था कि यहूदी मारे-मारे फिरते थे|


2. यहूदियों पर किस प्रकार के जुल्म किये गये?

उत्तर: यहूदियों  पर तरह -तरह के अत्याचार किए जा रहे थे जैसे भेदभाव पूर्ण और अपमानजनक नियम-कायदों को मानने के लिए मजबूर किया जाना।यहूदी अज्ञातवास में निरंतर अँधेरे कमरों में जीवन जीने को मजबूर थे  हिटलर की नाज़ी फ़ौज का खौफ उन्हें हर वक़्त सताया करता था । गेस्टापो जो हिटलर की खुफ़िया पुलिस थी वह  जगह-जगह छापे मार कर यहूदियों को अज्ञातवास में  से भी ढूंढ निकालती और यातनागृह में डाल देती। चारों ओर अराजकता फैली हुई थी ,नाज़ियों का अत्याचार, लम्बे समय तक गुप्त स्थानों पर छुपे रहने वाले लोगों, गोलीबारी का आतंक, भूख, ग़रीबी, बीमारी, मानसिक तनाव, जानवरों-सा जीवन, चोरी आदि का भय चलता जा रहा था जो कि बेहद अमानवीय  व्यवहार था |


3. "ऐन के डायरी में व्यक्तिगत और ऐतिहासिक पृष्ठ का फ़र्क मिट गया है" इस कथन की व्याख्या कीजिये।

उत्तर: ऐन के डायरी में व्यक्तिगत और ऐतिहासिक पृष्ठ का फ़र्क मिट गया है इस कथन से आशय है कि ऐन के अपने परिवार, विशेषतः माँ और सहयोगियों से मतभेद,एकांत का दुःख, दूसरों द्वारा स्वयं पर किये गए आक्षेप, डांट-फटकार, खीझ, निराशा, पीटर के साथ सम्बन्ध, प्रकृति के लिए बेचैनी आदि का वर्णन मिलता है। ऐन के डायरी के पृष्ठों में युद्ध की विभीषिका के साथ-साथ व्यक्तिगत सुख-दुःख भी दिखते हैं। इसलिए ऐसा कहा गया है क्योंकि पृष्ठभूमि दूसरा विश्वयुद्ध है, उसकी यंत्रणा है जिसका व्यक्तिगत रूप से भी पूरे जीवन पर असर निश्चित है। समानांतर रास्ते पर ऐन की भावनात्मक पीड़ा भी चल रही है और यही वजह है कि दोनों तड़प और वेदना एक दूसरे में समाकर एक सामान्य पीड़ा बन गई है ।


4. ऐन ने एक निर्जीव गुड़िया को अपना काल्पनिक दोस्त क्यों बना लिया? स्पष्ट कीजिये।

उत्तर: ऐन एक निर्जीव गुड़िया को अपना काल्पनिक दोस्त इसलिए बनाया क्योंकि जब ऐन निर्वासन में थी, वह मात्र आठ-दस वर्ष की थी। उससे बात करने और उसकी भावनाओं को समझने वाला कोई नहीं था और वह बड़ों की बात सुनकर परेशान हो  चुकी थी और जब इंसान अकेला होता है, उसके मन में अनेक कल्पनाएँ जन्म ले लेती हैं और उसकी आवश्यकता ही अविष्कार के लिए प्रेरित करती है। ऐसे माहौल में वह अपनी उसी निर्जीव गुड़िया से बात करती थी और वह अनुभवों और भावनाओं को फिर अपनी डायरी के  माध्यम से व्यक्त करती है। 


5. ऐन ने अपने छुपने की जगह का वर्णन किस प्रकार किया है?

उत्तर:ऐन ने अपने छुपने की जगह का वर्णन कुछ इस प्रकार किया है -"तल मंजिल पर बना बड़ा सा गोदाम काम करने की जगह और भंडार घर के रूप में इस्तेमाल होता है। इसके अलग अलग हिस्से बने हुए हैं। ये हिस्से गोदाम, पिसाई का कमरा वगैरह हैं जहाँ इलायची, लौंग और काली मिर्च वगैरह पीसे जाते हैं। गोदाम के दरवाजे से ही सटा हुआ एक बाहर का दरवाजा है जो ऑफिस का प्रवेश द्वार है। ऑफिस के दरवाजे के एकदम अंदर की तरफ एक दूसरा दरवाजा है और उसके पीछे सीढ़ियाँ हैं। सीढ़ियाँ ऊपर चढ़ें तो एक और दरवाजा आता है, जिस पर आर-पार दिखाई न देने वाले काँच की खिड़की लगी है। इस पर काले अक्षरों में कार्यालय  लिखा हुआ है यही आगे वाला बड़ा यानी फ्रंट ऑफिस है।"


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Diary ke panne was first published in Dutch language. It was then published in Hindi by Suraj Prakash ji. The most important thing about this is Anne Frank herself faces the hitler's torture . She faces hell at a very young age. She presents her own story at the front of the whole world through this Diary. Full chapter is available in PDF form on vedantu.