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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 Sudhama Charit

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NCERT Solutions for Class 8 Chapter 8 Sudhama Charit Hindi (Vasant) - FREE PDF Download

Explore the NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 8 Sudhama Charit. This resource helps students understand the chapter better. It includes clear explanations, summaries, and answers to NCERT questions according to the Latest CBSE Class 8 Hindi Syllabus. By downloading this free PDF, students can get the help they need to study and prepare for their exams effectively.

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Table of Content
1. Glance on Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 8 - Sudhama Charit
2. Access NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 – सुदामा चरित
    2.1कविता से आगे:
    2.2अनुमान और कल्पना:
    2.3भाषा की बात
3. Sudhama Charit: Hindi Class 8 Chapter 8 Summary
4. Benefits of Reading NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 8 Sudhama Charit
5. Other Study Material for CBSE Class 8 Hindi Vasant Chapter 8
6. Chapter-wise NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Vasant)
7. Important Related Links for CBSE Class 8 Hindi
FAQs


This guide provides easy-to-understand answers and key points that simplify learning. It is designed for students to grasp the main ideas of the chapter without difficulty. With these NCERT Solutions for Class 8 Hindi, students can practise and improve their skills in Hindi. Don't miss the chance to download this valuable resource for free and enhance your learning experience.


Glance on Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 8 - Sudhama Charit

  • Sudama Charit is a heartwarming story of the friendship between Lord Krishna and Sudama.

  • The chapter portrays Sudama's humility, devotion, and Krishna's boundless love for his friend.

  • It emphasises the values of true friendship, loyalty, and selfless love.

  • The story teaches that genuine relationships are not based on wealth or social status.

  • Through this chapter, students learn about compassion, generosity, and the importance of a pure heart.

  • The narrative illustrates how Krishna rewards Sudama's devotion, showing the power of sincere friendship.

  • This chapter helps students appreciate moral values and the beauty of selfless love and devotion.

Access NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 – सुदामा चरित

1. सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: सुदामा की दीनदशा को देखकर दुःख के कारण श्री कृष्ण की आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी। उन्होंने सुदामा के चरणों को धोने के लिए पानी मँगवाया। लेकिन उनकी आँखों से इतने आँसू निकले की उन्ही आँसुओं से सुदामा के चरण धुल गए।


2. “पानी परात को हाथ छुयो नहि, नैनन के जल सों पग धोए। पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत दोहे में यह कहा गया है कि जब सुदामा दीन-हीन अवस्था में कृष्ण के समक्ष पहुंचे तो कृष्ण उन्हें देखकर व्यथित हो उठे। श्रीकृष्ण ने सुदामा के आगमन पर उनके चरणों को धोने के लिए परात में पानी मंगवाया लेकिन सुदामा की दुर्दशा देखकर श्रीकृष्ण को इतनी पीड़ा हुई कि वे स्वयं रो पड़े और उनके आँसुओं से ही सुदामा के चरण धुल गए। अर्थात् परात में लाया गया जल व्यर्थ हो गया।


3. “चोरी की बान में हो जू प्रवीने।"

(क) उपर्युक्त पंक्ति कौन, किससे कह रहा है?

उत्तर: उपर्युक्त पंक्ति श्रीकृष्ण अपने बचपन के मित्र सुदामा से कह रहे हैं।


(ख) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: अपनी पत्नी के द्वारा दिए गए चावल संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को भेंट के रुप में नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी का नाम देते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।


(ग) इस उपालंभ (शिकायत) के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है?

उत्तर:  बचपन में जब कृष्ण और सुदामा साथ-साथ संदीपन ऋषि के आश्रम में अपनी-अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उसी समय एक बार जब श्रीकृष्ण व सुदामा जंगल में लकड़ियाँ इक्ट्ठा करने के लिए जा रहे थे तब गुरूमाता ने उन्हें रास्ते में खाने के लिए चने दिए थे। सुदामा श्रीकृष्ण से बिना कुछ कहे चोरी से चने खा लेते हैं। श्रीकृष्ण उसी चोरी का ताना सुदामा को देते हैं।


4. द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या-क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए।

उत्तर: द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा का मन बेहद ही दुखी था। वे कृष्ण के द्वारा अपने लिए किए गए व्यवहार के बारे में सोच रहे थे कि जब वे कृष्ण के समक्ष पहुंचे तो कृष्ण ने खुशी से उनका आतिथ्य सत्कार किया था। क्या वह सब दिखावटी था? वे कृष्ण के व्यवहार से निराश थे क्योंकि उन्हें यह लगता था कि श्रीकृष्ण उनकी गरीबी को समाप्त करने के लिए धन और दौलत देकर विदा करेंगे परन्तु श्रीकृष्ण ने उन्हें चोरी की उलहाना देकर खाली हाथ ही वापस भेज दिया।


5. अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आए? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: द्वारका से लौटने के बाद सुदामा जिस वक्त अपने गाँव वापस लौटे तो उन्होंने अपनी झोंपड़ी के स्थान पर विशाल भव्य महलों को देखकर सर्वप्रथम तो उनका मन भ्रमित हो गया कि कहीं मैं लौटकर फिर कर दोबारा द्वारका ही तो नहीं लौट आया। फिर भी उन्होंने पूरे गाँव को छानते हुए सभी लोगों से पूछा लेकिन उन्हें अपनी झोपड़ी कहीं पर भी नहीं नज़र आई।


6. निर्धनता के बाद मिलनेवाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पंक्तियों में वर्णित है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: श्रीकृष्ण की कृपा से निर्धन सुदामा की दरिद्रता दूर हो गई। जहाँ सुदामा अपनी टूटी-फूटी सी झोपड़ी में रहा करता था। वहाँ अब सोने का महल खड़ा है। कहाँ पहले पैरों में पहनने के लिए चप्पल भी नहीं थी, वहाँ अब घूमने के लिए हाथी और घोड़े हैं। पहले सोने के लिए सिर्फ़ कठोर ज़मीन थी और अब आरामदायक  नरम व मखमली बिस्तरों का इंतजाम है, कहाँ पहले खाने के लिए चावल भी नहीं मिलते थे और आज प्रभु की कृपा से खाने को हर मनचाही चीज़ उपलब्ध है। लेकिन वे अच्छे नहीं लगते।


कविता से आगे:

1. दुर्योधन और द्रौणाचार्य भी सहपाठी थे, इनकी मित्रता और शत्रुता की कथा महाभारत से खोजकर सुदामा के कथानक से तुलना कीजिए।
उत्तर: महाभारत में दुर्योधन और द्रौणाचार्य की मित्रता में अहंकार और स्वार्थ की भावना थी। दुर्योधन ने अपनी मित्रता का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए किया, जबकि द्रौणाचार्य ने अपने स्वार्थ और अपनी मर्यादाओं को निभाया। इसके विपरीत, सुदामा और कृष्ण की मित्रता में निःस्वार्थ प्रेम, समर्पण और सच्ची मित्रता की भावना थी। सुदामा गरीब होने के बावजूद, कृष्ण ने उनका पूरा सम्मान किया और उनकी मदद की, जबकि दुर्योधन और द्रौणाचार्य की मित्रता संघर्ष और शत्रुता में बदल गई।


2. उन पर जब बढ़कर या अधिक संपन्न व्यक्ति निर्भर होता है, तो वे लोग अपने निर्णय माता-पिता-भाई-बहिनों से नजर बचाकर लेता है। ऐसे लोगों के लिए सुदामा की कहानी कितनी उचित रूप से लागू होती है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: सुदामा की कहानी उन लोगों के लिए एक आदर्श उदाहरण है जो अपने स्वार्थ के लिए अन्य लोगों की अनदेखी करते हैं। सुदामा की स्थिति कृष्ण से बहुत अलग थी, लेकिन फिर भी उनकी मित्रता सच्चे प्रेम और आदर पर आधारित थी। यह कहानी हमें सिखाती है कि चाहे स्थिति कैसी भी हो, हमें अपने निर्णयों में ईमानदार और निःस्वार्थ होना चाहिए, जैसा कि कृष्ण ने सुदामा के प्रति अपनाया।


अनुमान और कल्पना:

1. अनुमान कीजिए यदि आपका कोई अति प्रिय मित्र आपसे बहुत वर्षों बाद मिले और वह आप से कैसा अनुभव साझा करे?
उत्तर: यदि मेरा कोई अति प्रिय मित्र मुझसे बहुत वर्षों बाद मिलता है, तो वह मुझे अपने जीवन की यादें और कठिनाइयों का अनुभव साझा करेगा। हम पुराने दिनों की बातें करेंगे, हमारे साथ बिताए गए पलों को याद करेंगे। हम अपने जीवन में आए बदलावों और अनुभवों को साझा करेंगे। उस मिलन में पुरानी यादों को ताज़ा करने का सुखद अहसास होगा।


2. सुदामा और कृष्ण की मित्रता का वर्णन बताइए। इस कथा से सुदामा चरित्र की महानता किस प्रकार प्रकट होती है? लिखिए।
उत्तर: सुदामा और कृष्ण की मित्रता निःस्वार्थ और समर्पण की एक अद्भुत कहानी है। सुदामा ने कभी भी अपनी गरीबी को लेकर शिकायत नहीं की और न ही उन्होंने कभी कृष्ण से कोई उम्मीद रखी। सच्चे प्रेम और मित्रता के कारण कृष्ण ने सुदामा का स्वागत बड़े सम्मान और आदर से किया। इस कथा से यह सीख मिलती है कि सच्ची मित्रता स्वार्थ रहित होती है और प्रेम की बुनियाद पर टिकी होती है, जिसमें धन-दौलत का कोई महत्व नहीं होता।


भाषा की बात

7. पानी परात को हाथ छुयो नहि, नैनन के जल सो पग धोए"

ऊपर लिखी गई पंक्ति को ध्यान से पढ़िए। इसमें बात को बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चित्रित किया गया है। जब किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है तो वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। आप भी कविता में से एक अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण छोटिए।

उत्तर:  के वह टूटी-सी छानी हती, कहँ कंचन के अब धाम सुहावत। 

यहाँ अतिश्योक्ति अलंकार है। टूटी सी झोपड़ी के स्थान पर अचानक कंचन के महल का होना अतिश्योक्ति है।


Sudhama Charit: Hindi Class 8 Chapter 8 Summary

Narottam Das is a poem written in the form of couplets. It also finds similarity to a small play where Lord Krishna converses with Sudhama, his dearest friend. Sudhama is very poor and was unable to meet both ends. He came to meet Krishna in Dwarka as he was compelled by his wife to get some relief. At that time. Krishna was the ruler of Dwarka. He never forgot his friend and was elated to find him. He also felt sorry for the condition of Sudhama and expressed his negligence in not taking care of his best friend.


The doorkeeper told Krishna that a poor person is standing in front of the main entrance of the palace. He did not have proper clothes to cover his body. He was wearing a torn dhoti and wrapped a towel on his upper body. He was weak and did not have shoes on his feet. Sudhama was admiring the beauty of the palace and was asking around to meet Lord Krishna.


If you follow the Class 8 Chapter 8 solution, you will find out how Lord Krishna was elated to find out that his friend has come to meet him after so many years. He asked his wellbeing and enquired what he was doing all these years. He was pained to see Sudhama in this condition. He sat down, took his injured feet, and started plucking thorns. He cried seeing his friend in so much pain.


While returning, Krishna ate the rice Sudhama got as alms. Krishna did not even give him something as a parting gift. He was depressed that he did not get anything in return rather Krishna took the remaining two fistfuls of rice from him. He was unable to find out what he would answer to his wife. When he returned to his village, he found that his entire village had been transformed into a city like Dwarka. He misunderstood his childhood friend and he was repaid his visit with so much wealth. In fact, he also understood that it was his greed that made him look at the luscious palaces in Dwarka.


As per the poet, Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 depicts that true friendship does not know any barrier or boundary. A true friend will always be by the side of his friend in every situation. The poet described that Sudhama was unable to find peace even when his hut became a palace. It shows that peace is just a mental state. You will be happy when you are satisfied. To answer the critical questions of this chapter, refer to the NCERT Solutions Class 8 Hindi Chapter 8.


Benefits of Reading NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 8 Sudhama Charit

  • Improved Understanding: The solutions help students grasp the main themes and messages of the chapter, enhancing their comprehension of Sudhama's story.

  • Clarity on Characters and Events: Detailed explanations clarify the roles of characters and significant events, making it easier for students to follow the narrative.

  • Exam Preparation: The solutions provide important questions and answers that are useful for exam preparation, helping students practise and retain key concepts.

  • Language Skills Development: Reading the solutions helps in improving Hindi language skills, including vocabulary, grammar, and writing.

  • Critical Thinking: Engaging with the solutions encourages students to think critically about the moral lessons in Sudhama's story and relate them to real-life situations.


Reading NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Vasant) Chapter 8, "Sudhama Charit," offers numerous advantages. It enhances understanding of the chapter's themes, clarifies characters and events, and aids in exam preparation. Additionally, it supports the development of language skills and encourages critical thinking about the moral lessons presented in the story. Utilising these solutions can significantly boost students' confidence and performance in their Hindi studies, making learning both effective and enjoyable. For further assistance and practice, students can explore Vedantu's resources, which provide additional support for mastering the chapter.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 Sudhama Charit

1. Why did Krishna cry when Sudhama met him?

If you follow the Class 8 Hindi Vasant Chapter 8 Sudhama Charitra, you will find that Sudhama was in very poor condition. His feet were injured by thorns as he had no shoes. Krishna felt very sorry for his childhood friend and cried.

2. Why should you prefer the NCERT solution of Class 8 Hindi Vasant Chapter 8?

The CBSE Class 8 Hindi Chapter 8 solutions have been prepared by the teachers of Vedantu by following the latest CBSE format. These answers are to the point. You can use them as a base to prepare your own answers. Follow the format and reduce the time to prepare this chapter. You will be able to sharpen your Hindi answer-writing skills better.

3. What is the best way to prepare Class 8 Chapter 8 Hindi Vasant?

Study the couplets by following classroom lectures. Once you are done, proceed to the exercise and test your writing skills. Compare your answers with the NCERT solutions Class 8 Hindi Sudhama Charitra and find out where you need to improve.

4. What was Sudama thinking after returning empty hands from Dwaraka according to Chapter 8 of Class 8 Hindi Vasant?

When Sudama was returning empty-handed from Dwaraka, he was very sad. He was thinking about the behaviour of Shri Krishna. He thought that when he reached Dwaraka, Krishna had welcomed him with joy. Sudama was annoyed with Krishna’s behaviour because he thought Krishna would have given him money to get rid of poverty. However, Krishna did not give anything to his friend and sent him without giving away money.

5. What thoughts came to the mind of Sudama when he could not find his hut after returning from Dwaraka?

When Sudama could not find his hut after returning from Dwaraka, he became confused and thought he had come to the wrong village. There was a big grand palace in place of his hut. He looked here and there and asked people about his hut but could get an answer. Krishna had converted his friend's hut into a beautiful palace, so Sudama could not find his hut anywhere in the village. 

6. Why did Sudama come to meet Krishna according to Chapter 8 of Class 8 Hindi Vasant?

Sudama was very poor. They did not have anything to eat in the house. They lived in a small hut. One day, Sudama's wife asks him to visit his friend Krishan who is very rich, and asks for some help. Sudama did not want to ask for money from his friend because he thought that Krishna would not recognize him. But, on his wife's insistence, he went to meet Krishna and ask for some help. 

7. How did Krishna help his friend Sudama according to Chapter 8 of Class 8 Hindi Vasant?

Krishna was very sad when he saw the poor condition of his friend. He was thrilled to see his friend at his house. When Sudama was returning, Krishna did not give anything to him. But, when Sudama reached back his village, he found a big palace in place of his hut. Sudama searched for his hut everywhere in the village but could not find it because Krishna had changed everything. He helped his friend by giving him a big house, servants, and good clothes to wear. 

8. Where can I find NCERT Solutions for Chapter 8 of Class 8 Hindi Vasant easily?

Students can find answers to all NCERT questions for Chapter 8 of Class 8 Hindi Vasant free of cost on the Vedantu website. They can easily download all solutions from the website link for free on their computers. Students can refer to NCERT Solutions anytime to prepare for the exams and score high marks in Class 8 Hindi. All NCERT Solutions are available in simple and easy-to-understand language so that students can quickly memorise the questions and answers for exams.

9. How do the NCERT Solutions assist students in understanding this chapter?

The NCERT Solutions provide clear explanations and structured answers to all textbook questions, helping students grasp the key concepts.

10. How can I use the NCERT Solutions for effective exam preparation?

Students can use the NCERT Solutions to review key themes, practice answering questions, and gain a better understanding of the author's intent, which helps improve confidence and performance in exams.