NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 2 - Do Goraya PDF Download
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Class: | |
Subject: | |
Chapter Name: | Chapter 2 - Do Goraya |
Content Type: | Text, Videos, Images and PDF Format |
Academic Year: | 2024-25 |
Medium: | English and Hindi |
Available Materials: | Chapter Wise |
Other Materials |
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Access NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 2 - दो गोरैया
पाठ से
1. दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?
उत्तर: माँ पिताजी का मज़ाक उड़ा रही थी क्योंकि पिताजी कभी ताली बजाकर तो कभी श-शू करके गौरैयों को उड़ा रहे थे। गौरैया घोंसले से सिर निकाल कर झाँकती चीं-चीं करती फिर घोसले में वापस चली जाती। यह देखकर माँ हँसने लगती है। माँ ये नहीं चाहती थी कि गोरैया घर से बाहर जाये क्योंकि माँ को पता था कि उन्होंने अपने अंडे दे दिए होंगे और वे अपने बच्चों को छोड़कर नहीं जा सकती।
2. देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?
उत्तर: माँ ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि चिड़ियों ने अपना घोंसला बना लिया था तथा उसने अंडे भी दे दिए थे। यदि पिताजी चिड़िया को निकाल देते तो वे अपने बच्चों से बिछड़ जाते तथा ये बिछड़ने का दर्द केवल माँ ही जानती हैं।
3. "किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए," पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
उत्तर: चिड़ियों के लगातार शोर मचाने व तिनके गिरने के कारण पिताजी ने यह कहा। पिताजी के इस कथन से माँ बिल्कुल भी सहमत नहीं थी और हम भी सहमत नहीं है क्योंकि क्या पता उसे अंडे हो जो कि घोसला हटाने से फुट जाए और नन्ही चिड़ियाँ मर जाये।
4. कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे?
उत्तर: जब पिताजी घोंसले को तोड़ रहे थे, तभी उसमें से चीं-चीं की आवाज़ आई तथा उसमें रखे अंड़ों में से बच्चे निकल आए थे, तभी पिताजी ने घोंसला वापस रख दिया क्योंकि पिताजी को बच्चों को देखकर दया आ गई। अब पिताजी नीचे उतर आए इसके बाद चिड़िया दाने लाकर अपने बच्चों को खिलाने लगी। यह देखकर पिताजी मुस्कुरा रहे थे क्योंकि अब उन्हें पता चल गया था कि बच्चे होने के थोड़े दिनों बाद वे बच्चों को लेकर अपने आप ही चली जाएँगी।
पशु-पक्षी और हम
5. इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो:
(क) पक्षी – घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख) बूढ़ा चूहा –
(ग) बिल्ली –
(घ) चमगादड़ –
(ङ) चींटियाँ –
उत्तर: (क) पक्षी – घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख) बूढ़ा चूहा –अंगीठी के पीछे बैठता है शायद सर्दी लग रही है।
(ग) बिल्ली – फिर आऊँगी कह कर चली जाती है।
(घ) चमगादड़ – पंख फौज़ ही छावनी डाले हुए हैं।
(ङ) चींटियाँ – इनकी फौज़ ही छावनी डाले हुए है।
किससे-क्यों-कैसे
6. "पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ?" ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि:
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही?
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही?
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?
उत्तर: (क) पिताजी ने यह बात माँ से कही।
(ख) उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि चिड़ियाँ जो भी चीजें घोंसला बनाने के लिए लाती थी वे कालीन पर भी गिरते थे जिससे कालीन गन्दा हो जाता था।
(ग) गोरैया के आने से उनके घोंसले के तिनके कालीन पर गिरते तथा गोरैया की बीट भी गिरती इसलिए कालीन खराब हो जाता था।
सराय
7. "पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।" ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि:
(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
उत्तर: (क) सराय अर्थात किराये का घर। इसमे घर किसी और का और रहता कोई और है इसके बदले में वे घर के मालिक को किराया देते है जबकि घर में उसी का परिवार रहता है जिस व्यक्ति का वह घर होता है।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय इसलिए लगता था क्योंकि उनके घर में तरह-तरह के पशु-पक्षी आकर रहने लगते थे जैसे गोरैया, चींटी, चूहा, बिल्ली आदि।
माँ की बात
8. नीचे माँ द्वारा कही गई कुछ बातें लिखी हुई हैं। उन्हें पढ़ो।
"अब तो ये नहीं उड़ेंगी। पहले इन्हें उड़ा देते, तो उड़ जातीं।"
"एक दरवाज़ा खुला छोड़ो, बाकी दरवाज़े बंद कर दो। तभी ये निकलेंगी।"
"देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो। अब तो इन्होंने अंडे भी दे दिए होंगे। अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी।"
अब बताओ कि:
(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
(ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?
उत्तर: (क) नहीं, माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना नहीं चाहती थीं क्योंकि उन्हें संदेह था कि चिड़ियों ने अंडे दे दिए होंगे। इस समय उन्हें निकालना ठीक नहीं है।
(ख) माँ को लग रहा था कि अब तक तो चिड़ियों ने घोंसले में अंडे भी दे दिए होंगे और अब अंडे छोड़कर चिड़िया नहीं जाएगीं।
शब्द की समझ
9. चुक –चूक
(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।
(ख) उनका निशाना चूक गया।
अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ।
1. सुख –सूख
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
2. धुल –धूल
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
3. सुना –सूना
(क) ...........................................................................................
(ख) ...........................................................................................
उत्तर:
1. सुख – सूख
(क) राम की नोकरी लगने के बाद उसके घर में सुख के दिन आ गये।
(ख) उसका पूरा शरीर सूख गया था। खाने के बाद भी वह मोटा नहीं हुआ।
2. धुल – धूल
(क) गंगा जी मे स्नान करने से मैं अपने पापों के मैल से धुल गया।
(ख) आज तो बहुत ही धूल भारी आंधी चल रही है।
3. सुना – सूना
(क) सुना है आज प्रधनमंत्री जी देश को संबोधित करेंगे।
(ख) बेटे के घर से जाने के बाद घर में सूना-सा लग रहा हैं।
An Overview of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2
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NCERT Solutions For Class 8 Hindi Durva Chapters
Chapter 2 - Do Goraya
The fundamental concepts of this chapter are procured from CBSE Hindi Durva Class 8 Chapter 2 Do Goraya. NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 2 provides vivid descriptions and important keywords that shape the storyline. The chapter describes the encounter between two sparrows and the inhabitants of a house. It describes the hardships of the sparrows to flee from the sudden attacks by the inhabitants. Our subject experts provide the reader with a wealth of information on the chapter as well as the author's idea to present the chapter. While getting good marks in Hindi is easy, it requires enough practice and attention to every detail.
The Durva textbook is prescribed for Class 8 students. The second chapter of this book is “Do Goraya” which is written by Bhishma Sahni. The NCERT Solutions Class 8 Chapter 2 Do Goraya is provided here in PDF format.
About the Author
Bhishma Sahni was a Hindi writer, playwriter, and artist, especially known for his famous novel and television screenplay 'Tamas'. This novel by Bhishma Sahni was based on the partition of India.
He did his master's in English literature from the Government College, Lahore (present-day GC University, Lahore), and then became a teacher. After this, he joined the Quit India Movement of 1942 and due to this, he had to stay in jail for some time. After the partition, he came back to India and the partition had a great impact on his mind. That is why a good number of his articles are related to the partition of India. In view of his contribution to literature, he was awarded the Padma Bhushan Award in 1998.
Class 8 Hindi Durva Chapter-wise Marks Weightage
Class 8th Hindi Durva Chapter 2 has a weightage of 15 marks and is one of the important chapters from an exam point-of-view. Basic and conceptualized questions are constant in board exam question papers. Thus, preparing from this study material makes students score better. As Class 8 is an important milestone in students’ academic career, our guide stands as the best to improve their scores. Here is more detail about the contents of Chapter 2 Do Goraya Class 8:
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Why are NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 2 Important?
NCERT Solutions for Hindi Durva Class 8 Chapter 2 comes with details on new terminology incorporated and important scenes. This can be used for quick revision before exams.
NCERT Solutions for CBSE Class 8 Hindi Durva Chapter 2 helps the student in mastering the important events that shaped storyline and morals.
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FAQs on NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 - Do Goraya
1. How would the sparrow retell his encounter in the house to a fellow sparrow?
One would imagine the sparrow discussing its previous encounter with the occupants of the house like this, 'It was a queer sight to behold! No one noticed when I started building the nest. Soon they started to drive us away. They closed all the doors and windows, even little nooks and crannies for us to escape. Do you know there were eggs in my nest? This was a sad situation. However, before they located the nest and destroyed it, the children had learned to fly.
2. Why was the mother not helping when the father was trying to get the two sparrows out of the house?
The mother was shocked after seeing her husband attempting to shoo away the sparrow in many ways. The sparrow would often peek over the nest and then retreat immediately. The mother used to laugh at this scene playing over and over again. Feeling a bit disappointed by this outcome, the mother suggested the idea of closing all but one of the openings to the house to lure the sparrow out without any kind of brutality forced upon it.