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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 14 Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai Hindi

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NCERT Solutions for Class 8 Chapter 14 बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै Hindi (Durva) - FREE PDF Download

Vedantu provides NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Durva) Chapter 14 Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai, helping students understand the chapter with clear and simple explanations. The solutions cover important points from the chapter, making it easier to understand the meaning and theme of the chapter. The answers are written only, ensuring that students can follow along without difficulty. These solutions are designed to assist students in preparing for their exams, providing them with a better understanding of the text.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 8 Chapter 14 बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्लै Hindi (Durva) - FREE PDF Download
2. Glance on Class 8 Hindi (Durva) Chapter 14 - Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai 
3. Access NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 - बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्ले
4. Benefits of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 - Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai
5. Other Study Material for CBSE Class 8 Hindi Durva Chapter 14
6. Chapter-wise NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Durva)
7. Book-wise Links for CBSE Class 8 Hindi NCERT Solutions
8. Important Related Links for CBSE Class 8 Hindi
FAQs


Additionally, students can refer to the CBSE Class 8 Hindi Syllabus for a complete overview of the topics they need to cover. Vedantu's Class 8 Hindi Durva NCERT Solutions are a valuable resource for effective revision and mastering the concepts of this chapter.


Glance on Class 8 Hindi (Durva) Chapter 14 - Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai 

  • Chapter 14 - Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai written by Asha Rani Vohra introduces Sri Keshav Shankar Pillai, a prominent cartoonist and writer known for his work in children's literature.

  • He used humour and simple storytelling to connect with young readers, making literature more engaging for them.

  • His stories and cartoons addressed social issues in a way that children could understand and enjoy.

  • Pillai’s work inspired creativity and encouraged children to think about society and life with curiosity and awareness.

  • The chapter provides insight into his unique contribution to literature, leaving a lasting impact on young minds.

Access NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 - बच्चों के प्रिय श्री केशव शंकर पिल्ले

अभ्यास

1. पाठ से

(क) गुड़ियों का संग्रह करने में केशव शंकर पिल्लै को कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

उत्तर: गुड़ियों का संग्रह करने में केशव शंकर पिल्लै को निम्नलिखित प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा-जैसे कि मूल्यवान गुड़ियों के होने से उनके खराब होने का डर व उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने व संग्रह के लिए सुरक्षित स्थान खोजने में बहुत ही ज्यादा कठिनाई का सामना होना। 


(ख) वे बाल चित्रकला प्रतियोगता क्यों करना चाहते थे?

उत्तर: बाल चित्रकला प्रतियोगता करवाकर वे उनका भविष्य में भला करना चाहते थे जिसके द्वारा बच्चे को अपनी कला व क्षमता को प्रदर्शित करने  के लिए विश्वव्यापी मंच मिलता था साथ ही साथ तथा देश-विदेश के बच्चों से मिलने एवं उन्हें समझने का भी मौका मिलता था।


(ग) केशव शंकर पिल्लै ने बच्चों के लिए विश्वभर की चुनी हुई गुड़ियों का संग्रह क्यों किया?

उत्तर . केशव शंकर पिल्लै ने गुड़ियों का संग्रह भारतीय बच्चों के लिए किया क्योंकि भारतीय बच्चे विदेश की गुड़िया ना तो खरीद सकते थे और ना ही उन्हें देख सकते थे तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना बच्चे भारत में ही गुड़िया देखें और  उन्हें खरीद सकें और इसके साथ-साथ उन्हें अधिक  देश-विदेश की जानकारी  मिल सके।


(घ) केशव शंकर पिल्लै हर वर्ष छुट्टियों में कैंप लगाकर सारे भारत के बच्चों को एक जगह मिलने का अवसर देकर क्या करना चाहते थे?

उत्तर: अपने कैंप के माध्यम से वह पूरे देश के बच्चों को एक जगह एकत्रित करके एक दूसरे से मिलने एवं एक दूसरे को समझने का मौका देना चाहते थे ताकि बच्चे एक दूसरे से मिले और अपने विचारों को एक दूसरे के साथ साझा करें क्योंकि उस समय ना तो टीवी था और ना ही इंटरनेट का कोई माध्यम।


2. तरह-तरह के काम 

केशव ने कार्टून बनाना, गुड़ियों व पुस्तकों का संग्रह करना, पत्रिका में लिखना व पत्रिका निकालना, बाल चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन व बच्चों का सम्मेलन कराना जैसे तरह-तरह के काम किए। उनको किसी एक काम के लिए भी तरह-तरह के काम करने पड़े होंगे। अब बताओ कि–

(क) कार्टून बनाने के लिए उन्हें कौन-कौन से काम करने पड़े होंगे?

(ख) बच्चों के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता कराने के लिए क्या-क्या करना पड़ा होगा?

(ग) केशव शंकर पिल्लै की तरह कुछ और भी लोग हुए हैं जिन्होंने तरह-तरह के काम करके काफी नाम कमाया। तुम्हारी पसंद के वो कौन-कौन लोग हो सकते हैं? तुम उनमें से कुछ के नाम लिखो और उन्होंने जो कुछ विशेष काम किए हैं उनके नाम के आगे उसका भी उल्लेख करो।

उत्तर: (क) कहानी के पात्रों को कार्टून में बनाया गया होगा और  कार्टून बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है चित्रकारी सीखना। उसके बाद तरह-तरह की थीम तैयार करना। कहानी के पात्रों को कार्टून में बनाया गया होगा।

(ख) बच्चों के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता कराने के लिए निम्नलिखित कार्य करने पड़े होंगे - 

1. एक नोटिस सब जगह भेजना या अखबार में निकलवाना।

2. मैदान का इतंजाम करना । 

3. कुछ अच्छे चित्रकार जो उनकी चित्रकला को जाँच सके, उनका इतंजाम करना। 

4. बच्चों के बैठने का प्रबन्ध करना । 

5. कुछ विषय जिन पर बच्चे चित्रकला बना सके उस पर सोच-विचार करना। 

6 . बच्चों के लिए कुछ पुरस्कार आदि का प्रबंध करना। 

(ग) केशव शंकर पिल्लै की तरह कुछ अन्य लोग भी हैं जिन्होंने समाज के विकास हेतु  कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाएँ। वे इस प्रकार हैं–

(i) डॉ. किरण बेदी –डॉ. किरण बेदी भारत की प्रथम महिला वरिष्ट अधिकारी रह चुकी हैं। इन्होंने समाज में स्त्रियों की स्तिथि सुधारने में काफ़ी योगदान दिया।

(ii) मदर टेरसा –इन्होंने  मिशनरीज़ आफ चेरिटी नामक एक संस्था का निर्माण किया जिसमें गरीब, अनाथ और बीमार लोगों की देख-रेख की जाती है।


3. घर 

तुमने इस पाठ में गुड़ियाघर के बारे में पढ़ा। पता करो कि ‘चिड़ियाघर’, ‘सिनेमाघर’ और ‘किताबघर’ कौन और क्यों बनवाता है? तुम इनमें से अपनी पसंद के किसी एक घर के बारे में बताओ जहाँ तुम्हें जाना बेहद पसंद हो।

उत्तर: मुझे दो स्थानों पर जाना पसंद है एक तो चिड़ियाघर और दूसरा  किताबघर ।  चिड़िया घर –सरकार द्वारा बनवाया जाता है और  किताबघर –केशव शंकर पिल्लै के द्वारा बनवाया गया हालांकि अब इसे सरकार ही चलती है। जबकि सिनेमाघर बनाने के लिए सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक होती है साथ ही इन्हे कोई भी बना सकता है।


4.संग्रह की चीजें 

आमतौर पर लोग अपनी मनपसंद, महत्वपूर्ण और आवश्यक चीज़ों का संग्रह करते हैं। नीचे कुछ चीज़ों के नाम दिए गए हैं। जैसे-

(क) डाक-टिकट

(ख) पुराने सिक्के

(ग) गुड़िया

(घ) महत्वपूर्ण पुस्तकें

(ङ) चित्र

(च) महत्वपूर्ण व्यक्तियों के हस्तलेख

इसके अतिरिक्त भी तुम्हारे आसपास कुछ चीज़ें होती हैं जिसे लोग बेकार या अनुपयोगी समझकर कूड़ेदान या अन्य उपयुक्त जगह पर रख या फेंक देते हैं।

(क) तुम पता करो यदि उसका भी कोई संग्रह करता है तो क्यों?

(ख) उसका संग्रह करने वालों को क्या परेशानियाँ होती होंगी?

(इनके उत्तर के लिए तुम बड़ों की सहायता ले सकते हो।)

उत्तर:

(क) पुरातत्व संग्रहालय बनाने हेतु हम अनावश्यक वस्तुओं का प्रयोग कर सकते हैं जिन्हें हम कई बार बिना सोचे समझे फेक देते हैं ।उनमें से कुछ चीजें ये हो सकती हैं -मूर्तियाँ , कुछ विशेष प्रकार के बर्तन या फिर  कुछ तस्वीरें।

(ख) उसका संग्रह करने वालों को यह परेशानियाँ होती होगी कि ऐसी वस्तुओं को रखने के लिए एक उपयुक्त स्थान की आवश्यकता होगी जोकि काफी लंबा व चौड़ा होना चाहिए ताकि समय -समय पर उसे आवश्यकता अनुसार उपयोग में भी लाया जा सके। 


5. लड़ाई भी खेल जैसी

"अनेक देशों के बच्चों की यह फ़ौज अलग-अलग भाषा, वेशभूषा में होकर भी एक जैसी ही है। कई देशों के बच्चों को इकट्ठा कर दो, वे खेलेंगे या लड़ेंगे और यह लड़ाई भी खेल जैसी ही होगी। वे रंग, भाषा या जाति पर कभी नहीं लड़ेंगे।"

ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि

(क) यह कब, किसने, किसमें और क्यों लिखा?

(ख) क्या लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है? अगर हो तो कैसे और उस खेल में तुम्हारे विचार से क्या-क्या हो सकता है ?

उत्तर: 

(क) यह 1950 के 'शंकर्स वीकली' के बाल विशेषांक में श्री जवाहर लाल नेहरू के द्वारा लिखा गया था। शंकर पिल्लै ने सोचा कि क्यों न बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता रखी जाए।  जिससे देश-विदेश के बच्चे आपस में मिलेंगे और अपने विचारों को एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। एक दूसरे की भाषा,वेषभूषा व संस्कृति के बारे में जानेंगे। यह विचार नेहरू जी को अत्यधिक पसंद आया और उन्होंने  इसलिए ऐसा लिखा।

(ख) लड़ाई को भी एक तरह से खेल की तरह खेला जा सकता है जिसे हम प्रतियोगिता का नाम दे सकते हैं इस माध्यम से कोई भी खेल खेला जा सकता है। इस प्रकार किसी भी खेल या प्रतियोगिता में खेलने वाले को अपने सामने वाले के प्रति अपने आपको बेहतरीन दिखाना ही मुख्य कला होती है।


6.सुबह से शाम 

केशव शंकर पिल्लै बच्चों के लिए सुबह से शाम तक काम में लगे रहते थे। तुम सुबह से शाम तक कौन-कौन से काम करना चाहोगे? नीचे उपयुक्त जगह में अपनी पसंद के काम को भी लिखो और सही (✔) का निशान लगाओ। तुम उसका कारण भी बताओ।

क्रम सं.

काम का नाम

✔ या ✖ कारण

(क)


(ख)


(ग)

खेलना


पढ़ना


चित्रकारी करना



उत्तर:

क्रम सं.

काम का नाम

✔ या ✖ कारण

(क)


(ख)


(ग)

खेलना


पढ़ना


चित्रकारी करना

✓ खेलना हमारे स्वस्थ के लिए आवश्यक है साथ ही एक कार्य से ऊब न जाएं ।

✓ पढ़ना हमारी आवश्यकता है।

✓ चित्रकारी करना हैं।


Benefits of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 - Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai

  • The NCERT Solutions provide detailed explanations of the chapter's themes and character insights, helping students understand the significance of Sri Keshav Shankar Pillai's contributions to children's literature.

  • The solutions present information in a clear and organised manner, making it easier for students to follow along and absorb key concepts effectively.

  • With comprehensive coverage of all important aspects of the chapter, the solutions prepare students for exams by ensuring they can confidently tackle both short and long-answer questions.

  • The solutions encourage students to think critically about the themes of creativity and education, fostering a deeper appreciation for literature and its impact on young minds.

  • The solutions serve as a reliable reference for completing homework and assignments efficiently, helping students save time and enhance their understanding.

  • The inclusion of practice questions in the solutions allows students to test their knowledge and reinforce their understanding of the chapter's content.


The NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 "Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai" help students understand the chapter's themes and Sri Keshav Shankar Pillai's role in children's literature. These solutions give clear explanations, organised answers, and practice questions to prepare students for exams and encourage thinking about creativity and education. With easy access to these solutions, students can complete their homework confidently and join discussions, building a better understanding of literature's impact on children's lives.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 14 Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai Hindi

1. What is the main theme of Chapter 14 "Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai"?

The main theme of this chapter revolves around the life and contributions of Sri Keshav Shankar Pillai, highlighting his dedication to children’s literature and the importance of creativity in nurturing young minds.

2. How do NCERT Solutions help in understanding this chapter?

The NCERT Solutions provide clear explanations of key concepts, character sketches, and important points from the chapter, making it easier for students to grasp the essence of Keshav Shankar Pillai's work and its impact on children.

3. Are there summaries included in Vedantu’s NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14?

Yes, the solutions include concise summaries of the chapter, helping students quickly review the main ideas and themes before exams.

4. Do the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Durva Chapter 14 contain practice questions?

Yes, the NCERT Solutions include practice questions and exercises that help reinforce the concepts learned in the chapter and prepare students for different types of exam questions.

5. Where can students access the NCERT Solutions for Chapter 14?

Students can access the NCERT Solutions for Chapter 14 "Bachon Ke Priya Shri Keshav Shankar Pillai" for free on various educational platforms like Vedantu, where they can download the solutions in PDF format.

6. Can the solutions assist with homework and assignments?

Absolutely! The NCERT Solutions serve as a reliable reference for completing homework and assignments, providing structured answers that save time and effort.

7. How can these solutions enhance exam preparation?

The comprehensive nature of NCERT Solutions ensures thorough coverage of the chapter, allowing students to prepare effectively for exams by understanding important themes and concepts.

8. Are the solutions suitable for different learning styles?

Yes, the solutions are designed to cater to various learning styles by providing clear explanations, summaries, and practice questions that accommodate visual, auditory, and kinesthetic learners.

9. Do the NCERT Solutions for Chapter 14 of Class 8 Hindi encourage critical thinking?

Yes, the solutions prompt students to think critically about the chapter’s themes and reflect on the significance of Keshav Shankar Pillai's contributions to children's literature.

10. Is there a way to engage with peers using these solutions for Hindi Class 8 Durva?

Students can use the NCERT Solutions for group study sessions, facilitating discussions on the chapter’s themes and promoting collaborative learning among peers.