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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 6 Poem Usha PDF Download

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Last updated date: 20th Apr 2024
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CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 6 Poem Usha - Free PDF Download

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Study Important Questions Class 12 Hindi Chapter 6 - उषा

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक) 

1. भोर और नभ का शब्दार्थ बताइए।

उत्तर:- भोर : प्रभात

नभ : आकाश


2. गौर और देह का शब्दार्थ बताइए।

उत्तर:- गौर : गोरी 

देह : शरीर


3. नभ और सूर्योदय का पर्यायवाची लिखिए |

उत्तर:- नभ: आकाश, आसमान, अम्बर। 

सूर्योदय: प्रातःकाल, सवेरा, भोर


4. "नील… में या किसी की गौर झिलमिल देह" रिक्त स्थान कि पूर्ति कीजिये।

उत्तर:- ये पंक्तियां कुछ इस प्रकार है:

“नील जल में या किसी की, गौर झिलमिल देह”


5. उषा और नभ का विलोम शब्द लिखिए | 

उत्तर:- विलोम शब्द:

उषा : संध्या

 नभ - धरती


 लघु उत्तरीय प्रश्न                                                              (2 अंक)

1. भोर के समय आसमान का रंग कैसा होता है ? 

उत्तर:- भोर के समय आसमान का नीला व केसरिया रंग मनमोहक होता है, जो हर मन में एक नई ऊर्जा संचार करता है।


2. भोर के समय सूरज कैसा प्रतीत होता है ? 

उत्तर:- भोर के समय सूरज कि सफ़ेद आभा विराजमान होती है, ऐसा प्रतीत होता है मानो नीले केसरिया ओढ़नी से कोई झाँक रहा है।


3. भोर का अद्भुत दृश्य कब समाप्त हो जाता है ? 

उत्तर:- जब भोर का अद्भुत दृश्य धीरे धीरे सूर्योदय की किरणों से लोप हो कर समाप्त होने लगता है।


4. सूरज कि लालिमा किसको धुल देती है ? 

उत्तर:- सूरज कि लालिमा अन्धकार रूपी काली स्लेट को लाल रंग कि केशर से धुल देती है, पूरी प्रकृति में एक नए जीवन का संचार सा हो जाता है।


5. प्रातःकाल में आसमान के लिए किन उपमाओं का प्रयोग किया गया है ? 

उत्तर:- प्रातः काल के समय आसमान के लिए दो उपमाओं का प्रयोग किया गया है: 

नीलाशंख और राख से लीपा हुआ


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                          (3 अंक) 

1. भोर में आसमान में नमी क्यों प्रतीत होती है ?

उत्तर:- भोर के समय आसमान में ऐसा लगता है कि, मानो किसी ने राख से चौका को लिपकर कर रख दिया हो और वो चौका अभी कच्चा ही है, सुख नही पाया है, सूर्योदय के इंतजार में अभी भी आसमान में नमी प्रतीत होती है।


2. नीले आकश में सूरज कि सफेदी कैसी प्रतीत होती हैं ? 

उत्तर:- नीले नीले आकाश में सूर्य ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई गोरी युवती नीले नीले जल में नहा रही हो । सूर्य का प्रतिबिम्ब नमी तथा हवा के कारण हिलता हुआ प्रतीत होता है। नीले आकाश में सूरज की सफेदी एक नवजीवन का आगाज़ करती प्रतीत होती है।


3. उषा कविता में कवि ने किसके चित्र को खीचने कि कोशिश की हैं?

उत्तर:- उषा कविता में कवि ने गाँव की एक सुबह का गतिशील शब्द-चित्र खीचने कि कोशिश की है । उन्होंने गांव की प्रकृति का सुंदर चित्रण किया है। कवि द्वारा गाँव कि सुबह के शब्द-चित्र अद्वितीय है । गाँव के प्रकृति के गति को कवि ने शब्दों में बदलने का प्रयास किया है, जो अद्भुत है।


4. शमशेर बहादुर सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय लिखिए | 

उत्तर:- शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13 जनवरी 1911 को देहरादून उत्तराखंड में हुआ था । इन्होने प्रारंभिक शिक्षा देहरादून तथा उच्च शिक्षा प्रयागराज (इलाहाबाद) विश्वविद्यालय से प्राप्त किया था । इनकी प्रमुख रचनाएँ प्लाट का मोर्चा दोआब आदि है । इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा कबीर सम्मान से सम्मानित किया गया है इनकी मृत्यु 1993 में अहमदाबाद में हुआ था। ।


5. कविता में किन उपमाओं का प्रयोग किया गया है? 

उत्तर:- कविता में निम्न उपमाओं का प्रयोग किया गया है:

काली सिल (अँधेरे से युक्त आसमान के लिए 

स्लेट पर लाल खड़िया चाक (भोर से नमीयुक्त वातावरण में उगते सूरज की लाली के लिए)।

नीला शंख ( सुबह के आकाश के लिए)।  

राख से लीपा हुआ चौका (भोर के नभ के लिए)।

नीले जल में झिलमिलाती गोरी देह (नीले आकाश में सूरज के लिए ) |


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                       (5 अंक)

1. उषा कविता का सारांश लिखिए।

उत्तर:- उषा कविता में कवि ने गाँव की सुबह का एक गतिशील शब्द-चित्र खीचने कि कोशिश की है। कवि द्वारा गाँव कि सुबह का शब्द-चित्र अद्वितीय है । कवि कहते है कि, भोर के समय आसमान का रंग नीले शंख के सामान होता है। आसमान में नमी रहती है जो आसमान में राख से लीपा हुआ चौका करने के कारण होती है। अर्थात आसमान ऐसा प्रतीत होता है, जैसे किसी गृहणी ने राख से चौका लीप दिया हो सूर्य उदय के साथ साथ चारो और लाली फ़ैल जाती है। जैसे अँधेरे रुपी काली सिल पर किसी ने रौशनी रूपी लाल केशर डाल दिया हो। नीले नीले आकाश में सूर्य ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई गोरी युवती नीले नीले जल में नहा रही हो। । सूर्य का प्रतिबिम्ब नमी तथा हवा के कारण हिलता हुआ प्रतीत होता है।


2. भोर का दृश्य कैसा है?

उत्तर:- कवि ने भोर के समय प्रकृति के वातावरण का सुन्दर तरीके से चित्रण किया है। भोर में सूरज उगने से पहले रात का रंग आसमान से बाहर आने लगा है। इसलिए आकाश का रंग राख की तरह धूसर हो गया है। जिसे ओस से गीला कर दिया गया है। यानी वातावरण में नमी अभी भी मौजूद है। कवि ने गाँव में भोर के समय चूल्हे जलाने वाली महिलाओं की सुंदर तस्वीर का वर्णन किया और इसे "भोर" के साथ मिलान करते हुए पुष्टि की, कि वह अद्भुत है।


3. "प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे....... राख से लीपा हुआ चौका ( अभी गीला पड़ा है)" इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये।

उत्तर:- इन पंक्तियों में कवि ने गाँव की सुबह का एक गतिशील शब्द-चित्र खीचने कि कोशिश की है । कवि द्वारा गाँव कि सुबह के शब्द-चित्र अद्वितीय है । कवि कहते है कि, सुबह के समय आसमान बहुत ही सुन्दर होता है, यह किसी नीले शंख के समान प्रतीत होता है । वातावरण में नमी रहती हैं और आसमान पवित्र दिखाई देता है। सुबह के समय आसमान ऐसा लगता है जैसे किसी ने आसमान को राख से लीप दिया हो । और लीपने के कारण आसमान में नमी हो गयी हो।


4. "बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से मल दी हो किसी ने" इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये। 

उत्तर:- इन पंक्तियों में कवि ने गाँव की सुबह का एक गतिशील शब्द-चित्र खीचने कि कोशिश की है। कवि द्वारा गाँव कि सुबह का शब्द-चित्र अद्वितीय है । इन पंक्तियों में कवि ने उगते सूरज का वर्णन किया है कवि कहते है कि, जब सूरज उगता है तो लालिमा सी रोशनी चारों तरफ फ़ैल जाती है। यह दृश्य ऐसा प्रतीत होता है कि, किसी ने काले रंग की अँधेरे की सिल का सिर लाल रंग के केशर अर्थात सूरज कि लाली से धो दिया हो। यह दृश्य ऐसा लगता है जैसे किसी ने अँधेरी रात की काली स्लेट पर सुबह के लालिमा की लाल खड़िया वाली मिटटी मल दी है।


5. "नील जल में या किसी की .. सूर्योदय हो रहा हैं।" इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये। 

उत्तर:- इन पंक्तियों में कवि ने गाँव की सुबह का एक गतिशील शब्द-चित्र खीचने कि कोशिश की है। कवि द्वारा गाँव कि सुबह के शब्द-चित्र अद्वितीय है । इन पंक्तियों में कवि ने भोर के समय प्रकृति के हर क्षण होते परिवर्तन का वर्णन किया है। कवि कहते है कि, भोर के समय सूरज कि सफ़ेद आभा दिखाई देने लगती है तथा आसमान में नीला रंग छा जाता है। जो नीले शंख के समान प्रतीत होता है। इन दोनों घटनायो का संगम ऐसा प्रतीत होता है जैसे नीले नीले जल में किसी सुंदरी का शरीर नृत्य कर रहा हो । भोर के समय सूर्य का प्रतिबिम्ब हवा तथा नमी के कारण हिलता हुआ प्रतीत होता है । भोर के बाद जब सूर्योदय होता है तब ये सारी घटनाएँ समाप्त हो जाती है, तथा उषा का जादुई प्रभाव धीरे धीरे समाप्त होने लगता है।


Study Important Questions Class 12 Hindi Chapter 6 - उषा

Please find the below links of NCERT Hindi Class 12 Chapters as per the curriculum prescribed by CBSE.


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1. What should I do to get Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 6 Poem Usha?

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2. Is Chapter 6 Poem Usha important from the point of view of Class 12 CBSE board exams?

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4. In the poem Usha of Chapter 6 of Class 12 Hindi Aroh what did the poet talk about?

In the whole poem Usha of Chapter 6 of CBSE Class 12 Hindi Aroh, the poet talks about the beautiful morning scene of a village. In this poem he describes the beauty of morning sunshines and the humidity of the vast blue sky which fills his heart full of happiness and joy. If you want to read this poem and want to know more about it, visit Vedantu website.

5. Name the poet who wrote the poem Usha of Class 12 Chapter 6?

The poem Usha of Class 12 Chapter 6 is very heart touching and peaceful which gives pleasure to mind. The poet of the extraordinary poem is one the great hindi poets Shamsher Bahadur Singh, who contributed many years of his life in writing poems and stories. If students want to know more about the poet then they have to go to the Vedantu website where they can find all materials in pdf form.