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Important Questions with Answers for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 7 Poem - Badal Raag

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Last updated date: 24th Apr 2024
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Badal Rag Poem Class 12 Hindi Aroh Important Questions - Free PDF Download

Are you a Class 12 student looking for the important questions for the Hindi poem “Badal Raag”? You are in the right place!  Here, you will get the important questions for the same topic in downloadable pdf format.  The experts solved the answers to every important question given here in simple language to help you understand the concepts in a better way. The subject experts curated these questions after thorough research of the previous year's papers and sample papers; hence, you can refer to them during revision without any doubt. We suggest you practice the important question repeatedly if you aim to excel in the basic fundamentals of the poem “Badal Raag”.


List of Chapters Covered in NCERT Class 12 Hindi Aroh

While preparing for CBSE Class 12 exams, it is very important to know the topics covered in the NCERT textbook, as most of the questions in the board exams are directly asked from the NCERT textbook. To ease your Hindi preparation, we have provided the list of the chapters given in the Hindi Aroh textbook. Prepare each of the chapters listed below thoroughly to improve your ranks.


(अ) काव्य भाग

  • Chapter 1 - आत्म-परिचय, एक गीत

  • Chapter 2 - पतंग

  • Chapter 3-  कविता के बहाने, बात सीधी थी पर

  • Chapter 4- कैमरे में बंद अपाहिज

  • Chapter 5 -सहर्ष स्वीकारा है

  • Chapter 6 -उषा

  • Chapter 7 - बादल राग

  • Chapter 8 - कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

  • Chapter 9 - रुबाइयाँ, गज़ल

  • Chapter 10 - छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख


(ब) गद्य भाग

  • Chapter 11- भक्तिन

  • Chapter 12- बाजार दर्शन

  • Chapter 13- काले मेघा पानी दे

  • Chapter 14- पहलवान की ढोलक

  • Chapter 15 -चार्ली चैप्लिन यानी हम सब

  • Chapter 16 -नमक

  • Chapter 17 -शिरीष के फूल

  • Chapter 18 -श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा, मेरी कल्पना का आदर्श समाज

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Study Important Questions Class 12 Hindi Aroh पाठ -7 बादल राग

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                (1 अंक)

1.कवि ने किसे कीचड़ तथा किसे जल – प्लावन कहा है ?

उत्तर- कवि ने पूंजीपतियों को कीचड़ कहा है और वहीं क्रान्ति को जल प्लावन कहा है ।


2. स्त – नयन , वज्र हुंकार तथा प्रफुल्ल जलज का शब्दार्थ बताइए ।

उत्तर- त्रस्त - नयन आँखों की व्याकुलता

प्रफुल्ल जलज - हुआ कमल वज्र हुंकार - हुंकार की भीषणता बताने हेतु


3.कवि के अनुसार दुनिया में कौन – सी चीज स्थायी नहीं है ?

उत्तर- कवि के अनुसार दुनिया में सुख स्थायी नहीं हैं , एवं उनके कहने का यही तात्पर्य है कि जीवन में सूख कभी स्थायी रुप में नहीं रह सकता है।


4.पूंजीपतियों को किस बात का डर होता है ?

उत्तर- पूंजी पतियों को हर समय अपने खिलाफ क्रांति का डर होता है ।


5.कविता ' बादल राग ' में कवि ने किसके शोषण का वर्णन किया है ?

उत्तर- कविता ‘ बादल राग ‘ में मजदूरों के शोषण का वर्णन किया है ।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                               (2 अंक)

1. कवि ने किसे दुःख कि छाया कहा है ?

उत्तर- कवि ने पूंजीपतियों द्वारा समाज में किए जाने वाले अत्याचार और गरीबों के साथ किए गए शोषण को दुख की छाया कहा है एवं इस शोषण का शिकार प्रायः मज़दूर तथा कमज़ोर वर्ग होते हैं । उनके पास सुख नाममात्र के हैं। इसलिए कवि ने उनके सुख को अस्थिर बताया है। 


2. कवि के अनुसार क्रांति कौन करता है ?

उत्तर- कवि के अनुसार बादल ही क्रांति का आगाज करते है इसलिए समाज में व्याप्त अत्याचारियों को मार सकते हैं । क्रांति से जो विशेषाधिकार-प्राप्त वर्ग है, उसकी प्रभुसत्ता समाप्त हो जाती है और वह उन्नति के शिखर से गिर जाता हैं। उसका गर्व चूर-चूर हो जाता है।


3.कविता में बादलों के लिए किस प्रकार का संबोधन प्रयोग किया गया है ?

उत्तर- इस कविता में बादल के लिए ‘ ऐ विप्लव के वीर ! ‘ तथा ‘ ऐ जीवन के पारावार ! ‘ जैसे संबोधनों का प्रयोग किया गया है । कवि ने बादल को क्रांति और विद्रोह का प्रतीक माना है एवं वह कहता है कि जीवन के सुखों पर दुखों की अदृश्य क्षति ही है। बालक शो सुलेह पृथ के पापं में बिजअंकुल हक आक्शक ओ निहारते हैं।


4.अपने आह्वान से कवि क्या करना चाहते हैं ?

उत्तर- कवि बादल का आहवान करता है क्योंकि वह उसे क्रांति का प्रतीक मानता है। बादल बरसने से आम जनता को राहत मिलती है तथा बिजली गिरने से विशिष्ट वर्ग खत्म होता है  एवं अपने आह्वान के द्वारा समाज में फैले शोषण को समाप्त करना चाहते हैं ताकि शोषित वर्ग को उनके अधिकार मिल सकें ।


5. " रुद्ध कोष है , क्षुब्ध तोष ...... ऐ जीवन के पारावार ! ” इन पंक्तियों का काव्य सौंदर्य बताइए ।

उत्तर- इन पंक्तियों में विशेषणों का सुन्दर प्रयोग है तथा खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति है । तत्सम शब्दों का भी प्रयोग किया गया है । इन पंक्तियों कि शैली संबोधन है तथा अनुप्रास अलंकार का प्रभाव है एवं इन अलंकारों के प्रयोग से भाषिक सौंदर्य बढ़ गया है।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                       (3 अंक)

1. पूंजीपतियों को अपने खिलाफ क्रांति का डर क्यों होता है ?

उत्तर- पूँजीपति कमजोर वर्गों का शोषण करके अपार धन जमा करता है । कमजोर को और ज्यादा कमजोर करता है । लेकिन हमेशा वह उसके खिलाफ क्रांति के डर से घिरा रहता है । वह सोचता है कि अत्याचार के खिलाफ कमजोर खड़ा ना हो जाए । वह सब कुछ छीन लेने के भय से त्रस्त है ।


2. जब क्रांति होती है , तो किसको हानि होती है तथा किसको लाभ मिलता है ?

उत्तर- जब भी कोई क्रांति होती है तो शोषक वर्ग के सिंहासन डोल जाते हैं । उनकी संपत्ति और संप्रभुता सब ख़त्म हो जाती है । कवि का मानना है कि क्रांति से केवल आम आदमी को ही क्रांति का कुछ लाभ मिलता है । क्योंकि वह शोषण का शिकार है । उसका शोषण समाप्त होता है । उसका कुछ नहीं छीनता क्योंकि उसके पास कुछ भी नहीं बचा है । लेकिन क्रांति के बाद उसे कुछ अधिकार मिलते हैं ।


3. कवि बादलों से क्या कहते है ?

उत्तर- कवि बादलों से कहते है कि बादल क्रांति का प्रतीक होते है । बादल हवा के समुद्र में तैरते हैं । कवि कहते हैं " हे मेघ ! आप आएं और अपनी क्रांति के साथ इस दुखी दिल वाले दुनिया को खुशी दें । " | इसका मतलब है कि गर्मी से बेहाल लोग बादलों की गर्जना को सुनकर खुश हैं । उसी तरह शोषण और उत्पीड़न से परेशान लोग क्रांति से खुश होंगे।


4. कवि ने पूंजीपतियों के किस बात पर कटाक्ष किया है तथा बादलों को किसका प्रतीक बताया है ?

उत्तर- महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ‘ ने पूंजीपतियों के विलासी जीवन पर कटाक्ष किया है तथा बादलों को क्रांति का प्रतीक बताया है । कवि कहते हैं कि पूंजीपतियों कि ऊँची – ऊंची इमारतें गरीबों को आतंकित करती हैं । पूंजीपति गरीबों का शोषण करते हैं । परन्तु इसके आगे कवि कहते हैं कि क्रांति का बिगुल हमेशा गरीबों ने ही बजाया है ।


5. कवि ने कविता में पौधों का मानकीकरण किस प्रकार किया है ?

उत्तर- कवि ने कविता में पौधों का मानकीकरण बहुत ही सुन्दर रूप में किया है । कवि ने छोटे पौधों नों 7/12 सामान बताया है । कवि ने बच्चों की बातों से खुशी मनाने ,हँसने, हिलने , हाथ मिलाने और अपने माता – पिता को बुलाने के लिए सभी लुभावना भावनाओं और प्रलापों को व्यक्त किया है उसी खूबसूरती से वे भावनाएं पौधे में बताया है । पौधों का यह मानवीकरण दिल को छूता है क्योंकि यह बहुत सरल शब्दों में किया जाता है ।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                               (5 अंक)

1. बादलों के कारण होने वाले प्राकृतिक परिवर्तन का वर्णन कीजिये ।

उत्तर- कवि कहते है कि जब बादल आते है तब प्रकृति में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते है | बादल आसमान को भर देता है तथा गर्जना आरंभ कर देते है । इसके बाद तेज़ हवायों के साथ तूफ़ान आने लगता है तथा बिजली चमकने लगती है । बिजली के कड़कने से धरती काँप जाती है । इसके बाद तेज़ वर्षा आरंभ हो जाती है । वर्षा का जल पृथ्वी के अन्दर पड़े निष्क्रिय बीजों को अंकुरित कर देता है । अंकुरित होने के बाद बीज पौधे बनते है और वे पौधे हवा के साथ झुमने लगते है । चारों दिशाओं कि हरियाली किसानो को प्रसन्न कर देती है । वर्षा ऋतू में पक्षी ख़ुशी के गीत गाने लगते है | चारों तरफ का वातावरण साफ़ लगने लगता है ।



2. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का संक्षिप्त जीवन - परिचय लिखीये ।

उत्तर- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का जन्म 1899 में बंगाल राज्य के महिषादल नामक रियासत के मेदिनीपुर जिले में हुआ था । इनके पिता जी उन्नाव उत्तर प्रदेश के मूल निवासी थे । इन्होंने रामकृष्ण मिशन , अद्वैत आश्रम , बैलूर मठ से दर्शन शास्त्र का अध्ययन किया तथा आश्रम के पत्र ' समन्वय ' का संपादन किया । इनकी मृत्यु 1961 में प्रयाग में हुयी थी । इनकी प्रमुख रचनाएँ अलका , अप्सरा , प्रभावती , निरुपमा , काले कारनामे आदि हैं ।


3. कविता ‘ बादल राग ‘ का सारांश लिखिए । 

उत्तर- बदल राग कविता के रचयिता महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी है । इस कविता में कवि ने बादलों के आने से होने वाले प्रकृति परिवर्तनों को बताते है तथा बादलों को क्रांति का प्रतीक मानते है । कवि कहते है कि जब बादल आते है तब आसमान बादलों से भर जाता है तथा बादलों कि गर्जना आरम्भ हो जाती है । इसके बाद होने वाली वर्षा से चारों तरफ हरियाली हो जाती है जिस से किसान प्रसन्न हो जाता है । कवि कहते हैं कि गरजते बादल क्रांति का प्रतीक है । बादलों कि गर्जन से किसानो तथा मजदूरों को नवनिर्माण कि प्रेरणा मिलती है | शोषित वर्ग पूंजीपतियों के खिलाफ क्रांति करता है तो उस क्रांति का फायदा मजदूर वर्ग को ही मिलता है । समाज में फैली बुराई रूपी कीचड़ को साफ़ करने के लिए क्रांति रूपी बादलों का बरसना आवश्यक है । आम आदमी और मजदूरों का शोषण करके अमीर आदमी और अमीर हो जाता है  परन्तु सुख सुविधाएं होने के बाद भी वह क्रांति के भय से ग्रसित रहता है ।


4. " तिरती हैं समीर - सागर पर ..... तक रहे हैं , ऐ विप्लव के बादल " इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये ।

उत्तर- इन पंक्तियों में कवि बादलों को संबोधित करते है कवि कहते हैं कि बादल आसमान में ऐसे उड़ते है जैसे हवा रूपी समुद्र में कोई नौका तैर रही हो । बादलों का मंडराना ऐसा प्रतीत होता है जैसे सुख के उपर हमेशा दुःख मंडराते रहते है । सुख अस्थायी होता है । इसके आगे कवि कहते हैं कि बादल रूपी नौका में आम आदमी कि बहुत - सी इच्छाएं भरी रहती है । कवि कहते है कि जब बादल गरजते है तब धरती के अन्दर पड़े बीज अंकुरित होने के लिए तैयार हो जाते है । इसी प्रकार गर्जन से कमजोर व्यक्ति भी शोषण के विरोध में खड़ा हो सकता है । तब शोषित वर्ग में मन में शोषण से मुक्ति कि आशा उत्पन्न हो जाती है ।


5. “ फिर – फिर बार – बार गर्जन ......... विप्लव – रव से छोटे ही हैं शोभा पाते । “ इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिये ।

उत्तर- इन पंक्तियों में कवि बादलों के कारण प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों कि व्याख्या करते हैं | कवि बादलों को संबोधित करते हुए कहते है कि हे क्रांतिकारी बादल ! आप मुसलाधार बारिश करते है तथा गर्जन करते है । बादलों कि गर्जना किसी वज्रपात कि भांति प्रतीत होती है । जिसके कारण संसार भय से ह्रदय थम लेता है तथा बड़े - बड़े पर्वत भी घायल हो जाते है जैसे युद्ध के मैदान में बड़े - बड़े वीर धराशायी हो जाते है । यह दृश्य इस बात को बताता है कि जब भी क्रांति कि गर्जन होती है तो बड़े - बड़े पूंजीपति धराशायी हो जाते है तथा आम आदमी या मजदूर वर्ग हर्षित होता है | क्रांति से सदैव आम मनुष्य को लाभ मिलता है तथा पूंजीपति वर्ग क्रांति से भयभीत होता है ।


Benefits of Referring to CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions

Solving these important questions can be useful for students in several ways. Find below some of the benefits of referring to Class 12 Hindi Aroh Baadal Raag:

  • Students can manage their time most effectively while practicing these questions after understanding the summary of the poem.

  • These questions are frequently asked in the previous year's question papers and sample papers.

  • Practicing these questions will give the students an overview of the course structure.

  • Practicing these important questions along with the NCERT Solutions' will help students to prepare the chapter thoroughly for the board exams.

  • These questions are available in a pdf format, which can be downloaded for free and can be accessed anytime offline.


Conclusion

This was the complete discussion on the “CBSE Class 12 Hindi Aroh Badal Raag Important Questions” pdf. We have also provided a list of chapters covered in NCERT Class 12 Hindi Aroh textbook and the benefits you can gain from this pdf.  We highly recommend practicing these important questions after understanding the summary of the poem from the textbook, as this helps you to easily solve the question given in the pdf on your own, without any need to check the answers to each question from the pdf. 


Stay tuned with Vedantu to get the latest updates on CBSE Class 12 board exams. All the best!

FAQs on Important Questions with Answers for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 7 Poem - Badal Raag

1. Who is the poet of the poem Badal Raag, Chapter 7 in Class 12 Hindi (Aroh)?

Suryakant Tripathi wrote the poem Badal Raag. He was a talented and intense litterateur. He wrote about many genres of literature. Nirala is drawn to the rainy season because of the cloud's power of creation and destruction. Clouds, he believes, are revolutionaries. Clouds, according to the poet, are a sign of revolution. For more doubts regarding the poem Badal Raag, refer to Important Questions by Vedantu for Class 12 Hindi Chapter 7 and download the same PDF for free.

2. Where is the poem Badal Raag, Chapter 7 in Class 12 Hindi (Aroh) derived from?

Sri Suryakant Tripathi wrote the poem "Badal Raag." The word 'Nirala' comes from the poetry of 'Anamika.'  The rainy season attracts Nirala more because the power of creation and destruction is contained within the cloud. At the end of the poem, four conceptual issues are posed.

3. What is the summary of the Poem Badal Raag, Chapter 7 in Class 12 Hindi (Aroh)?

When the poet sees clouds, he imagines them to be the shade of sadness thrown on the fleeting joys floating in the sea, which have come to bring him to calm via the shadow cast on the world's or earth’s burning breast. The earth rumbles with the rumble of clouds. Hundreds of heroes have fallen into thunderclap and their corpses have been disfigured, according to the clouds floating in the sky. For a complete understanding of the chapter, visit Vedantu app.

4. What does the writer do when he encounters the clouds?

When the writer encounters clouds, he envisions them as a blue shade cast over the ephemeral delights floating on the sea, which have come to offer him peace via the shadow cast on the world's or earth's flaming breast, with the rumbling of clouds, the ground rumbles. According to the clouds floating in the sky, hundreds of heroes have died in a thunderclap, and their bodies have been mutilated.

5. What are the poetic features of the poem Badal Raag?

Nirala ji was the pillar of Chhayavad. The characteristics of Chhayavad, Progressivism and Experimental poetry are found in his poetry. They are associated with the tradition of Kabir on the one hand, and on the other hand, they are also a source of inspiration for contemporary poets. This wide poetic world of his contains within himself the duality of struggle and life, revolution and creation, effulgence and melody, hope and despair in such a way that any limit cannot bind it. His uninteresting and sublime poetic personality does not differentiate between poetry and life.