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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 Charlie Chaplin Yaani Hum Sab

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Last updated date: 17th Apr 2024
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CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 15 Charlie Chaplin Yaani Hum Sab - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 15 Charlie Chaplin Yaani Hum Sab prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions Class 12 Hindi Chapter 15 - चार्ली चैपलिन और हम सब

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                       (1 अंक) 

1. ” भारतीय जनता ने उस ‘फिनोमेनन‘ को इस तरह स्वीकार किया जैसे बत्तख पानी को| “ किसके रूप की चर्चा की जा रही है ? 

उत्तर: लेखक चार्ली चैपलिन के प्रवृत्ति की चर्चा कर रहे हैं | लोग उनके जीवन जीने के ढंग को देखकर ही हँस उठते थे | 


2. राज कपूर ने किस बात की परवाह नहीं की ? 

उत्तर: राजकपूर ने चार्ली चैपलिन की देखादेखी करने के इल्ज़ामों की परवाह नहीं की | 


3. चार्ली के फिल्मों के दर्शकों का वर्ग कैसा है ? 

उत्तर: चार्ली की फिल्में हर वर्ग के दर्शक देखते है| दर्शकों में आम आदमी से लेकर महान प्रतिभाशाली व्यक्ति भी शामिल हैं |


4. चार्ली को ज़्यादा - से - ज़्यादा मानवीय क्यों होना पड़ता था ? 

उत्तर: चार्ली अपनी फिल्मों में केवल अपनी शारीरिक हाव - भावों से अपनी भावनाएं व्यक्त करते थे इसलिए उन्हें ज़्यादा - से - ज़्यादा मानवीय होना पड़ता था | 


5. ‘चार्लीज़ टिली’ का क्या अर्थ है ? 

उत्तर: ‘चार्लीज़ टिली’ का अर्थ चार्ली के कारनामों का अनुकरण है| 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                      (2 अंक) 

6. चार्ली की फिल्मों को किस वर्ग के लोगों ने नापसंद किया? 

उत्तर: चार्ली की फिल्मों को उन वर्ग के लोगों ने नापसंद किया जो वर्ण, जाति और धर्म के भेदभाव को ख़त्म नहीं करना चाहते | 


7. चार्ली स्वयं पर सबसे ज़्यादा कब हँसते हैं ? 

उत्तर: चार्ली स्वयं पर सबसे ज़्यादा तब हँसते हैं जब वह स्वयं को गर्व महसूस कराते है, आत्मविश्वास से भरपूर होते है, सफलता और समृद्धि की प्रतिमा , स्वयं को सबसे शक्तिशाली और उत्कृष्ट को मजबूरी की व्यवस्था में देखते है | 


8. लोग चार्ली के बारे में क्या सोचते थे ? 

उत्तर: लोग चार्ली से प्रेरित होकर उसकी बनना थे, उसकी तरह दूसरों को हँसाना चाहते थे | उन्हें अपनी झलक चार्ली में दिखती थी | उन्हें ऐसा महसूस होता था कि जैसे वो ही चार्ली है |


9. लेखक कला और सिद्धांत  में क्या टिप्पणी करते हैं ? 

उत्तर: लेखक कहते हैं कि कला सिद्धांत की पैदाइश नहीं होती, वह स्वतंत्र होती है | वह अपने सिद्धांत स्वयं बनाती है और किसी एक परिवेश में बंधकर नहीं रह सकती |  


10. राजकपूर ने कौनसी फिल्में बनाई और वह किससे प्रभावित हुए थे ? 

उत्तर: राजकपूर ने फ़िल्म ‘आवारा‘ निर्मित करी |इस फ़िल्म में पहली बार राजकपूर ने फ़िल्म के नायक को हँसी का पात्र बनाया था | उन्होंने यह फ़िल्म चार्ली चैपलिन की कला से प्रभावित होकर बनाई थी|  


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                      (3 अंक) 

11. फ़िल्म कला को लोकतांत्रिक बनाने का क्या कारण है ?

उत्तर: फ़िल्म कला को लोकतांत्रिक बनाने का अर्थ है इसे सबके लिए विशेष बनाना और समाज में प्रचलित अमीर - गरीब , वर्ण , जातिधर्म के भेदभाव को समाप्त करना | 


12. लेखक चार्ली चैपलिन की फिल्मों की प्रशंसा क्यों करते हैं ? 

उत्तर: चार्ली चैपलिन ने फिल्मकला को बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों को तक पहुँचाया | चार्ली ने अपनी फिल्मों में आम आदमी को स्थान दिया इसलिए लेखक चार्ली चैपलिन की फिल्मों की प्रशंसा करते हैं |


13. लेखक क्यों कहते हैं कि “चैपलिन की फिल्म अन्य फिल्मों से ज़्यादा सफल रहीं हैं” ?

उत्तर: चार्ली का यह चमत्कार है कि उन्होंने दर्शकों की वर्ग और वर्ण व्यवस्था को तोड़ा |

चार्ली ने अपनी फिल्मों में आम आदमी को स्थान दिया और ऐसी फिल्में बनाई जिसे देखकर आम आदमी आनंद का अनुभव करता है | उनकी फिल्मों ने भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाओं को लांघ कर सार्वभौमिक लोकप्रियता हासिल की |    


14. भारत में चार्ली कितने प्रभावी रहें हैं ?

उत्तर: चार्ली ने भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाओं को लांघ दिया है |उन्होंने भारत के आम आदमी से लेकर बड़ी- से- बड़ी हस्ती तक को हंसाया है |भारतीय लोग उनका नाम कभी नहीं भूलेंगे और उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा |


15. चार्ली का बचपन कष्ट में क्यों था ? 

उत्तर: चार्ली का बचपन बहुत संघर्षों में बीता था |पिता से अलग होने के बाद उन्होंने अपना जीवन अपनी माँ के साथ गुज़ारा | उनकी माँ दूसरे दर्ज की स्टेज अभिनेत्री थी जो बाद में पागलपन का शिकार बन गई | इस प्रकार स्वस्थ्य, पारिवारिक जीवन के अभाव में  सामजिक परिस्तिथियों का सामना करना पड़ा | साम्राज्यवाद, पूँजीवाद और सामंतशाही समाज ने उनका बार - बार तिररस्कार भी किया था |     


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                           (5 अंक) 

16. आपको क्या लगता है कि किस फिल्म को अधिक मेहनती और चुप रहने की ज़रुरत है और क्यों ? 

उत्तर: मूक फिल्मों में ज़्यादा परिश्रम करने की आवश्यकता होती है क्योंकि सवाक फिल्मों में कलाकार अपने शब्दों द्वारा अपने भावों को व्यक्त कर सकता है, आसानी से संवाद, अभिनय के द्वारा अपनी बात दर्शकों तक पहुंचा सकता है परन्तु मूक फिल्मों में कलाकार को केवल अपने शारीरिक हाव - भावों से अपनी भावनाएं और बातें व्यक्त करनी होती हैं , बिना बोले वह बात जो आप दूसरों से कहना चाहते हैं , पहुँचाना सरल कार्य नहीं है | 


17. लेखक यह क्यों कहता है कि लगभग 50 वर्षों तक चैपलिन पर बहुत कुछ कहा जाएगा ? 

उत्तर: चैपलिन पर करीब 50 वर्षों तक निम्न कारणों के कारण बहुत कुछ कहा जाएगा -

  • चार्ली के कला के सार्वभौमिक होने के सही कारणों की तलाश अभी शेष है | हर बार मुसीबतों से घिरा इसका चरित्र आत्मीय सा प्रतीत होता है | 

  • विकासशील दुनिया में जैसे - जैसे टेलीविज़न तथा अन्य साधनों का प्रचार हो रहा है , उससे एक नया दर्शक वर्ग चार्ली के फिल्मों को देखने के लिए तैयार हो रहा है | 

  • चैपलिन की ऐसी कुछ फिल्में या न इस्तेमाल की गयी रीलें भी मिली हैं जिनके बारे में कोई नहीं जनता, जिस पर कार्य होना अभी बाकी है | 


18. लेखक ने चार्ली को भारतीय के ऊपर कितना प्रभावशाली बताया है ? 

उत्तर: लेखक कहते हैं कि भारत में चार्ली के फिल्मकला को अपना लिया गया है | दया का हास्य में बदलना और हास्य का दया में , इससे सांस्कृतिक रूप से भारतीय जनता ने उस ‘फिनोमेनन‘ को इस तरह स्वीकार किया जैसे बत्तख पानी को|


19. “विष्णु खरे” का जीवन परिचय लिखो | 

उत्तर: विष्णु खरे का जन्म 2 फरवरी 1940 में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुआ था | वह एक कवि , साहियताकार, अनुवादक तथा फ़िल्म समीक्षक, पत्रकार व पटकथा लेखक थे | वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में लिखते थे | वे साहित्य अकादमी में कार्यक्रम सचिव का भी पद संभल चुके हैं तथा  हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स के लखनऊ, जयपुर तथा नई दिल्ली में सम्पादक भी रह चुके थे।विष्णु खरे ने पाँच कविता संग्रह प्रकाशित किया जिनमें पथांतर सबसे नया है। उन्होंने आलोचना की पुस्तक "आलोचना की पहली किताब" भी प्रकाशित की।विष्णु खरे का निधन 19 सितम्बर 2018  को ब्रेन हेमरेज के फलस्वरूप हो गया था ।


20. चार्ली चैपलिन अपनी आत्मकथा में ऐसा क्यों लिखते हैं कि “वसंत की वह बेलौस दोपहर और वह मजाकिया दौड़ कई दिनों तक मेरे साथ रही” ?

उत्तर: यह चार्ली चैपलिन के जीवन की अन्य वाकया है | बचपन में चार्ली जिस घर में रहते थे , उस घर के पास एक कसाईखाना था | वे रोज़ बहुत सारे जानवरों को वहां ले जाते हुए देखा करते थे | एक समय एक छोटी-सी भेड़ अपनी जान बचाकर वहां से भागी | उसे पकड़ने वाले उसका पीछा करते रहे औरआखिरकार उसे पकड़ ही लिया और फिर से कसाई के पास ले गए | यह सब चार्ली ने देखा और उन्हें यह एहसास हो गया था की उस जानवर के साथ क्या होने वाला है | वह रोते हुए अपनी माँ के पास पहुंचे और बोले,”उसे मार डालेंगे|” इस वाकया को याद करके चार्ली चैपलिन अपनी आत्मकथा में ऐसा लिखते हैं कि “वसंत की वह बेलौस दोपहर और वह मजाकिया दौड़ कई दिनों तक मेरे साथ रही”| 

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