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दो गौरैया Class 8 Hindi Durva Chapter 2 CBSE Notes - 2025-26

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दो गौरैया Class 8 Hindi Durva Chapter 2 CBSE Notes - 2025-26

In Cbse Class 8 Hindi Durva Notes Chapter 2, you’ll read the heartwarming story of two sparrows and how their daily visits change the author’s life. This chapter helps you see the special bond between people and nature, teaching us to appreciate little joys around us. It’s simple and connects real feelings with daily life, making it a favourite for many students.

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If you have any confusion with the story or want to go over important points, Vedantu’s notes can really help. Learning this chapter becomes easier with our Class 8 Hindi Durva Revision Notes.


This chapter is part of a unit that’s often seen in final exams, so revising it well can help boost your overall marks.


Access Class 8 Hindi Durva Chapter 2 - Do Gauriya

लेखक के बारे में:

इस कहानी के लेखक भीष्म साहनी हैं। भीष्म साहनी एक प्रसिद्ध भारतीय साहित्यकार हैं, जिन्हें मानव भावनाओं और सामाजिक विषयों पर आधारित कहानियाँ लिखने के लिए जाना जाता है। उनके लेखन में सादगी और गहराई देखने को मिलती है, जिससे पाठकों का उनसे जुड़ाव बढ़ जाता है। उनकी रचनाएँ सामाजिक और मानवीय संबंधों को बड़े ही संवेदनशीलता से प्रस्तुत करती हैं।


कहानी का संक्षिप्त विवरण:

  • "दो गौरैया" कहानी लेखक के घर पर आए हुए दो गौरैया के जोड़े की कहानी है। यह कहानी लेखक और उनकी पत्नी के घर में इन गौरैयों की गतिविधियों के इर्द-गिर्द घूमती है।

  •  गौरैयों की हरकतों और उनके प्रति लेखक और उनकी पत्नी की संवेदनशीलता को इस कहानी में खूबसूरती से दर्शाया गया है। 

  • लेखक गौरैयों की मासूमियत और उनके संघर्षों को देखते हैं और उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं।


मुख्य विषय:

इस कहानी का मुख्य विषय मानवीय संवेदनाएँ और प्रकृति के प्रति प्रेम है। यह कहानी पक्षियों और इंसानों के बीच के रिश्ते और सह-अस्तित्व को दर्शाती है। लेखक ने इस कहानी के माध्यम से बताया है कि किस प्रकार छोटी-छोटी चीजें भी हमारे जीवन में खुशी और सुकून ला सकती हैं।


पात्र चित्रण:

  1. लेखक - एक संवेदनशील व्यक्ति जो गौरैयों की मासूमियत से प्रभावित होता है और उनकी देखभाल करता है।

  2. लेखक की पत्नी - वह भी गौरैयों के प्रति प्रेमभाव रखती है और उनके प्रति संवेदनशील है।

  3. गौरैया का जोड़ा - मासूम और स्वतंत्र जोड़ा जो अपने घोंसले की सुरक्षा और देखभाल में व्यस्त रहता है। उनके माध्यम से कहानी में प्रकृति का सजीव चित्रण होता है।


सार:

  • कहानी "दो गौरैया" में लेखक भीष्म साहनी ने एक गौरैया के जोड़े के माध्यम से प्रकृति और मानव संबंधों का अनूठा चित्रण किया है।

  • लेखक अपने घर पर गौरैयों को देखते हैं और धीरे-धीरे उनसे जुड़ाव महसूस करने लगते हैं। 

  • वह गौरैयों के घोंसले बनाने, बच्चों का पालन-पोषण करने और उनकी दिनचर्या को देखकर आनंदित होते हैं। 

  • गौरैयों के प्रति उनकी सहानुभूति और प्रेम इस कहानी को और भी भावनात्मक बना देता है। 

  • यह कहानी हमें यह सिखाती है कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम हमें जीवन में सुख का अनुभव कराता है।


Learnings from Hindi Class 8 Chapter 2 (Durva) - Do Gauriya Summary

  • Sensitivity Towards Nature: Chapter 2  teaches the importance of caring for and respecting nature.

  • Human-Animal Bond: It highlights the special bond humans can share with animals, even if they are small creatures like sparrows.

  • Observing Life's Small Joys: The story emphasises that simple things in life, such as watching birds, can bring immense joy.

  • Compassion and Empathy: The chapter demonstrates that kindness towards living beings enriches our own lives.

  • Peace in Coexistence: The story underlines the harmony that can exist when humans and animals live peacefully together.


Importance of Revision Notes Class 8 Hindi Chapter 2 -  Do Gauriya

  • Quick Review: They help you review important information quickly and easily.

  • Better Memory: Summaries make it easier to remember key points.

  • Focused Study: They highlight the most important topics, so you study the right areas.

  • Less Stress: Good notes help reduce exam stress by providing a clear study plan.

  • Last-Minute Prep: They are useful for quick reviews before exams.

  • Regular Study: Updating notes regularly keeps your study routine on track.

  • Better Results: Well-prepared notes help improve your exam performance.


Tips for Learning the Class 8 Hindi Revision Notes Chapter 2 -  Do Gauriya

  • Arrange your revision notes chapter-wise and topic-wise for easy access.

  • Use highlighters to mark important themes, characters, and events.

  • Write summaries for each chapter or capture the main ideas.

  • Make flashcards for important quotes, dates, and character traits for memorisation.

  • Review your notes frequently to reinforce your understanding and retention.

  • Engage in group discussions to gain different perspectives and a deeper understanding of the material.

  • Create mnemonic devices to remember difficult concepts or sequences. 


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FAQs on दो गौरैया Class 8 Hindi Durva Chapter 2 CBSE Notes - 2025-26

1. 'दो गौरैया' पाठ का सारांश क्या है, जो रिवीज़न के लिए महत्वपूर्ण है?

यह कहानी लेखक भीष्म साहनी और उनके घर में घोंसला बनाने वाली दो गौरैयों के बीच के रिश्ते को दर्शाती है। शुरुआत में, लेखक और उनकी पत्नी गौरैयों की हरकतों से परेशान होकर उन्हें बाहर निकाल देते हैं। लेकिन, जब वे घोंसले में नन्हे अंडे देखते हैं, तो उनका हृदय करुणा और स्नेह से भर जाता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व में ही सच्ची खुशी है। रिवीज़न नोट्स इस कहानी के मुख्य बिंदुओं, जैसे पात्रों का हृदय परिवर्तन और कहानी के संदेश को आसानी से याद करने में मदद करते हैं।

2. 'दो गौरैया' कहानी के मुख्य पात्र कौन हैं और गौरैयों के प्रति उनका प्रारंभिक दृष्टिकोण क्या था?

कहानी के मुख्य पात्र हैं लेखक (पिताजी), उनकी पत्नी (माँ), और गौरैयों का एक जोड़ा। शुरू में, लेखक और उनकी पत्नी दोनों ही गौरैयों से बहुत नाराज़ थे क्योंकि वे कमरे में तिनके लाकर गंदगी फैला रही थीं और शोर कर रही थीं। उन्होंने कई बार गौरैयों को घर से बाहर निकालने की कोशिश की, जो उनके प्रारंभिक टकरावपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है।

3. इस कहानी के माध्यम से लेखक क्या मुख्य संदेश देना चाहते हैं?

'दो गौरैया' कहानी का मुख्य संदेश मनुष्यों और प्रकृति के बीच करुणा और सह-अस्तित्व (compassion and coexistence) का महत्व है। लेखक यह दर्शाते हैं कि कैसे छोटी-छोटी बातों में भी गहरी खुशी मिल सकती है और कैसे क्रोध और झुंझलाहट को प्रेम और सहानुभूति में बदला जा सकता है। यह हमें सभी जीवित प्राणियों के प्रति दयालु होने की प्रेरणा देती है।

4. लेखक ने गुस्से में यह क्यों कहा, "किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए"?

लेखक ने यह बात अत्यधिक हताशा और क्रोध में कही थी। वे गौरैयों को बार-बार बाहर निकालने की कोशिश करके थक चुके थे, लेकिन गौरैया हर बार वापस आ जाती थी। इस कथन से उनकी उस समय की कठोर मानसिकता का पता चलता है, जहाँ वे समस्या को जड़ से खत्म करने के बारे में सोच रहे थे। यह उनके बाद के हृदय परिवर्तन के बिल्कुल विपरीत था।

5. कहानी के अंत में, कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी गौरैया को देखकर क्यों मुस्कुरा रहे थे?

कहानी के अंत तक पिताजी का दृष्टिकोण पूरी तरह बदल चुका था। घोंसले में अंडों और फिर बच्चों को देखने के बाद, उनका हृदय स्नेह और वात्सल्य से भर गया था। अब गौरैयों का शोर उन्हें परेशानी नहीं, बल्कि खुशी देता था। वे उन पक्षियों को अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे थे, इसलिए उनकी हरकतों को देखकर वे मुस्कुरा रहे थे। यह कहानी का केंद्रीय वैचारिक बदलाव है।

6. 'दो गौरैया' पाठ में गौरैया का जोड़ा किन बातों का प्रतीक है?

इस पाठ में गौरैया का जोड़ा कई महत्वपूर्ण बातों का प्रतीक है, जिन्हें रिवीज़न करते समय याद रखना चाहिए:

  • प्रकृति की दृढ़ता: बार-बार निकाले जाने पर भी वे वापस आकर अपना घर बनाती हैं।
  • पारिवारिक मूल्य: वे अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित घर बनाने का अथक प्रयास करती हैं।
  • निर्दोष जीवन: उनकी चहचहाहट और गतिविधियाँ जीवन के सरल आनंद का प्रतीक हैं।

7. यह कहानी कैसे दर्शाती है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच के टकराव को सह-अस्तित्व में बदला जा सकता है?

यह कहानी इस बदलाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। शुरुआत में 'टकराव' था – लेखक की साफ-सुथरे कमरे की इच्छा और गौरैयों की घोंसला बनाने की प्राकृतिक जरूरत। यह टकराव तब 'सह-अस्तित्व' में बदल गया जब लेखक ने गौरैयों को परेशानी के बजाय एक परिवार के रूप में देखना शुरू किया। सहानुभूति और अवलोकन ने उनके दृष्टिकोण को बदल दिया, जिससे यह सिद्ध होता है कि समझ और प्रेम से किसी भी टकराव को खत्म किया जा सकता है।

8. कक्षा 8 के रिवीज़न के लिए 'दो गौरैया' पाठ के मुख्य घटनाक्रम क्या हैं?

त्वरित रिवीज़न के लिए, इन मुख्य घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित करें:

  • गौरैयों का कमरे में प्रवेश और घोंसला बनाने की शुरुआती कोशिशें।
  • लेखक और पत्नी द्वारा उन्हें बाहर निकालने के असफल प्रयास।
  • लेखक का गुस्से में घोंसला तोड़ने का विचार।
  • घोंसले में अंडों की खोज, जिससे उनका हृदय परिवर्तन होता है।
  • अंत में, गौरैया परिवार को स्वीकार करना और उनकी उपस्थिति में आनंद का अनुभव करना।