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NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 - In Hindi

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Last updated date: 28th Mar 2024
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MVSAT 2024

NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 Polymers in Hindi Mediem

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NCERT, which stands for The National Council of Educational Research and Training, is responsible for designing and publishing textbooks for all the classes and subjects. NCERT Textbooks covered all the topics and are applicable to the Central Board of Secondary Education (CBSE) and various state boards.


Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Chemistry

Chapter Name:

Chapter 15 - Polymers

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2023-24

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes



We, at Vedantu, offer free NCERT Solutions in English medium and Hindi medium for all the classes as well. Created by subject matter experts, these NCERT Solutions in Hindi are very helpful to the students of all classes. 

Competitive Exams after 12th Science

Access NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 – बहुलक

1.बहुलक और एकलक पदों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर :

1.बहुलक : ऐसे वृहदाणु जो कि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के वृहत पैमाने पर जुड़ने से बनते हैं, बहुलक कहलाते हैं।

2.एकलक : ऐसे सरल और क्रियाशील अणु जिनके योग तथा संघनन मे व्रहुलकों का निर्माण होता है, एकलक कहलाते हैं।

2. प्राकृतिक और संश्लिष्ट बहुलक क्या हैं? प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए। 

उत्तर :

(i) प्राकृतिक बहुलक :

 प्रकृति (जन्तुओं और पौधों) में पाए जाने वाले बहुलक, प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं।

उदाहरणार्थ :

स्टार्च, सेलुलोस, प्रोटीन, रबर आदि।


(ii) संश्लिष्ट बहुलक : 

ऐसे बहुलक जो प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं, संश्लिष्ट बहुलक कहलाते हैं।

उदाहरणार्थ :

पॉलिथीन, PVC, नाइलॉन 6, 6 आदि।

3. समबहुलक और सहबहुलक पदों (शब्दों) में विभेद कर प्रत्येक को एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर :

समबहुलक :

जिन बहुलकों में पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई की उत्पत्ति केवल एक ही प्रकार की एकलक इकाइयों से होती है, समबहुलक कहलाते हैं।

उदाहरणार्थ :

पॉलिथीन, PVC, पॉलिस्टाइरीन, नाइलॉन 6 आदि। सहबहुलक-जिन बहुलकों में पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई की उत्पत्ति दो या अधिक प्रकार की एकलक इकाइयों द्वारा होती है, सहबहुलक कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-ब्यूना – S, ब्यूना – N आदि।

4. एकलक की प्रकार्यात्मकता को आप किस प्रकार समझाएँगे?

उत्तर :

किसी एकलक में उपस्थित आबन्धी स्थलों (bonding sites) की संख्या उसकी प्रकार्यात्मकता कहलाती है।


उदाहरणार्थ :

एथीन, प्रोपीन तथा स्टाइरीन की प्रकार्यात्मकता 1 है जबकि 1, 3-ब्यूटाडाइईन, हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन तथा ऐडिपिक अम्ल की प्रकार्यात्मकता 2 है।

5. बहुलकन पद (शब्द) को परिभाषित कीजिए।

उत्तर :

वह प्रक्रम जिसमें एक अथवा अधिक एकलकों से व्युत्पन्न पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ आपस में एक नियमित क्रम में जुड़कर अत्यधिक अणुभार वाले वृहदाणु (बहुलक) का निर्माण करती हैं। बहुलकन कहलाता है।

6. $(NH-CHR-CO)_n$, एक समबहुलक है या सहबहुलक?

उत्तर :


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एक समबहुलक है क्योंकि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई में केवल एक ही प्रकार के एकलक अणु अर्थात्  $NH_2– CHR– COOH$ विद्यमान हैं।

7. आण्विक बलों के आधार पर बहुलक किन संवर्गों में वर्गीकृत किए जाते हैं? आण्विक बलों के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? प्रत्येक का एक  उदाहरण भी दीजिए।

उत्तर :आण्विक बलों के आधार पर, बहुलकों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किया जाता है

  1. इलास्टोमर्स, (वल्कनीकृत रबड़)

  2. फाइबर (रेशे) (नायलॉन 6, 6)

  3.  ताप सुघट्य बहुलक (पॉलिथीन)

  4. ताप दृढ़ बहुलक (बैकेलाइट)

8. संकलन और संघनन बहुलकन के मध्य आप किस प्रकार विभेद करेंगे? ।

उत्तर :योगात्मक बहुलकन में बहुत से समान अथवा असमान एकलक अणु आपस में जुड़कर बहुलक श्रृंखला बनाते हैं। एकलक इकाइयों में प्रायः द्वि या त्रिबंध उपस्थित रहते हैं। इस प्रक्रिया में $H_2O$, $NH_3$ जैसे छोटे अणुओं का निराकरण नहीं होता है। इसके विपरीत, संघनन बहुलकन में संघनन अभिक्रियाओं की एक श्रेणी सम्पन्न होती है जिसमें $H_2O$, $NH_3$ जैसे छोटे अणुओं का निराकरण होता है। इस प्रकार का बहुलकन दो या अधिक क्रियात्मक समूहों युक्त एकलकों के मध्य सम्पन्न होता है।

9. सहबहुलकन पद (शब्द) की व्याख्या कीजिए और दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर : सहबहुलकन एक बहुलकन अभिक्रिया है जिसमें एक से अधिक प्रकार की एकलक स्पीशीज के मिश्रण का बहुलकन एक सहबहुलक बनाने के लिए किया जाता है। सहबहुलक को न केवल श्रृंखला वृद्धि बहुलकन से बनाया जा सकता है, अपितु पदशः वृद्धि बहुलकन से भी बनाया जा सकता है। अत: सहबहुलक में एक ही बहुलकन श्रृंखला में प्रत्येक एकलक की अनेक इकाइयाँ होती हैं।

उदाहरणार्थ :

ब्यूना-S; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा स्टाइरीन का सहबहुलक है, जबकि ब्यूना-N; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा ऐक्रिलोनाइट्राइल का सहबहुलक हैं।

10. एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि लिखिए।

उत्तर :


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11. तापसुघट्य और तापदृढ़ बहुलकों को प्रत्येक के दो उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए।

उत्तर :

1. तापसघटय बहुलक:

ये रेखीय या अल्पशाखित दीर्घ श्रृंखला अणु होते हैं। इन्हें बार-बार तापन द्वारा मृदुलित और शीतलन द्वारा कठोर बनाया जा सकता है। इन बहुलकों के अन्तराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों और रेशों के मध्यवर्ती होते हैं। पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि कुछ सामान्य तापसुघट्य बहुलक हैं।


2. तापदृढ़ बहुलक:

ये बहुलक तिर्यकबद्ध अथवा अत्यधिक शाखित अणु होते हैं जो साँचों में तापन से विस्तीर्ण तिर्यकबन्ध में परिवर्तित हो जाते हैं और दोबारा दुर्गलनीय बन जाते हैं। इनका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। बैकेलाइट, यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन आदि कुछ सामान्य तापदृढ़ बहुलक हैं।

12. निम्नलिखित बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक लिखिए

  1. पॉलिवाइनिल क्लोराइड

  2. टेफ्लॉन

  3. बैकलाइट


उत्तर :

  1. $CH_2$,= CHCl (वाइनिल क्लोराइड)

  2.  $F_2C =C= CF_2$, (टेट्राफ्लोरोएथीन)

  3.  $C_6H_5O$ व HCHO (फीनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड)

13. मुक्त मूलक योगज बहुलकन में प्रयुक्त एक सामान्य प्रारम्भक का नाम और संरचना लिखिए।

उत्तर :

बेन्जोइल परॉक्साइड।


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14. रबड़ अणुओं में द्विबन्धों की उपस्थिति किस प्रकार उनकी संरचना और क्रियाशीलता को प्रभावित करती है?

उत्तर :

प्राकृतिक रबर सिस-पॉलिआइसोप्रीन है तथा इसका निर्माण आइसोप्रीन इकाइयों के 1, 4-बहुलकन द्वारा निम्न प्रकार होता है


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इस बहुलक में प्रत्येक आइसोप्रीन इकाई के $C_2$ व $C_3$ के मध्य द्विबन्ध उपस्थित हैं। आइसोप्रीन इकाइयों की इस प्रकार सिस व्यवस्था के कारण बहुलक श्रृंखलाएँ दुर्बल अन्त:अणुक आकर्षण बल की उपस्थिति के कारण प्रभावशाली अन्तः अणुक क्रिया हेतु एक-दूसरे के समीप नहीं आ पातीं। अत: निकटस्थ श्रृंखलाओं के मध्य केवल दुर्बल वाण्डरवाल्स बल विद्यमान रहते हैं। इसलिए रबर की अनियमित कुण्डलित संरचना होती है। इसे एक स्प्रिंग की भाँति खींचा जा सकता है, अर्थात् इसमें प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है।

15. रबड़ के वल्कनीकरण के मुख्य उद्देश्य की विवेचना कीजिए।

उत्तर :

रबड़ का वल्कनीकरण: 

प्राकृतिक रबड़ उच्च ताप (> 335 K) पर नर्म और निम्न ताप (< 283 K) पर भंगुर हो जाता है एवं उच्च जल अवशोषण क्षमता प्रदर्शित करता है। यह अध्रुवीय विलायकों में घुलनशील है और ऑक्सीकरण कर्मकों के आक्रमण के प्रति प्रतिरोधी नहीं है। इन भौतिक गुणों में सुधार के लिए वल्कनीकरण की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया में अपरिष्कृत रबड़ को सल्फर और उपयुक्त योगजों के साथ 373 K से 415 K के ताप परास के मध्य गर्म किया जाता है। वल्कनीकरण से द्विबन्धों की अभिक्रियाशील स्थितियों पर सल्फर तिर्यक बन्ध बनाता है और इस प्रकार रबड़ कठोर हो जाता है।

16.नाइलॉन-6 और नाइलॉन-6, 6 में पुनरावृत्त एकलक इकाइयाँ क्या हैं?

उत्तर :

नाइलॉन-6,

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17. निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों का नाम और संरचना लिखिए

(i) ब्यूना-S

(ii) ब्यूना-N

(iii) डेक्रॉन

(iv) निओप्रीन।


उत्तर :


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18. निम्नलिखित बहुलक संरचनाओं के एकलक की पहचान कीजिए
(i)


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(ii)


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उत्तर :


(i)


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(ii)


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19. एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल से डेक्रॉन किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?

उत्तर : डेक्रॉन को एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल के संघनन बहुलकन से जल के अणुओं के विलोपन के साथ प्राप्त किया जाता है। अभिक्रिया को 420 – 460 K पर जिंक ऐसीटेट तथा ऐण्टीमनी ट्राइऑक्साइड के मिश्रण से बने उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराया जाता है।


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20. जैव-निम्नीकरणीय बहुलक क्या हैं? एक जैव-निम्नीकरणीय ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर का उदाहरण दीजिए।

उत्तर : वे बहुलक जो एक समय बाद जीवाण्विक निम्नीकरण के कारण स्वयं ही विघटित हो जाते हैं, जैव-निम्नीकरणीय बहुलक कहलाते हैं।

उदाहरण :

पॉलि – β – हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को – β -हाइड्रॉक्सी-वैलेरेट (PHBV) :

यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनोइक अम्ल और 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनोइक अम्ल के सहबहुलकन से प्राप्त होता है। PHBV को उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों और औषधों के नियन्त्रित मोचन में भी होता है। पर्यावरण में PHVB का जीवाण्विक निम्नीकरण हो जाता है।

(image will be uploaded soon)

प्रश्नावली

1. बहुलक क्या होते हैं?

उत्तर : ऐसे वृहदाणु (macromolecules) जो कि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के वृहत पैमाने पर जुड़ने से बनते हैं बहुलक कहलाते हैं। बहुलकों के कुछ उदाहरण हैं-पॉलिथीन, नाइलॉन-6, 6, बैकलाइट, रबर आदि।|

2. संरचना के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण कैसे किया जाता है?

उत्तर : संरचना के आधार पर बहुलक तीन प्रकार के होते हैं

(1) रैखिक बहुलक :

इन बहुलकों में लम्बी और रेखीय श्रृंखलाएँ होती हैं। उच्च घनत्व पॉलिथीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि इसके उदाहरण हैं। इन्हें निम्नानुसार निरूपित करते हैं:

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(2) शाखित श्रृंखला बहुलक:

इन बहुलकों में रेखीय श्रृंखलाओं में कुछ शाखाएँ होती हैं। उदाहरण-निम्न घनत्व पॉलिथीन। इन्हें निम्नांकित प्रकार से चित्रित करते

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(3) तिर्यकबन्धित अथवा जालक्रम बहुलक:

यह साधारणत: द्विक्रियात्मक और त्रिक्रियात्मक समूहों वाले एकलकों से बनते हैं तथा विभिन्न रेखीय बहुलक श्रृंखलाओं के बीच प्रबल सहसंयोजक बन्ध होते हैं।

उदाहरणार्थ :

बँकेलाइट, मेलैमीन आदि। इन बहुलकों को व्यवस्थात्मक रूप में निम्नलिखित प्रकार से प्रदर्शित करते हैं

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3. निम्नलिखित बहुलकों को बनाने वाले एकलकों के नाम लिखिए

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उत्तर :

(i) हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन, ($H_2N – (CH_2)_6– NH_2$) और ऐडिपिक अम्ल, ($HOOC – (CH_2)_4– COOH4$)

(ii) कैपरोलैक्टम

(iii) टेट्राफ्लुओरोएथीन ($F_2C = CF_2$)

4. निम्नलिखित को योगज और संघनन बहुलकों में वर्गीकृत कीजिए टेरिलीन, बैकलाइट, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन।

उत्तर :

1.योगज बहुलक : पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन;

2.संघनन बहुलक : टेरीलीन, बैकेलाइट।

5. ब्यूना – N और ब्यूना – S के मध्य अन्तर समझाइए।

उत्तर : ब्यूना – N ब्यूटा -1, 3 -डाइईन और ऐक्रिलोनाइट्राइल का सहबहुलक है। जबकि ब्यूना -S ब्यूटा -1, 3-डाइईन और स्टाइरीन का सहबहुलक है।

6. निम्नलिखित बहुलकों को उनके अन्तराआण्विक बलों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए

1.नाइलॉन-6, 6, ब्यूना-S, पॉलिथीन

2. नाइलॉन-6, निओप्रीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड।

उत्तर : अंतराआण्विक आकर्षण बलों को बढ़ता हुआ क्रम निम्न होता है। प्रत्यास्थ बहुलक (इलास्टोमर) < प्लास्टिक < रेशे। अत:

1. ब्यूना – S < पॉलिथीन < नाइलॉन 6, 6

2 .निओप्रीन < पॉलिवाइनिल क्लोराइड < नाइलॉन 6

NCERT Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 Polymers in Hindi Mediem

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