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Dost Ki Poshak (दोस्त की पोशाक) Class 4 Notes: CBSE Hindi (Rimjhim) Chapter 5

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Class 4 Hindi Chapter 5 Dost Ki Poshak Notes - FREE PDF Download

Revision notes help in studies by giving a quick summary of important points, so students don’t have to read the whole chapter again. They focus on the main ideas, making it easier to remember key parts before exams. Class 4 Hindi Notes are also useful for last-minute preparation, helping students quickly recall what they’ve learned. In Chapter 5, Dost Ki Poshak students explore the true meaning of friendship, acceptance, and the importance of inner qualities over appearances.

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Table of Content
1. Class 4 Hindi Chapter 5 Dost Ki Poshak Notes - FREE PDF Download
2. Access Revision Notes for Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak
    2.1कहानी का परिचय:
    2.2दोस्त की पोशाक  के टिप्पणियाँ:
    2.3कहानी का संदेश:
    2.4महत्वपूर्ण बिंदु:
    2.5सारांश: दोस्त की पोशाक
    2.6विषय: दोस्त की पोशाक
3. Importance of Dost Ki Poshak Class 4 Hindi Chapter 5 Notes
4. Tips for Learning the Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak
5. Conclusion
6. Related Study Materials for Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak
7. Revision Notes Links for Class 4 Hindi (Rimjhim)
8. Important Study Materials for Class 4 Hindi
FAQs


This story focuses on the meeting between two friends, Nazeeruddin and Jamal Sahab, and highlights how true friendship goes beyond external appearances. When Nazeeruddin offers his friend an elegant coat to make him feel comfortable, the experience teaches them both that genuine friendships value a person for who they are, not for how they look. Our notes for Dost Ki Poshak provide a clear summary, important points, and moral lessons according to the CBSE Hindi Class 4 Syllabus, making it easier for students to understand the chapter.

Access Revision Notes for Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak

कहानी का परिचय:

"दोस्त की पोशाक" कक्षा 4 हिंदी का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो दोस्ती और असली पहचान के महत्व को समझाता है। कहानी नसीरुद्दीन और उनके पुराने दोस्त जमाल साहब के बीच की मुलाकात पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि सच्चे दोस्त एक-दूसरे को उनके असली रूप में स्वीकार करते हैं, न कि उनकी पोशाक या दिखावे पर निर्भर रहते हैं।


दोस्त की पोशाक  के टिप्पणियाँ:

  1. पुराने दोस्त से मुलाकात

    • नसीरुद्दीन अपने पुराने दोस्त जमाल साहब से मिलते हैं। दोनों लंबे समय बाद मिलने पर बहुत खुश होते हैं। नसीरुद्दीन, जमाल साहब को अपने शहर के मुख्य बाजार में घूमने के लिए ले जाने का प्रस्ताव रखते हैं।

    • जमाल साहब अपनी साधारण पोशाक के कारण बाहर जाने में हिचकिचाते हैं और सोचते हैं कि लोग उनके कपड़ों को देखकर उन्हें कमतर समझ सकते हैं।


  1. नसीरुद्दीन का समाधान

    • नसीरुद्दीन जमाल साहब की झिझक को दूर करने के लिए अपने पास से एक शानदार अचकन लेकर आते हैं और जमाल साहब से कहते हैं कि इसे पहन कर वे बाजार में सबसे अच्छे दिखेंगे।

    • जमाल साहब अचकन पहनने के बाद नसीरुद्दीन के साथ बाहर जाने को तैयार हो जाते हैं। नसीरुद्दीन इस बात से खुश होते हैं कि उनका दोस्त अब सहज महसूस कर रहा है।


  1. घूमते समय की गलतफहमी

    • बाजार में लोग जमाल साहब को नसीरुद्दीन समझ लेते हैं, क्योंकि उन्होंने नसीरुद्दीन की अचकन पहन रखी है। इस बात से जमाल साहब को असहज महसूस होता है। उन्हें लगता है कि लोग उनकी पहचान को नहीं, बल्कि उनकी पोशाक को महत्व दे रहे हैं।

    • यह स्थिति जमाल साहब को परेशान करती है, और वे महसूस करते हैं कि बाहरी पोशाक से असली पहचान अधिक महत्वपूर्ण होती है।


  1. जमाल साहब की नाराजगी और संदेश

    • नाराज होकर जमाल साहब नसीरुद्दीन से कहते हैं कि दोस्ती में पोशाक का कोई महत्व नहीं होना चाहिए। सच्चे दोस्त वही होते हैं जो एक-दूसरे को उनके असली रूप में पहचानते और स्वीकार करते हैं।

    • जमाल साहब इस बात पर जोर देते हैं कि दोस्ती में बाहरी दिखावे या कपड़ों के आधार पर नहीं, बल्कि असली पहचान और अपनेपन के आधार पर संबंध होना चाहिए।


  1. नसीरुद्दीन की समझ और माफी

    • नसीरुद्दीन अपनी गलती समझ जाते हैं और जमाल साहब से माफी मांगते हैं। वे वादा करते हैं कि आगे से वे अपने दोस्त को उनके असली रूप में ही स्वीकार करेंगे और दिखावे पर ध्यान नहीं देंगे।


कहानी का संदेश:

  • यह कहानी बताती है कि सच्ची दोस्ती में कपड़े या बाहरी दिखावे का कोई स्थान नहीं होता। दोस्ती का असली आधार आत्मीयता, भरोसा और एक-दूसरे की असली पहचान को स्वीकार करना है।

  • दोस्तों को उनके व्यक्तित्व और मूल पहचान के आधार पर अपनाना चाहिए, न कि उनकी पोशाक या सामाजिक स्थिति के कारण।

  • यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि दोस्ती में दिखावा नहीं बल्कि सादगी और अपनापन होना चाहिए।


महत्वपूर्ण बिंदु:

  • असली दोस्ती में बाहरी दिखावे का महत्व नहीं होता।

  • सच्चे दोस्त वही होते हैं जो एक-दूसरे को उनके असली रूप में स्वीकार करते हैं।

  • कपड़ों या पोशाक से ज्यादा असली पहचान और आत्मीयता का महत्व है।

  • दोस्ती में ईमानदारी और आत्मीयता का होना आवश्यक है।


सारांश: दोस्त की पोशाक

कक्षा 4 हिंदी का अध्याय "दोस्त की पोशाक" दोस्ती और सच्ची पहचान के महत्व को उजागर करने वाली कहानी है। इसमें नसीरुद्दीन और उनके पुराने दोस्त जमाल साहब के बीच की मुलाकात का वर्णन है। वर्षों बाद मिलने पर नसीरुद्दीन अपने दोस्त जमाल को बाजार घुमाने ले जाना चाहते हैं, लेकिन जमाल अपनी साधारण पोशाक की वजह से संकोच करते हैं। नसीरुद्दीन उन्हें एक सुंदर अचकन पहनने के लिए देते हैं ताकि वे अच्छे दिखें और संकोच महसूस न करें।


बाजार में लोग जमाल साहब को नसीरुद्दीन समझने लगते हैं क्योंकि उन्होंने नसीरुद्दीन की पोशाक पहनी होती है। यह देख जमाल साहब को महसूस होता है कि लोग उन्हें उनकी असली पहचान से नहीं बल्कि उनके कपड़ों से पहचान रहे हैं। इससे उन्हें असहजता महसूस होती है और वे नसीरुद्दीन से नाराज हो जाते हैं। जमाल साहब नसीरुद्दीन को समझाते हैं कि सच्ची दोस्ती में पोशाक या बाहरी दिखावे का महत्व नहीं होना चाहिए, बल्कि एक-दूसरे की असली पहचान को सम्मान देना चाहिए।


विषय: दोस्त की पोशाक

"दोस्त की पोशाक" कहानी का मुख्य विषय सच्ची दोस्ती और असली पहचान का महत्व है। यह कहानी इस बात को उजागर करती है कि सच्ची दोस्ती बाहरी दिखावे, पोशाक या सामाजिक स्थिति पर निर्भर नहीं करती, बल्कि आत्मीयता, अपनापन और एक-दूसरे की असली पहचान को स्वीकारने पर आधारित होती है। कहानी में नसीरुद्दीन अपने पुराने दोस्त जमाल साहब को बाहरी दुनिया में बेहतर दिखाने के लिए एक सुंदर अचकन पहनाते हैं, लेकिन जमाल साहब यह महसूस करते हैं कि लोग उन्हें उनके कपड़ों से पहचान रहे हैं, न कि उनकी असली पहचान से। इस प्रकार, यह कहानी हमें सिखाती है कि मित्रता में अपने दोस्त को उसके मूल स्वरूप में अपनाना ही सच्चे रिश्ते की पहचान है।


Importance of Dost Ki Poshak Class 4 Hindi Chapter 5 Notes

  • Dost Ki Poshak's notes help students understand the core message of friendship and acceptance.

  • The chapter teaches that true friendship values a person’s inner qualities, not their appearance or clothing.

  • Notes simplify key events and messages, making it easier for students to remember important details.

  • Vedantu’s FREE PDF notes provide a convenient study tool, allowing students to review the chapter anytime.

  • These notes reinforce values of simplicity, respect, and authenticity in friendships, essential for young learners.


Tips for Learning the Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak

  • Begin by reading the story carefully to understand its main message about friendship, acceptance, and valuing inner qualities over appearance.

  • Focus on key events like the meeting of old friends, the market scene, and the conversation on true identity, as these highlight the core message.

  • Create brief notes on each important event to help with quick revision and remembering the story's flow.

  • Emphasise the moral lesson that true friendship is based on acceptance and respect, not on external appearance.

  • Refer to Vedantu’s FREE PDF notes for a clear summary and important points, which makes learning and revision easier.


Conclusion

Vedantu’s notes for Dost Ki Poshak provide a simple and clear understanding of this meaningful chapter on friendship and acceptance. By focusing on the main events and moral lessons, these notes help students remember the story’s flow and its message about valuing inner qualities over appearance. With Vedantu’s FREE PDF, students can easily review the chapter anytime, building a strong foundation in understanding genuine friendship and respect for others. These notes are a valuable tool for effective learning and revision.


Related Study Materials for Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak

S.No.

Important Links for Hindi Chapter 5 Dost Ki Poshak 

1

Class 4 Hindi Dost Ki Poshak Questions

2

Class 4 Hindi Dost Ki Poshak Solutions



Revision Notes Links for Class 4 Hindi (Rimjhim)

S.No

Chapter-wise Revision Notes for Class 4 Hindi (Rimjhim)

1

Chapter 1 - Mann Ke Bhole Bhale Badal Notes

2

Chapter 2 - Jaisa Sawal Waisa Jawab Notes

3

Chapter 3 - Kirmich Ki Gaind Notes

4

Chapter 4 - Papa Jab Bacche The Notes

5

Chapter 6 - Naav Bachao Naav Banao Notes

6

Chapter 7 - Daan Ka Hisaab Notes

7

Chapter 8 - Kaun Notes

8

Chapter 9 - Swatantrata Ki Aur Notes

9

Chapter 10 - Thapp Roti Thapp Daal Notes

10

Chapter 11 - Padhakku Ki Soojh Notes

11

Chapter 12 - Sunita Ki Pahiya Kursi Notes

12

Chapter 13 - Hudhud Notes

13

Chapter 15 - Muft Hhi Muft Notes



Important Study Materials for Class 4 Hindi

FAQs on Dost Ki Poshak (दोस्त की पोशाक) Class 4 Notes: CBSE Hindi (Rimjhim) Chapter 5

1: What is the main theme of Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak?

"दोस्त की पोशाक" का मुख्य विषय सच्ची दोस्ती और दोस्तों को उनके असली रूप में स्वीकारने का महत्व है, न कि उनकी बाहरी दिखावट पर निर्भर रहना।

2: Why does Nazeeruddin offer an achkan to his friend in Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak?

नसीरुद्दीन अपने दोस्त जमाल को अचकन इसलिए पहनाते हैं ताकि वह बाजार में बाहर जाते समय सहज और आत्मविश्वासी महसूस कर सकें।

3: How does Jamal feel when people mistake him for Nazeeruddin in the market?

Jamal feels uncomfortable and realises that people are recognising him based on his clothing rather than his true identity.

4: What lesson does Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak teach students?

The story teaches students that true friendship values a person’s inner qualities and character, not their outward appearance or clothing.

5: How can Vedantu’s notes help with understanding Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5  Dost Ki Poshak?

Vedantu’s notes provide a clear summary and highlight key points, making it easier for students to grasp the chapter’s message and remember important details.

6: Why is the concept of true identity important in the Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5  Dost Ki Poshak?

True identity is important in the story as it emphasises that people should be appreciated for who they truly are, not for how they look or what they wear.

7: What does Jamal learn from the market experience?

जमाल सीखते हैं कि असली पहचान कपड़ों से अधिक महत्वपूर्ण होती है और सच्ची दोस्ती में दिखावे का महत्व नहीं होना चाहिए।

8: How can students benefit from reading Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 5 Dost Ki Poshak?

Students can learn the value of accepting friends for their real character and understand that outer appearance is not what defines a person.

9: What values does Dost Ki Poshak promote among young readers?

The story promotes values of simplicity, acceptance, respect, and understanding in friendships.

10: Why is Dost Ki Poshak an important chapter in the Hindi Class 4 curriculum?

It is important as it teaches valuable life lessons on friendship, acceptance, and the importance of true identity, which are essential for young learners.

11: What is the role of clothing in the story?

माता-पिता इन नोट्स का उपयोग करके अपने बच्चों के साथ अध्याय के संदेश पर चर्चा कर सकते हैं, जिससे बच्चों को अपनापन और सम्मान जैसे मूल्य समझ में आएंगे।