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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Meera Ke Pad

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NCERT Solutions for Class 11 Chapter 10 Meera Ke Pad Hindi (Aroh) - FREE PDF Download

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Table of Content
1. Access NCERT Solutions For Hindi Class 11 Chapter 10 - मीरा के पद
2. Glimpses of Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 - Meera Ke Pad
3. Benefits of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Meera Ke Pad
4. CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Other Study Materials
5. Chapter-wise NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh
6. Important Related Links for CBSE Class 11 Hindi
FAQs

The NCERT Solutions for Class 11 Chapter 10: Meera Ke Pad from the Hindi (Aroh) textbook provide essential support for students studying the devotional poetry of Meera Bai, a renowned saint and poetess. This chapter features a selection of Meera's poems that express her deep love and devotion to Lord Krishna, reflecting her spiritual journey and struggles. Through her heartfelt verses, Meera embodies the themes of love, longing, and the quest for divine connection.


These solutions are aligned with the Class 11 Hindi syllabus and offer clear explanations, summaries, and discussions on the key themes presented in the poems, helping students gain a deeper understanding of Meera Bai's message and significance in Indian literature. Students can easily access the FREE PDF download of the NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Aroh) by visiting the landing page here. With structured answers and expert guidance, these solutions not only simplify the study process but also prepare students effectively for their exams, making them a valuable resource for mastering the chapter and appreciating the richness of Hindi literature.


Glance on Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 10 - Meera Ke Pad

Chapter 10, "Meera Ke Pad," features the devotional poetry of Meera Bai, a celebrated saint and poetess in Indian literature. Here’s a brief overview of the chapter:

  • Content Overview: The chapter includes selected verses (pad) by Meera Bai that express her unwavering love and devotion to Lord Krishna. Her poetry reflects her deep spiritual connection and the challenges she faced in a patriarchal society.

  • Themes of Devotion and Love: Meera's poems emphasise the themes of intense devotion, longing for the divine, and the transformative power of love. She portrays her relationship with Krishna as deeply personal and emotional.

  • Character of Meera Bai: The chapter presents Meera as a strong and independent woman who defied societal norms to express her spirituality. Her character embodies resilience, courage, and unwavering faith.

  • Cultural Context: Meera's poetry is rooted in the Bhakti movement, which advocated for personal devotion to God and rejected caste and religious barriers. The chapter highlights the cultural and spiritual significance of this movement in Indian history.

  • Emotional Resonance: The verses evoke powerful emotions, inviting readers to experience Meera's spiritual journey and her heartfelt expressions of love for Krishna. This emotional depth engages readers and encourages reflection on their own beliefs.

  • Lessons on Faith and Spirituality: Through Meera's poetry, the chapter teaches important lessons about faith, the pursuit of truth, and the importance of connecting with the divine on a personal level.

Access NCERT Solutions For Hindi Class 11 Chapter 10 - मीरा के पद

अभ्यास- पद के साथ

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पद के साथ:1

1. मीरा कृष्ण की उपासना किस रूप में करती हैं? वह रूप कैसा है? 

उत्तर: मीरा कृष्ण की उपासना पति रूप में करती हैं| वे स्वयं को पत्नी व अपने आराध्य श्रीकृष्ण को पति मानती हैं| उनके श्रीकृष्ण मोर- मुकुट को धारण किए हुए हैं, पर्वत को धारण किए हुए गिरिधर गोपाल हैं| वे श्रीकृष्ण को ही अपना सब कुछ मानती हैं और कहती हैं कि उनके सिवा मेरा कोई नहीं है|

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के साथ:2

2. भाव व शिल्प- सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-

(क) अंसुवन जल सींचि- सींचि, प्रेम- बेलि बोयी

अब तो बेलि फैलि गयी, आणंद- फल होयी

उत्तर: भाव सौंदर्य: मीराबाई अपने आराध्य श्रीकृष्ण के प्रति भक्तिरस में डुबी हुई एवं भक्ति की पराकाष्ठा तक पहुँच कर कहती हैं कि उन्होंने श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम रूपी बेल बोया है, जो तमाम सामाजिक, शारीरिक, मानसिक यातना, कष्ट और पीड़ा से अर्थात् उनके आंसू रूपी जल से और अधिक पल्लवित होती गयी अर्थात् विभिन्न बाधाएं कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को और गहराती गयीं| इस प्रकार वह प्रेम रूपी बेल अब तो बिना किसी की परवाह किए बस फैलता ही जा रहा है| वे मानतीं हैं कि इस प्रेम रूपी बेल का फल आनंद रूपी होगा, जो उन्हें असीम आनंद से भर देगा|

शिल्प सौंदर्य: प्रस्तुत पद में कवयित्री मीराबाई ने राजस्थानी हिंदी का प्रयोग किया है| उन्होंने जनभाषा में अपने आस- पास से उदाहरण लेते हुए सहज रूप में भावनाएँ व्यक्त की हैं| उन्होंने प्रकृति से उपमान लेते हुए कृष्ण के प्रति प्रेम को बेल के माध्यम से प्रस्तुत किया है| पद्यांश में रूपक अलंकार का प्रचुर प्रयोग हुआ है| जैसे- प्रेम- बेलि, आणंद- फल, अंसुवन- जल| पद्यांश में पुनरुक्ति- प्रकाश अलंकार का भी प्रयोग हुआ है; जैसे- सींचि- सींचि| इस प्रकार यह पद्यांश शिल्प की दृष्टि से उत्कृष्ट है|

(ख) दूध की मथनियाॅं बड़े प्रेम से बिलोयी

दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दही छोयी

उत्तर: भाव सौंदर्य: प्रस्तुत पद्यांश में मीराबाई भक्ति व प्रेम को जीवन का सार- तत्व बताते हुए उसे घी या मक्खन के समान बताती हैं| वे कहती हैं कि उसे प्राप्त करने के लिए ख़ुद को दूध रूपी भक्ति में बड़े प्रेम से ख़ुद को डुबाना पड़ता है, ख़ुद को ईष्ट के प्रति समर्पित करना पड़ता है| इस समर्पण में बहुत- सी सांसारिक बाधाएं आती हैं, जिन्हें दूध के अनुपयोगी तत्व  छाछ के समान त्यागकर, सिर्फ़ प्रेम के अमृत और सार- तत्व को मक्खन के समान ग्रहण करना चाहिए| इस प्रकार, प्रस्तुत पद्यांश में कवयित्री भक्ति में ख़ुद को बिलोकर, जीवन के सार को ग्रहण करने की बात कहती हैं|

शिल्प सौंदर्य: प्रस्तुत पद्यांश में कवयित्री मीराबाई सहज, सरल  भाषा में सामान्य जनजीवन से उदाहरण लेकर भक्ति व जीवन के सार- तत्व को समझाया है| वे दूध, छाछ, घी आदि को उपमान के रूप में प्रयोग करके भक्ति को स्पष्ट करतीं हैं| यह पद व्यंजना शब्द- शक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है| इस पद में ब्रज, राजस्थानी व हिंदी शब्दों का प्रयोग हुआ है| 'घृत' जैसे तत्सम शब्द का भी प्रयोग किया गया है| इस प्रकार, शिल्प की दृष्टि से यह बहुत उत्तम पद है|

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पद के साथ:5

3. मीरा जगत को देखकर रोती क्यों हैं? 

उत्तर: मीरा जगत को देखकर इसलिए रोती हैं क्योंकि वे देखती हैं कि किस प्रकार लोग सांसारिक मायाजाल में फंसकर अपने जीवन को व्यर्थ गंवा रहे हैं| वे मानती हैं कि जीवन की सार्थकता सिर्फ़ श्रीकृष्ण की भक्ति में है| स्वयं को तारणहारी श्रीकृष्ण के प्रति समर्पित करके, उनके प्रेम में डूबकर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है| इसलिए जब वे लोगों को सांसारिक सुख- दुख, मोह- माया, लोभ, ईर्ष्या, बैर आदि में लिप्त होकर, जीवन व्यर्थ गंवाता देखती हैं तो बहुत आहत होती हैं|

PAGE 138, प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास:1

1. कल्पना करें, प्रेम- प्राप्ति के लिए मीरा को किन- किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा? 

उत्तर: मीरा को कृष्ण का प्रेम प्राप्त करने के लिए अनेक स्तरों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा| एक तो वे एक मध्य- युग की स्त्री थीं| उस समय महिलाओं को घर से बाहर जाने तक की अनुमति नहीं थी |पर मीरा घर से बाहर घूम- घूमकर कृष्ण के प्रति प्रेम में डूबी थीं| मध्ययुग में जब महिलाओं को बिना उनकी मर्ज़ी के शादी कर दी जाती थी और पति व घर-बार संभालना जीवन का लक्ष्य तय कर दिया जाता है, तब उस समय में मीरा अपने पति को छोड़कर, घर-बार त्याग कर एक अन्य पुरुष श्री कृष्ण से प्रेम करती हैं| इसलिए समाज द्वारा उन्हें बावरी व परिवार द्वारा कुलनासी भी कहा गया| इस तरह, उन्हें परिवार, समाज, पति सबके द्वारा प्रताड़ना सहना पड़ा होगा| एक राजसी परिवार की बहू और एक स्त्री होने के नाते उन्हें दोगुना उत्पीड़ित किया गया होगा|

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास:2

2. लोक- लाज खोने का क्या अभिप्राय है? 

उत्तर: लोक- लाज खोने का अभिप्राय है कि लोक यानि समाज द्वारा बनाए कायदों को भूलना| प्रत्येक समाज को संगठित करने के लिए, उसी के द्वारा कुछ नियम बनाए गए हैं| जैसे- विवाह- संस्था, परिवार- संकल्पना आदि| इन सामाजिक- नियमों में कुछ तो तार्किक लगते हैं परंतु कुछ पितृसत्तात्मक- ब्राह्मणवादी मानसिकता की उपज प्रतीत होते हैं| इसी क्रम में,जब हम भारत के परिप्रेक्ष्य में इन नियमों की नींव में झाँकते हैं तो पाते हैं कि स्त्री को हमेशा से दोयम दर्ज़ा दिया गया है| उसे घर की चारदीवारी में रहने व घर-बार परिवार को संभालने को उसके जीवन का परम लक्ष्य बना दिया गया है| ऐसे में, जब कोई स्त्री अपने अधिकार के लिए उसे चुनौती देती है तो भी उसे कह दिया जाता है कि वह लोक- लाज खो बैठी है| ऐसा ही मीरा के साथ भी हुआ| परंतु सामान्य अर्थ में, लोकलाज खोने का मतलब है कि समाज द्वारा बनाए गए नियमों का उल्लंघन करना|

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास:3

8. मीरा ने ' सहज मिले अविनासी' क्यों कहा है? 

उत्तर: मीरा ने कृष्ण को ' सहज मिले अविनासी' कहा है क्योंकि श्रीकृष्ण अविनाशी, चिरंजीवी व शाश्वत हैं| वे सदैव अमर हैं एवं उन्हें कोई नहीं मार सकता| वे मानती हैं कि ऐसे अविनाशी, अमर ईश्वर को सहज भक्ति द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है| उन्हें प्राप्त करने के लिए बहुत तप, हठ व पाखंड की आवश्यकता नहीं है| वे तो सिर्फ़ भक्त के प्रेम, समर्पण व लगाव से सहज ही मिल जाते हैं| इसलिए मीरा श्रीकृष्ण को 'सहज मिले अविनासी' कहती हैं|

11:1:12: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास:4

9. लोग कहै, मीरां भइ बावरी, न्यात कहै कुल- नासी- मीरा के बारे में लोग ( समाज) और न्यात ( कुटुंब) की ऐसी धारणाएँ क्यों हैं? 

उत्तर: मीरा के बारे में लोग और परिवार की ग़लत धारणाएँ हैं| इसके पीछे कई कारण हैं| समाज उन्हें बावरी कहता है क्योंकि वे सांसारिक मोहमाया, धन, लाभ राजसी ठाट- बाट आदि त्याग कर आध्यात्मिक प्रेम को अपने जीवन का लक्ष्य बना ली हैं एवं उसी में जीवन की सार्थकता समझती हैं| जबकि समाज भौतिक लाभ प्राप्त करने की होड़ में लगा है| इसीलिए वह मीरा को बावरी कहता है| परिवार या कुटुंब मीरा को कुलनासी कहता है क्योंकि मीरा एक राजसी परिवार में ब्याही गई थीं और राजसी परिवार की और अधिक इज़्ज़त,ठाट- बाट, और मर्यादा होती है| परंतु, मीरा इन सबको छोड़ कर, अपने कुल की बिना परवाह किए जगह- जगह कृष्ण की भक्ति में रमने लगीं| इसलिए कुटुंब ने उन्हें कुलनासी कहा|


Glimpses of Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 - Meera Ke Pad

Aroh Class 11 Chapter 10 is Meera Ke Pad by 16th-century Bhakti Saint Mirabai. She is a well-known devotee who wrote many poems in love and devotion to Lord Krishna. Mirabai was a mystic poet who was in a quest to meet the Almighty. She considered Lord Krishna as her husband and beloved, and in most of her poems, we find her complaining over the frustration that her husband isn't physically present with her.


Meera Ke Pad by Mirabai prescribed for Class 11 has two parts wherein one Mirabai is seen talking to her husband, Lord Krishna. She has left all the worldly affairs and does not care about what people say about her relationship with Krishna, she considers herself as a Daasi of Krishna and yearns for Moksha from Krishna. In the second part, she admits that she is madly in love with her husband and does not care what people think of her. It entails the use of Shringar Rasa where Mirabai says that she wants to connect to God leaving all worldly ties behind.


Benefits of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Meera Ke Pad

  • Deep Understanding: The NCERT Solutions provide clear and detailed explanations of the themes, symbols, and messages in "Meera Ke Pad," helping students grasp the essence of Meera Bai's poetry effectively.

  • Expert Analysis: Developed by experienced educators, these solutions offer valuable insights into the cultural and historical context of Meera Bai’s life and her contributions to Indian literature.

  • Structured Format: The solutions present organised answers to important questions, making it easier for students to study and review the material systematically.

  • Critical Thinking Skills: Engaging with the solutions encourages students to analyse the deeper meanings of Meera's verses, fostering critical thinking about spirituality and devotion.

  • Improvement in Language Skills: The solutions help enhance vocabulary and grammar by breaking down Meera's poetic language, allowing students to improve their Hindi language proficiency.

  • Convenient Access: NCERT Solutions are readily available online, providing students with easy access to study materials whenever they need them.

  • Confidence Building: By thoroughly covering all key aspects of the chapter, these solutions help students approach exam questions with confidence, knowing they are well-prepared.

  • Relatable Examples: The solutions include examples that connect the themes of Meera's poetry to real-life situations, helping students understand their relevance in today's context.


NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 10 - Meera Ke Pad serve as an invaluable resource for students studying the profound poetry of Meera Bai. These solutions provide clear explanations and structured answers, enabling students to understand the themes of devotion, love, and spirituality deeply. By engaging with these solutions, students can enhance their language skills, build confidence for exams, and connect the teachings of Meera Bai to their own lives. Overall, these resources not only aid in mastering the chapter but also foster a greater appreciation for the rich legacy of Hindi literature and the timeless messages of faith and devotion that Meera Bai represents.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Meera Ke Pad

1. What Weightage of Marks Does Hindi add to our Total Percentile?

If you study well for your exams you can easily score 90+ in your final exams. Hindi does not require the time and efforts you put into your core subjects like Science or Commerce; a little would also do well. But it would help if you are assured that you thoroughly read all the content that NCERT Solutions provide you with, and practise the questions given as they are for your knowledge and benefit. Always remember that if Hindi can instantly increase your percentile graph, it can go vice versa too. If you do not study, give time to the subject and take it for granted. So, divide your time wisely and focus on the subjects that can get you easy scores.

2. What are the Advantages of Using Vedantu NCERT Solutions While Studying?

If you use Vedantu NCERT Solutions, especially Class 11 Aroh Chapter 10 solution, as your study material, you don't have to refer to other books or online sites. Vedantu provides you with sufficient study material necessary to pass your exams with flying colours and strictly adheres to CBSE pattern while compiling the PDFs. You need to download it, and you get all the much-needed material at one place.

3. What is the Essence of Class 11 Chapter 10 Meera Ke Pad?

Class 11 Hindi poem Chapter 10 Meera ke Pad is a poem written in rhyming couplets by mystic poet Mirabai where she talks about her love for Lord Krishna. She has considered Krishna as her husband from her childhood and has given up on all the worldly ties and materialistic things and yearns to meet Krishna someday. Her motive in life is to dive deep into the prayers of Krishna and ultimately achieve salvation. She instructs her readers to follow the path of truth, eternal love, and beauty to meet the Almighty and get rid of all the worldly desires that deviate you from the path of salvation.

4. What is chapter 10 of the class 11 Hindi Aroh textbook?

The title of Chapter 10 is Meera Ke Pad. Written in the form of a poem, it was sung by Mirabai. Mirabai was one of the prominent Bhakti saints living in mediaeval India. She was born in a royal Rajput family and was a mystic poet. The poem is her expression of love and devotion for Lord Krishna. The poem was sung in the Braj language. The poem consists of two stanzas and both are filled with her intense devotion.

5. What do you understand after reading the first stanza of Meera ke Pad?

Meera ke Pad is a poetic representation of the songs Mirabai used to sing in her devotion to Lord Krishna. She was married to Rana in a royal Rajput family. But she left her house and family. She worshipped Lord Krishna as her husband and her family and she spent all her time reminiscing about him. Lord Krishna, her husband, wears a peacock's feather in his head. And as she spends all her time with her Lord, no one's happier and satisfied than her.

6. What is the meaning of the second pad in Meera ke Pad?

The second pad of the poem depicts what society's impression of Mirabai was. It shows how Mirabai forgot the world and danced expressing her love for Lord Krishna. How she drifted away from the world and found solace in the worship of Lord Krishna. People called her mad and believed that she had brought disrepute to her clan. How she was poisoned by Rana and how the Lord saved her. But all that Meera found in her devotion was the truth; she was miles away from the worldly desires that people were seeking.

7. How can I better prepare the chapter Meera ke Pad?

The chapter Meera ke Pad is one of the songs Mirabai sang expressing her love and devotion to her Krishna. The song is written in the chapter in the form of a poem. Read the poem and form a basic idea of what the poem is trying to tell you. Write the summary of each stanza in simple language. Practice writing the words several times to memorise their spellings. Practise the questions given in the chapter and revise again and again.

8. Where can I find solutions for the chapter Meera ke Pad?

Meera ke Pad is a poem included in your class 11th textbook. The poem is written in an easy-to-understand language and various questions are included in the textbook to check your understanding. Write answers to the questions on your own and then check the answers provided online. Analyse the answers to see if you have missed an important point or have not answered the question as per its demand. Vedantu is a great website where you can find answers presented in a way that helps you address the core demand of the questions. Download the NCERT Solutions of this chapter to score high marks in exams from the Vedantu website.

9. What literary devices are commonly found in Meera's poems?

Common literary devices in Meera's poems include metaphors, similes, imagery, and repetition to enhance emotional impact.

10. How does Meera's poetry reflect her personal struggles?

Meera's poetry reflects her struggles with societal norms, family opposition, and her quest for spiritual freedom.

11. What role does spirituality play in Meera Ke Pad?

Spirituality is central to Meera's poetry, as her love for Krishna transcends physical boundaries, highlighting the importance of inner devotion.

12. Can you explain the significance of Bhakti in Meera's poetry?

Bhakti, or devotional love, is significant in Meera's poetry as it represents her unwavering faith in Krishna and her rejection of materialistic concerns.

13. How does the language used in Meera Ke Pad contribute to its beauty?

The simple yet profound language used in Meera Ke Pad adds to its beauty, making it accessible while conveying deep emotions.

14. What is the impact of Meera's poetry on modern literature?

Meera's poetry has influenced modern literature by promoting themes of love, devotion, and challenging societal norms, inspiring many contemporary poets.

15. Are there any notable lines from Meera Ke Pad that stand out?

Yes, many lines from Meera Ke Pad resonate with readers for their emotional depth and spiritual essence, reflecting her devotion and longing for Krishna.

16. How can studying Meera Ke Pad benefit students?

Studying Meera Ke Pad helps students appreciate Hindi literature, understand the depth of Bhakti poetry, and explore themes of love and devotion.