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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 Miyan Nasirudden

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NCERT Solutions for Class 11 Chapter 2 Miyan Nasirudden Hindi (Aroh) - FREE PDF Download

The NCERT Solutions for Class 11 Chapter 2: Miyan Nasirudden from the Hindi (Aroh) textbook provide important help for students studying this interesting story by Krishna Sobti. The chapter tells the humorous and insightful tale of Miyan Nasirudden, highlighting his cleverness and wit in dealing with various situations. Aligned with the Class 11 Hindi syllabus, these solutions offer detailed explanations, summaries, and discussions on the key ideas in the text, helping students understand the story better.

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Table of Content
1. Access NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 Miyan Nasirudden
2. Benefits of NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 2 Miyan Nasirudden
3. CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 Other Study Materials
4. Chapter-wise NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh
5. Important Related Links for CBSE Class 11 Hindi
FAQs


Students can easily access the FREE PDF download of the NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Aroh) by visiting the landing page here. With clear answers and expert guidance, these solutions not only make studying easier but also prepare students effectively for their exams, making them a valuable resource for mastering the chapter and enjoying Hindi literature.


Glance on Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 2 - Miyan Nasirudden

  • Written by Kishna Sobti, Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 2 - Miyan Nasirudden  revolves around Miyan Nasirudden, a clever and witty man known for his humorous antics.

  • The narrative follows Miyan Nasirudden as he navigates various situations, using his intelligence and humour to outsmart others and solve problems.

  • The chapter explores themes of wit, cleverness, and the power of humour in overcoming challenges and dealing with society.

  • The story is filled with funny incidents that highlight Miyan Nasirudden’s quick thinking and ability to turn situations to his advantage.

  • The character of Miyan Nasirudden reflects aspects of traditional storytelling, showcasing the role of humour in cultural narratives.

  • The chapter imparts lessons about the importance of wit and intelligence in facing life’s challenges, encouraging readers to think creatively.

Access NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 Miyan Nasirudden

11:1:2: प्रश्न अभ्यास- पाठ के साथ:1    

1. मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है? 

उत्तर: मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा माना जाता है, क्योंकि वह कोई साधारण नानबाई नहीं थे। वह एक खानदानी नानबाई थे और अपने पेशे को कला मानते थे। उनका खानदान वर्षों से इस काम में लगा हुआ था। सामान्य नानबाईयाँ सिर्फ रोटी बनाते थे परन्तु मियाँ नसीरुद्दीन को छप्पन प्रकार की रोटियां बनानी आती थी। उनके पास बात करने का अंदाज महान लोगों जैसा था। वह अन्य नानबाइयों में स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बताते थे, अतः नानबाइयों का मसीहा कहा गया है।


11: 1:2: प्रश्न- अभ्यास-पाठ के साथ:2

2. लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन की पास क्यों गई थी?

उत्तर: लेखिका मियाँ नसीरुद्दीन के पास एक पत्रकार के पद से गयी थी। लेखिका नानबाई की रोटी बनाने की कला की जानकारी प्रकाशित करना चाहती थी। जिससे लोग उनकी रोटी बनाने की कला को जाने तथा अन्य लोगों को बता सके कि वो छप्पन तरह की रोटियां बनाने में माहिर थे।


11:1:2: प्रश्न-अभ्यास- पाठ के साथ: 3

3. बादशाह के नाम का प्रसंग आते ही लेखिका की बातों में मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी क्यों खत्म होने लगी ?

उत्तर: बादशाह का नाम आते ही मियाँ नसीरुद्दीन की दिलचस्पी लेखिका की बातों में खत्म होने लगी क्योंकि वो किसी बादशाह का नाम तक नहीं जानते थे सिर्फ सुनी-सुनाई बातें कर रहे थे। उनके तथ्य में कोई सच्चाई नहीं थी। वो बस डींगे मार रहे थे किसी बात को प्रमाणित नहीं कर सकते थे। उन्होंने ये बताया कि उनके परिवार के लोग बादशाह के बावर्ची थे परन्तु वे अपनी बात को साबित नहीं कर पाए। जब लेखिका ने बादशाह का नाम पूछा तो वे बेरुखी से बात करने लगे।


11:1:2: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के साथ: 4

4. मियाँ नसीरुद्दीन के चेहरे पर किसी दबे हुए अंधड़ के आसार देख यह मज़मून न छेड़ने का फ़ैसला किया-इस कथन के पहले और बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए इसे स्पष्ट कीजिए?

उत्तर: जब लेखिका ने मियाँ नसीरुद्दीन से बादशाह का नाम पूछा तो वे बेरुखी दिखाने लगे और जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद लेखिका ने बहादुर शाह ज़फर का नाम लिया तो उन्होंने कहा की उन्ही का नाम लिखा दीजिये। मियाँ नसीरुद्दीन सही जवाब नहीं दे पाने के कारण परेशान हो गए और चिढ़ने लगे इसलिए उसे नज़र अंदाज़ करने के लिए अपने कारीगर बब्बन मियाँ को भट्ठी सुलगाने का आदेश दिया। लेखिका ने उनसे पूछा कि कारीगर लोग क्या आपकी शागिर्दी करते हैं? तो मियाँ नसीरुद्दीन नाराज़ हो गए और बोले की सिर्फ शागिर्दी ही नहीं करते है। मई उन्हें दो रुपये मन आटा और चार रुपये मन मैदा के हिसाब से इन्हें गिन-गिन कर मजदूरी भी देता हूँ। लेखिका ने उनसे कुछ रोटियों के नाम पूछे तो मियाँ नसीरुद्दीन ने पल्ला झाड़ने के लिए कुछ रोटियों के नाम गिना दिए । मियाँ को कुढ़ता और चिढ़ता देख लेखिका उनके बेटे-बेटियों के बारे में पूछने से किनारा कर लिया। पर उनके चेहरे पर बेरुखी देखी तो उन्होंने उस विषय में कुछ न पूछना ही ठीक समझा।


11:1:2: प्रश्न-अभ्यास- पाठ के साथ:5

5. पाठ में मियाँ नसीरुद्दीन का शब्दचित्र लेखिका ने कैसे खींचा है?

उत्तर: मियाँ नसीरुद्दीन सत्तर वर्ष की आयु के हैं। लेखिका ने मियाँ नसीरुद्दीन का शब्दचित्र कुछ इस प्रकार खींचा है – लेखिका ने जब दुकान के अंदर झाँका तो पाया मियाँ चारपाई पर बैठे बीड़ी का मजा़ ले रहे हैं। मौसमों की मार से पका चेहरा, आँखों में काइयाँ भोलापन और पेशानी पर मँजे हुए कारीगर के तेवर।


11:1:2: प्रश्न-अभ्यास- पाठ के आसपास:1

6. मियाँ नसीरुद्दीन की कौन-सी बातें आपको अच्छी लगीं?

उत्तर: मियाँ नसीरुद्दीन की निम्न बातें हमें अच्छी लगी:-

  1. उनका आत्मविश्वासी व्यक्तित्व |

  2. वे काम को अधिक महत्व देते हैं। बातचीत के दौरान भी, वे पूरी तरह से अपने काम पर केंद्रित होते हैं। 

  3. वे अपने छात्रों का अन्य आचार्यों की तरह शोषण नहीं करते, बल्कि उन्हें काम सिखाकर अच्छा वेतन भी देते हैं

  4. मियाँ नसीरुद्दीनन बाई एक कलाकार हैं, जो 56 प्रकार की रोटियां बनाने में माहिर हैं।

  5. रोटी बनाने के साथ-साथ बातचीत में भी कुशल हैं।

  6. अपने काम का उन्हें इतना गहरा ज्ञान है कि उसने उन्हें गर्व से भर दिया है। लोग प्रायः अपने काम को इतने गर्व से नहीं लेते हैं। काम उनके लिए पैसे कमाने का जरिया है।


11:1:2: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास: 2

7. तालीम की तालीम ही बड़ी चीज़ होती है- यहाँ लेखक ने तालीम शब्द का दो बार प्रयोग क्यों किया है? क्या आप दूसरी बार आए तालीम शब्द की जगह कोई अन्य शब्द रख सकते हैं ? लिखिए।

उत्तर: यहाँ तालिम शब्द का दो बार इस्तेमाल किया गया है। पहला "तालीम" का अर्थ शिक्षा या प्रशिक्षण है और दूसरा "तालीम" का अर्थ है "आचरण करना" या "पालन करना"। कथन का अर्थ है कि जो शिक्षा ली जानी है, उसे अपने आचरण में मानना या लाना अधिक महत्वपूर्ण है। दूसरी बार आये "तालीम के स्थान पर 'पालन' शब्द का प्रयोग कर सकते हैं।


11:1:2: प्रश्न- अभ्यास- पाठ के आसपास: 3

8. मियाँ नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के हैं, जिसने अपने खानदानी व्यवसाय को अपनाया। वर्तमान समय में प्रायः लोग अपने पारंपरिक व्यवसाय को नहीं अपना रहे हैं। ऐसा क्यों?

उत्तर: मियाँ नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के हैं, पहले उनके दादा थे, अलान बाई मियां कल्लन, दूसरे उनके पिता मियां बरकतशाही। आजकल लोग अपने पारंपरिक व्यवसाय को नहीं अपनाना चाहते है क्योंकि:-

  1. पुराने व्यवसायों से आय अब बहुत कम है, जो जीवित रहने के लिए बहुत मुश्किल है।

  2. नई तकनीक और रुचियों में बदलाव के कारण, नए व्यवसाय शुरू हुए हैं, जिनकी उच्च आय है। 

  3. शिक्षा के प्रसार के कारण सेवा क्षेत्र में वृद्धि हुई है। अब यह क्षेत्र उद्योग और कृषि क्षेत्र से बड़ा हो गया है। पारंपरिक व्यवसायों के लिए बाजार में बने रहना बहुत मुश्किल हो गया है।


11: 1:2: प्रश्न -अभ्यास- पाठ के आसपास: 4

9. मियाँ, कहीं अखबारनवीस तो नहीं हो? यह तो खोजियों की खुराफ़ात है - अखबार की भूमिका को देखते हुए इस पर टिप्पणी करें।

उत्तर: मियाँ नसीरुद्दीन कहते हैं कि अखबार बनाने वाला और अखबार पढ़ने वाला दोनों ही निठल्ले हैं। उनका नजरिया गलत है। वे उन्हें खोजियों की खुराफात कहते हैं, उनका ये कथन बिलकुल सही है। पत्रकार नए तथ्यों को खोजते है तथा उन्हें प्रकाशित करके प्रकाश में लाते हैं। वे नयी-नयी खोजें प्रकाशित करके नए-नए ज्ञान का प्रसार करते हैं। परन्तु जब यही अखबार बेवजह और भ्रामक खबरे फैलाते हैं तो ये खुराफात लगती है। उनके सनसनीखेज ख़बरों से शांति ख़त्म होती है।


 11:12: प्रश्न- अभ्यास- पकवानों को जानें: 1 

10. पाठ में आये रोटियों के अलग-अलग नामों की सूची बनाये और इनके बारे में जानकारी प्राप्त करें। 

उत्तर: पाठ में आये अलग-अलग रोटियों के नाम निम्नलिखित है:- 

  1. बाकरखानी- यह रोटी हल्की मीठी होती है। इसमें मैदा, सूजी, अंडा, चीनी, दूध, घी तथा नमक का प्रयोग किया जाता है। सबको साथ में गूंथकर एक घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है। जिससे उसमे खमीर उठता है। इसके बाद उसे तंदूर में बनाया जाता है।

  2. रुमाली- यह रुमाल की तरह पतली होती है। इसमें मैदा, आटे तथा दूध का प्रयोग करके बनाया जाता है।

  3. शीरमाल- इस रोटी का स्वाद मीठा होता है तथा इसमें केसर का स्वाद भी होता है। यह मैदा दूध, चीनी, तथा मेवे का प्रयोग किया जाता है। इसे तंदूर में पकाया जाता है। 

  4. ताफतान - ये शीरमाल की ही एक किस्म होती है इसे तंदूर में नहीं पकाया जाता है।

  5. खमीरी- इसमें आटा, नमक, चीनी, तथा घी का प्रयोग होता है। इसे भी तंदूर में पकाया जाता है।

  6. तुनकी- यह खाने में खस्ता होती है।


11:1:2: प्रश्न- अभ्यास- भाषा की बात: 1

1. तीन चार वाक्यों में अनुकूल प्रसंग तैयार कर नीचे दिए गए वाक्यों का इस्तेमाल करें।

  • पंचहजारी अंदाज़ से सिर हिलाया।

  • आँखों के कंचे हम पर फेर दिए।

  • आ बैठे उन्हीं के ठीये पर।

उत्तर: 

(क). मेरे एक दोस्त को नृत्य करना पसंद है। वह हर समारोह में आगे बढ़कर अपना नृत्य प्रदर्शित करता है। मैंने उसके बारे में एक बार कहा आजकल तुम्हारे ही चर्चे हैं " तो उसने मेरी बात पे बड़ी गंभीरता से अपना सिर पंचहजारी के अंदाज़ में हिला दिया।

(ख) एक बार उसने एक समारोह में अपनी तारीफ करनी शुरू करदी तभी मैंने अपने एक रिश्तेदार के बच्चे को मिले पुरस्कार के बारे में बताया तो उसने गुस्से में अपनी आँखों के कंचे मुझ पर फेर दिए।

(ग) हाँ, आवारागर्दी क्यों ना करता! क्या फ़र्क पड़ा उसे ? पिता स्वर्ग भी नहीं पहुँचे थे कि वो आ बैठे उन्हीं के ठीये पर।


11:1:2: प्रश्न- अभ्यास- भाषा की बात: 2

2. बिटर-बिटर देखना- यहाँ देखने के एक खास तरीके को प्रकट किया गया है? देखने- संबंधी इस प्रकार के चार क्रिया विशेषणों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए।

उत्तर: 

  1. टकटकी लगाकर देखना- मैंने पलट कर देखा तो वो टकटकी लगाकर इधर ही देख रहा था।

  2. घूर- घूर कर देखना- उसने सिर को थोड़ा सा हिलाया और उस गुंडे की तरफ देखा, अब भी वह घूर- घूर कर इधर ही देख रहा था।

  3. सहमी- सहमी आँखों से देखना- बेचारा खरगोश! बिल्ली का डर ऐसा समाया है कि देखो! अब तक कैसे सहमी- सहमी आँखों से देख रहा है।

  4. चोरी-चोरी देखना- पहली मुलाक़ात में तो दोनों एक दूसरे को बस चोरी-चोरी देखते रहे।


11:1:2: प्रश्न- अभ्यास-भाषा की बात: 3

3. नीचे दिए वाक्यों में अर्थ पर बल देने के लिए शब्द-क्रम परिवर्तित किया गया है। सामान्यतः इन वाक्यों को किस क्रम में लिखा जाता है? लिखें।

क) मियाँ मशहूर हैं छप्पन किस्म की रोटियाँ बनाने के लिए।

ख) निकाल लेंगे वक्त थोड़ा।

ग) दिमाग में चक्कर काट गई है बात।

घ) रोटी जनाब पकती है आँच से।

उत्तर: (क) मियाँ छप्पन किस्म की रोटियाँ बनाने के लिए मशहूर है।

(ख) थोड़ा वक़्त निकाल लेंगे।

(ग) बात दिमाग में चक्कर काट गई है। 

घ) जनाब! रोटी आँच से पकती है।


NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 2 – Miyan Nasiruddin

Introduction

Krishna Sobti is an eminent writer of her times who brought a fresh style of writing to Hindi literature. She was born on February 18, 1925, in Western Punjab which is now part of Pakistan. She passed away on January 25, 2019. Some of her most famous works include Zindaginama, Dilodanish, Ae Ladki, Samay Sargam (novel), Surajmukhi andhere ke (collection of stories), and Ham-Hashmat (memoirs). She has received many accolades and awards like Sahitya Academi Samman, Shalaka Samman from Hindi Academy, and many other national awards.


Krishna Ji is of the view that writing less brings out a special kind of creative writing. She earned her set of elite readers with her controlled and clean writing. She holds a special and permanent place in the Hindi literary world and has given many memorable characters like Mitro, Shahni, Hashmat, etc. Amongst all the classics written about India and Pakistan, Krishna Sobti’s works surely top the list. Her creation, “Zindaginama” holds the same high place in literature as the works of many prominent writers like Rahi Masoom Raza’s “Aadha Gaon”, Yashpal’s “Jhootha Sach”, and Bhishma Sahni’s “Tamas”.

In her memoirs, she has created a character Hashmat, who is her alter ego and presents her excellent experimental style of writing. The story presented here “Miyan Nasiruddin” is part of her Ham-Hashmat collection.

Miyan Nasiruddin

This story revolves around a hereditary baker, Miyan Nasiruddin. The writer has described the quirkiness and other specialities of this baker’s multidimensional personality through a funny anecdote. It explains how Miyan thought of his baking prowess as art and pompous about his capabilities to bake a huge variety of rotis.


One afternoon when the writer is roaming around Jama Masjid, she comes across a dark shop where a massive amount of dough was getting prepared. This piqued her curiosity, and she decided to go inside to find Miyan Nasiruddin enjoying a smoke on his bed. His face was shining with the attitude of an expert artist.


Initially, he thinks of her as a customer, but upon her way of asking, he realises she is a journalist. She asks him from where did he learn how to bake to which he replies arrogantly that it is in their tradition and he belongs to a family of bakers. He learned it from his father. She further asks him what lessons did he learn from his ancestors to which instead of replying to her, he starts counter questioning. The writer finds his talks out of place and weird, and he just keeps weaving words around inane talks.


The writer then tries to understand if there are other bakers around and is again met with the same arrogance where he replies that there are many but no one who has inherited it as a family tradition. He then tells her that his ancestors had once cooked a novel dish for a king but refuses to tell her what that special dish was. 


When she tries to know the name of the king for whom his ancestors worked, he starts giving roundabout answers and says a king’s name is king nothing else. The writer wants to know if he has kids, but the expressions on Miyan Nasiruddin’s face are so stern that she drops the idea of asking that question.


He tells the writer that he respects his subordinates and pays them for their work in the best possible manner. Miyan then loses interest in conversing with her so when she asks what kind of rotis were baked in his oven, he mechanically gives out some names like Sheermal, Bakar Khani, roomali, etc. to get rid of her. He lastly adds that there is no more such connoisseur of food that existed in the old days.


The writer is left very impressed with the passion and dedication of Miyan Nasiruddin to his profession.


Benefits of NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 2 Miyan Nasirudden

  • The NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 2 Miyan Nasirudden provide easy-to-understand explanations of the themes and characters in "Miyan Nasirudden," helping students grasp the story's essence.

  • Developed by experienced teachers, these solutions offer valuable insights into the author's message and the cultural context of the story.

  • The chapter-wise solutions present structured answers to important questions, making it easier for students to study and review.

  • Engaging with the solutions encourages students to analyse the humorous and clever aspects of the story, promoting critical thinking.

  • The solutions help enhance vocabulary and grammar through context, aiding students in improving their Hindi language proficiency.

  • NCERT Solutions are available online, allowing students to access them anytime for study and revision.

  • By thoroughly covering the chapter's key points, these solutions help students feel confident when answering exam questions.


NCERT Solutions for Class 11 Hindi (Aroh) Chapter 2 - Miyan Nasirudden are a great help for students studying this interesting story. These solutions provide clear explanations and organised answers, making it easier to understand the themes and characters. They also encourage critical thinking and improve language skills. With easy access to these solutions, students can prepare confidently for their exams. Overall, these resources make learning enjoyable and help students appreciate the richness of Hindi literature.


CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 Other Study Materials

S. No

Important Links for Chapter 2 Miyan Nasirudden

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Class 11 Miyan Nasirudden Questions

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Class 11 Miyan Nasirudden Notes


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FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 Miyan Nasirudden

1. Why did Miyan Nasiruddin lose interest in conversation when the writer asks him about which King did his ancestors work for?

Miyan Ji loses interest in the writer’s questioning when the topic turns towards the king’s name since he was not aware of it. He has only heard these stories from others, and the truth was that his ancestors never worked in the royal palace. That is why when the writer asks which special dish did their ancestor make for the king; he was unable to name it.

2. List out some of the good qualities of Miyan Nasiruddin as learned in this chapter.

Some of the good qualities of Miyan Nasiruddin’s personality which comes out in this excerpt are:

  • He is very enthusiastic and committed to his profession as a baker.

  • He respects people who work for him and never bungles in paying them.

  • He has a lot of confidence and answers all her questions without any hesitation or faltering.

3. How do I download NCERT Class 11 Solutions for Hindi Core आरोह भाग 1 Chapter 2 PDF?

Students can visit the page-NCERT Class 11 Solutions Chapter 2 for Hindi to download the NCERT Class 11 Solutions Chapter 2 for Hindi Core आरोह भाग 1 PDF for free. Apart from this, students can find different modules, study materials and guidance on Vedantu, so that the students can understand the literature concepts, solve other queries related to grammar and do well in their examinations.  Students can visit the Vedantu website.

4. How many chapters are there in NCERT Class 11 Hindi Aroh apart from Chapter 2?

There are a total of 16 chapters in the NCERT Class 11 Hindi Aroh book. All these chapters are beautifully written works of many prominent writers and poets and personas belonging to Indian art and literature. Each chapter has its own beauty and meaning and it is important to indulge yourself in all of those to get a better understanding of each chapter mentioned in the NCERT Class 11 Hindi Aroh book.

5. How much must I pay for the Solutions of NCERT Class 11 Hindi Chapter 2 Aroh?

No need to pay a dime. It is easily available and that too for free on the website of Vedantu after successful signup. Other features and modules can also be accessed by the students for a better chance at scoring good marks and taking help from the experts at Vedantu. The page to visit is-NCERT Class 11 Solutions Chapter 2 for Hindi, search it and explore the Vedantu site.

6. Who was Krishna Sobti in Chapter 2 of Class 11 Hindi?

Krishna Sobti was a Hindi-language fiction and essayist from India. She received her education in both Delhi and Shimla. Her family worked for the colonial British administration, and she went to school with her three siblings. She was an eminent writer and her works were often written in Punjabi and Urdu and her fictional works were bold and daring and she was always unapologetic about the boldness of her works.

8. What is the main theme of "Miyan Nasirudden"?

The main theme of "Miyan Nasirudden," written by Krishna, revolves around the cleverness and wit of the protagonist, showcasing how humour can be used to navigate life's challenges.

9. How do NCERT Solutions for "Miyan Nasirudden" assist students?

The NCERT Solutions provide detailed explanations of the chapter's themes, character analyses, and key events, helping students gain a deeper understanding of the narrative and its messages.

10. How can I use the NCERT Solutions for effective exam preparation?

Students can use the NCERT Solutions to review key themes, practice answering questions, and gain a better understanding of the author's intent, which helps improve confidence and performance in exams.

11. What literary devices are used in "Miyan Nasirudden"?

The chapter uses literary devices such as humour, irony, and satire to convey its messages and enhance the storytelling.

12. How does the character of Miyan Nasirudden reflect human nature?

Miyan Nasirudden’s cleverness and humorous outlook on life highlight the resourcefulness and resilience of individuals when faced with challenges.

13. How can the NCERT Solutions improve language skills?

The NCERT Solutions help enhance vocabulary and grammar through context-based learning, allowing students to improve their Hindi language proficiency while studying the chapter.