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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antral Chapter 1 - Surdas Ki Jhopdi

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Last updated date: 27th Mar 2024
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CBSE Class 12 Hindi Antral Important Questions Chapter 1 - Surdas Ki Jhopdi - Free PDF Download

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Study Important Questions for Class 12 Hindi पाठ १: सूरदास की झोपड़ी

लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1. कहानी "सूरदास की झोंपड़ी" किस उपन्यास का अंश है?

उत्तर: "सूरदास की झोंपड़ी" प्रेमचंद के एक उपन्यास रंगभूमि का अंश है।


2. इस कहानी में सूरदास सबसे ज्यादा किस बात से आहत है?

उत्तर: प्रस्तुत कहानी में सूरदास अपनी परिस्थिति से तो आहत है ही, लेकिन सर्वाधिक आहत है भैरों और जगधर द्वारा किए जा रहे अपमान से।


3. सूरदास की झोंपड़ी में किस समय आग लगी?

उत्तर: रात्रि के दो बजे सूरदास की झोंपड़ी में आग लगी और शोले भड़कने लगे।


4. सुभागी कौन थी?

उत्तर: सुभागी, गाँव में रहने वाले भैरों की अर्धांगिनी थी।


5. आग लगने के बाद सुभागी रात भर कहां छिपकर बैठी थी?

उत्तर: आग लगने के पश्चात सुभागी रात भर मंदिर के पीछे अमरूद के बाग में छिपकर बैठी थी।


लघु उत्तरीय (2 अंक)

6.   बजरंगी ने आग लगने के बाद सूरदास से क्या पूछा?

उत्तर: आग लगने के पश्चात बजरंगी ने सूरदास से पूछा "यह आग कैसे लगी सूरदास? कहीं तूने चूल्हे में आग तो नहीं छोड़ दी थी।


7. आग लगने के बाद पड़ोस के लोगों की प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: आग लगने के पश्चात पड़ोस के कुछ लोग आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। कोई पानी ला रहा था, तो कोई यूं ही शोर मचा रहा था। लेकिन अधिकतर लोग शांत खड़े होकर अग्निदाह को देख रहे थे। जैसे किसी दोस्त की चिताग्नि में आए हों।


8. आग में तबाह हुई वस्तुओं में किस वस्तु के लिए सूरदास सबसे ज्यादा दुखी था?

उत्तर: सूरदास को अपनी झोंपड़ी जलने का शोक न था। बर्तन इत्यादि जलने का भी उतना दुख न था। सूरदास को सर्वाधिक दुख अपनी पोटली जलने का था। जो की उसकी उम्र भर की कमाई हुई पूंजी थी।


9. सुभागी को किस बात का ज्यादा दुख था?

उत्तर: सुभागी यह बात जानती थी, की झोंपड़ी में आग भैरों ने लगाई थी। भैरों ने उस पर जो इल्जाम लगाया था उसकी उसे कोई खास चिंता नहीं थी क्योंकि वह जानती थी कि किसी को इस बात पर विश्वास नहीं होगा। सुभागी के मन में सबसे अधिक इस बात का दुख था की उसकी वजह से सूरदास का विनाश हो गया था।


10. सूरदास सुभागी के बारे में क्या सोच कर चिंतित हो रहा था?

उत्तर: सूरदास सोच रहा था की जो धन उसने कमाया था, वह शायद उसका था ही नहीं। मैं फिर से धन कमा लूंगा पर बेचारी सुभागी का क्या होगा। भैरों अब उसे अपने मकान में नहीं रखेगा, वह मारी-मारी फिरेगी। शायद यह इल्जाम भी मुझ पर ही लगना था।


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

11. सूरदास बैठे-बैठे अपनी झोंपड़ी के बारे में क्या सोच रहा था?

उत्तर: आग बुझाने के बाद जब सभी लोग वापस चले गए तो सूरदास अपनी जली हुई झोंपड़ी के पास बैठ गया और सोचने लगा की पोटली के साथ पैसे  नहीं जले होंगे। अगर सिक्के पिघल भी गए होंगे तो, चाँदी कहाँ जाएगी? मुझे क्या मालूम था कि आज यह मुसीबत आने वाली है, नहीं तो मैं वहीं पर सोता। अगर मैं वहीं सोता, तो झोंपड़ी के निकट कोई आता ही नहीं, अगर आग लगाता भी तो मैं सबसे पहले अपनी पोटली निकाल लेता।


12.सूरदास ने अपने जमा पूंजी को किस-किस कार्य में व्यय करने का सोचा था?

उत्तर: जब सूरदास की झोंपड़ी जलकर राख हो गई, और उसकी पोटली भी उसे नहीं मिली तब वह सोचने लगा की उसे अपनी जमा पूंजी से क्या-क्या करना था। वह गया जाकर अपने पुरखों का पिंड दान करना चाहता था ताकि उनसे छुटकारा पा सके। वह सोचता था की कहीं मिठुआ की सगाई ठहर गई हो तो करवा दूंगा। बहू घर आएगी तो एक रोटी सुख की खाने को मिलेगी। अपने हाथों का खाना खाते-खाते एक युग बीत गया था। और सोचता था कि मोहल्ले में एक कुआं भी खुदवा देगा।


13. निम्नलिखित वाक्यों में सही और गलत वाक्य चुनिए।

क) सूरदास ने अपनी झोंपड़ी में पांच सौ रुपए छुपा रखे थे।

उत्तर: सही।

ख) सुभागी सूरदास की पत्नी थी।

उत्तर: नहीं।

ग) जगधर ने सूरदास की पूंजी चुरा रखी थी।

उत्तर: नहीं।

घ) भैरों और जगधर भाई थे।

उत्तर: नहीं।

ड़) सूरदास के बेटे का नाम मिठुआ था।

उत्तर: सही। 

च) मेरे कारण इस पे बिपत पड़ी है। मैंने उजाड़ा है, मैं ही बसाऊंगी , ये कथन सुभागी के हैं।

उत्तर: सही।


14.निम्नलिखित कथन किसने किससे कहा है?

क) अब तो अंदर बाहर एक हो गया है। दीवारें जल रही हैं।

उत्तर: बजरंगी ने सूरदास से कहा।

ख) तुम क्या बिगड़ोगे, भगवान आप ही बिगाड़ देंगे। इसी तरह जब मेरे घर चोरी हुई थी, तो सब स्वाहा हो गया था।

उत्तर: ठाकुरदीन ने नायकराम से कहा। 

ग) हां सो रहूंगा, जल्दी क्या है !

उत्तर: सूरदास ने नायकराम से कहा। 

घ) मोहल्ले वाले तुम्हें भड़काएंगे, पर मैं भगवान से कहता हूं, मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता।

उत्तर: जगधर ने सूरदास से कहा।

ड़) हां, चुपके से दियासलाई लगा दी।

उत्तर: भैरों ने जगधर से कहा।

घ) तुम खेल में रोते हो।

उत्तर: मिठुआ के मित्र घिसू ने मिठुआ से कहा।


15. सुभागी ने प्रण करते हुए क्या बोला?

उत्तर: जगधर ने जब सुभागी से कहा कि मैंने वह थैला भैरों के हाथों में देखा था, तो सुभागी ने प्रण लेते हुए कहा, अब वो मुझे पीटे या घर से निकाल दे अब रहूंगी तो मैं उसी के घर में। कहां-कहां थैले को छिपाएगा, कभी ना कभी तो मेरे हाथ लगेगी। मेरी वजह से सूरदास पर बिपत पड़ी है। मैंने ही उजाड़ा है, मैं ही बसाऊंगी। जब तक इसका धन नहीं वापस दिला दूंगी, मुझे चैन नहीं आएगाI


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

16. तड़के सुबह जगधर सूरदास के पास आया तो दोनों के बीच किस बात पर चर्चा हुई?

उत्तर: अगले दिन जब तड़के सुबह जगधर सूरदास के पास आया तो उसने कहा - सूरदास सच कहना कहीं तुम्हें मेरे ऊपर तो संदेह नहीं है। मोहल्ले वाले तुम्हें भड़काना शुरू करेंगे पर मैं भगवान की सौगंध खाता हूं, मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता। उसके प्रश्नों के उत्तर में सूरदास ने कहा - तुम्हारे ऊपर मैं क्यों शंका करूंगा? कौन- सा मेरी तुम से दुश्मनी है। जो होना था वह हो चुका, कौन जाने किसने लगा दी या किसकी चिलम से उजड़ कर लग गई? हो सकता है चूल्हे में ही आग रह गई हो। बिना सोचे मैं किस पर शक करूं? मेरा दिल साफ है तुम्हारी ओर से I


17. गरीब की हाय जानलेवा होती है। जगधर के इस कथन पर भैरों ने सूरदास के विषय में क्या कहा?

उत्तर: जगधर के इस कथन पर भैरों भड़क गया व उसने सूरदास के विषय में कहा-की वह बहुत गरीब है। अंधा होने की वजह से कोई गरीब नहीं हो जाता है । जो व्यक्ति दूसरों की औरतों पर बुरी नज़र डाले, जो दूसरों को धन उधार देता हो, वह गरीब कैसे हो सकता है ? गरीब जो कहो तो तुम और हम हैं। पूरा घर ढूंढ लो , एक रुपया ना मिलेगा। ऐसे दुष्टों को गरीब नहीं कहते? अब भी मेरे हृदय का कांटा नहीं निकला। जिसने मेरी आबरू बिगाड़ दी, उसके साथ चाहे जितना बुरा कर लूं, मुझे बिलकुल पाप नहीं लग सकता।


18. भैरों को अचानक इतने रुपए मिल गए। जगधर यह सोच कर अपने द्वारा किए गए पाप-पुण्य को किस प्रकार तौल रहा था? 

उत्तर: जगधर को जब यह पता चला की भैरों को अनायास ही इतना धन मिल गया है, जगधर के मानो छाती पर सांप लोटने लगे। वह सोचने लगा की किस्मत इस प्रकार खुलती है। मुझे तो कभी भी कहीं एक भी  पैसा भी पढ़ा हुआ नहीं मिला। इसमें पाप - पुण्य की तो कोई बात कहा हैI वह अपनी अंतरात्मा मैं जाकर टटोलने लगा की मैं ही कौन दिन भर पुण्य करता हूंI  दमड़ी - छदाम - कौड़ियों के लिए दिन भर टेनी मारता हूं। तौल वाले बात खोटे रखता हूं, तेल की मिठाई को भी घी की कह कर बेचता हूं। ईमान गंवाने पर भी कुछ नहीं लगता। यह जानते हुए कि, यह काम बुरा है परंतु बच्चों के पाल - पोषण के लिए करना पड़ता है। भैरों ने अपना ईमान खोया तो कुछ ले कर आया, परंतु मैं अपना ईमान खाने के बाद भी गरीब ही हूं।


19. मेरे पास थैली - वैली कहां? थैली होती तो भीख मांगता? सूरदास अपनी जमा पूंजी के बारे में लोगों को क्यों नहीं बताना चाहता था?

उत्तर: सूरदास का मानना था की, एक अंधे भिखारी की गरीबी उतनी लज्जा की बात नहीं है जितनी कि उसके पास धन होना। जब लोगों को इस विषय के बारे में पता चलता की सूरदास के पास इतना धन है, उस वक्त लोगों की एक अंधे भिखारी के प्रति उनकी भावना बदल जाती। इसीलिए वह लोगों से अपनी आर्थिक हानि को छुपाए रखना चाहता था। वह जानता था कि भिखारियों के लिए धन इक्ट्ठा करना किसी पाप से कम अपमान की बात नहीं है। इसलिए जगधर द्वारा पूछे जाने पर - की भैरों के पास मौजूद थैली किसकी है? सूरदास ने जवाब दिया - मेरे पास थैली - वैली कहां? थैली होती तो भीख मांगता? होगी किसी और की। 


20. " तुम खेल में रोते हो। इस कथन को सुनने के बाद, किस प्रकार सूरदास के अंदर एक नई ऊर्जा भर गई? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: जब सूरदास अकेला बैठ कर रो रहा था, तभी सहसा अचानक वह चौक पड़ा। किसी ओर से आवाज़ आई - तुम खेल में रोते हो। शायद घिसु ने मिठुआ को मारा था और मिठुआ रो रहा था। सूरदास ग्लानि, चिंता और शोक के अपार गोते लगा रहा था। परंतु इस वाक्य से उसे महसूस हुआ, कि किसी ने उसकी कलाई पकड़ कर उसे किनारे पर खड़ा कर दिया है। वह सोचने लगा वाह! मैं खेल में रोता हूं। कितनी बुरी बात है। जब छोटे से बच्चे भी खेल में रोने को बुरा मानते हैं, तो मैं क्यों रोता हूं? सच्ची खिलाड़ी कभी रोते नहीं बाजी -  पर -  बाजी हार दे रहे, चोट -  पर -  चोट खाते रहे, धक्के - पर -  धक्का सहते रहे पर मैदान में डटे रहते हैं। उनकी हिम्मत उन्हें अकेला नहीं छोड़ती, दिल पर मालिन्य के छींटे भी नहीं आते ना किसी से जलते हैं ना किसी से डरते हैं बस खेलते रहते हैं। यही सोचकर सूरदास उठ खड़ा हुआ। उसमें एक नई ऊर्जा भर गई व अपनी विजय वर्ग की तरंग के जोश में रात को अपने दोनों हाथों से उड़ाने लगा।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antral Chapter 1 - Surdas Ki Jhopdi

1. Who is the author of Class 12 Hindi Antral Chapter 1 – Surdas Ki Jhopri?

Chapter 1 Surdas ki Jhopdi is written by Shri Prem Chand. There are mainly five important characters in this chapter. The chapter is very interesting and learning will be an absolute enjoyment. If students find any difficulty in understanding the chapter they can visit the Vedantu website or app and have a detailed explanation. Students will find it easier to learn the solutions which are in a simple language. The Vedantu NCERT Solutions are prepared by experts having in-depth knowledge of the subject.

2. What are the total number of questions asked from Class 12 Hindi Antral Chapter 1 – Surdas Ki Jhopdi?

There are a total number of seven questions in the chapter which the student has to answer appropriately. The method of the proper format of the answer can be learnt through the NCERT solutions of Chapter 1 of Class 12 Hindi where the correct format of answers is given. Students need not search for the answers and waste their time. The NCERT solutions are all prepared with lots of research, making it beneficial for the students.

3: Why does Bhairo see Surdas as his enemy?

Bhairo sees Surdas as his enemy because of his false pride. The pride and his attitude grew so much he just had one thing in mind to take revenge against Surdas who was a poor man. The only reason for his anger was that Surdas gave shelter to Bhairo's Wife when she came after a fight with Bahiro. This action of Surdas was not tolerable and he burnt the House of poor Surdas. Students can visit the Vedantu website for further and detailed information, questions and answers, important questions of the chapter, available free of cost..

4. Was Jagdhar a friend of Surdas?

No, Jagdhar was not a friend of Surdas. When he came to know that the Surdas's Hut was burnt by Bhairo, he went to his house. There he found that Bhairo not only burnt Surdas’s hut, he had also stolen Rs 500 from Surdas. Bhairo would lead his life peacefully and all his problems would be solved. This shows the jealousy nature of Jagdhar and not the nature of any friend. A true friend will always be with you in your ups and downs.

5. What made Bhairo’s wife go to Surdas hut and stay?

Bhairo’s wife Subhagi fought with Bahiro. This fight grew a little big which made Subhaghi go and take shelter at Surdas’s hut. Surdas was a nice person, polite and humble. He allowed her to stay at his hut. This made Bahiro get wild on Surdas and made sure in his mind to harm him. Human beings easily get angry and develop enmity for small reasons. This sometimes grows so big and it becomes a dangerous act.  The solution to this can be answered well after understanding the chapter. The story and the concepts are very simple and students should not have any difficulties in understanding the same.