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Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 - Miyan Nasiruddin

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Last updated date: 23rd Apr 2024
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CBSE Class 11 Hindi Aroh Important Questions Chapter 2 - Miyan Nasiruddin - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 - Miyan Nasiruddin prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions Class 11 Hindi Chapter 2 - मियाँ नसीरुद्दीन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                            (1 अंक)

1. परेशानी तथा तरेरा शब्द का अर्थ बताइए। 

उत्तर: पेशानी – माथा

तरेरा– घूरकर देखा


2. मियाँ ने रोटियां बनाना किससे सीखा था?

उत्तर: मियां ने रोटियां बनाने की कला अपने बुजुर्गों से सीखी।


3. बादशाह ने मियाँ के बुजुर्गों से कैसे पकवान बनाने को कहा?

उत्तर: बादशाह ने मियां के बुजुर्गों से बिना आग का प्रयोग करके तथा न पानी का प्रयोग करके पकवान बनाने को कहा।


4. मियाँ नसीरुद्दीन के अनुसार कौन सी रोटी पापड़ से महीन होती है?

उत्तर: मियां नसीरुद्दीन के अनुसार तुनकी रोटी पापड़ से महीन होती है।


5. शागिर्द के तीन पर्यायवाची बताइए।

उत्तर: शागिर्द के तीन पर्यायवाची–

  • विद्यार्थी

  • चेला

  • शिष्य


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                 (2 अंक)

1. अखबार बनाने वाले तथा अखबार बेचने वाले के लिए मियाँ के क्या विचार थे?

उत्तर: अखबार बनाने वाले व अखबार पढ़ने वालों के लिए मियां नसीरुद्दीन के विचार यह थे कि वह लोग निठल्ले होते हैं। जो लोग काम करते हैं उन्हें अखबार पढ़ने की जरूरत नहीं होती।


2. लेखिका विभिन्न प्रकार की रोटियां बनाने की कला जानकारी प्राप्त करने किसके पास गई थी?

उत्तर: लेखिका विभिन्न प्रकार की रोटियां बनाने की कला की जानकारी प्राप्त करने के लिए मियां नसीरुद्दीन के पास गई थी।


3. मियाँ नसीरुद्दीन अपनी किस पीढ़ी के नानबाई है? 

उत्तर: मियां नसीरुद्दीन तीसरी पीढ़ी के नानबाई है क्योंकि पहली पीढ़ी के नानबाई उनके दादा अलान बाई मियां कल्लन और दूसरी पीढ़ी के नाम भाई उनके पिता मियां बरकतशाही थे।


4. लेखक ने उनसे पूछा कि बुजुर्गों की कौन सी नसीहत उन्हें याद है तब मियाँ नसीरुद्दीन ने क्या कहा?

उत्तर: लेखिका ने उनसे जब पूछा कि उन्हें बुजुर्गों की कौन सी नसीहत याद है तो उन्होंने बुजुर्गों की नसीहत बताई कि काम करने से आता है किसी की नसीहत से नहीं।


5. मियाँ ने रोटियां बनाना सीखने से पहले क्या-क्या काम किया था?

उत्तर: मियां ने रोटियां बनाना सीखने से पहले कई प्रकार के कार्य सीखे जैसे– बर्तन धोना, भट्टी बनाना भक्ति को आंच देना।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                 (3 अंक)

1. बादशाह के बारे में पूछने पर जब मियाँ नसीरुद्दीन सही जवाब नहीं दे पाए तो क्या किया?

उत्तर: जब लेखिका ने मियां नसीरुद्दीन से बादशाह का नाम पूछा तो उन्हें बादशाह का नाम नहीं पता था उनके पास कोई भी प्रमाण नहीं था इसलिए उनकी दिलचस्पी जवाब देने में खत्म होने लगी और वह बेरुखी से दिखाने लगे। उनके सवाल को नजरअंदाज करने के लिए अपने कारीगर को आदेश देने लगे कि बट्टी सुलगाओ।


2. मियाँ नसीरुद्दीन के पास जाने के पीछे लेखिका का क्या उद्देश्य था? 

उत्तर: मियां नसीरुद्दीन के पास लेखिका का जाने का उद्देश्य यह था कि वह एक जाने-माने नानबाई थे जिन्हें 56 प्रकार की रोटियां बनानी आती थी वह अपने पेशे को अपनी कला मानते थे। लेखिका रोटियां बनाने की कला के बारे में मियां नसीरुद्दीन से जानकारी प्राप्त करना चाहती थी और लोगों को उनकी कला के बारे में बताना चाहती थी इसलिए वह मियां नसीरुद्दीन के पास गई।


3. नानबाई के संदर्भ में मियाँ नसीरुद्दीन की क्या पहचान थी?

उत्तर: नानबाई के संदर्भ में मियां नसीरुद्दीन की यह पहचान बताई गई कि वह कोई आम नानबाई नहीं थे बल्कि वह 56 प्रकार की रोटियां बनाना जानते थे और आम नानबाइयों को सिर्फ रोटी बनानी आती थी। उन्हे नानबाइयो का मशीहा कहा जाता था। वह एक खानदानी नानबाई थे और अपने पेशे को कला मानते थे।


4. जब लेखिका ने मियां नसीरुद्दीन से बादशाह का नाम पूछा तो मियाँ की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर: जब लेखिका ने मियां नसीरुद्दीन से बादशाह का नाम पूछा तो उन्हें बादशाह का नाम नहीं पता था उनके पास कोई भी प्रमाण नहीं था इसलिए उनकी दिलचस्पी जवाब देने में खत्म होने लगी और वह बेरुखी से दिखाने लगे। वह बस डींगे हाक रहे थे सुनी सुनाई बातें बता रहे थे। जब लेखिका ने उनके सामने बहादुरशाह जफर का नाम लिया तो उन्होंने कहा हां  यही नाम लिख दो।


5. पाठ में मियाँ नसीरुद्दीन का परिचय कैसे कराया गया है?

उत्तर: पाठ में मियां नसीरुद्दीन का परिचय अलग–अलग तरीकों से कराया है जैसे–

‘हमने जो अंदर झांका तो पाया, मियां चारपाई पर बैठे बीड़ी का मजा ले रहे हैं। मौसमो की मार से पका चेहरा आंखों से काइयां  भोलापन और परेशानी पर मंजे हुए कारीगर के तेवर। मियां नसीरुद्दीन की उम्र 70 वर्ष के आसपास होगी।”


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                          (5 अंक)

1. लेखिका ने जब मियांँ से पूछा कि कारीगर लोग “क्या आपकी शागिर्दी करते हैं?” तो मियाँ नसीरुद्दीन ने क्या जवाब दिया?

उत्तर: लेखिका ने जब मियां से पूछा कि कारीगर लोग “क्या आपकी शागिर्दी करते हैं” तो मियां नसीरुद्दीन में बताया कि “सिर्फ शागिर्दी ही नहीं करते हैं। मैं उन्हें दो रुपए मन आटा और चार रुपए मन मैदा के हिसाब से इन्हें गिन–गिन कर मजूरी भी देता हूं।” मियां नसीरुद्दीन के कहने का यह अर्थ था कि वह कारीगरों से सीखाने की आड़ में मुफ़्त में काम नहीं करवाते थे। वह एक खानदानी नानबाई थे और इसलिए उनसे लोग सीखने आते थे। वह लोगो से काम कराते थे काम कराते वक्त उचित मजदूरी भी दिया करते थे।


2. मियाँ लेखिका की किस बात से नाराज होकर बेरुखी दिखने लगे तथा क्यों?

उत्तर: लेखिका ने मियां नसीरुद्दीन से बादशाह के बारे में सवाल पूछे तो मियां नसीरुद्दीन नाराज हो गए और बेरुखी दिखाने लगे। उनके पास किसी भी बात का प्रमाण नहीं था। वह केवल सुनी सुनाई बाते ही बता रहे थे। उनके पास इन बातों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था। मियां ने केवल इतना बताया उनके परिवार के लोग बादशाह के लिए खाना बनाते थे। परिवार के लोग बादशाह के बावर्ची थे। जब लेखिका ने बादशाह का नाम पूछा तो उन्हें बादशाह का नाम नहीं पता था उनके पास कोई भी प्रमाण नहीं था इसलिए उनकी दिलचस्पी जवाब देने में खत्म होने लगी और वह बेरुखी से दिखाने लगे। वह बस डींगे हाक रहे थे सुनी सुनाई बातें बता रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके परिवार के लोग बादशाह के लिए पकवान बनाते थे और एक बार बादशाह ने कहा कि आग में बिना पकाए केवल पानी का प्रयोग करके ।पकवान बनाकर दिखाएं। उन्होंने बताया कि उनके बुजुर्गों ने बादशाह के लिए केवल पानी का प्रयोग करके पकवान बनाकर दिखाएं थे।


3.“ ज्यादातर भट्टी पर कौन सी रोटियां पका करती है” इस सवाल के जवाब में मियाँ ने क्या जवाब दिया?

उत्तर: “ज्यादातर भट्टी पर कौन सी रोटी पका करती है” इस सवाल के जवाब में मियां ने बोला कि भट्टियों पर कई प्रकार की रोटियाँ बनती हैं ‘खमीरी,बाकरखानी, शीरमाल, ताफतान, बेसनी, गाव, तुनकी, गाशेबान, दीदा, रूमाली’ आदि रोटियां बनती हैं। इसके बाद मियां ने सवाल पूछने वाले को घूर कर देखा और बताया कि “तुनकी पापड़ से ज़्यादा महीन होती है। हाँ, किसी दिन खिलाएंगे ,आपको”। इसके बाद वह पूरानी यादो को याद करने लगे और कहा कि “उतर गए वे जमाने। और गए वे कद्रदान जो पकाने–खाने की कद्र करना जानते थे! मियां अब क्या रखा है..... निकाली तंदूर से, निगली और हजम।”


4. लेखक जब मियाँ नसीरुद्दीन के पास पहुंचे तो मियाँ ने उन्हें क्या समझ लिया था तथा उसके बाद क्या प्रतिक्रिया दी थी?

उत्तर: लेखक जब मियां नसीरुद्दीन के घर पहुंचे तो मियां के लगा कि वह लोग रोटी खरीदने के लिए आए हैं। लेकिन जब लेखक ने उन्हें बताया कि वह कुछ सवाल पूछने के लिए आए हैं तो मियां नसीरुद्दीन को लगा कि वह अखबार वाले पत्रकार हैं। मियां नसीरुद्दीन का यह मानना था अखबार वाले कामचोर होते हैं और अखबार पढ़ने वाले भी कामचोर होते हैं। उनका कहना था जो लोग काम करते हैं उन्हें अखबार पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। लेकिन लेकिन नसीरुद्दीन ने कहा कि आप लोग इतनी दूर से आए ही हैं तो आप जो भी जानना चाहते हैं जान सकते हैं।


5. मियाँ ने अपने बुजुर्गों के बारे में क्या बताया?

उत्तर: मियां ने अपने बुजुर्गों के बारे में कई बातें बताई । उन्होंने बताया उनके वालिद और वालिद के वालिद बहुत जाने-माने नानबाई थे। वह साधारण नानबाई नहीं, बहुत बड़े खानदानी नानबाई थे। उन्होंने कई कार्य अपने पूर्वजों से सीखें। जैसे अलग-अलग तरीकों की रोटी बनाना। मियां के वालिद की 80 वर्ष में मृत्यु हो गई। मियां के परिवार के बुजुर्गों को पकवान बनाने भी आते थे। वह बादशाहो के लिए पकवान भी बनाते थे। और बादशाह द्वारा हर प्रकार की की गई मांग को पूरा करते थे। बादशाह ने उन्हें पकवान बनाने को कहा वो भी आग व पानी का प्रयोग किए बिना उन्होंने बादशाह को पकवान बनाकर खिलाएं थे।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 - Miyan Nasiruddin

1. Are NCERT Solutions for Chapter 2 of Class 11 Hindi Aroh sufficient for exams?

Students of Class 11 should read Chapter 2 carefully. They have to understand the main idea of the chapter. After reading the chapter carefully, students can practice NCERT Solutions of Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 online from Vedantu app or website. All solutions of Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 are given in detail that can help students to understand the chapter properly and prepare for the final exams. They can practice all NCERT solutions to score high marks in the Class 11 Hindi exam. 

2. How important is Chapter 2 of Class 11 Hindi Aroh for exams?

Chapter 2 of Class 11 Hindi Aroh is important from the exam's point of view. Students can get one or more questions from the chapter in the final exams. Therefore, students must read the chapter two or three times to understand its basic concepts and for scoring good marks. They can visit the Vedantu website to download important questions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 free of cost. Students can prepare from the important questions given at Vedantu for Class 11 final exams.

3. How can I prepare for Chapter 2 of Class 11 Hindi Aroh?

Students can prepare for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 from the important questions available online. Important questions for Class 11 Hindi Aroh are prepared by expert Hindi scholars who have a deep understanding of the subject. Teachers prepare important questions from the exam's point of view and all-important questions are based on the main idea of the chapter at Vedantu. Students can study important questions of Chapter 2 of Class 11 Hindi Aroh for understanding the chapter and for exam preparation. 

4. Write a few lines about the character of Miyan Nasiruddin from Chapter 2 of Class 11 Hindi?

Miyan Nasiruddin is the main character of the story of Chapter 2 of Class 11 Hindi Aroh. He is a baker by profession and he can bake a wide variety of rotis. He was proud of his skills and he continued the tradition of the bakery of his forefathers. He was a great artist and was perfect in his work. He did not like to answer any questions, rather he started asking questions to the other person. He believed that he was the best baker in his area.

5. How did Miyan Nasiruddin prove that he belonged to a family of bakers?

Miyan Nasiruddin told the writer that once the king called his forefather to bake a unique style of roti that could neither be baked by fire nor made with water. He said that his forefathers made a unique style of roti and presented it to the king. The king ate the dish and praised his forefathers a lot. When the writer asked him the name of the dish, he refused to tell.  He told this incident just to prove that he belonged to a family of bakers.