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Patang Class 12 Notes and Summary: CBSE Hindi (Aroh) Chapter 2

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Hindi Notes and Summary for Chapter 2 Patang Class 12 - FREE PDF Download

Hindi Aroh Chapter 2: Patang from Kavya Khand, is a beautiful poem that describes the childlike joy and aspirations of flying kites. From the vibrant colours of the kites to the thrill of the chase, the poem captures the essence of childhood innocence and freedom.

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Table of Content
1. Hindi Notes and Summary for Chapter 2 Patang Class 12 - FREE PDF Download
2. Access Patang Notes for Hindi Chapter 2 Class 12
    2.1कवि के बारे में
    2.2कविता का सारांश
    2.3पतंग कविता का सार
    2.4पतंग कविता की व्याख्या 
3. Important Points of Class 12 Chapter 2 Patang Notes and Summary
4. Importance of Chapter 2 Patang Notes and Summary
5. Tips for Learning the Class 12 English Chapter 2 Patang Notes
6. Important Study Materials for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang
7. Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Aroh
8. Important Study Materials for Class 12 Hindi
FAQs


Vedantu's FREE PDF Download for comprehensive Revision notes and a Summary of Hindi Aroh Chapter 2: Patang is designed to make your learning effortless and enjoyable. Our Master teachers have designed these notes according to the CBSE Hindi Class 12 Syllabus, providing you with an understanding of the poem's themes, literary devices, and concepts. With clear explanations, examples, and practise exercises, our Class 12 Hindi Revision Notes ensure that you understand the poem's concepts with ease.

Access Patang Notes for Hindi Chapter 2 Class 12

कवि के बारे में

आलोक धन्वा

कवि आलोक धन्वा ने अपनी कविता "पतंग" के माध्यम से बचपन की उल्लास भरी दुनिया को खूबसूरती से पेश किया है। पतंग उड़ाने के रोमांच और आकाश में उड़ती पतंग की छवि को उन्होंने शब्दों में बांधकर एक जादुई अनुभव कराया है। हालांकि कवि के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी सीमित है, लेकिन उनकी कविता में शब्द-चित्रण और भावनाओं की गहराई उनके कविता कौशल का प्रमाण है।


कविता का सारांश

"पतंग" कविता में कवि ने बचपन के उन्मुक्त जीवन और पतंग उड़ाने के रोमांच को खूबसूरती से चित्रित किया है। पतंग के रंग, आसमान की ऊँचाई, हवा का झोंका, दोस्तों के साथ की प्रतिस्पर्धा - ये सभी तत्व कवि ने अपनी कविता में बड़े ही भावुकता से पिरोए हैं। कविता में बचपन की यादें ताज़ा हो उठती हैं और पाठक को भी पतंग उड़ाने के उस रोमांचक अनुभव का आनंद मिलता है।


कविता का मुख्य विषय

"पतंग" कविता का मुख्य विषय बचपन की उल्लासपूर्ण दुनिया, स्वतंत्रता की लालसा, प्रकृति के साथ मनुष्य का संबंध, और दोस्ती का महत्व है। कवि ने पतंग उड़ाने के माध्यम से इन भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त किया है।


कविता का पात्र चित्रण

"पतंग" कविता में मुख्य पात्र एक बच्चा है, जो पतंग उड़ाने के रोमांच में खोया हुआ है। वह निश्चिंत, उत्साहित और स्वतंत्रता की प्यासा है। बच्चा प्रकृति के करीब है और पतंग के साथ अपने आप को एकाकार महसूस करता है। उसकी आँखों में पतंग की ऊँचाई छूने की लालसा है।


कविता में एक अन्य पात्र के रूप में आसमान को भी देखा जा सकता है, जो विशाल, नीला और स्वतंत्र है। यह बच्चे की उड़ान की इच्छा का प्रतीक है।


पतंग कविता का सार

1. मौसम और वातावरण:

  • सावन और भादो के बाद शरद ऋतु का आगमन हुआ है।

  • आसमान साफ, स्वच्छ और निर्मल हो गया है।

  • सुबह के समय आकाश में लालिमा छाई हुई है।


2. बच्चों का उत्साह:

  • शरद ऋतु के मौसम में बच्चे पतंग उड़ाने के लिए घरों से बाहर निकलते हैं।

  • बच्चे पतंग उड़ाने के लिए उत्सुक और उमंग भरे होते हैं।


3. पतंग और कल्पनाएँ:

  • पतंग बच्चों की कल्पनाओं और सपनों का प्रतीक हैं।

  • बच्चे पतंग के साथ अपनी कल्पनाओं को ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।


4. बच्चों की निर्मलता:

  • कवि बच्चों की तुलना कपास से करता है।

  • जैसे कपास मुलायम, शुद्ध और सफेद होती है, वैसे ही बच्चे भी निर्मल और कोमल होते हैं।


5. पतंग उड़ाने का रोमांच:

  • बच्चे पतंग को आकाश में उड़ता हुआ देखकर खुशी से झूम उठते हैं।

  • वे पतंग के पीछे दौड़ते-भागते हैं और चारों दिशाओं में उछल-कूद करते हैं।

  • वे पतंग उड़ाने के रोमांच में खो जाते हैं।


6. निडरता और साहस:

  • पतंग उड़ाने के दौरान बच्चे ऊंची छतों पर भी चढ़ जाते हैं।

  • गिरने का डर उनमें नहीं होता है।

  • वे साहसी और निडर होते हैं।


7. धरती का घूमना:

  • बच्चों के उत्साह और जोश को देखकर ऐसा लगता है जैसे धरती उनके चारों ओर तेजी से घूम रही हो।


8. कविता का मुख्य भाव:

यह कविता बचपन की मासूमियत, उल्लास और कल्पनाशीलता का खूबसूरत चित्रण करती है। पतंग उड़ाने के बहाने कवि बच्चों की निडरता, साहस और जीवन के प्रति उत्साह को दर्शाता है।


9. अतिरिक्त टिप्पणी:

  • कविता में प्रयुक्त भाषा सरल और सहज है।

  • कवि ने बिंबात्मक भाषा का प्रयोग कर कल्पनाओं को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया है।

  • कविता में उत्साह और उमंग का भाव है जो पाठक को भी रोमांचित कर देता है।


पतंग कविता की व्याख्या 

काव्यांश 1

सबसे तेज़ बौछारें गयीं भादों गया 

सवेरा हुआ 

खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा 

शरद आया पुलों को पार करते हुए 

अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए 

घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से 

चमकीले इशारों से बुलाते हुए पतंग उड़ाने वाले बच्चों के झुंड को


व्याख्या

  • कवि इन पंक्तियों में शरद ऋतु के आगमन का वर्णन कर रहे हैं। वे बताते हैं कि सावन और भादों के महीनों में हुई भारी बारिशें अब समाप्त हो चुकी हैं। भादों का महीना भी बीत चुका है और अब शरद ऋतु का सुहाना सवेरा आ गया है।

  • यह सवेरा खरगोश की लाल आंखों जैसा लाल है। इसका अर्थ है कि शरद ऋतु के सवेरे आसमान में लालिमा छाई रहती है।

  • कवि शरद ऋतु के आगमन को एक उत्सव के रूप में मनाते हुए देखते हैं। वे बताते हैं कि शरद ऋतु जैसे ही आती है, बच्चे अपनी नयी चमकीली साइकिलों पर सवार होकर पुलों को पार करते हुए खेतों में पहुंच जाते हैं। वे अपनी घंटियाँ जोर-जोर से बजाते हुए और चमकीले इशारों से पतंग उड़ाने वाले अन्य बच्चों को बुलाते हैं।

  • इस प्रकार, ये पंक्तियाँ शरद ऋतु के सौंदर्य और बच्चों के उत्साह का मनोरम चित्रण प्रस्तुत करती हैं।


अतिरिक्त टिप्पणियाँ:

  • कवि ने "खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा" की उपमा का प्रयोग करके शरद ऋतु के सवेरे का अत्यंत प्रभावशाली चित्रण किया है।

  • बच्चों के उत्साह को दर्शाने के लिए कवि ने "अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए", "घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से" और "चमकीले इशारों से बुलाते हुए" जैसे वाक्यांशों का प्रयोग किया है।

  • ये पंक्तियाँ पाठकों को शरद ऋतु के प्रति एक सकारात्मक और उत्साहपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं।


काव्यांश 2 –

चमकीले इशारों से बुलाते हुए और

आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए

कि पतंग ऊपर उठ सके–

दुनिया की सबसे हलकी और रंगीन चीज़ उड़ सके

दुनिया का सबसे पतला काग़ज़ उड़ सके–

बाँस की सबसे पतली कमानी उड़ सके–

कि शुरू हो सके सीटियों , किलकारियों और

तितलियों की इतनी नाज़ुक दुनिया


व्याख्या

  • इन पंक्तियों में कवि शरद ऋतु के आकाश का वर्णन करते हैं। वे बताते हैं कि शरद ऋतु में आकाश साफ, स्वच्छ और निर्मल होता है। यह आकाश कवि को इतना मुलायम प्रतीत होता है मानो कोई स्पर्श कर रहा हो।

  • कवि शरद ऋतु को एक बालक के रूप में कल्पना करते हैं। यह बालक अपने चमकीले इशारों से बच्चों को पतंग उड़ाने के लिए आमंत्रित करता है। उसने आकाश को इतना मुलायम बना दिया है कि बच्चों की पतंग आसानी से ऊंची उड़ सके।

  • कवि का कहना है कि शरद ऋतु भी यही चाहती है कि दुनिया की सबसे हल्की और रंगीन पतंग, दुनिया का सबसे पतला कागज और बाँस की सबसे पतली लचीली कमानी से बनी पतंग आसमान में ऊंची उड़ें।

  • शरद ऋतु में बच्चे पतंग उड़ाते हुए, खुशी से इधर-उधर भागते हुए, सीटियां बजाते हुए और खुशी से चिल्लाते हुए तितलियों की तरह प्रतीत होते हैं।

  • इस प्रकार, कवि इन पंक्तियों में शरद ऋतु के सौंदर्य, बच्चों के उत्साह और प्रकृति के प्रति प्रेम का मनोरम चित्रण प्रस्तुत करते हैं।


अतिरिक्त टिप्पणियाँ:

  • कवि ने "मुलायम आकाश" की उपमा का प्रयोग करके शरद ऋतु के आकाश की कोमलता का अत्यंत प्रभावशाली चित्रण किया है।

  • बच्चों के उत्साह को दर्शाने के लिए कवि ने "सीटियां बजाते हुए", "किलकारियाँ लेते हुए" और "खुशी से इधर-उधर भागते हुए" जैसे वाक्यांशों का प्रयोग किया है।

  • ये पंक्तियाँ पाठकों को प्रकृति के प्रति प्रेम और कृतज्ञता का भाव जगाने में सफल होती हैं।


काव्यांश 3 –

जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास

पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास

जब वे दौड़ते हैं बेसुध

छतों को भी नरम बनाते हुए

दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए

जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं

डाल की तरह लचीले वेग से अक्सर


व्याख्या

  • इस काव्यांश में कवि बच्चों की मासूमियत और उत्साह का मनमोहक चित्रण करते हैं।

  • वे बच्चों की तुलना कपास से करते हैं। जिस प्रकार कपास मुलायम, शुद्ध और सफेद होती है, उसी प्रकार बच्चे भी जन्म से ही अपने साथ निर्मलता, कोमलता और मासूमियत लेकर आते हैं।

  • कवि कहते हैं कि जब बच्चे पतंग के पीछे भागते हैं तो उनकी बेचैनी और उत्साह इतना अधिक होता है कि उन्हें ऐसा लगता है कि मानो पृथ्वी भी उनके चारों ओर घूम रही हो।

  • वे इतने मस्त होते हैं कि उन्हें छतों की कठोरता का भी एहसास नहीं होता। उनके लिए उस समय तो सारी दुनिया ही नरम और मुलायम प्रतीत होती है।

  • पतंग उड़ाते समय बच्चे इतने उत्साहित होते हैं कि वे चारों दिशाओं में दौड़ते-भागते हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे कोई ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाच रहा हो।

  • वे इधर-उधर भागते हुए किसी लचीली डाल की तरह प्रतीत होते हैं। जिस प्रकार पेड़ की डाल को झुकाकर भी वापस उसकी जगह पर लाया जा सकता है, उसी प्रकार दौड़ते-भागते बच्चों का लचीला शरीर भी उन्हें चोटों से बचाता है।

  • इस प्रकार, कवि इन पंक्तियों में बच्चों की मासूमियत, उत्साह और लचीलेपन का अत्यंत प्रभावशाली चित्रण प्रस्तुत करते हैं।


अतिरिक्त टिप्पणियाँ:

  • कवि ने "कपास" और "पेड़ की डाल" की उपमाओं का प्रयोग करके बच्चों की निर्मलता और लचीलेपन को बखूबी दर्शाया है।

  • बच्चों के उत्साह को दर्शाने के लिए कवि ने "बेचैन", "बेसुध", "दौड़ते-भागते" जैसे शब्दों का प्रयोग किया है।

  • ये पंक्तियाँ पाठकों को बच्चों के प्रति प्रेम और स्नेह का भाव जगाने में सफल होती हैं।


काव्यांश 4 –

छतों के खतरनाक किनारों तक–

उस समय गिरने से बचाता है उन्हें

सिर्फ़ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत

पतंगों की धड़कती ऊचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं महज़ एक धागे के सहारे

पतंगों के साथ–साथ वे भी उड़ रहे हैं

अपने रंध्रों के सहारे

अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से

और बच जाते हैं तब तो

और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं

पृथ्वी और भी तेज घूमती हुई आती है

उनके बेचैन पैरों के पास


व्याख्या

  • इस काव्यांश में कवि पतंग उड़ाते समय बच्चों के साहस और उत्साह का वर्णन करते हैं।

  • वे बताते हैं कि बच्चे पतंग के पीछे भागते हुए इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वे ऊंचे छतों के खतरनाक किनारों तक पहुंच जाते हैं।

  • गिरने का डर उन्हें सताता नहीं है, क्योंकि उनका रोमांचित शरीर उन्हें संतुलित रखता है।

  • पतंग की ऊंचाई इतनी अधिक होती है कि बच्चों को ऐसा लगता है कि वे भी उसी पतंग के साथ उड़ रहे हैं।

  • कभी-कभी बच्चे छत से गिर भी जाते हैं, लेकिन उनके लचीले शरीर उन्हें गंभीर चोटों से बचा लेते हैं।

  • ऐसे गिरने से उनका साहस और बढ़ जाता है और वे और भी अधिक निडर होकर पतंग उड़ाने लगते हैं।

  • उनके उत्साह और जोश को देखकर ऐसा लगता है कि मानो उनके पैरों के चारों ओर पृथ्वी भी तेजी से घूम रही है।


अतिरिक्त टिप्पणियाँ:

  • कवि ने "रोमांचित शरीर" और "लचीले शरीर" की उपमाओं का प्रयोग करके बच्चों के साहस और लचीलेपन को बखूबी दर्शाया है।

  • बच्चों के उत्साह और साहस को दर्शाने के लिए कवि ने "निडर", "रोमांचित" और "जोश" जैसे शब्दों का प्रयोग किया है।

  • ये पंक्तियाँ पाठकों को प्रेरित करती हैं कि वे भी जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना साहस और दृढ़ता के साथ करें।


Important Points of Class 12 Chapter 2 Patang Notes and Summary

  • The poem is set in autumn, a season characterised by clear skies and pleasant weather, ideal for kite flying.

  • Children are depicted as filled with joy and excitement while flying kites. 

  • Kites symbolise the children's dreams and aspirations. 

  • They use kites as a medium to soar high with their imagination.

  • The children are portrayed as pure and fearless, climbing to great heights to fly their kites.

  • The poem highlights the bond between humans and nature, as children find joy and freedom in interacting with the sky and wind.


Importance of Chapter 2 Patang Notes and Summary

  • Study notes for Chapter 2 "Patang" offer a summary, saving time by focusing on important details.

  • They highlight key themes and ideas, making it easier to understand why the chapter is important.

  • Including important quotes and clear explanations helps students understand and remember the material better.

  • The notes explain the characters and story clearly, making it easier for students to understand the chapter fully.

  • These notes are useful for quick review before exams, ensuring students are well-prepared.

  • The Notes PDF covers the entire syllabus, ensuring students understand all aspects of the chapter.


Tips for Learning the Class 12 English Chapter 2 Patang Notes

  • Understand themes like poverty and dreams to understand the chapter's meaning better.

  • Learn about the poem by following the story and explaining the reasons for their actions.

  • Memorise important quotes that show the main ideas of the chapter.

  • Use short summaries to understand the main points of the chapter quickly.

  • Review your notes often to revise what you've learned and prepare well for exams.


Conclusion

Alok Dhanwa's "Patang" is a vibrant portrayal of childhood innocence and the joy of kite flying. The poem beautifully captures the spirit of children as they connect with nature and experience a sense of freedom. Dhanwa describes the depths of children's imagination through the simple act of flying a kite. Vedantu's summary and notes provide clear concepts and insights into the characters, helping students understand the chapter better. These resources are designed for exam preparation, ensuring students effectively understand the poem's themes. This poem serves as a nostalgic reminder of our childhood and the importance of cherishing the simple moments of life.


Important Study Materials for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang

S. No

Important Study Materials for Class 12 Hindi Chapter 2 

1.

Class 12 Patang Important Questions

2.

Class 12 Patang NCERT Solutions


Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Aroh



Important Study Materials for Class 12 Hindi

FAQs on Patang Class 12 Notes and Summary: CBSE Hindi (Aroh) Chapter 2

1. What is the central theme of the Class 12 Hindi Chapter 2 Patang poem?

The central theme of the Class 12 Hindi Chapter 2 Patang poem is Childlike innocence, joy, and aspirations.

2. What season is depicted in the Class 12 Hindi Chapter 2 Patang poem?

The poem is set in the autumn season (Sharad).

3. What is the significance of the kite in the Class 12 Hindi Chapter 2 Patang poem?

The kite symbolises freedom, aspirations, and the childlike desire to touch the sky.

4. How does the poet describe the children's excitement in the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang?

The poet uses vivid imagery and similes to depict the children's joy and enthusiasm.

5. What kind of imagery is used in the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang poem?

Visual, auditory, and kinesthetic imagery.

6. Identify any examples of simile and metaphor in the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang poem.

Examples would include comparisons of the sky to a canvas and the children's excitement about various natural phenomena.

7. How does the poet use rhythm and rhyme in the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang?

Analyse the poem's structure and sound patterns.

8. What is the significance of the colour imagery in the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang poem?

The colours of the kites and the sky contribute to the overall mood and imagery.

9. How does the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang poem reflect the child's perspective?

Analyse the poem from a child's point of view which describes the joy and playful activities.

10. What is the significance of the sky in the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang poem?

The sky represents freedom, aspirations, and the limitless possibilities of childhood.

11. What is the overall message of the Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 Patang poem?

The poem celebrates the innocence and joy of childhood through the metaphor of kite flying.