Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

NCERT Solutions for Class 12 Biology In Hindi Chapter 11 Biotechnology Principles and Processes Hindi Medium

ffImage
widget title icon
Latest Updates

widget icon
Start Your Preparation Now :
CBSE Date Sheet 2025 Class 12 Released

NCERT Solutions for Class 12 Biology Chapter 11 Biotechnology: Principles and Processes Hindi Medium

Download the Class 12 Biology NCERT Solutions in Hindi medium and English medium as well offered by the leading e-learning platform Vedantu. If you are a student of Class 12, you have reached the right platform. The NCERT Solutions for Class 12 Biology in Hindi provided by us are designed in a simple, straightforward language, which are easy to memorise. You will also be able to download the PDF file for NCERT Solutions for Class 12 Biology  in Hindi from our website at absolutely free of cost.


NCERT, which stands for The National Council of Educational Research and Training, is responsible for designing and publishing textbooks for all the classes and subjects. NCERT Textbooks covered all the topics and are applicable to the Central Board of Secondary Education (CBSE) and various state boards.


Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Biology

Chapter Name:

Chapter 11 - Biotechnology Principles And Processes

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes



We, at Vedantu, offer free NCERT Solutions in English medium and Hindi medium for all the classes as well. Created by subject matter experts, these NCERT Solutions in Hindi are very helpful to the students of all classes. 

Competitive Exams after 12th Science
tp-imag
bottom-arrow
tp-imag
bottom-arrow
tp-imag
bottom-arrow
tp-imag
bottom-arrow
tp-imag
bottom-arrow
tp-imag
bottom-arrow

Access NCERT Solutions for Class 12 Biology Chapter 11 – जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

1. क्या आप दस पुनर्योगज प्रोटीन के बारे में बता सकते हैं जो चिकित्सीय व्यवहार के काम में लाये जाते हैं? पता लगाइए कि वे चिकित्सीय औषधि के रूप में कहाँ प्रयोग किये जाते हैं? (इंटरनेट की सहायता लें)।

उत्तर: निम्नलिखित पुनर्योगज प्रोटीन और उनके चिकित्सीय व्यवहार बताया गया है-

क्र०स०               

पुनर्योगज प्रोटीन

चिकित्सीय व्यवहार 

1

इंसुलिन  

डायबिटीज मेलिटस के उपचार के लिए।

2

हामून वृद्धि हार्मोन     

नाटेपन के उपचार के लिए ।

3

इंटरफेरान

वायरस जनित रोग , कैंसर तथा एड्स के उपचार के लिए।

4

स्टेप्टो काइनेज   

थ्रोम्बोसिस के उपचार के लिए।

5

ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर    

सेप्सिस तथा कैंसर के उपचार के लिए।

6

इंटर लुकिंग       

विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए।

7

हेपेटाइटिस - b सतह एंटीजन।   

हेपेटाइटिस - b के विरुद्ध टीका।

8

ग्रेनुलोसाईट - कालोनी स्टोमिलेटिंग फैक्टर।    

कैंसर एवम एड्स के उपचार के लिए तथा बोन मैरो प्रतिस्थापन के लिए।

9

ग्रेन्यूलोसाइट मैक्रोफेज - कॉलोनी।  

कैंसर एवम एड्स के उपचार के लिए।

10

बोविन वृद्धि हेमन।   

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए ।


2. एक सचित्र (चार्ट) (आरेखित निरूपण के साथ) बनाइए जो प्रतिबन्धन एन्जाइम को (जिस क्रियाधार डी०एन०ए० पर यह कार्य करता है उसे), उन स्थलों को जहां यह डी०एन०ए० को काटता है व इनसे उत्पन्न उत्पाद को दर्शाता है।

उत्तर:


(Image will be uploaded soon)


3. कक्षा ग्यारहवीं में जो आप पढ़ चुके हैं, उसके आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि आणविक आकार के आधार पर एंजाइम बड़े हैं या डी०एन०ए०। आप इसके बारे में कैसे पता लगाएँगे?

उत्तर: एन्जाइम्स (enzymes) एक प्रकार के प्रोटीन्स होते हैं।ये  प्रोटीन्स अणु अत्यधिक जटिल संरचना वाले वृहदाणु होते हैं। इनका निर्माण ऐमीनो अम्लों से होता है। प्रकृति में लगभग 300 प्रकार के अमीनो अम्ल पाए जाते हैं, परन्तु इनमें से केवल 20 अमीनो अम्ल ही जन्तु एवं पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं। अमीनो अम्ल श्रृंखलाबद्ध होकर परस्पर पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े रहते हैं। प्रत्येक प्रोटीन अणु की पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में ऐमीनो अम्लों का क्रम विशिष्ट प्रकार का होता है। प्रोटीन्स का आणविक भार बहुत अधिक होता है। विभिन्न अमीनो अम्ल से बनने वाले प्रोटीन्स बहुत प्रकार की होती हैं। हमारे शरीर में लगभग 50,000 प्रकार की प्रोटीन्स पायी जाती हैं। डी०एन०ए० के जैविक-वृहदाणु (biological macromolecules) जटिल संरचना वाले होते हैं। ये प्रोटीन्स(एंजाइम) से भी बड़े जैविक गुरुअणु होते हैं। इनका अणुभार 106 से 10° डाल्टन तक होता है। डी०एन०ए० अणु पॉलिन्यूक्लिओटाइड श्रृंखला से बना होता है। डी०एन०ए० से कम अणुभार वाले m-RNA, t-RNA तथा r-RNA का निर्माण होता है। आर०एन०ए० प्रोटीन संश्लेषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आर०एन०ए० संश्लेषण हेतु डी०एन०ए० अणु विभिन्न स्थान पर द्विगुणित होकर छोटी-छोटी अनुपूरक श्रृंखलाएँ अर्थात् राइबोन्यूक्लिओटाइड अम्ल का एक छोटा अणु बनाती हैं। इन्हें प्रवेशक (primers) कहते हैं। आर०एन०ए० प्रवेशकों के संश्लेषण का उत्प्रेरण आर०एन०ए० पॉलिमरेज (RNA polymerase) एंजाइम कहते है। आर०एन०ए० अणु प्रोटीन जो संश्लेषण के काम आते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि डी०एन०ए० अणु प्रोटीन्स (एन्जाइम्स) से भी बड़े अणु होते हैं।


4. मानव की एक कोशिका में DNA की मोलर सान्द्रता क्या होगी? अपने अध्यापक से परामर्श लीजिये।

उत्तर:  मानव में DNA 3M प्रति की कोशिका होती है एवम मानव की एक कोशिका में DNA की मोलर सांद्रता 3 होगी।


5. क्या सुकेंद्रकी कोशिकाओं में प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज मिलते हैं? अपना उत्तर सही सिद्ध कीजिए।

उत्तर:  हाँ, सुकेंद्रकी कोशिकाओं में प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज मिलते हैं। प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज DNA अनुक्रम की लम्बाई के निरीक्षण के बाद कार्य करता है। जब यह अपना विशिष्ट पहचान अनुक्रम पा जाता है तब DNA से जुड़ता है तथा द्विकुण्डलिनी की दोनों लड़ियों को शर्करा-फॉस्फेट आधार स्तंभों में विशिष्ट केन्द्रों पर काटता है। प्रत्येक प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज DNA में विशिष्ट पैलिंड्रोम न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों को पहचानता है।


6. अच्छी हवा व मिश्रण विशेषता के अतिरिक्त कौन-सी अन्य कंपन फ्लास्क सुविधाएं हैं?

उत्तर: कंपन फ्लास्क द्वितीयक चुनाव के समय किण्वन के लिए परंपरागत विधि है। इसलिये दंड विलोडक हौज बायोरिएक्टर द्वारा उत्पादों को अधिक आयतन तक संवर्धित किया जा सकता है। यह मात्र 100 लीटर से 1000 लीटर तक हो सकती है। वांछित उत्पादन पाने के लिये जीव-प्रतिकारक अनुकूलतम परिस्थितियाँ, जैसे- तापमान, pH, क्रियाधार, विटामिन, लवण, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध कराता है। इस बायोरिएक्टर में अच्छी हवा व मिश्रण की विशेषता के अतिरिक्त यह कम खर्चीला है तथा इसमें ऑक्सीजन स्थानांतरण की दर बहुत अधिक होती है।


7. शिक्षक से परामर्श कर पाँच पैलिंड्रोमिक अनुप्रयास करें तथा क्षारक-युग्म नियमों का पालन करते हुए पैलिंड्रोमिक अनुक्रम बनाने के उदाहरण का पता लगाइए।

उत्तर: निम्नलिखित पैलिंड्रोमिक अनुक्रम के उदाहरण -           

G

A

A

T

T

C

C

T

T

A

A

G

 

 

 

 

 

 

G

G

A

T

C

C

C

C

T

A

G

G

 

 

 

 

 

 

A

A

G

C

T

T

T

T

C

G

A

A

 

 

 

 

 

 

C

T

G

C

A

G

G

A

C

G

T

C







T

A

C

G

T

A

A

T

G

C

A

T


8. अर्द्धसूत्री विभाजन को ध्यान में रखते हुए क्या बता सकते हैं कि पुनर्योगज डी०एन०ए० किस अवस्था में बनते हैं?

उत्तर: अर्द्धसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों की संख्या घटकर आधी रह जाती है। प्रथम अर्धसूत्री विभाजन में प्रत्येक जोड़ी के समजात गुणसूत्रों के मध्य एक या अनेक खण्डों की अदला-बदली अर्थात पारगमन (crossing over) होता है। प्रथम अर्धसूत्री विभाजन की प्रथम पूर्वावस्था (First prophase) की उप अवस्था जाइगोटीन (zygotene) में समजात गुणसूत्र जोड़े बनाते हैं। इस प्रक्रिया को सूत्र युग्मन (synapsis) कहा जाता हैं। पैकीटीन (pachytene) उप अवस्था में सूत्रयुग्मक सम्मिश्र (synaptonemal complex) में एक या अधिक स्थानों पर गोल सूक्ष्म घुन्डियाँ दिखाई देने लगती हैं, इन्हें पुनर्संयोजन घुन्डियाँ (recombination nodules) कहा जाता हैं।


समजात गुणसूत्रों के परस्पर जुड़े क्रोमैटिड्स (chromatids) के मध्य एक या अधिक खण्डों की पारस्परिक अदला-बदली को पारगमन कहते हैं। इससे समजात पुनसँयोजित डी०एन०ए० (recombinant DNA) बन जाता है। पुनर्संयोजन घुन्डियाँ उन स्थानों पर बनती हैं जहाँ पर पारगमन हेतु क्रोमैटिड्स के टुकड़े टूटकर पुनः जुड़ते हैं।


9. क्या आप बता सकते हैं कि प्रतिवेदक (रिपोर्टर) एंजाइम को वरण योग्य चिन्ह की उपस्थिति में बाहरी DNA को परपोषी कोशिकाओं में स्थानान्तरण के लिये मॉनीटर करने के लिये किस प्रकार उपयोग में लाया जा सकता है?

उत्तर: प्रतिकृतियन की उत्पत्ति वह अनुक्रम है जहाँ से प्रप्तिकृतियन की शुरुआत होती है और जब भी किसी DNA का कोई खंड इस अनुक्रम से जुड़ जाता है तब परपोषी कोशिकाओं के अन्दर प्रतिकृति कर सकता है। यह अनुक्रम जोड़े गये DNA के प्रति रूपों की संख्या के नियंत्रण के लिए भी उत्तरदायी है। 'ori के साथ संवाहक को वरण योग्य चिन्ह की आवश्यकता भी होती है, जो अरूपांतरणों की पहचान एवं उन्हें समाप्त करने में सहायक हो और रूपांतरणों की चयनात्मक वृद्धि को होने दे। रूपांतरण एक प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत DNA के एक खंड को परपोषी जीवाणु में प्रवेश करते हैं।


10. निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन कीजिये

(i) प्रतिकृतियन का उद्भव

(ii) बायोरिएक्टर (2017)

(iii) अनुप्रवाह संसाधन

उत्तर: निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन- 


(i) प्रतिकृतियन का उद्भव - यह वह अनुक्रम होता है जहाँ से प्रतिकृतियन की शुरुआत होती है। जब बाहरी DNA का कोई खंड इस अनुक्रम से जुड़ जाता है तब प्रतिकृति कर सकता है। एक प्रोकैरियोटिक DNA में सामान्यतः एक प्रतिकृतियन स्थल होता है जबकि यूकैरियोटिक DNA में एक से अधिक प्रतिकृतियन स्थल होते हैं।

(ii) बायोरिएक्टर - बायोरिएक्टर एक बर्तन के समान का होता है, जिसमें सूक्ष्मजीवों, पौधों, जन्तुओं एवं मानव कोशिकाओं का उपयोग करते हुए कच्चे माल को जैव रूप से विशिष्ट उत्पादों व्यष्टि एंजाइम आदि में परिवर्तित किया जाता है। वांछित उत्पाद पाने के लिये जीव-प्रतिकारक अनुकूलतम परिस्थितियाँ, जैसे- तापमान, pH, क्रियाधार, विटामिन, लवण, ऑक्सीजन आदि उपलब्ध कराता है। 

सामान्यतया सर्वाधिक उपयोग में लाया जाने वाला बायोरिएक्टर विडोलन (स्ट्रिंग) प्रकार का है। विडोलित हौज रिएक्टर सामान्यतया बेलनाकार होते हैं या इसमें घुमावदार आकार होता है। जिससे रिएक्टर के अंदर की सामग्री को मिश्रण में सहायता मिलती है। विडोलक प्रति घंटे के अंदर की सामग्री को मिश्रित करने के साथ-साथ प्रतिकार में सभी जगह ऑक्सीजन की उपलब्धता भी करते हैं। प्रत्येक जीव-प्रतिकारक रिएक्टर में एक प्रक्षोभक यंत्र होता है। इसके अतिरिक्त इसमें ऑक्सीजन-प्रदान यंत्र, झाग- नियंत्रण यंत्र, तापक्रम नियंत्रण यंत्र, pH होता है। प्रतिक्रिया नियंत्रण तंत्र तथा प्रतिचयन द्वारा होता है जिससे समय-समय पर संवर्धित उत्पाद की थोड़ी मात्रा निकाली जा सकती है |

(iii) अनुप्रवाह संसाधन - जैव प्रौद्योगिकी द्वारा तैयार उत्पाद को बाजार में भेजने से पूर्व उसे कई प्रक्रमों से गुजारा जाता है। इन प्रक्रमों में पृथक्करण एवं शोधन सम्मिलित है और इसे सामूहिक रूप से अनुप्रवाह संसाधन कहा जाता हैं। उत्पाद को उचित परिरक्षक के साथ निरूपित किया जाता है। औषधि के मामले में ऐसे संरूपण को चिकित्सीय परीक्षण से गुजरते हैं। प्रत्येक उत्पाद के लिये निश्चित गुणवत्ता नियंत्रण परीक्षण की भी आवश्यकता होती है। अनुप्रवाह संसाधन एवं गुणवत्ता नियंत्रक परीक्षक अलग-अलग उत्पाद के लिये भिन्न-भिन्न होता है।


11. संक्षेप में बताइये

(क) PCR

(ख) प्रतिबंधन एंजाइम और DNA

(ग) काइटिनेज

उत्तर: निम्नलिखित का संक्षिप्त वर्णन-

(क) PCR (Polymerase Chain Reaction) - PCR का अर्थ पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पोलीमरेज़ श्रृंखला अभिक्रिया) है। इस विधि द्वारा कम समय में जीन की कई प्रतिकृतियों का संश्लेषण किया जाता है। इस कार्य के लिये एक विशेष उपकरण थर्मल साइक्लर का उपयोग किया जाता है।

PCR चक्र में मुख्य रूप से तीन चरण होते हैं -

(i) निष्क्रियकरण,

(ii) तापानुशीलन तथा

(iii) विस्तार।

निष्क्रियकरण में DNA को 92°C पर 1 मिनट तक थर्मल साइक्लर में गर्म किया जाता है जिससे उसके दोनों स्टैंड अलग हो जाते हैं। तापानुशीलन में अभिक्रिया मिश्रण के तापक्रम को घटाया जाता है। यह सामान्यतया 48°C रहता है। इसे इस तापक्रम पर भी 1 मिनट के लिये रखा जाता है। इसके बाद विस्तार किया जाता है जो 27°C पर 1 मिनट के लिये होता है। इस चक्र को 34 - 37 बार दोहराया जाता है। इस प्रक्रम द्वारा DNA खंड को एक अरब गुणा तक प्रवर्धित किया जा सकता है।

पॉलिमरेज शृंखला अभिक्रिया में DNA खंड के अतिरिक्त उपक्रमकों, एंजाइम टैक, DNA पॉलीमरेज, मैग्नीशियम क्लोराइड, डाइमिथाइल सल्फोक्साइड की आवश्यकता पड़ती है। उपक्रमकों (प्राइमर्स) को दो समुच्चयों की आवश्यकता पड़ती है एक 5से 3’ की ओर जाने के लिये तथा एक 3 व 5' की ओर जाने के लिए। प्राइमर्स छोटे रासायनिक संश्लेषित अल्प न्यूक्लियोटाइड हैं जो DNA क्षेत्र के पूरक होते हैं।

PCR के उपयोग इस प्रकार हैं:

(i) रोगाणुओं की पहचान में

(ii) विशिष्ट उत्परिवर्तन को पहचानने में

(iii) DNA फिंगर प्रिंटिंग में

(iv) पादप रोगाणुओं का पता लगाने में

(v) विलुप्त जीवों तथा मनुष्यों के ममी अवशेष से DNA खंड के क्लोनिंग में।


(ख) प्रतिबंधन एंजाइम और DNA – प्रतिबंधन एंजाइम को 'आणविक कैंची' कहा जाता है। वह एंजाइम जो DNA को काटता है और इसे प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज कहलाता है। अभी तक 900 से अधिक प्रतिबंधन एंजाइमों की खोज की जा  चुकी है। ये जीवाणुओं के 230 से अधिक प्रभेदों से अलग किये गये हैं। इनमें से प्रत्येक प्रतिबंधन एंजाइम विभिन्न अनुक्रमों को पहचानते हैं। प्रतिबंधन एंजाइम डबल स्ट्रैंडेड DNA को खंडित करता है। ये एंजाइम DNA को एक विशेष स्थल पर काटता है; जैसे- एंजाइम ECORI प्लाज्मिड अनुक्रम GAATTC को G और A के मध्य काटता है। प्रतिबंधन एंजाइम के नामकरण में परम्परानुसार नाम का पहला शब्द वंश एवं दूसरा और तीसरा शब्द परिकेन्द्र की कोशिकाओं की जाति से लिया गया है जिनसे ये पृथक् किये गये थे। जैसे ECORI को ई० कोलाई RY 13 से प्राप्त किया गया है।ECORI में वर्ण R , RY प्रभेद से लिया गया है।

(ग) काइटिनेज - इस एंजाइम का प्रयोग केवल कोशिका को तोड़ने के लिये किया जाता है, जिससे DNA के साथ वृहद अणु; जैसे- RNA, प्रोटीन, वसा एवं पॉलिसैकेराइड बाहर निकलते हैं।


12. अपने अध्यापक से चर्चा करके पता लगाइए कि निम्नलिखित के बीच कैसे भेद करेंगे?

(क) प्लाज्मिड DNA तथा गुणसूत्रीय DNA

(ख) RNA तथा DNA

(ग) एक्सोन्यूक्लीज तथा एंडोन्यूक्लिएज

उत्तर:  (क) प्लाज्मिड DNA तथा गुणसूत्रीय DNA में अंतर

 

प्लाज्मिड DNA

गुणसूत्रीय DNA

1

प्लाज्मिड गोलाकार बाह्य DNA होता है जो स्वतः प्राकृतिक रूप से ये बैक्टीरिया यीस्ट में पाए जाते हैं।

अभिज्ञान स्थल सहित अनुक्रम गुणसूत्रीय DNA सभी जीवों के गुणसूत्रों में उपस्थित रहते हैं।

2

सामान्य वृद्धि एवं विभाजन के लिए यह आवश्यक नहीं है।

वृद्धि तथा विभाजन के लिए यह आवश्यक है।

3

इसमें कोशिका के कुछ गुणों की सूचना निहित रहती है। 

इसमें सभी गुणों की सूचना निहित रहती है।


(ख) RNA तथा DNA में अंतर

 

RNA

DNA

1

यह कोशिका द्रव्य एवं केंद्रिका में पाया  जाता है।

यह मुख्यतः: केन्द्रक के क्रोमोसोम में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त यह कोशिका द्रव्य में स्थित माइटोकॉन्ड्रिया तथा लवक में भी पाया जाता है।

2

इसमें राइबोस शर्करा होती है।

इसमें डीऑक्सिराइबोस शर्करा होती है।

3

इसमें थायमिन के स्थान पर यूरेसिल बेस होता है। 

इसमें थायमिन बेस पाया जाता है।

4

यह कभी-कभी आनुवंशिक सूचनाएँ देता है एवं मुख्यतः प्रोटीन संश्लेषण करता है। 

यह सदैव आनुवंशिक सूचनाएँ देता है।

5

इसका आकार इकहरी कुंडलिनी जैसा होता है। 

इसका आकार दोहरी कुंडलिनी जैसा होता है।


(ग) एक्सोन्यूक्लीज तथा एंडोन्यूक्लिएज में अंतर

एक्सोन्यूक्लीज - एक्सोन्यूक्लीज DNA के सिरे से न्यूक्लियोटाइड खंडों को अलग करते हैं। उदाहरण - 


(Image will be uploaded soon)


एंडोन्यूक्लिएज - एंडोन्यूक्लिएज DNA के भीतर विशिष्ट स्थलों पर काटते हैं। 

उदाहरण - 


(Image will be uploaded soon)


NCERT Solutions for Class 12 Biology Chapter 11 Biotechnology: Principles and Processes in Hindi

Chapter-wise NCERT Solutions are provided everywhere on the internet with an aim to help the students to gain a comprehensive understanding. Class 12 Biology Chapter 11 solution Hindi medium is created by our in-house experts keeping the understanding ability of all types of candidates in mind. NCERT textbooks and solutions are built to give a strong foundation to every concept. These NCERT Solutions for Class 12 Biology Chapter 11 in Hindi ensure a smooth understanding of all the concepts including the advanced concepts covered in the textbook.

NCERT Solutions for Class 12 Biology Chapter 11 in Hindi medium PDF download are easily available on our official website (vedantu.com). Upon visiting the website, you have to register on the website with your phone number and email address. Then you will be able to download all the study materials of your preference in a click. You can also download the Class 12 Biology Biotechnology: Principles and Processes solution Hindi medium from Vedantu app as well by following the similar procedures, but you have to download the app from Google play store before doing that. 

NCERT Solutions in Hindi medium have been created keeping those students in mind who are studying in a Hindi medium school. These NCERT Solutions for Class 12 Biology Biotechnology: Principles and Processes in Hindi medium pdf download have innumerable benefits as these are created in simple and easy-to-understand language. The best feature of these solutions is a free download option. Students of Class 12 can download these solutions at any time as per their convenience for self-study purpose. 

These solutions are nothing but a compilation of all the answers to the questions of the textbook exercises. The answers/solutions are given in a stepwise format and very well researched by the subject matter experts who have relevant experience in this field. Relevant diagrams, graphs, illustrations are provided along with the answers wherever required. In nutshell, NCERT Solutions for Class 12 Biology in Hindi come really handy in exam preparation and quick revision as well prior to the final examinations.

FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Biology In Hindi Chapter 11 Biotechnology Principles and Processes Hindi Medium

1. What would be the molar concentration of human DNA in a human cell? 

The average Molecular Weight of a single base pair in a DNA is 650 daltons. A human DNA has 3.3 X 10 raised to power 9 base pairs. So, the molecular weight of DNA will be the number of base pairs X 650 Daltons which sums up to 2.15 X 10 to the power 12 Daltons.


The number of Moles will be 3.3 X 10 to the power 9 / Avogadro Number. Which gives 5.5 X 10 to power -15 moles of DNA.  The Average volume of DNA is 5X 10 to power -12. So, the molarity of DNA of a human cell will be 5.5 X 10 to the power -15 / 5 X 10 to the power -12. Which will be equal to 0.0011 M.

2. Do eukaryotic cells have restriction endonucleases? Justify your answer.

No, Eukaryotic cells do not have restriction endonucleases. These restriction enzymes or endonucleases are isolated from several strains of bacteria. Bacteria use these restriction enzymes as a defence mechanism for themselves so they can avoid foreign viruses and in turn, their own DNA remains the same (unaffected). Eukaryotic cells use their RNA as a defence mechanism against foreign viruses' DNA. Hence, they do not have restriction endonucleases. 

3. What is Meiosis? At what stage of Meiosis the recombinant DNA is formed?

Meiosis is the process by which there is a reduction of genetic material in the host body. Meiosis is divided into two different stages (Meiosis I and Meiosis II). While the Pachytene stage is in the progress of Prophase I, where the crossing over of non-sister chromatids of homologous chromosomes is taking place. At this stage, the formation of recombinant DNA takes place where the genes of non-sister chromatids combine to form a new DNA. 

4. What is the Origin of Replication?

Origin of Replication is the origin where the replication of DNA takes place. It is the genome sequence from where the replication takes place to make the copies of DNA. This replication of DNA can be in two directions. Uni-directional that is from one place only or Bi-directional that is from both sides. A protein sequence finds the site, unwinds the collided DNA, and starts the replication process.

5. Differentiate between Plasmid DNA and CHromosomal DNA?

Chromosomal DNA is the DNA present inside the chromosomes of the host cells. This DNA is independent and capable of replicating. Chromosomal DNA helps in giving different traits to different living organisms. Whereas Plasmid DNA is the extra DNA other than the chromosomal DNA. Like the chromosomal DNA, plasmid DNA is also independent and capable of replicating which is present in bacteria.