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NCERT Solutions for Class 9 Science Hindi Chapter 12 Sound

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NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound in Hindi PDF Download

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Class:

NCERT Solutions For Class 9

Subject:

Class 9 Science in Hindi

Chapter Name:

Chapter 12 - Sound

Content Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

Chapter Wise

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  • Important Questions

  • Revision Notes

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NCERT Solutions for Class 9 Science Hindi Chapter 12 Sound
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Characteristics of Sound Waves Class 9 | SOUND | CBSE Physics | Science Chapter 12| Vedantu Class 10
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SOUND Class 9 | Sound Production and Propagation | Physics | NCERT | Abhishek Sir | Vedantu Class 10
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Access NCERT Solutions for Class-9 Science Chapter 12 – ध्वनि

1. ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?

उत्तर: ध्वनि ऊर्जा का वह एक रूप है जिसके कारण हम सुन पाते हैं। ध्वनि तभी उत्पन्न होती है जब कोई वस्तु कंपन (Vibrate) करती है; जैसेः सितार के तार का कंपन करना।


2. एक चित्र की सहायता से वर्णन कीजिए कि ध्वनि के स्रोत के निकट वायु में संपीडन तथा विरलन कैसे उत्पन्न होते हैं?

उत्तर:


Compression and rarefaction series of the object in any medium.


चित्र 12.12 : कपमान वस्तु का किसी माध्यम मे संपीडन व विरलन श्रेणी ।

 माना कि स्वरित्र द्विभुज (Tuning fork) ध्वनि का स्त्रोत है।

(i) जब यह आगे की ओर कंपन करती है तो अपने सामने की वायु को धक्का देकर संपीडित करती है तथा इस प्रकार एक उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को संपीडन (C) कहा जाता हैं।


(ii) यह संपीडन कंपमान वस्तु जैसे ट्यूनिंग फॉर्क से दूर आगे की ओर गति करता है।


(iii) जब ट्यूनिंग फॉर्क की भुजा वापस अंदर की ओर (पीछे की ओर) कंपनं करता है तो एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है तो उसे विरलन (R) कहते हैं।


(iv) इस तरह जब एक वस्तु कंपन करती है तो वायु में संपीडन और विरलन की एक श्रेणी बन जाती है। यही संपीडन और विरलन ध्वनि तरंग बनाते हैं और जो माध्यम से होकर संचरित होती है।


3. किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है?

उत्तर:  विधि:

* एक विद्युत घंटी और काँच का वायुरुद् बेलजार लीजिए। विद्युत घंटी को बेलजार में लटकाइए।


* बेलजार को एक निर्वात पंप से जोड़िए।


* घंटी के स्विच को दबाने पर आप उसकी ध्वनि सुना जा सकता हैं।


* अब निर्वात पंप को चलाइए और प्रेक्षणों को नोट कीजिए।


sound cannot propagate in vacuum


चित्र 12.13 : निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता

प्रेक्षण:

(i) जैसे-जैसे अधिकाधिक वायु पात्र से निकाली जाती है तो घंटी की ध्वनि धीमी होती जाती है।


(ii) जब बेलजार से संपूर्ण वायु निकल जाती है। ध्वनि बिलकुल नहीं सुनी जा सकती है। अतः ध्वनि तरंगों को ले जाने के लिए द्रव्यात्मक बहुत जरूरी माध्यम है।

निष्कर्ष : ध्वनि द्रव्यमान माध्यम के बिना संचारित नहीं हो सकता।


4. ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों है?

उत्तर: जब माध्यम के कणों का विस्थापन तरंग संचरण की दिशा के समांतर हो तो उसे अनुदैर्ध्य तरंग कहा जाता हैं। ध्वनि तरंग संपीडन $\left( C \right)$ और विरलन $\left( R \right)$ के रूप में संचरित होती है तथा माध्यम (वायु) के कण आगे-पीछे तरंग के संचरण की समांतर दिशा में गति करते हैं। अतः ध्वनि तरंगों को अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं।


5. ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?

उत्तर: ध्वनि की गुणता (Quality or timber)


6. तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकंड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?

उत्तर: ऐसा प्रकाश की काफी उच्च चाल के कारण होता है। प्रकाश को चाल $(c = {\text{ }}3{\text{ }}x{\text{ }}{10^8}m/{s^1}\;)$ है बल्कि ध्वनि का चाल $346{\text{ }}m/s{\text{ }}(25^\circ C$ पर) होता है।

स्पष्टतः ध्वनि को आकाश से धरती तक आने में कुछ समय लग जाता है परंतु प्रकाश लगभग तुरंत दिखाई देता है।


7. किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परिसर $20{\text{ }}Hz$ से $20{\text{ }}kHz$ है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए।

उत्तर:   दिया है:

वायु में ध्वनि का वेग $= {\text{ }}344{\text{ }}m{s^{ - 1}}$

श्रव्य परिसर में आवृत्तियाँ: $0{\text{ }} = {\text{ }}20{\text{ }}Hz,{\text{ }}{V_2} = {\text{ }}20$

$v = v\lambda$

$\lambda  = \dfrac{V}{v}$

$kHz{\text{ }} = {\text{ }}20000{\text{ }}Hz,\;\;$

(i) स्थिति I: जब आवृत्ति ${V_1} = {\text{ }}20{\text{ }}Hz$ हो।

$\lambda  = \dfrac{{\text{V}}}{{{{\text{V}}_1}}} = \dfrac{{344\;{\text{m}}\;{{\text{s}}^{ - 1}}}}{{20\;{\text{Hz}}}} = 17.2\;{\text{m}}$


(ii) स्थिति II: जब आवृत्ति ${V_2} = {\text{ }}20,000{\text{ }}Hz$ हो।

$\lambda  = \dfrac{V}{{{V_2}}} = \dfrac{{344\;{\text{m}}\;{{\text{s}}^{ - 1}}}}{{20,000\;{\text{Hz}}}}$

$= 0.0172\;m$

अतः दोनों आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्ध्य क्रमशः $17.2{\text{ }}m$ और $0.0172{\text{ }}m$ है।


8. दो बालक किसी एलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय को अनुपात ज्ञात कीजिए।

उत्तर:

${V_{air}} = {\text{ }}346{\text{ }}m{s^{ - 1}}(25^\circ C$ पर)

${V_{AI}} = {\text{ }}6420{\text{ }}ms{ - ^1}(25^\circ C$ पर)

माना कि पाइप की लम्बाई $ = {\text{ }}lm$ है।

ध्वनि का वायु द्वारा एक बालक से दूसरे बालक तक

जाने में लगा समय $\left( {{t_1}} \right){\text{ }} = $ दुरी / चाल    

${t_1} = \dfrac{l}{{346}}{\mathbf{s}}\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;....(i)$

इसी प्रकार, ऐलुमिनियम से होकर ध्वनि को एक बच्चे से दूसरे बच्चों तक पहुँचने में लगा समयः

${t_2} = \dfrac{l}{{6420}}\;{\text{s}}\;\;\;\;\;\;\;\;\;....(ii)$

समी. (i) तथा (ii) से

$\dfrac{{{t_1}}}{{{t_2}}} = \dfrac{1}{{346}} \div \dfrac{1}{{6420}}$

$= \dfrac{l}{{346}} \times \dfrac{{6420}}{l} = \dfrac{{6420}}{{346}} = \dfrac{{18.55}}{1}$

${{\text{t}}_1}:{{\text{t}}_2} = 18.55:1$ 


9. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति $100{\text{ }}Hz$ है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?

उत्तर: ध्वनि की आवृत्ति $ = {\text{ }}1$ सेकंड में कंपनों की संख्या होती है।

अर्थात् आवृत्ति कंपनों की संख्या/ लिया गया समय 

$v = \dfrac{n}{t}$

जहाँ,           $n = $ कंपनों की संख्या,

$v = $ आवृत्ति,   $t = $ समय

$n = v \times t$

$ = (100Hz) \times 60s$ ;$1$ मिनट $ = 60$ सेकेंड

$1 = 6000$ बार

वैकल्पिक विधिः  आवृत्ति $ = 100Hz$ का अर्थ है

=> $1$ s में कंपनों की संख्या $= 100$ बार

=> $60s$ में कंपनों की संख्या $= 100 \times 60 = 6000$ बार

अतः $1$ मिनट (यानी $60{\text{}}s = 6000$ बार


10. क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।

उत्तर: हाँ, ध्वनि भी परिवर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका की प्रकाश की तरंगें करती हैं। ध्वनि के परिवर्तन के  नियम इस प्रकार है :

(i) आपतित ध्वनि तरंग, परीवर्तित ध्वनि तरंग तथा आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब। ये तीनों एक ही तल में होते हैं।


(ii) परीवर्तक पृष्ठ के आपतन बिंदु पर खींचे गए अभिलंब तथा ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच का कोण आपस में बराबर होते हैं।

$\angle i = \angle r$


11. ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक पृष्ठ के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक शीघ्र की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी|

(i) जिस दिन (ताप) अधिक हो?

(ii) जिस दिन (ताप) कम हो?

उत्तर: अधिक तापमान वाले दिन प्रतिध्वनि शीघ्र सुनाई देगी।

कारणः प्रतिध्वनि का समय $t = {\text{ }}\dfrac{{2d}}{v}{\text{ }},\;d = $ परावर्तक पृष्ट की स्रोत से दूरी


क्योंकि परावर्तक पृष्ठ की दूरी $(d)$ स्थिर है इसलिए प्रतिध्वनि का समय ध्वनि के चाल का व्युत्क्रमानुपाती होगा। ताप में वृद्धि होने पर उस माध्यम में ध्वनि की चाल भी बढ़ जाती है।

अतः अधिक ताप वाले दिन ध्वनि की चाल अधिक होगी और प्रतिध्वनि शीघ्र सुनाई देती है।


12. ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लीखिए।

उत्तर: 

(i) मेगाफोन या लाउडस्पीकर, हार्न तथा शहनाई जैसे वाद्य यंत्रः ये सभी इस प्रकार बनाए जाते हैं कि ध्वनि सभी दिशाओं में फैले और न ही केवल एक विशेष दिशा में ही जाती है। यह स्रोत से उत्पन्न होने वाली ध्वनि तरंगों को बार-बार परावर्तित करके श्रोताओं की ओर आगे की दिशा में भेज देता है।


(ii) स्टेथोस्कोप: में रोगी के हृदय की धड़कन की ध्वनि बार- बार परावर्तन के कारण डॉक्टर के कानों तक पहुँचती है।


13. $500$ मीटर ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? ($g{\text{ }} = {\text{ }}10{\text{ }}m/s$ तथा ध्वनि की चाल $ = {\text{ }}340{\text{ }}m/s$)

उत्तर:

पत्थर की ऊँचाई $h{\text{ }} = {\text{ }}500{\text{ }}m,{\text{ }}g{\text{ }} = {\text{ }}10{\text{ }}m{s^{ - 2}}$ तथा

पत्थर का प्रारंभिक वेग $u = 0$ मीनार की चोटी से पानी

की सतह तक पत्थर को आने में लगा समय $ = {t_1}$

$\therefore \quad h( = {\text{s}}) = u{t_1} + \dfrac{1}{2}gt_1^2$

$500\;{\text{m}} = 0 \times {t_1} + \dfrac{1}{2} \times 10 \times t_1^2$

$\Rightarrow 500 = 5 \times t_1^2$

$\Rightarrow t_1^2 = \dfrac{{500}}{5} = 100$

$\Rightarrow {t_1} = \sqrt {100}  = 10\;{\text{s}}$ 

पानी से टकराने के बाद ध्वनि को मीनार की चोटी

तक पहुँचने में लगा समय $ = {t_2}$

$\therefore \quad {t_2} = $ दूरी /चाल 

$ = \dfrac{h}{{\;{\text{V}}}} = \dfrac{{500}}{{340}} = 1.47\;{\text{s}}$

:: पानी से टकराने के बाद ध्वनि को मीनार की चोटी तक पहुँचने में लगा कुल समय

$\;\;\;t = {t_1} + {\text{ }}{t_2} = {\text{ }}10{\text{ }} + {\text{ }}1.47{\text{ }} = {\text{ }}11.47{\text{ }}{s^1}$

14. एक ध्वनि तरंग $339{\text{ }}m/s$ की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्घ्य $1.5{\text{ }}cm$ हो तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होगी?

उत्तर: 

जो दिया गया है:

ध्वनि तरंग की चाल $ = 339{\text{ }}m{s^{ - 1}}$

तरंगदैर्घ्य 

$\lambda  = 1.5\;{\text{cm}} = \dfrac{{1.5}}{{100}} = \dfrac{{15}}{{1000}}\;{\text{m}}$

$\therefore \quad v = v\lambda  = 0.015\;{\text{m}}$

$\Rightarrow \quad v = \dfrac{v}{\lambda } = \dfrac{{339}}{{0.015}}$

$= \dfrac{{339 \times 1000}}{{15}}$

$= 22600\;{\text{H}}$ 

चूँकि ध्वनि तरंग की आवृत्ति $20,000{\text{ }}Hz$ से अधिक है इसलिए ये श्रव्य नहीं है।


15. अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?

उत्तर: किसी बड़े हॉल में उत्पन्न होने वाली ध्वनि दीवारों सेबारंबार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है। यह बारंबार परावर्तन, जिसके कारण ध्वनि का स्थायित्व होता है, और वहअनुरणन (Reverberation) कहलाता है। यह अवांछनीय होता है क्योंकि अत्यधिक अनुरणन के कारण स्पष्ट सुनाई नहीं देता हैं अनुरणन कम करने के निम्न उपाय हैं:

* भवन की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों जैसे संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर अथवा पर्दै लगाए जाते हैं।


* सीटों के पदार्थों का चुनाव इनके ध्वनि अवशोषक गुणों के आधार पर करना होता है।

16. ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करती है?

उत्तर:  प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है जिसके कारण मृदु ध्वनि (Soft sound) तथा प्रबल ध्वनि (Loud sound) में अंतर कर सके। ध्वनि की प्रबलता निम्नलिखित तथ्यों पर निर्भर करती है।

* ध्वनि के दोलन आयाम (Amplitude of vibration of sound)


* कानों की संवेदनशीलता (Sensitivity of ears)


17. चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है?

उत्तर: चमगादड़ उड़ते समय पराध्वनि तरंगे उत्सर्जित(Emmits) करता है तथा परावर्तन के बाद इनका संसूचन (detect) करता है चमगादड़ द्वारा उत्पन्न उच्च तारत्व के पराध्वनि स्पंद अवरोधों या कीटों से परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुँचती है। इस तरह चमगादड़ को परावर्तित स्पंदों की प्रकृति से चमगादड़ को पता चलता है कि अवरोध या कीट कहाँ पर है और यह किस प्रकार का है। चमगादड़ द्वारा पराध्वनि उत्सर्जित होती है तथा अवरोध या कीटों द्वारा परावर्तित होती है।


Ultrasound is emitted by bats and reflected by barriers or insects.


18. वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?

उत्तर-: पराध्वनि का उपयोग उन भागों को साफ करने में करते हैं जिन तक पहुँचना कठिन होता है; जैसेः सर्पिलाकार नली, विषम आकार के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक अवयव आदि। वस्तुओं को साफ करने वाले मार्जन विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति होने के कारण धूल, चिकनाई, गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है।


19. सोनार की कार्यविधि तथा उपयोग का वर्णन कीजिए।

उत्तर: कार्यविधिः सोनार में एक प्रेषित (Transmitter) तथा संसूचक (detector) होता है। इसे किसी नाव या जहाज में चित्रानुसार लगा देते हैं प्रेषित द्वारा पराध्वनि तरंगें उत्पन्न तथा प्रेषित की जाती हैं जो समुद्र तल में स्थित किसी पिंड से टकराकर परावर्तित होती हैं और संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं।


A copy of the sound sent by the transmitter and received by the detector.


संसूचकः पराध्वनि तरंगों को विद्युत संकेतों में बदल देता है

जिनकी उचित रूप से व्याख्या कर ली जाती है। मान लीजिए पराध्वनि संकेतों के प्रेषण तथा अभिग्रहण का समयांतराल $ = t$ है।

समुद्री जल में ध्वनि की चाल $ = v$ है।

तब सतह से पिंड की एक तरफ की दूरी (या गहराई) $ = d$

सतह से पिंड तक तथा वापस सतह तक पराध्वनि द्वारा चली गई दूरी $ = 2d$ होगी      

दूरी = चाल x समय

$\Rightarrow 2\;{\text{d}} = v \times {\text{t}}$

$\Rightarrow {\text{d}} = \dfrac{{\nu \quad  \times \quad t}}{2}$ 


उपयोगः उपर्युक्त समीकरण में $'V'$ तथा $'t'$ के मान

प्रतिस्थापित कर हम  मान लेते हैं।

(i) समुद्र की गहराई ज्ञात करने में


(ii) जल के अंदर स्थित चट्टानों, घाटियों, पनडुब्बियों, हिमशैल (प्लावी बर्फ़), डूबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।


20. एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार युक्ति, संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि $5s$ पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी $3625{\text{ }}m$ हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।

उत्तर:  जो दिया गया है:

$d = 3625m$

प्रतिध्वनि का समय $t = 5s$

पानी में ध्वनि की चाल $v = ?$

$d = \dfrac{{v \times t}}{2}$

$\Rightarrow v = \dfrac{{2d}}{t}$

$= \dfrac{{2 \times 3625}}{5}$

$= 1450\;{\text{m}}{{\text{s}}^{ - 1}}$ 


21. किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है, वर्णन कीजिए।

उत्तर: पराध्वनि तरंगों को धातु के ब्लॉक से प्रेषित की जाती है और प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचकों (Detectors) का प्रयोग किया जाता है। यदि थोड़ा-सा भी दोष होता है तो पराध्वनि तरंगें वापस परावर्तित हो जाती हैं जो कि धातु ब्लाक में दोष की उपस्थिति दर्शाती हैं।


Ultrasound is reflected from the defect site in the metal block.


22. मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचना कीजिए।

उत्तर: बाहरी कान को ‘कर्ण पल्लव' कहा जाता है। यह आसपास के परिवेश से ध्वनि एकत्रित करता है। एकत्रित ध्वनि श्रवण नालिका से गुजरती है। श्रवण नालिका के सिरक पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटल या कर्ण पटह झिल्ली कहते हैं। जब माध्यम के संपीडन कर्ण पटह तक पहुँचते हैं तो झिल्ली के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है और यह कर्ण पटह को अंदर की ओर दबाता है। इसी प्रकार, विरलने के पहुंचने पर कर्ण पटह बाहर की ओर गति करता है। इस प्रकार कर्ण पटह कंपन करता है। मध्य कर्ण में विद्यमान तीन हड्डियाँ। (मुग्दरक, निहाई तथा वलयक (स्टिरप)। इन कंपनों को कई गुना बढ़ा देती हैं। मध्य कर्ण ध्वनि तरंगों से मिलने वाले इन दाबे परिवर्तनों को आंतरिक कर्ण तक संचरित कर देता है। आंतरिक कर्ण में कर्णावर्त Cochlea) द्वारा दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों को श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है और मस्तिष्क इनकी ध्वनि के रूप में व्याख्या करता है।


Auditory part of human ear


चित्र 12.17 : मानव कान के श्रवण भाग


NCERT Solutions for Class 9 Science Chapter 12 Sound in Hindi

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FAQs on NCERT Solutions for Class 9 Science Hindi Chapter 12 Sound

1. List out the topics included in Chapter 12 of NCERT Solutions for Class 9 Science.

Class 9 Science Chapter 12 is about 'Sound'. It briefly explains everything one should know about sound, its characteristics, terms related to sound and more. You can find the following topics included in the NCERT Solutions of Class 9 Science Chapter 12.

  • Production and Propagation of sound.

  • Medium of Sound

  • Wave and its types

  • Characteristics of Sound

  • Audible Frequency

  • Reflection of Sound and its Laws

  • Applications of Reflection of Sound.

2. How many exercises are present in Chapter 12 of NCERT Solutions for Class 9 Science?

NCERT Solutions of Class 9 Science Chapter 12 has answers provided for all the 22 questions given at the end of the chapter. You can also find the answers to the questions of all the nine in-text exercises. These answers are written by the in-house subject matter experts of Vedantu. They are written simply and briefly, which makes them easy to understand and remember.

3. Is the NCERT Solutions for Class 9 Science the best study material for exams?

Yes. There are high chances that you can get questions from the NCERT Science Textbook in your exams. According to CBSE guidelines, the questions are expected to strictly follow the NCERT syllabus. So, before you jump onto any guidebook, make sure that you have prepared the NCERT solutions for Class 9 Science. Practising these solutions will strengthen your concepts and will make you ready to excel in exams. You can refer to the official website of Vedantu or the Vedantu app for the PDFs of NCERT Solutions at free of cost.

4. List sources of noise pollution in your surroundings.

When any noise crosses over 65dB it results in noise pollution. It is considered to be harmful to the ears to hear something beyond 65-70dB. We can find a lot of things that contribute to noise pollution. Following are some of the sources of noise pollution:

  • The honking of horns or traffic noise

  • Loud music through speakers

  • Drilling at construction sites

  • Air traffic noise

  • Industrial activities

  • Bursting of crackers

  • Electrical appliances 

  • Barking of dogs.

5. Explain in what way noise pollution is harmful to humans.

Noise pollution happens due to the presence of loud and unnecessary sound that crosses 65dB. Any noise that goes beyond 65-70dB is known to be quite harmful to humans. It can harm us in the following ways:

  • Physical- By damaging our hearing, headaches, and raising blood pressure. 

  • Behavioural- It affects our sleep which brings in many other behavioural disorders.

  • Psychological- It results in stress, anxiety and in extreme cases leads to depression.