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Important Questions for CBSE Class 7 Hindi Durva Chapter 6 - Garo

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Last updated date: 26th Apr 2024
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CBSE Class 7 Hindi Durva Important Questions Chapter 6 - Garo - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 7 Hindi Durva Chapter 6 - Garo prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions for Class 7 Hindi Durva पाठ 6 - गारो

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक) 

1. गारो क्या है? 

उत्तर: गारो मेघालय राज्य की एक प्रमुख जनजाति है। 


2. ‘गारो’ के लेखक कौन है? 

उत्तर: गारो एक लोककथा है जिसके लेखक संकलित जी है। 


3. ‘गारो’ के लोगों का स्वभाव कैसा होता है? 

उत्तर: गारो के लोग स्वभाव से बहुत ही शांतिप्रिय, परिश्रमी और प्रकृति प्रेमी होते हैं।  


4. गारो समाज के दो महापुरुषों के बारे मे बताए। 

उत्तर: गारो समाज के दो महापुरुषों के नाम हैं- जा पा जलिन पा और सुक पा बुंगि पा।


5. गारो का पहला पड़ाव कहा हुआ था? 

उत्तर: ऐसा माना जाता है, कि गारो का पहला पड़ाव कूचविहार के वनों में हुआ था। 


लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक) 

1. मनुष्यों के इस्तेमाल में आने वाली उन वस्तुओं के नाम लिखिए जो हमे जंगल प्रदान करते हैं? 

उत्तर: जंगल हमें लकड़ी, फल-फूल, कांड-मूल, औषधि आदि देते हैं। जंगलों से हमारे जीवन में बहुत अधिक बदलाव आए हैं। आज भी जंगलों में बहुत ऐसे रहस्य छिपे हैं जिसका हमें पता नहीं हैं। 


2. गारो अपने साथ-साथ क्या लेकर चलते थे? 

उत्तर: गारो अपनी संपत्ति घोड़े, जानवर आदि अपने साथ लेकर चलते थे। कभी-कभी तो वो महीनों तक चलते रहते थे। 


3. जलिन पा और बुंगि पा क्यों महान बन गए थे? 

उत्तर: कहा जाता है, कि जलिन पा और बुंगि पा इतने निडर और बहादुर व्यक्ति थे, कि जंगलों के खूंखार जानवर भी उनकी आहट या आवाज़ सुनकर भाग जाते थे। वे भयंकर तूफानों में भी सही मार्ग और दिशा का पता लगा लेते थे। 


4. गारो समाज को भारत का गौरव क्यों कहा जाता है? 

उत्तर: गारो समाज को भारत का गौरव इसलिए कहा जाता है, क्योंकि वे अभी तक अपने पारंपरिक हुनर-कौशल को कायम रखे हुए हैं। 


5. असम के राजा से किसने बात की थी? 

उत्तर: जलिन पा और बुंगि पा ने असम के राजा से बात की और मार्ग कि प्राप्ति की। 


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

1. गारो लोग मेघालय में कैसे बसे? 

उत्तर: इस बारे में एक काहनी प्रचलित है। कहा जाता है, कि हजारों साल पहले गारो लोगों के पूर्वज चीन और तिब्बत की ओर बहुत दूर तक चल गए थे। वे घाटियों में घूमते रहें। जहां खाने पीने को चीजे मिल जाती, वहीं रुक जाते थे। जब भोजन नहीं मिलता तो नए स्थानों की तलाश में निकाल जाते। इस प्रकार चलते चालत वे लोग मेघालय पहुँच गए और वहाँ के राजा से मैत्री करके वहीं बस गए।   


2. गारो के लोगों ने असम के राजा को कैसे मनाया?

उत्तर:  गारो लोग प्रारंभ से ही शांतिप्रिय लोग रहे हैं। उन्होंने पहले कभी लड़ाई का रास्ता नहीं अपनाया।जलिन पा और बुंगी पा ने असम के राजा से बात करके उसे समझाया। उनके समझाने पर असम का राजा उन्हें मार्ग देने के लिए सहमत हो गए। उन्होंने उस राजा का विवाह एक गारो सुंदरी से करवा दिया। इस प्रकार उनके बीच मैत्री संबंध बन गया।


3.  "गारो" को लेकर लोगो के मन मे क्या धारणा है.?

उत्तर: कुछ विद्वानों के अनुसार यह घटना प्रथम सदी ईसा पूर्व की है। आज के समय पश्चिम बंगाल राज्य में एक कूचविहार नामक इलाका पड़ता है। कहा जाता है,कि गारो लोग कूचविहार इलाके में बस गए थे। आज भी कूचविहार और इसके आस पास के इलाके में बहुत से गारो लोग रहते हैं। 


4. "गारो" लोगो ने मेघालय घाटी की पहाड़ियों में बसने का फैसला क्यों किया.? 

उत्तर: जलिन पा और बुंगी पा ने अपने लोगो को गारो पहाड़ी की घाटियों की ओर चलने की सलाह दी। यह घाटी बहुत ही सुंदर थी। यहाँ पहाड़ी झरने , जंगली फल-फूल, जड़ी-बूटियां और पक्षी यहाँ के वातावरण तथा पर्यावरण को और भी आकर्षक बनाते थे। खेती के लिए वहाँ की जमीन भी बहुत उपजाऊ थी। इसलिए उन लोगो ने वहाँ मेघालय घाटी की पहाड़ियों में बसने का फैसला किया। 


5. "गारो" लोग किस काम में अधिक रुचि दिखाते हैं?

उत्तर: गारो के लोग प्रारंभ से ही प्रकृति के विभिन्न प्रकार के संसाधनों की तलाश करने को ही अपना मनोरंजन मानते हैं।  जंगलों में घूमना, फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ, अन्न, कंद-मूल की खोज करना आदि ऐसे कार्य हैं जिनमे वो अधिक रुचि दिखाते हैं।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

 1. गारो के लोग जलिन पा और बुंगी पा की बात क्यों मानते थे.? 

उत्तर: ऐसा कहा जाता है,कि जलिन पा और बुंगी पा इतने निडर और प्रभावशाली व्यक्तिगत वाले थे कि उनकी आवाज़ या आहट सुनकर ही खूंखार जानवर भाग जाते थे। वे दोनों भयंकर तूफानी मौसम में भी सही मार्ग और दिशा खोज लेते थे। रात के समय में भी वे अपने साथियों की मदद के लिए तैयार रहते थे। अपनी सहज बुद्धि और विवेक से वे आने वाले खतरे का पूर्वानुमान लगा लेते थे और अपने साथियों को उस खतरे से अगाह करके उन्हें बचा लेते थे। इसलिए सभी गारो लोग उन दोनों की बाते मानते थे।


2. गारो जनजाति के बारे में संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर: गारो एक जनजाति का नाम है। ऐसा माना जाता है कि  उनका संबंध चीन और तिब्बत से है। प्राचीनकाल में वे भोजन और अन्य संसाधनों की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहते थे। बहुत भटकने के बाद एक समय बाद वे मेघालय और उसके आस पास के क्षेत्रों में जा कर बस गए। इस जाति के लोग बहुत ही शांतिप्रिय होते हैं। प्रकृति से इनका गहरा लगाव होता है। ये बेहद मेहनती, साहसी, निडर और दृढ-निश्चय वाले लोग होते हैं।


3. गारो के लोग जाने के लिए एक सुरक्षित स्थान क्यो खोज रहे थे.? 

उत्तर: गारो लोग खानाबदोशों की तरह भोजन की तलाश में यहाँ से वहाँ भटकते रहते थे। भटकते हुए उन्हें बहुत प्रतिकूल परिस्थितियों और मौसम का सामना करना पड़ता था। वे इस तरह भटकते रहने से परेशान हो चुके थे। वे अपने लिए एक सुरक्षित और उपजाऊ जगह चाहते थे जहाँ वे सुरक्षित और एक अच्छा जीवन जी सके। इसलिए वे एक सुरक्षित स्थान की खोज कर रहे थे। 


4. जा पा जलिन पा और सुक पा बुंगि पा दोनों गारो में क्यों प्रसिद्ध थे.? 

उत्तर: उन दोनों ने गारो लोगो विषम परिस्थितियों से निकाल कर किसी सुरक्षित जगह ले जाने का संकल्प लिया। दोनों ने अपनी जाति के विकास और संरक्षण के लिए एक सुरक्षित और सुंदर स्थान की खोज शुरू कर दी। अन्ततः दोनों ने मेघालय जगह को खोजा और वहाँ अपने लोगो को बसाया। आज गारो जाती उस क्षेत्र में सुसंस्कृत रूप से फल-फूल रही है। ये केवल उनके दृढ-संकल्प के कारण सम्भव हुआ। इसलिए गारो जनजाति के लोगो में जा पा जलिन और सुक पा बुंगी पा दोनों बहुत प्रसिद्ध हैं।


5. लोककथाओं और सामान्य कहानी में क्या अंतर होता है.?

उत्तर: लोक-कथा और सामान्य कहानी में बहुत अंतर होता है। एक लोक-कथा किसी सच्ची कहानी पर आधारित होती है, जबकि एक कहानी काल्पनिक होती है। लोककथाएँ हमारी प्रसिद्ध संस्कृति का आधार हैं। लोककथाओं में उस समय के वासियों के जीवन-चित्रण होता है, जबकि किसी सामान्य कहानी में इस तत्व का अभाव होता है। लोककथाएँ हमारी अमूल्य धरोहर हैं, जो सदियों से एक पीढ़ी द्वारा अगली पीढ़ी को, उनके द्वारा अगली पीढ़ी को देती जा रही हैं। सामान्य कहानियों के साथ ऐसा नहीं होता। लोककथाएँ मौखिक रूप में भी जीवित रहती हैं, जबकि एक सामान्य कहानी का लिखित रूप होता है। लोककथाओं के निर्माण और उत्पत्ति के बारे में कोई प्रमाण, जानकारी नहीं होती, लेकिन सभी सामान्य कहानियों के बारे में जानकारी उपलब्ध होती हैं।