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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 11 Poem Kavitt/Sabeya

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Last updated date: 28th Mar 2024
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MVSAT 2024

CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 11 Poem Kavitt/Sabeya - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 11 Poem Kavitt/Sabeya prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions for Class 12 Hindi Chapter 11 – कवित्त / सवैये

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1अंक)

1.  इस कविता में कवि घननानंद ने कितने कवित्त और कितने सवैये दिए है?

उत्तर:  प्रस्तुत कविता के आधार पर हम कह सकते हैं कि घनानंद ने दो कवित्त और दो सवैये दिए है । प्रथम कविता में कवि ने अपनी प्रेमिका सुजान को संबोधित करके लिखा है । और दूसरे कविता में कवि ने संयोग और वियोग की स्थितियों का तुलनात्मक रूप प्रस्तुत किया है।


2. निम्नलिखित शब्दों का पर्यायवाची शब्द लिखिए।

उत्तर:  दोष :– अभाव ,  त्रुटि , अवगुण ।         

कान :–  कर्ण ,  श्रवण , श्रुतिपट ।


3. प्रथम सवैये में कवि ने किस का वर्णन किया है ? 

उत्तर:  प्रथम सवैये में कवि ने अपनी मरणावस्था की दुहाई देते हुए अपनी प्रियसी सुजान को संबोधित करते हुए लिखा है । वह उससे मिलने के लिए व्याकुल है। वह चाहता है कि उसकी प्रेमिका एक बार अवश्य ही उसे दर्शन दे।


4. दोनों कविता में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है?

उत्तर: दोनों कविता में पुनरुक्ति प्रकाश , श्लेष अलंकार , अनुप्रास अलंकार , रूपक अलंकार , प्रश्न अलंकार आदि का सहज रूप से वर्णन किया गया है।


5. कवि प्रथम कविता किसको संबोधित कर लिखते हैं ?

उत्तर: कवि प्रथम कविता अपनी प्रियशी सुजान को संबोधित कर लिखते हैं। तथा उसकी  याद में लिखते हैं ।


 लघु उत्तरीय प्रश्न ( 2 अंक)

6.  कवि क्यों  दुखी हैं ?

उत्तर:  कवि अपनी प्रेमिका को पुकार – पुकारकर हार गया है । वह उसे कोई उत्तर नहीं । तथा सुनी अनसुनी कर देती है। अब कवि ने यह निश्चित किया है कि वह मूक रहेगा । उसका हृदय प्रतिफल उसे पुकारता रहेगा । उसे विश्वास है कि एक दिन उसकी हृदय की सच्ची पुकार से उसकी प्रेमिका के कान जरूर खुलेंगे और वह उसकी पुकार को सुन लेगी । कवि को इस लगता है की अब उसके प्राण निकलने ही वाले हैं । 


7.  कवि घनानंद को ऐसा क्यूं लगता है की उसके प्राण निकलने ही वाले हैं ?

उत्तर:  कवि घनानंद को ऐसा इसलिए लगता है कि उसके प्राण निकलने ही वाले हैं क्योंकि यह अपनी प्रेमिका की दर्शन के लिए प्रतीक्षारत है । परंतु अब यह सीमा समाप्त होने वाली है और कवि के प्राण निकलने ही वाले हैं । वह कवि के सभी संदेशों को सम्मानपूर्वक रख लेती है । परंतु दर्शन देने नही आती है । उसकी झूठी बातों पर विश्वास करके कवि घनानंद उदास हो गया है । और इसलिए उसे ऐसा लगता है की उसकी इस बीमारी का कोई उपचार नहीं है । इसलिए उसे ऐसा लगता है की अब तो उसके प्राण निकलने ही वाले हैं । 


8.  दोनो कवित्त में क्या विशेष है ?

उत्तर: प्रथम कवित्त में कवि प्रेमिका के वियोग में मरने की स्थिति में चला गया है । ब्रजभाषा की कोमल कांत पदावली का प्रयोग किया गया है । पुनरुक्ति प्रकाश, अनुप्रास , श्लेष अलंकारों का सहज रूप से वर्णन किया गया है । वियोग वर्णन में मार्मिकता है। करुण रस विद्यमान है। दूसरे कवित्त में ब्रजभाषा का प्रयोग किया गया है । अनुप्रास और प्रश्न अल्लंकर विद्यमान है । श्रृंगार के विरह पक्ष का मार्मिक वर्णन है । नायक के अनन्य प्रेम का सजीव वर्णन किया गया है । 


9.  कभी मौन होकर प्रेमिका के कौन से प्राण पालन को देखना चाहता है ?

उत्तर: कभी अपनी प्रेमिका के ना मिलने से व्याकुल है  l उसकी वचनों को सुनकर भी अनसुना कर देती है l वह अब अपने हृदय से उसे पुकारते हैं, मुख से मौन रहता है l वह अब यह देखना चाहता है कि उसकी ख़ामोशी तथा हृदय की पुकार का उसकी प्रेमिका पर क्या प्रभाव होता है l वह कब तक उससे ना भूलने की अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहती है l उसे विश्वास है कि उसके हृदय की पुकार उसकी प्रेमिका को बोलने पर विवश कर देगी  l


10.  दूसरे सवैये में कवि ने किसका वर्णन किया है ? 

उत्तर: दूसरे सवैये मैं कवि अपनी प्रेमिका द्वारा अपना प्रेम पत्र बिना पढ़े फाड़ देने पर अपनी प्रतिक्रिय व्यक्त करते हुए कहता है कि उसने हदय रूपी प्रेम पत्र में अपने हृदय के समस्त प्रेम भाव निचोड़कर प्रेम पत्र लिखकर भेजा है । परतु उसने इसे बडी ही आसानी से फाड़ दिया । जिससे। कवि का। हृदय व्यथित हो गया है । इस सवैये में कवि ने अपनी वेदना को व्यक्त किया है । 


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक )

11. “बहुत दिनान को अवधि आसपास परे, खरे अरबरनी भरे हैं उठी जान को “ इन पंक्तियों की व्याख्या लिखिए?

उत्तर:  इन पंक्तियों में कभी अपनी मरण अवस्था की दुहाई देते हुए अपनी प्रेयसी सुजान को संबोधित करते हुए कहता है कि मैं बहुत दिनों से प्रेमिका के दर्शन के लिए प्रतीक्षारत हूं l परंतु अब यह दिनों की सीमा समाप्त होने वाली है और मेरे प्राण विचलित होकर निकल जाने के लिए आतुर हो उठे हैं  l अब तो मृत्यु का समय निकट आ गया है यह जाक़र मन बहुत व्याकुल और विचलित हो उठता है l 


12.  “ कहीं-कहीं आवन छबीले मनभावन को, गहि गहि राखति ही दै दै सनमान  क़ो  “ इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए? 

उत्तर:  इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि मेरी दयनीय दशा का संदेश मेरी सुंदर मनभावन प्रेमिका तक पहुंचा दिया जाता है और वह भी उन संदेशों को सम्मान पूर्वक लेकर रख लेती है परंतु दर्शन देने नहीं आती है उसकी झूठी बातों पर विश्वास करके कवि घनानंद उदास हो गया है l 


13.  मौन हूँ सौ देखिहों कितेक पन पालिहो जू, कुक भरी मुक्ता बुलाय आप बोलिहे l इन पंक्तियों का भावार्थ लिखिएl 

उत्तर: इन पंक्तियों में कवि  अपनी प्रेमिका से पूछता है कि तुम खामोश रहकर के कितनी प्रतिज्ञा का पालन करोगी l मेरी खामोशी से भरी हुई पुकार सुनकर तुम अवश्य ही बोलोगी l कभी कहना चाहता है कि उसकी ख़ामोशी उसकी प्रेमिका को बोलने पर मजबूर कर देगी l मेरे हृदय की पुकार उसके कानू तक अवश्य पड़ेगी और वह अवश्य ही बोलेगी l 


14. तब तो छवि पी वत जीवित है, अब सोचन लोचन जात जर्रे l  हित – पोश  के तोष  सु प्रान पले , विल्लात महा दुख  दोष   भरे l इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें l 

 उत्तर:  इन पंक्तियों का आशय यह है कि कभी प्रेमी युगल की संयोग और वियोग की स्थितियों का वर्णन करते हुए लिखता है कि संयोग अवस्था में हम प्रिय के सुन्दर रुपी सुधा का पान अपने नेत्रों से करते हुए जी रहे थे l परंतु अब वियो ग की दशा में प्रिय के विरह मे यह नेत्र विरह के शोक में जल रहे हैं l संयोग  के समय में प्रिया के प्रेम से पुष्ट होक़र का प्राण पल रहे थे l 


15. पूरन प्रेम को मंत्र महापन जा मधि सोधि सुधारि् है लेखकों । ताहि के चारू चरित्र विचित्रनी यो प्रचिकै रचित राखि बिसेखयो। इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट करें। 

उत्तर: कवि प्रेमिका द्वारा अपना प्रेम पत्र बिना पढ़े फाड़ देने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहता है कि जिस हृदय रूपी प्रेम पत्र में पूर्ण प्रेम के मंत्र को महान प्रतिज्ञा के साथ मैंने भली-भांति शुद्ध करके लिखा था जिस हृदय रूपी प्रेम पत्र को उसी प्रिया के सुंदर तथा अद्भुत चरित्र से विशेष रूप से बना कर रखा था ऐसा हृदय रूपी पवित्र प्रेम पत्र जिसमें किसी दूसरे के संबंध में मैंने कहीं कुछ भी नहीं लिखा था ।


लघु उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

16.   चाहत चलन यह संदेशो ले सुजान को। इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें ।

उत्तर: इस पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि कवि की प्रेमिका का नाम सुजान है । वह उससे बहुत प्रेम करता है । वह उससे मिलना चाहता है, परंतु बहन मिल नहीं रही है। उसके द्वारा भेजे गए संदेश भी वह ले लेती है परंतु कोई उत्तर नहीं देती। कवि मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया है। उसे लगता है कि कभी भी उसके प्राण निकल सकते हैं । अपनी प्रेमिका सुजान तक यह संदेश पहुंचाना चाहते हैं। कि उसके दर्शनों की अभिलाषा में ही उसके प्राण अब तक अटके हुए हैं इसलिए वह आकर उसे दर्शन दे।

 

17.  कवि अपनी प्रेमिका की परीक्षा कैसे लेता है? 

उत्तर: कभी अपनी प्रेमिका के नाम मिलने से बहुत व्याकुल है । उसकी वचनों को सुनकर भी अनसुना कर देती है। वह इतनी कठोर हो गई है कि उसे उसके लाख बुलाने पर भी ना ही जवाब देती है। वह पहले ऐसी नहीं थी । कभी अपने हृदय से उसे पुकारता है मुख से मोन रहता है । वह अब यह देखना चाहते हैं कि उसकी ख़ामोशी तथा हदय की पुकार का उसकी प्रेमिका पर क्या प्रभाव होता है । वह कब तक उससे ना बोलने की कि अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहती है । उसे विश्वास है कि उसकी हृदय की पुकार उसकी प्रेमिका को बोलने पर विवश कर देगी। उसकी मरने जैसी अवस्था देखने उसकी प्रेमिका अवश्य आएगी।

 

18.  घनानंद की रचनाओं की भाषा की विशेषता को अपने शब्दों में लिखें।

उत्तर:  घनानंद रीतिमुक्त काव्यधारा के सुप्रसिद्ध कवि माने जाते हैं । उन्होंने ब्रज भाषा का प्रयोग किया है। उन्होंने कोमल कांत पदावली का प्रयोग किया है। उनके काव्य में श्रृंगार के सहयोग एवं वियोग दोनों पक्षों का चित्रण है । अब वियोग अवस्था का चित्रण अत्यंत अनूठा एवं सजीव बन पड़ा  । उनके काव्य में अनुप्रास , श्लेष,  पुनरूकति प्रकाश , आदि अलंकारों का प्रयोग किया गया है । इसमें कविता ,  छंद आदि का प्रयोग हुआ है। इनके काव्य में गेयता, संगीत आत्मकथा का गुण विद्यमान है


19.   कान खोली है” से कवि का क्या अभिप्राय है? 

उत्तर:  इस वाक्य से कवि का अभिप्राय है कि। उसकी प्रेमिका कब तक उसकी बात नहीं सुनेगी कब तक अपने कान नहीं  ।  कब तक उसके हृदय की आवाज को नहीं सुनेगी । कब तक उसकी बात को यूं ही अनसुनी करती रहेगी। कब तक इतनी कठोर बनेगी कि उसके कानों तक कोई आवाज ना जाए। कब तक मैं कानों में रुई डाले बैठी रहेगी। कब तक वह ऐसे करके उसे दर्द देती रहेगी। कभी कहना चाहता है कि उसे पूरा विश्वास है कि उसकी प्रेमिका अवश्य उसे देखने आएगी । उसके हृदय की बात अवश्य सुनेगी। वह यू अनजान ना बनेगी। अपने कानों पर से हुई निकालें तथा उससे मिलने अवश्य आएगी । 


20. “आनाकानी आरसी नेहोरिबो करोगे खोलो ?  कहा मो चकित दबा त्यों न दीठि डोलीहै ? “ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें । 

उत्तर:  इस पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि वह कब तक बेरुखी दिखाती रहेगी कब तक वह दर्शन देने को मना करती रहेगी। कभी अपनी प्रियतमा सुजान से बेरुखी त्याग कर दर्शन देने का अनुरोध करता है । कवि कहता है कि तुम कब तक मेरी पुकार को अनसुना करके स्वयं को अपनी अंगूठी में लगे हुए दर्पण में देखती रहोगी? क्या मेरी इस परेशानी और हैरानी से भरी हुई दशा को देखकर भी तुम्हारी दृष्टि विचलित नहीं होगी ? इस वाक्य में कवि अपनी प्रेयसी से पूछता है कि वह कब तक खामोश रहकर प्रतिज्ञा का पालन करेगी कब उसे उसकी याद आएगी और वह प्रतिज्ञा को तोड़कर उसके पास मिलने आएगी वह कहना चाहता है कि उसकी ख़ामोशी से भरी हुई पुकार सुनकर उसकी पेशी अवश्य आएगी । 

FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 11 Poem Kavitt/Sabeya

1. From where can I get the important questions for Chapter 11 (poem) of Class 12 Hindi (Antra)?

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2. Is it possible to score well in Chapter 11(poem) of Class 12 Hindi (Antra)?

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3. How will students be benefited if they will study Chapter 11 from Vedantu?

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4. Why are the NCERT Solutions helpful for Hindi Chapter 11?

The NCERT Hindi book (Antra) is the best study material for studying Chapter 11 of Class 12 Hindi due to the below reasons:

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5. What is the overview of Chapter 11 (poem) of Class 12 Hindi (Antra)?

Chapter 11(poem) of Class 12 Hindi(Antra) is written by Ghanananda. In this chapter, the poet has written two Kavit and Save.

In the first Kavit, the poet wants to see his lover ‘Sujaan’. He says that he is alive just to see her once. In the second Kavit, the poet says to his lover why she is not interested in meeting him, why she is making excuses and why she is not listening to him. In the first Saveya, the poet tells the difference between separation and bonding. In the second Saveya, the poet tells that his lover had not read the love letter and had destroyed it. To know more students can download the vedantu app.