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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas

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NCERT Solutions for Class 10 Chapter 4 Hindi - FREE PDF Download

Vedantu provides NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 "Parvat Pradesh Mein Pavas" provides a comprehensive guide to understanding this beautiful poem by Sumitranandan Pant, one of the foremost Hindi poets. The chapter is part of the "Sparsh" textbook and vividly depicts the beauty of the monsoon season in the mountainous regions. The Class 10 Hindi NCERT Solutions are designed to make learning easy and enjoyable for young learners, ensuring they grasp the chapter's key points effectively. 

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Chapter 4 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 10 Hindi (Sparsh) Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas
3. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 – पर्वत प्रदेश में पावस
    3.1निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
    3.2ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए :-
    3.3कविता का सौन्दर्य
4. Benefits of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas
5. Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4
6. Conclusion
7. NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions
8. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
9. NCERT Study Resources for Class 10 Hindi
FAQs


The solutions are designed to make learning enjoyable while ensuring that students grasp the key points of the chapter. Students can also download the FREE PDF of these solutions for easy access and revision. These resources will support students in their exam preparation by covering all essential topics, as per the latest CBSE Class 10 Hindi Syllabus.


Glance on Class 10 Hindi (Sparsh) Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas

  • Chapter 4 of Class 10 Hindi Written by Sumitranandan Pant, a renowned Hindi poet known for her lyrical and evocative poetry.

  • The poem beautifully captures the arrival of the monsoon in the mountainous regions, highlighting the rejuvenating power of rain.

  • Vivid descriptions of lush greenery, flowing streams, and the sounds of raindrops create a sensory experience that brings nature to life.

  • The poem conveys a sense of joy, tranquillity, and harmony, reflecting the deep connection between humans and nature during the rainy season.

  • The poet uses various literary devices, such as personification and metaphors, to enhance the emotional and aesthetic appeal of the poem.

  • "Parvat Pradesh Mein Pavas" encourages readers to appreciate the beauty of nature and underscores the importance of environmental consciousness.

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 – पर्वत प्रदेश में पावस

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1. पावस ऋतु में प्रकृति में कौन -कौन से परिवर्तन आते हैं ? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : वर्षा ऋतु में मौसम बदलता रहता है। तेज़ बारिश आती है। जल पर्वतों के चरणों में एकत्रित होकर दर्पण जैसा लगता है| पर्वत मालाओं पर अनगिनत पुष्प खिल जाते हैं| ये पुष्प कवि को पर्वत की आँखें प्रतीत होती हैं जिनसे वे देख पाते हैं| पर्वत से बहते झरने मानो उनका गौरव गान कर रहे होते हैं| लम्बे-लम्बे वृक्ष आकाश को छूने की इच्छा से उसे चिंतामग्न नज़रों से देखते हैं| काले-काले बादलों को देखकर ऐसा लगता है पर्वतों ने पंख लगा लिए हों | कोहरा धुंए जैसा लगता है| सब कुछ बारिश के देवता 'इंद्रदेव' का माया जाल प्रतीत होता है|


2. ‘मेखलाकार ‘ शब्द का क्या अर्थ है ? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है? 

उत्तर : ‘मेखलाकार‘ शब्द का अर्थ है – करघनी समान अर्थात कमर के आभूषण के समान। कवि ने यहाँ इस शब्द का प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि बारिश  के कारण पर्वतों की श्रृंखला करघनी की तरह लग रही है।


3. ‘सहस्र दृग – सुमन ‘ से क्या तात्पर्य है ? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा ? 

उत्तर : ‘सहस्र दृग – सुमन ‘ से कवि का तात्पर्य पर्वतों पर खिले हजारों पुष्पों से है| कवि को ये पुष्प पर्वत की ही आँखों के समान लग रहे हैं अतः कवि ने इस पद का प्रयोग किया है।


4. कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों ? 

उत्तर : कवि ने तालाब की समानता दर्पण के साथ दिखाई है क्योंकि तालाब भी दर्पण की ही तरह स्वच्छ व निर्मल प्रतिबिम्ब दिखा रहा है|


5. पर्वत के ह्रदय से उठ कर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं ?

उत्तर : पर्वत के ह्रदय से उठ कर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर चिंतित नज़रों से देखते हुए प्रतीत हो रहे हैं| ऐसा लग रहा है मानो वे आकाश की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं| ठीक इसी प्रकार मनुष्य भी हमेशा अपने जीवन में तरक्की करना चाहता है| जहाँ है वहाँ से ऊँचें स्थान पर जाना चाहता है|  


6. शाल के वृक्ष भयभीत हो कर धरती में क्यों धस गए हैं ? 

उत्तर : शाल के वृक्ष भयभीत हो कर धरती में इसलिए धस गए हैं क्योंकि वे प्रकृति का भयानक रूप देखकर बेहद डर गए हैं| मूसलाधार वर्षा और अत्यधिक धुंध के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सभी वृक्ष अदृश्य हो गए हैं और सम्पूर्ण आकाश ही जमीन पर आ गया हो|

 

7. झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं ? बहते हुए झरने की तुलना किस से की गई है ?

उत्तर : झरने पर्वतों के गौरव का गान कर रहे हैं|  बहते हुए झरनों की तुलना चमकदार मोतियों से की गई है।


ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए :-

1. है टूट पड़ा भू पर अम्बर!

उत्तर : इन पंक्तियों में कवि ने पर्वत प्रदेश में होने वाली मूसलाधार बारिश का वर्णन किया है। पर्वत प्रदेश में पावस ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य निराला होता है या यूं कहें बिल्कुल अद्भुत होता है। कभी-कभी तो इतनी धुआंधार बारिश होती है कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे भूमि पर आसमान ही टूट पड़ेगा।


2. यों जलद -यान में विचर -विचर

था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

उत्तर : इन पंक्तियों में कवि यह कहना चाहते हैं कि प्रकति में हर पल होने वाले बदलाव देखकर ऐसा लगता है कि बारिश के देवता 'इंद्रदेव' जी कोई जादुई खेल खेल रहे हैं। कभी अचानक काले-काले बादल, कभी मूसलाधार वर्षा और कभी तालाबों में उठता धुँआ। सभी कुछ 'इंद्रजाल' अर्थात माया से ही प्रतीत होता है।


3. गिरिवर के उर से उठ -उठ कर

उच्चाकांक्षाओं से तरुवर

है झाँक रहे नीरव नभ पर

अनिमेष ,अटल कुछ चिंतापर।   

उत्तर : इन पंक्तियों का भाव यह है कि पर्वत पर उगे विशाल वृक्ष ऐसे लगते हैं मानो इनके हृदय में अनेक इच्छाएं हैं और यह चिंतित होकर शांत आसमान की ओर देख रहे हैं। शायद इन विशाल वृक्षों में आसमान को छूने की चाह है।


कविता का सौन्दर्य

1. इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : इस कविता में कवि ने मानवीकरण अलंकार का प्रयोग बखूबी किया है| साथ ही मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करके कवि ने कविता में जान ही डाल दी है| इस अलंकार के प्रयोग से कविता बेहद सजीव-सी प्रतीत हो रही है| जैसे: पर्वतों पर उगे हजारों फूल ऐसे लग रहे है मानो पर्वतों की आँखे हो और वे इन आँखों के द्वारा अपने-आपको अपने चरणों में फैले दर्पण रूपी तालाब में देख रहे हों। 


2. आपकी दृष्टि में इस कविता का सौन्दर्य इसमें से किस पर निर्भर करता है?

(क) अनेक शब्दों की आवृति पर

(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर

(ग) कविता की संगीतात्मकता पर

उत्तर : (ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर

इस कविता का सौन्दर्य शब्दों की चित्रमयी भाषा पर निर्भर करता है| कवि ने इस कविता में चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है|


3. कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है ऐसे स्थलों को छाँट कर लिखिए।

उत्तर : कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है, ऐसे स्थल निम्नलिखित हैं: 

१. अपने सहस्र दृग- सुमन फाड़, अवलोक रहा है बार-बार|

जिसके चरणों में पला ताल, दर्पण सा फैला है विशाल|


२. गिरि का गौरव गाकर झर- झर, मद में नस -नस उत्तेजित कर

मोती की लड़ियों- से सुन्दर, झरते हैं झाग भरे निर्झर|


३. धँस गए धारा में सभय शाल, उठ रहा धुआँ, जल गया ताल !
 यों जलद -यान में विचर –विचर, था इंद्र खेलता इंद्रजाल।


४. गिरिवर के उर से उठ -उठ कर, उच्चाकांक्षाओं से तरुवर

 है झाँक रहे नीरव नभ पर, अनिमेष ,अटल कुछ चिंतापर।


योग्यता विस्तार
प्रश्न 1. इस कविता में वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों की बात कही गई है। आप अपने यहाँ वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर- वर्षा ऋतु प्राकृतिक परिवर्तनों का एक महत्वपूर्ण समय है, जिसमें जलवायु, पर्यावरण और जीव-जंतुओं में कई परिवर्तन होते हैं। यहाँ वर्षा ऋतु में होने वाले कुछ प्रमुख प्राकृतिक परिवर्तनों का वर्णन किया गया है:


  1. जलवायु परिवर्तन: वर्षा ऋतु में तापमान में कमी आती है, और वातावरण में नमी बढ़ जाती है। इससे वातावरण ठंडा और तरोताजा महसूस होता है।

  2. वृक्षों का हरितारण: वर्षा के मौसम में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। उनकी पत्तियों पर बूँदें चमकती हैं, और फूल खिलने लगते हैं। यह समय पौधों की वृद्धि के लिए बहुत उपयुक्त होता है।

  3. जल स्रोतों का भरना: नदियाँ, तालाब, और अन्य जल स्रोत वर्षा के पानी से भर जाते हैं। इससे जल स्तर में वृद्धि होती है और यह जल जीवन के लिए आवश्यक है।

  4. पशु-पक्षियों की गतिविधियाँ: वर्षा ऋतु में कई पशु और पक्षी सक्रिय हो जाते हैं। पक्षी नए nests बनाते हैं और उनका गाना सुनाई देता है। पशु भी बारिश में खेलने और खाने की तलाश में बाहर निकलते हैं।

  5. खेतों में खेती का कार्य: किसान वर्षा के मौसम का लाभ उठाकर फसलें बोते हैं। बारिश से मिट्टी की नमी बनी रहती है, जिससे फसलें अच्छी होती हैं।

  6. मिट्टी और परागण: वर्षा के बाद मिट्टी में जीवन जागृत होता है। कीड़े और अन्य जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  7. पर्यावरणीय संतुलन: वर्षा ऋतु वातावरण में नवीनीकरण लाती है, जिससे जलवायु संतुलित रहती है। यह प्राकृतिक संसाधनों की पूर्ति और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।


परियोजना कार्य
प्रश्न 1. वर्षा ऋतु पर लिखी गई अन्य कवियों की कविताओं का संग्रह कीजिए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर- वर्षा ऋतु पर लिखी गई कविताएँ न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करती हैं, बल्कि मानव मन के भावनात्मक पहलुओं को भी उजागर करती हैं। यहाँ कुछ प्रसिद्ध कवियों की वर्षा ऋतु पर आधारित कविताओं का संकलन प्रस्तुत है, जिन्हें आप कक्षा में सुनाने के लिए उपयोग कर सकते हैं:


  1. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की कविता - "वर्षा" इस कविता में निराला ने वर्षा की बूँदों की सुंदरता और उसके प्रभाव को बखूबी व्यक्त किया है। वे वर्षा को जीवनदायिनी मानते हैं और इसके माध्यम से नए जीवन की शुरुआत का संकेत देते हैं।

  2. कालीदास की कविता - "मेघदूत"- कालीदास की यह प्रसिद्ध कविता वर्षा के मेघों और उनकी गरज-चमक का सुंदर चित्रण करती है। इसमें एक यक्ष अपने प्रियतम को मेघ के माध्यम से संदेश भेजता है, और वर्षा का वर्णन मन को मोह लेता है।

  3. हरिवंश राय बच्चन की कविता - "वर्षा" - बच्चन जी की यह कविता वर्षा की धुन और उसके साथ आने वाले सुख-दुख का अनुभव कराती है। इसमें उन्होंने वर्षा को जीवन का साथी और खुशियों का प्रतीक बताया है।

  4. महादेवी वर्मा की कविता - "बारिश" - महादेवी वर्मा की यह कविता बारिश के साथ जुड़ी भावनाओं को बहुत सुंदरता से व्यक्त करती है। उन्होंने बारिश की बूँदों में छिपी मधुरता और कष्ट का अनुभव कराया है।

  5. राजेंद्र सिंह 'बेदी' की कविता - "वर्षा" - इस कविता में बेदी जी ने वर्षा की जीवंतता और उसकी सार्थकता को दर्शाया है। उन्होंने बारिश के माध्यम से भूमि और मानव जीवन के बीच के संबंध को भी रेखांकित किया है।

  6. 'पानी' - एक लघु कविता - यह छोटी कविता वर्षा की बूँदों के गिरने के स्वर और उनकी ठंडक का अनुभव कराती है। इसमें कवि ने बारिश की धुन में छिपे आनंद का उल्लेख किया है।


प्रश्न 2. बारिश, झरने, इंद्रधनुष, बादल, कोयल, पानी, पक्षी, सूरज, हरियाली, फूल, फल आदि या कोई भी प्रकृति विषयक शब्द का प्रयोग करते हुए एक कविता लिखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर-
प्रकृति का गीत

बरसती हैं बूँदें, जैसे मीठा गीत,
धरती के सीने पर, सजी एक नई जीत।
झरनों की कल-कल, सुनहरे संगीत,
इंद्रधनुष छाता, रंगों की है रीत।

बादल की चादर, धरे आकाश पर,
प्यारी सी कोयल, गाती है पास पर।
पानी की धारें, नृत्य करतीं हैं,
पक्षी उड़ते हैं, गगन में झूमतीं हैं।

सूरज की किरणें, करतीं हैं सजावट,
हरियाली की गोद में, खिलते हैं नए सपने।
फूलों की खुशबू, महके चारों ओर,
फल लाते हैं रंग, जीवन में भरें नए जोड़।

प्रकृति का ये जादू, मन को भाता है,
हर ऋतु में नया, सारा जग मुस्कुराता है।
आओ मिलकर हम, इसकी सुंदरता गाएँ,
प्रकृति के इस गीत में, सबको समेट लाएँ।


Benefits of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas

  • NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 provides clear and simple explanations, helping students grasp the concepts of the lesson easily.

  • Students can refer to the solutions to complete their homework accurately and efficiently, reinforcing their learning.

  • The solutions cover all important points from the chapter, ensuring thorough preparation for exams.

  • Students can download the FREE PDF from Vedantu for easy access and revision, making study sessions more convenient.

  • Engaging with the solutions helps students enhance their Hindi vocabulary and comprehension, making learning enjoyable and effective.


Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4

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Study Material Links for NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4

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Class 10 Hindi Parvat Pradesh Mein Pavas Notes

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Class 10 Hindi Parvat Pradesh Mein Pavas Important Questions


Conclusion

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 "Parvat Pradesh Mein Pavas" offered by Vedantu provides an insightful analysis of the poem, showcasing the beauty and significance of the monsoon season in the mountains. These solutions not only break down the poem's themes and literary devices but also enhance students' understanding of the emotional and sensory experiences depicted in the text. With detailed answers to textbook questions and clear explanations, these resources serve as an excellent tool for exam preparation. Students can download the FREE PDF to access this valuable study material, enabling them to appreciate the richness of Hindi literature and develop a deeper connection with nature.


NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions


NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions


NCERT Study Resources for Class 10 Hindi

For complete preparation of Hindi for CBSE Class 10 board exams, check out the following links for different study materials available at Vedantu.


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CBSE Class 10 Hindi NCERT Exemplar

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CBSE Class 10 Hindi Sample Paper

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CBSE Class 10 Hindi Revision Notes

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CBSE Class 10 Hindi Important Questions

FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 4 Parvat Pradesh Mein Pavas

1. What is the main theme of Chapter 4 - "Parvat Pradesh Mein Pavas"?

The main theme of the poem "Parvat Pradesh Mein Pavas," written by Sumitranandan Pant, revolves around the beauty and charm of the monsoon season in the mountainous regions. It captures the essence of nature during this time, highlighting its rejuvenating effects on the environment and the emotions it evokes.

2. How do NCERT Solutions help in understanding "Parvat Pradesh Mein Pavas"?

The NCERT Solutions provide a detailed explanation of the poem’s meaning, themes, and literary devices. They help students grasp the nuances of the poem, enabling them to appreciate the poet’s expression and the emotional depth of the imagery used.

3. Where can I download the NCERT Solutions for "Parvat Pradesh Mein Pavas" for FREE?

Students can download the FREE PDF of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 4 from Vedantu, which offers reliable study materials.

4. Why is it important to study "Parvat Pradesh Mein Pavas" in Class 10?

Studying "Parvat Pradesh Mein Pavas" is essential as it exposes students to rich poetic expressions and deepens their understanding of nature. It encourages them to reflect on the relationship between humans and the environment while enhancing their appreciation of Hindi literature.

5. How can the Class 10 Hindi NCERT solutions assist in exam preparation?

The solutions offer well-structured answers to all textbook questions, helping students learn how to articulate their responses effectively. They also include summaries and explanations of key concepts, making it easier for students to revise and perform well in exams.

6. Do the solutions discuss literary devices used in the poem from Class 10 Hindi?

Yes, the NCERT Solutions for "Parvat Pradesh Mein Pavas" include discussions on various literary devices, such as metaphors, personification, and imagery, which enhance the poem’s aesthetic and emotional appeal.

7. Can these solutions help with other related topics in Hindi literature?

Yes, the skills and analytical techniques learned from the NCERT Solutions for "Parvat Pradesh Mein Pavas" can be applied to understanding other poems and literary works in the Hindi syllabus, enriching students' overall literary comprehension.

8. What literary techniques does the poet use in "Parvat Pradesh Mein Pavas"?

The poet employs various literary techniques in the poem, including vivid imagery, personification, and metaphor. These techniques help to create a sensory experience for readers, bringing the beauty of the monsoon season and the mountainous landscape to life.

9. How does the poem reflect the emotional aspects of nature?

The poem beautifully reflects the emotional aspects of nature by portraying the joy, tranquillity, and rejuvenation that accompany the arrival of the monsoon. The poet captures the harmony between nature and human emotions, emphasising how the rainy season evokes feelings of happiness and hope.

10. What are the key takeaways from the NCERT Solutions for "Parvat Pradesh Mein Pavas"?

Key takeaways from the NCERT Solutions include a deeper understanding of the poem's themes, insights into the poet's use of language and literary devices, and effective strategies for answering related questions. These solutions also foster an appreciation for nature and the significance of the monsoon season in literature and life.