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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi

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NCERT Solutions for Class 10 Chapter 2 Hindi - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi provides students with a detailed understanding of the chapter's concepts. This chapter beautifully portrays the interaction between humans and nature, emphasising the importance of humility and respect toward natural resources. The solutions are designed to simplify the text, making it easier for students to grasp the key points and themes discussed by the author.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Chapter 2 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi (Kritika)
3. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi
4. Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi
5. Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 2
6. Conclusion  
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 10 Hindi - (Kritika) 
8. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
9. Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 
FAQs


Our solutions for Class 10 Hindi Kritika NCERT Solutions breaks the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 10 Chapter 2.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi (Kritika)

  • Chapter 2 gives insight into the relationship between humans and nature, showing how one must coexist harmoniously with the environment.

  • It emphasises the need to treat natural resources with respect and care, reflecting how small actions can have a lasting impact.

  • Chapter 2 presents humility as a vital trait, highlighting how simple and humble behaviour enriches life and relationships.

  • Encourages readers to think about their daily actions and how they affect the world around them, urging more responsible behaviour toward the environment.

  • Reflects the cultural significance of respecting nature in Indian traditions, illustrating deeper life lessons embedded in the narrative.

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi

1. झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?

उत्तर: झिलमिलाते तारों की प्रकाश में समाहित गंतोक शहर लेखिका के मन में एक सम्मोहन जगा रहा था। इस शहर का सभी कुछ अत्यंत सुंदर था। इस सुंदरता ने लेखिका पर ऐसा जादू कर दिया था कि उसे सब कुछ स्थगित और अर्थहीन लग रहा था। लेखिका को अपने भीतर-बाहर एक शून्य-सा व्याप्त होता दिख रहा था।


2. गंतोक को ‘मेहनकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?

उत्तर: गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' इसलिए कहा क्योंकि यह पर रहने वाला हर व्यक्ति चाहें वह बच्चा हो या बूढ़ा हो हर कोई कड़ी मेहनत करके कमाता हैं। गंतोक एक ऐसा पर्वतीय स्थल है जिसे वहाँ के मेहनतकश लोगों ने अपनी मेहनत से सुरम्य बना दिया है। यहाँ पत्थरों को काटकर लोग रास्ते बनाते हैं, बच्चे सुबह-सुबह पहाड़ों को पार करके स्कूल जाते हैं फिर घर आने के बाद घर के कामों में हाथ बटाते हैं। यहां के लोगों का जीवन इतना कठिन होने के बाबजूद भी शहर को खूबसूरत बना रखा हैं।


3. कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?

उत्तर: श्वेत पताकाएं किसी बुद्धिस्ट के निधन पर फहरायी जाती हैं। ये मंत्र लिखी 108 पताकाएं फहरायी जाती हैं और इन्हें उतारा नहीं जाता। ये अपने आप नष्ट हो जाती हैं।

रंगीन पताकाएं किसी विशेष अवसर या शुभ कार्य पर फहरायी जाती हैं।


4. जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।

उत्तर: जीतेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के विषय में निम्नलिखित जानकारियां दी -

1) गंतोक एक पहाड़ी इलाका हैं।

2) यहाँ के लोग बहुत मेहनती हैं।

3) गंतोक से यूमथांग तक तरह-तरह के फूल खिले हैं तथा फूलों से भरी हुई वादियाँ भी हैं।

4) श्वेत पताकाएँ जब यहाँ किसी बुद्ध के अनुयायी की मृत्यु होती है तो फहरायी जाती हैं। ये 108 होती हैं।

5) रंगीन पताकाएँ नए कार्य के आरंभ होने पर फहरायी जाती हैं।

6) यहाँ के एक स्थान पर ‘गाइड’ फिल्म की शूटिंग भी हुई थी जिसका नाम है "कवी-लोंग-स्टॉक"।

7) यहाँ एक धर्मचक्र भी है। इसको घुमाने से सारे पाप दूर हो जाते हैं।

8) यह जगह पहाड़ी इलाका है। यहाँ चिकने-चर्बीले लोग नहीं मिलते है।

9) ‘कटाओ' क्षेत्र को भारत का स्विट्जरलैंड भी कहते है।

10) यूमथांग की घाटियां पंद्रह दिनों में ही फूलों से एकदम भर जाती है। 


5. लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?

उत्तर: लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो जितेन नार्गे ने बताया कि यह 'धर्म-चक्र' है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। जितेन की यह बात सुनकर लेखिका ने मन में सोचा कि पूरे भारत की आत्मा एक ही है क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में गंगा के विषय में भी ऐसी ही धारणा लोगों के मन में रहती है। इतनी ज्यादा तकनीकी आधुनिकता आ जाने के बावजूद भी समाज के लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, मान्यताएं और पाप-पुण्य की अवधारणाएँ एक समान हैं।


6. जितने नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?

उत्तर: जितेन नार्गे लेखिका का ड्राइवर कम गाइड था। वह नेपाल से कुछ दिन पहले आया था जिसे नेपाल और सिक्किम की अच्छी जानकारी थी। वह क्षेत्र-से सुपरिचित था। उसमें प्रायः गाइड होने के वे सभी गुण थे जो एक कुशल गाइड में होते हैं।

एक कुशल गाइड के निम्नलिखित गुण होते हैं -

1) एक कुशल गाईड को अपने स्थान की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए जैसे वहाँ की भौगोलिक, आर्थिक, मौसम तथा वहाँ के लोगों के जीवन की भी वह नार्गे में सम्यक रूप से थी।

2) वह गाइड होने के साथ-साथ वह ड्राइवर भी था।  उसे कब कहाँ जाना है इसके लिए उसे कुछ सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती है।

3) गाइड में सैलानियों को प्रभावित करने की रोचक शैली होनी चाहिए जो उसमें थी। वह अपनी मज़ेदार बातों से लेखिका को प्रभावित करता था; जैसे-“मैडम, यह धर्म चक्र है-प्रेअर व्हील, इसको गोल-गोल घुमाने से व्यक्ति के जीवन के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।”

4) एक कुशल गाइड को उस क्षेत्र के जन-जीवन की गतिविधियों की भी जानकारी होनी चाहिए और उसे संवेदनशील भी होना चाहिए।

5) वह पर्यटकों के साथ घूमते हुए इतना घुल-मिल जाता है कि वह स्वयं ही पर्यटकों का मनोरंजन करने लगता है तथा पर्यटक भी उसका साथ देते हैं। इस तरह वह आपस में अच्छे संबंध बना लेता है।

6) कुशल गाईड बातूनी होता है। वह अपनी बातों से पर्यटन स्थलों के प्रति जिज्ञासा बनाए रखता है। पताकाओं के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी देकर नार्गे उस स्थान के महत्व को बढ़ा देता है।


7. इस यात्रा-वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: इस यात्रा में लेखिका ने हिमालय के पल-पल परिवर्तित होते रूपों को देखा हैं। जैसे ही ऊँचाई पर चढ़ते जाते हैं हिमालय विशाल से विशालतर होता चला जाता है। छोटी-छोटी पहाड़ियाँ बड़े-बड़े पर्वतों में बदलने लगती हैं। घाटियाँ गहरी होते हुए पाताल नापने लगती हैं। वादियाँ चौड़ी होने लगती हैं, जिनके बीच रंग-बिरंगे फूल मुसकराते हुए नज़र आते हैं। चारों दिशाओं में प्राकृतिक सुषमा फैली  नज़र आती है। जल-प्रपात जलधारा बनकर पत्थरों के बीच बलखाती-सी निकलती है तो मन को मोह लेती है। हिमालय कहीं हरियाली के कारण चटक हरे रंग जैसा दिखता है, कहीं पीला नज़र आता है। कहीं पर खरदूरी दीवार की तरह पथरीला नजर आता है। कभी-कभी तो बादलों में समाहित,सब कुछ बादलमय दिखाई देता है तो कभी कुछ और। कटाओ से आगे बढ़ने पर पूरी तरह बर्फ से लबा-लब पहाड़ दिख रहे थे। चारों तरफ दूध की धार की तरह दिखने वाले झरने थे तथा वहीं झरने के नीचे चाँदी की तरह चमक मारती तिस्ता नदी भी बह रही थी। जिसने लेखिका के मन को प्रफुल्लित कर दिया।


8. प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?

उत्तर: लेखिका ने जब प्रकृति के मनोरम सौंदर्य को देखा तो वह एकदम शांत हो गयी जैसे किसी ऋषि की तरह हो गयी हो। वह सारे सुंदर दृश्यों को अपने भीतर समाहित करना चाहती थी। वह रोमांचित थी, पुलकित थी। लेखिका को आदिम युग की अभिशप्त राजकुमारी-सी नीचे बिखरे भारी-भरकम पत्थरों पर झरने के संगीत के साथ आत्मा का संगीत सुनने जैसा आभास हो रहा था। लेखिका को ऐसा लग रहा था मानो उसके भीतर की सारी तामसिकताएँ और दुष्ट वासनाएँ इस निर्मल धारा में बह गई हों। उसका मन हुआ कि वह अनंत समय बहती रहे तथा लेखिका वहाँ बैठ कर उस झरने की मृदुल आवाज़ सुनती रहे।

प्रकृति के इस मनोरम सौंदर्यपूर्ण दृश्य को देखकर लेखिका को यह अहसास हुआ कि यही सौंदर्य दृश्य जीवन का परम आनंद है।


9.प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर गए?

उत्तर: प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को सड़क बनाने के लिए पत्थर तोड़ती, सुंदर कोमल पहाड़ी महिलाएं का दृश्य झकझोर गया। लेखिका ने देखा कि उस अद्वितीय सौंदर्य से अलग कुछ पहाडी महिलाएं पत्थरों पर बैठी पत्थर तोड़ रही थीं। उनके हाथों में कुदाल व हथौड़े थे और कइयों की पीठ पर बंधे डोको (बड़ी टोकरी) में उनके बच्चे भी साथ थे। यह विचार लेखिका के मन को बार-बार झकझोर करता रहा कि नदी, फूलों, वादियों और झरनों के ऐसे स्वर्गिक मनोरम सौंदर्य के बीच भूख, मौत और जीने की चाह के बीच जंग भी जारी है।


10. सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन-किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।

उत्तर: सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव कराने में निम्न लोगों का योगदान, सराहनीय होता है -

1) वे लोग जो व्यवस्था में संलग्न होते हैं।

2) वहाँ के स्थानीय गाइड जो उस क्षेत्र की सर्वथा जानकारी रखते हैं और सैलानोयों को सभी जगह का दौरा कराने ले जाते हैं।

3) वहाँ के स्थानीय लोग जो वहाँ पर भ्रमण करने आये लोगों से बात करते हैं, मदद करते है तथा उन्हें छोटी-छोटी चीजों की जानकारी भी देते हैं।

4) वे सहयोगी यात्री जो यात्रा में मस्ती भरा माहौल बनाए रखते हैं और कभी निराश नहीं होते हैं। उत्साह से भरपूर होते हैं।


11. “कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं।” इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है?

उत्तर: किसी देश की आम जनता देश की आर्थिक प्रगति में बहुत अधिक लेकिन अप्रत्यक्ष योगदान देती है। आम जनता के इस वर्ग में मज़दूर, ड्राइवर, बोझ उठाने वाले, फेरीवाले, कृषि कार्यों से जुड़े लोग आते हैं। अपनी यूमथांग की यात्रा में लेखिका ने देखा कि पहाड़ी मजदूर महिलाएं पत्थर तोड़कर पर्यटकों के आवागमन के लिए रास्ते बना रही हैं। इससे यहाँ पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी जिसका सीधा-सा असर देश की आथिर्क स्थिति पर ओर देश की प्रगति पर पड़ेगा। इसी प्रकार कृषि कार्यों में शामिल मजदूर, किसान फ़सल उगाकर राष्ट्र की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं।


12. आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए।

उत्तर: आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ बहुत खिलवाड़ किया जा रहा है। हम लोग आज वनों को काट लर खत्म कर रहे हैं। रास्ता बनाने के लिए पहाडों को काट रहे हैं, वहाँ के पेड़-पौधों को नष्ट कर रहे हैं। फैक्टरियों के गंदे पानी को नदियों में बहा रहे हैं जिससे पीने का जल भी दूषित हो रहा है।

इसे रोकने के लिए हम लोग निम्न उपाय कर सकते हैं -

1) वृक्षों को न ही काटे न ही काटने दे।

2) सब लोग अपने आस-पास वृक्षारोपण करें।

3) पॉलिथीन का प्रयोग कम से कम करें।

4) वाहनों का प्रयोग कम से कम करें।

5) घर के कचरे को यथास्थान डाले।


13. प्रदूषण के कारण स्नोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है? प्रदूषण के और कौन-कौन से दुष्परिणाम सामने आए हैं, लिखें।

उत्तर:  लेखिका को उम्मीद थी कि उसे लायुंग में बर्फ देखने को मिल जाएगी, लेकिन एक सिक्कमी व्यक्ति ने बताया कि प्रदूषण की वजह से स्नोफॉल कम हो गया है; अतः उन्हें 500 मीटर ऊपर 'कटाओ' में ही बर्फ देखने को मिल सकेगी। प्रदूषण के कारण पर्यावरण में अनेक परिवर्तन आ रहे हैं। स्नोफॉल की कमी के कारण नदियों में जल की मात्रा कम होती जा रही है। परिणामस्वरूप पीने योग्य जल की कमी सामने आ रही है। प्रदूषण के कारण वायु भी प्रदूषित हो रही है। बड़े नगरों में तो साँस लेने के लिए ताजा हवा का मिलना भी मुश्किल हो रहा है। साँस संबंधी रोगों के साथ-साथ कैंसर तथा उच्च रक्तचाप की बीमारियाँ बढ़ रही हैं। ध्वनि प्रदूषण मानसिक बीमारियां, बहरेपन जैसे कई रोगों का कारण बन रहा है।


14. 'कटाओ' पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?

उत्तर: 'कटाओ' को अपनी स्वच्छता और सुंदरता के लिए ही भारत का "स्विट्जरलैंड" कहा जाता है। यह सुंदरता आज तक इसीलिए बरकरार है क्योंकि यहाँ कोई दुकानव मकान आदि नहीं है। यदि यहाँ पर भी दुकानें खुल जायेंगी, व्यवसायीकरण हो जाए तो इस स्थान की सुंदरता नष्ट होती रहेगी, इसलिए कटाओं में दुकान का न होना उसके लिए वरदान है।

मनुष्य सुंदरता, स्वच्छ्ता को देखकर प्रसन्न होता है तो मनुष्य ही सुंदरता को बिगाड़ता है। अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य का पालन न कर प्रयुक्त चीजों के अवशिष्ट को जहाँ-तहाँ फेंक कर प्रकृति को गंदा करता है। ‘कटाओ’ में दुकान व मकान न होने के कारण वहाँ पर व्यवसायीकरण नहीं हुआ है जिससे वहाँ पर लोगों की  संख्या बहुत ही कम रहती है, जिससे यहाँ की सुंदरता अभी तक बरकरार है।


15. प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?

उत्तर:  प्रकृति ने जल-संचय की बड़ी अद्भुत व्यवस्था की है। प्रकृति सर्दियों में पर्वत शिखरों पर बर्फ के रूप में गिरकर जल को इकठ्ठा करती है। हिम-मंडित पर्वत-शिखर एक प्रकार के जल-स्तंभ हैं, जो गर्मियों में जलधारा बनकर करोड़ों कंठों की प्यास बुझाते हैं। नदियों के रूप में बहती यह जलधारा अपने किनारे बसे नगर-गाँवों में जल-संसाधन के रूप में तथा नहरों के द्वारा एक विस्तृत क्षेत्र में सिंचाई करती हैं और अंततः सागर में जाकर मिल जाती हैं। सागर से जलवाष्प बादल के रूप में उड़ते हैं, जो मैदानी क्षेत्रों में वर्षा तथा पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ के रूप में बरसते हैं। इसी प्रकार ‘जल-चक्र’ के द्वारा प्रकृति ने जल-संचय तथा वितरण की अनोखी व्यवस्था की है।


16. देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए?

उत्तर: देश की सीमा पर,जहाँ का तापमान गर्मियों में भी -15 डिग्री सेलसियस होता है, उस कड़कड़ाती ठंड में हमारे देश के फ़ौजी पहरा देते हैं जब कि हम लोग वहाँ पर एक सेकंड भी नहीं रूक सकते तो हमारे फ़ौजी सर्दी तथा गर्मी में वहीं रहकर देश की रक्षा करते रहते हैं ताकि हम चैन की नींद सो सकें। ये जवान हर पल कठिनाइयों का सामना करते हैं और अपनी जान की परवाह किये बगैर पर वहाँ पर रहते हैं।

हमें सदा उनकी सलामती की दुआ करनी चाहिए। उनके परिवारवालों के साथ हमेशा सहानुभूति, प्यार व सम्मान के साथ पेश आना चाहिए तथा जब भी जरूरत पड़े तो उनकी मदद करनी चाहिए।


Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi

  • Value of Humility: Students learn the importance of staying grounded and humble in their interactions, especially with the environment and society.

  • Environmental Responsibility: Highlights the need to preserve and protect natural resources for future generations through thoughtful actions.

  • Ethical Living: Chapter 2 teaches students about ethical and moral living by demonstrating how simple actions can reflect one's character.

  • Understanding Simplicity: Helps students grasp the value of living a simple life, focusing on essentials rather than unnecessary extravagance.

  • Empathy and Reflection: Encourages students to develop empathy towards others and reflect on how their actions contribute to the greater good of society.


Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 2

S. No

Important Study Material Links for Chapter 2

1.

Class 10 Sana Sana Hath Jodi Questions

2.

Class 10 Sana Sana Hath Jodi Notes


Conclusion  

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi provides students with a well-rounded understanding of the chapter. By focusing on key themes such as humility and respect for nature, the solutions help students reflect on important life values. These solutions offer detailed answers that are essential for thorough exam preparation. Students can benefit from these solutions as they provide clarity on the chapter’s content, ensuring that they are well-prepared for their exams.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 10 Hindi - (Kritika) 

After familiarising yourself with the Class 10 Hindi Chapter 2 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 10 Kritika textbook chapters.


S. No

NCERT Solutions Class 10 Hindi Kritika All Chapters

1

Chapter 1 - Mata Ka Aanchal Solutions

2

Chapter 3 - Main Kyun Likhta hun Solutions


NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions


Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 

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S. No

Important Links for Class 10  Hindi

1.

Class 10 Hindi NCERT Book

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Class 10 Hindi Revision Notes

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Class 10 Hindi Important Questions

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Class 10 Hindi Sample Papers

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Class 10 Hindi PYQPs

6.

Class 10 Hindi NCERT Solutions

FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi

1. What is the primary message of NCERT Solutions for Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi?

The primary message of this chapter is to highlight the importance of humility and the respectful treatment of nature.

2. How do NCERT Solutions for Chapter 2 help students understand nature’s role?

These solutions help students comprehend how nature plays a vital role in our lives and why it's essential to preserve and respect it.

3. What cultural values are emphasised in NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi?

The solutions reflect the cultural values of respecting nature and living in harmony with the environment, a lesson deeply rooted in Indian traditions.

4. How does NCERT Solutions Chapter 2 assist in exam preparation?

These solutions provide clear explanations and detailed answers that help students prepare for exams by offering insights into key themes and characters.

5. What role does humility play in Sana Sana Hath Jodi?

The chapter portrays humility as a critical trait in life, showing how it positively impacts our relationship with nature and society.

6. How does NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2 explain the importance of environmental conservation?

The solutions emphasise the need for environmental conservation, teaching students about the responsible use and care of natural resources.

7. Why should students refer to NCERT Solutions for Chapter 2 Sana Sana Hath Jodi?

Students should refer to these solutions as they offer a comprehensive understanding of the chapter’s key messages, aiding in better exam performance.

8. What life lessons are learned from NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 2?

The solutions teach life lessons such as the value of simplicity, humility, and the need for a respectful attitude toward the environment.

9. How do NCERT Solutions for Class 10 Hindi enhance understanding of natural resources?

These solutions clarify the significance of natural resources and the need to treat them with care, fostering a sense of responsibility in students.

10. What insights into personal growth are offered by NCERT Solutions for Class 10 Sana Sana Hath Jodi?

The chapter and its solutions provide insights into personal growth by showing how humility, respect, and simplicity can lead to a more fulfilling life.