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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1 Saakhi

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NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Hindi - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Saakhi presents a profound exploration of spirituality and the essence of divine love through the teachings of Sant Kabir. This chapter reflects on the significance of sweet speech, the omnipresence of God, and the importance of internal realisation over external rituals. The solutions provided will guide students to comprehend the deeper meanings embedded in Kabir's poetry and help them appreciate the simplicity and beauty of spiritual expression.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 10 Hindi Chapter 1 Saakhi (Sparsh)
3. Access NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 1 Saakhi
    3.1(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
    3.2(ख) भाव स्पष्ट कीजिए
    3.3भाषा अध्यन
4. Learnings of Hindi Class 10 NCERT Solutions for Chapter 1 Saakhi 
5. Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1
6. Conclusion 
7. NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions
8. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
9. NCERT Study Resources for Class 10 Hindi
FAQs


Our solutions for Class 10 Hindi Sparsh NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 10 Chapter 1.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 1 Saakhi (Sparsh)

  1. Chapter 1 emphasises the importance of sweet speech and its impact on personal and social harmony.

  2. Engaging with this chapter allows readers to reflect on their relationship with the divine and the world around them.

  3. Kabir's verses convey the message that true wisdom and connection with the divine come not from scholarly knowledge but from love and devotion. 

  4. It conveys that God is present in every aspect of life, yet remains unseen due to human ignorance.

  5. Kabir illustrates that academic knowledge alone does not lead to spiritual enlightenment; love and devotion are key.

  6. The text encourages readers to reflect on their emotional state and how it influences their relationship with the divine.

  7. The chapter integrates cultural elements of Kabir's time, providing context to his teachings and philosophy.

Access NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 1 Saakhi

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1. मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है?

उत्तर: मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता इस प्रकार प्राप्त हो सकती है जब  भी कोई व्यक्ति मीठे वचन बोलता है तो श्रोता के मन से क्रोध और घृणा के भाव नष्ट हो जाते हैं।जब आप दूसरों के साथ मीठी भाषा का उपयोग करोगे तो उन्हें आपसे कोई शिकायत नहीं रहेगी। वे सुख का अनुभव करेंगे और जब आपका मन शुद्ध और साफ़ होगा  तो इसके परिणामस्वरूप आपका तन भी शीतल रहेगा।

 

2. दीपक दिखाई देने पर अँधियारा कैसे मिट जाता है? साखी के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यहाँ दीपक का तात्पर्य  ‘भक्तिरूपी ज्ञान’ तथा अंधियारे  का तात्पर्य ‘अज्ञानता’ से है। यहाँ ईश्वर को ही सर्वोच्च ज्ञान कहा गया है ।जिस प्रकार दीपक के जलने  से  चारों ओर का  अन्धकार समाप्त हो जाता है और सब जगह प्रकाश फैल जाता है ठीक उसी प्रकार जब भक्तिरूपी ज्ञान का प्रकाश हृदय में प्रज़ज्वलित है तब मन के सारे विकार अर्थात भ्रम, संशय का सर्वनाश हो जाता है और उसी को हम  सर्वोच्च मानना आरंभ कर देते हैं।


3. ईश्वर कण कण में व्याप्त है, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते?

उत्तर: ईश्वर को न  देख पाने का केवल एक ही कारण है और वह कारण केवल हमारा मन है ।ईश्वर की चेतना से ही यह संसार दिखाई देता है। चारों ओर ईश्वरीय चेतना के अलावा और कुछ भी नहीं है, लेकिन यह सब कुछ हम इन भौतिक आँखों से नहीं देख सकते।हमारा मन अज्ञानता, अहंकार, विलासिताओं में डूबा है इसलिए हम ईश्वर को अपने मन में न ढूंढ़कर  मंदिर, मस्जिदों और गिरिजाघरों में ढूंढ़ते हैं । जबकि वह तो  सब ओर ही समाहित है जिसे नग्न नयनों से देख पाना असंभव है |

 

4. संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन? यहाँ सोना और जागना किसके प्रतीक हैं? इसका प्रयोग यहाँ क्यों किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कवि के अनुसार संसार में वो लोग सुखी हैं, जो संसार में व्याप्त सुख-सुविधाओं का भोग करने में मगन हैं और दुखी वे हैं, जिन्हें ईश्वर से सम्बंधित भक्तिरूपी ज्ञान की प्राप्ति हो गई है इसलिए यहाँ पर ‘सोना' शब्द ‘अज्ञानता’ का प्रतीक है और 'जागना' ज्ञान का प्रतीक है।  इसका प्रयोग यहाँ इसलिए हुआ है क्योंकि कुछ लोग अपने अज्ञान के कारण बेचिंतित होकर सांसारिक सुखों में खोए रहते हैं, जीवन के भौतिक सुखों में लीन रहते हैं इसलिए वे सोए हुए हैं|  जो सांसारिक सुखों को व्यर्थ समझते हैं अपने को ईश्वर के प्रति समर्पित करते हैं  और ईश्वर को पाने की आशा में सोते हुए भी जग रहे हैं।वे ही जागते हैं। वे संसार को इस बुरी स्थिति से मुक्ति दिलाने  के लिए चिंतित रहते हैं।

 

5. अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने क्या उपाय सुझाया है?

उत्तर: अपने स्वभाव को निर्मल रखने के लिए कबीर ने यह उपाय सुझाया है कि हमें हमेशा अपने आस-पास ऐसे लोगों को रखना चाहिए जो यह बताएँ कि हम कहाँ पर सही हैं और कहाँ पर गलत | इससे हमे खुद को जानने का मौका मिलता है साथ ही हम नई चीजों को भी अपने व्यवहार में शामिल कर पाते हैं|


6. ' ऐके अधिर पीव का पढ़े सु पंडित होई ' इस पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर: प्रस्तुत  पंक्तियों द्वारा कवि ने ईश्वर प्रेम के महत्व  को दर्शाने का प्रयास किया  है कि  ईश्वर को पाने का केवल एक ही मार्ग है  -ईश्वर प्रेम का एक अक्षर  यानि ईश्वर को पढ़ लेना ही पर्याप्त है। ईश्वर के नाम के जापमात्र से ही कोई भी व्यक्ति सच्चा ज्ञानी बन सकता है न कि बड़े - बड़े पोथी और ग्रंथों के पढ़ने से।

 

7. कबीर की उदधृत साखियों की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कबीर ने अपनी साखियों के लिए सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग किया है। उद्धृत साखिओं की भाषा की विशेषता यह है कि इसमें भावना की अनुभूति ,रहस्यवादिता तथा जीवन का संवेदनशील संस्पर्श तथा सहजता को विशेष स्थान दिया गया है।इनकी भाषा मिलीजुली होती  है। इनकी साखियाँ संदेश देने वाली होती हैं। वे जैसा बोलते थे वैसा ही लिखते भी है जो कि स्पष्ट रूप से देखा भी जा सकता है।  इनमें लोकभाषा का भी प्रयोग भी हुआ है  जैसे :- खाये, नेग मुवा, जाल्या, आँगणि आदि भाषा में लयबद्धता उपदेशात्मकता, प्रवाह, सहजता, सरलता शैली है।


(ख) भाव स्पष्ट कीजिए

1. बिरह भुवंगम तन बसे. मंत्र न लागे कोइ ।

उत्तर: इस पंक्ति का भाव यह है कि जब किसी भी  व्यक्ति के हृदय में ईश्वर के प्रति प्रेम रुपी विरह का सर्प बस जाता है तो . उस पर कोई दवा या  मंत्र असर नहीं करता है। यानि भगवान से बिछड़ने के गम  में कोई भी जीव सामान्य नहीं रहता है फिर उसे कोई भी बात प्रभावित नहीं कर पाती इसलिए ईश्वर की प्राप्ति ही इसका एकमात्र समाधान  है।


2. कस्तूरी कुंडलि बसे, मृग हुँदै बन माँहि ।

उत्तर: इस पंक्ति में कबीर कहते हैं कि भगवान हमारे शरीर में ही वास करते हैं लेकिन जिस प्रकार हिरण अपनी नाभि से आती खुशबू से प्रभावित रहता है परन्तु वह यह नहीं जानता कि यह खुशबू कहीं और से नहीं बल्कि  उसकी नाभि में से आ रही है। वह उसे भिन्न-भिन्न स्थानों पर खोजने का प्रयास करता है ठीक उसी प्रकार अज्ञानी भी वास्तविकता से अनजान रहता है। वे ईश्वर को प्राप्त करने के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में मगन  रहता है। वह आत्मा में विद्यमान ईश्वर की सर्वोच्च शक्ति को  पहचान नहीं पाता।


3. जब में था तब हरि नहीं, अब हरि है में नाँहि ।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति द्वारा कबीर का कहना है कि ईश्वर और अंहकार दोनों एक -दूसरे के विपरीत है जब तक मनुष्य में अज्ञान रूपी अंधकार छाया है वह कितना भी प्रयास कर ले कभी भी  ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता  अर्थात अहंकार और ईश्वर का साथ-साथ रहना नामुमकिन है इसलिए ईश्वर को पाने के लिए उसके प्रति पूर्ण समर्पण आवश्यक है  जब व्यक्ति ईश्वर की प्राप्ति कर लेता है तो  अहंकार स्वयं ही उस व्यक्ति से दूर चला जाता है।

 

4. पोथी पदि पढ़ि जग मुवा, पंडित भया न कोई।

उत्तर: इस पंक्ति के माध्यम से कबीर कहना चाहते हैं कि प्रेम में बहुत शक्ति होती है। बड़े -  बड़े ग्रंथ, शास्त्र और पोथी पढ़ने भर से या  किताबी ज्ञान हासिल  करने से ही कोई ज्ञानी या पंडित नहीं बन जाता कि उसे  ईश्वर की प्राप्ति हो जाए बल्कि  प्रेमपूर्वक परमात्मा को याद करने से ही उसे प्राप्त किया जा सकता है।

 

भाषा अध्यन

1. पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप उदाहरण के अनुसार लिखिए।

उदाहरण जिवै- जीना

औरन, माँहि, देख्या, भुवंगम, नेड़ा, आँगणि, साबण, मुवा, पीव, जालौं, तास।

उत्तर: ●जिवै- जीना

●औरन- औरों को, और

●माँहि- के अंदर (में)

●देख्या- देखा

●भुवंगम - साँप

●नेड़ा- निकट

●आँगणि-आँगन

●साबण- साबुन

●मुवा-मुआ

●पीव -प्रेम

●जालों- जलना

●तास- उसका 


Learnings of Hindi Class 10 NCERT Solutions for Chapter 1 Saakhi 

  1. The Power of Speech: Sweet words can dissolve negativity and create a positive environment for oneself and others.

  2. Understanding Acknowledgment: Recognising divine presence in daily life leads to spiritual awakening and peace.

  3. Valuing Love: Love and devotion are more crucial than rote knowledge when seeking a connection with the divine.

  4. Navigating Life’s Challenges: The teachings encourage individuals to face life's difficulties with a serene mind and spiritual understanding.

  5. Community and Spirituality: Kabir’s verses highlight the importance of community and shared beliefs in developing spiritual growth.


Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1

S. No

Study Material Links for NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1

1

Class 10 Hindi Saakhi Notes

2

Class 10 Hindi Saakhi Important Questions


Conclusion 

NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Saakhi offers insightful reflections on spirituality and the path to understanding the divine. Through the lens of Kabir's teachings, the chapter imparts valuable lessons on the significance of inner realisation, the power of love, and the transformative effect of kind speech. Engaging with this text allows students to give insight deeper into spiritual philosophy and apply these teachings to their own lives, enhancing a more compassionate and understanding approach to the world around them. The solutions provided serve as a beneficial resource for students, enhancing their comprehension and appreciation of Kabir's timeless wisdom.


NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions


NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions


NCERT Study Resources for Class 10 Hindi

For complete preparation of Hindi for CBSE Class 10 board exams, check out the following links for different study materials available at Vedantu.


S. No

NCERT Study Resources for Class 10 Hindi

1

CBSE Class 10 Hindi NCERT Exemplar

2

CBSE Class 10 Hindi Previous Year Question Paper

3

CBSE Class 10 Hindi Sample Paper

4

CBSE Class 10 Hindi Revision Notes

5

CBSE Class 10 Hindi Important Questions

FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1 Saakhi

1. What is the main theme of NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Saakhi?

The main theme revolves around spirituality, the power of sweet speech, and the significance of love and devotion in realising the divine presence.

2. How does Kabir describe the relationship between God and the individual in Class 10 Chapter 1 Saakhi?

Kabir emphasises that God is present in every aspect of life, but human ignorance prevents individuals from recognising this divine presence.

3. What role does sweet speech play according to NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Saakhi?

Sweet speech is portrayed as a means to create harmony and dissolve negative feelings, leading to personal and social well-being.

4. How does Chapter 1 differentiate between knowledge and love in Chapter 1 Saakhi?

The chapter suggests that true spiritual enlightenment comes from love and devotion, rather than mere scholarly knowledge.

5. What emotional states are explored in NCERT Solutions for Chapter 1 Saakhi?

The chapter encourages readers to reflect on their emotional states and how these emotions affect their relationship with the divine.

6. How does Kabir's poetry reflect cultural insights in Chapter 1 Saakhi?

Kabir's verses integrate the cultural context of his time, providing deeper meaning to his spiritual teachings and philosophies.

7. What lessons can readers learn from NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 'Saakhi'?

Readers can learn about the importance of kind speech, the recognition of God's presence, and the value of love in spiritual practice.

8. How does the chapter encourage personal growth in Saakhi Chapter 1?

The teachings inspire individuals to navigate life's challenges with a serene mind and a deeper understanding of spirituality.

9. What impact does the idea of community have in NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Saakhi?

Chapter 1 highlights the importance of shared beliefs and community in nurturing spiritual growth and understanding.

10. How can students apply the teachings from Chapter 1 Saakhi in their lives?

Students can apply these teachings by fostering kindness in their speech, recognising the divine in everyday life, and prioritising love over knowledge in their spiritual journeys.