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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 15 - अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

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Last updated date: 22nd Mar 2024
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MVSAT 2024

NCERT Solutions for Nida Fajali Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15: Free PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 is a helpful resource for students who are preparing for their board exams. These NCERT Solutions are prepared by the highly experienced teachers at Vedantu adhering to the latest CBSE syllabus and guidelines. Chapter 15 of Class 10 Hindi has crucial questions from the chapter based on the life of Nida Fajali. NCERT Solutions of Hindi Sparsh Class 10 Chapter 15 includes answers to the exercise questions. This will help you understand how to answer the questions that might be asked in the exam.


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Class:

NCERT Solutions for Class 10

Subject:

Class 10 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 4 - Sparsh

Chapter Name:

Chapter 15 – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2023-24

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes



Students can download the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 Nida Fajali from this page and refer it for an effective exam preparations. 

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 15 – अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों दीजिए:

1. बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?

उत्तर: आबादी बढ़ने के कारण स्थान का अभाव हो रहा था इसलिए बिल्डर नई-नई इमरातें बनाने के लिए बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे।

2. लेखक का घर किस शहर में था?

उत्तर: लेखक का घर ग्वालियर शहर में था।

3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?

उत्तर: एकल परिवारों का चलन होने के कारण जीवन डिब्बों जैसे फलैटों में सिमटने लगा है।

4. कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?

उत्तर: कबूतर के घोंसले में दो अंडे थे। एक बिल्ली ने तोड़ दिया था दूसरा दिल्ली से बचाने के चक्कर में माँ से टूट गया। कबूतर इससे परेशान होकर इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।

लिखित


(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:

1. अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?

उत्तर: अरब में लशकर को नूह के नाम से इसलिए याद करते हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों के दुःख में दुखी रहते थे। नूह को पैगम्बर या ईश्वर का दूत भी कहा गया है। उनके मन में करुणा होती थी।

2. लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?

उत्तर: लेखक की माँ रात होने पर पेड़ों के फूल पत्ते तोड़ने पर मना करती थी क्योंकि पेड़ रात में फूल तोड़ने पर श्राप देते हैं। माँ सूरज ढलने के पश्चात पेड़ों के पत्ते तोड़ने से मना करती थी। क्योंकि ऐसा करने से सभी पेड़ पौधे को बुरा लगता है।

3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर: प्रकृति में आए असंतुलन का मानव जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है अनेक बीमारियों से मानव को झेलना पड़ता है। और प्राकृतिक आपदा जैसे कि बहुत अधिक गर्मी, बेवक्त की बारिश, बढ़, भूकंप, अतिवृष्टि, साइकलोन आदि अनेक प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।

4. लेखक की माँ ने पूरे दिन रोज़ा क्यों रखा?

उत्तर: लेखक की माँ  ने पूरा दिन रोजा रखकर नवाज पढ़ते हुए माफी इसलिए मांगी क्योंकि उनके घर कबूतर के दो अंडे थे जिसमें से एक अंडा तो बिल्ली ने झपट्टा मारकर तोड़ दिया और दूसरे अंडा बचाते वक्त लेखक की माँ  से गिरकर फूट गया जिसका उन्हें बहुत दुख हुआ और उसका पश्चाताप करने के लिए उन्होंने पूरा दिन रोजा रखा और माफी मांगी।

5. लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: लेखक का घर पहले ग्वालियर में  था। लेकिन फिर बम्बई के वसर्जिवा में आकर रहने लगा। लेखक कहते हैं कि पहले सभी लोग प्रेम पूर्वक एक साथ रहते थे घर भी बहुत बड़े बड़े होते थे उनमें  खेलने के लिए आंगन भी होता था परंतु अब ऐसा कुछ भी नहीं है अब घर भी डिब्बे के सामान छोटे होते हैं और ना ही अब कोई एक साथ रहता है सब अपने अपने परिवार के साथ अलग-अलग रहते हैं। अब चारों तरफ  केवल इमारतें ही इमारतें नजर आती हैं।पहले के समान खुले घर नहीं है। अब पशु पक्षियों के भी रहने तक की जगह नहीं है पहले जब पक्षी घोंसला बना लेते थे तो उनका ध्यान रखा जाता था और पशुओं को पाला जाता था। किंतु अब ऐसा कुछ नहीं देखा जा सकता है।

6. डेरा डालने से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: डेरा डालने से तात्पर्य है किसी स्थान पर कुछ समय के लिए रहना।  पक्षियों को घोंसला बनाने की जगह ना मिल पाने पर वह अपना जीवन यापन करने के लिए बड़ी-बड़ी इमारतों में ही कुछ समय के लिए अपना घोंसला बना लेते हैं।

17. शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े?

उत्तर: शेख अयाज़ के पिता जब कुँए से नहाकर लौटे तो काला च्योटा उनकी बाजू पर चढ़कर आ गया। उन्होंने उसे अपने बाजू पर चलता देख उन्होंने निश्चय किया कि पहले वह उसे उसके घर छोड़कर आएंगे  तभी भोजन के वक्त उन्होंने अपना भोजन छोड़कर यह निर्णय किया कि पहले मैं इसे इसके घर छोड़कर आऊंगा।


(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:

1. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: बढ़ती हुई आबादी के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ता जा रहा है जो मानव जीवन के लिए एक खतरा है। जनसंख्या तेजी से बढ़ने के कारण रहने के स्थान की कमी होती जा रही है जिस कारण वनों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है और समुंद्र को भी कम कर कर उन पर अधिक मात्रा मे इमारतें बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे प्रकृति अपना संतुलन खोती नजर आ रही है। इसी कारण प्रकृति मनुष्य द्वारा किए गए इस गलत कार्य का उन्हें समय-समय पर दंड देती रहती है। प्रकृति जब भी अपना संतुलन खोती है तो मनुष्य को उसका दंड भुगतना पड़ता है जिसे हम प्राकृतिक आपदा कहते हैं जैसे बाढ़ आना, तूफान ,आंधी, तेज गर्मी, बेमौसम बरसात का होना और जलवायु परिवर्तन आदि सभी प्रकृति के असंतुलन के कारण होते हैं। जो सभी जीव जगत के लिए एक खतरा साबित होते हैं।

2. लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?

उत्तर: लेखक ने घर की खिड़की में जाली इसलिए लगवाई क्योंकि उसके घर कबूतर ने घोंसला बना लिया था जिसमें दो कबूतर के बच्चे थे और कबूतर उनको दाना खिलाने के लिए खिड़की से आते जाते थे जिस कारण उनका कुछ ना कुछ सामान टूट जाता था। इसी वजह से लेखक की पत्नी ने मचान के आगे जाली लगवा दी थी और घोसले को बाहर की और सरका दिया था।

3. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

उत्तर:  समुंद्र को गुस्सा इस कारण आया क्योंकि कई सालों से बिल्डर अपना स्वार्थ देखते हुए समुंद्र को पीछे की ओर धकेलते जा रहे थे। समुंद्र की जगह पर बड़ी-बड़ी इमारतें बना रहे थे समुंद्र आकार में बहुत छोटा होता जा रहा था। उसने बहुत कोशिश की कि मनुष्य ऐसे ही मान जाए किंतु मनुष्य नहीं माने और अपने काम में लगे रहे। जिस कारण समुंद्र को गुस्सा आ गया और उसने गुस्सा निकालने के लिए तीन जहाज फेंक दिए। एक वार्लकि समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर जिस कारण सब कुछ  टूट फूट कर बिखर गया।

4. मट्टी से मट्टी मिले,

खो के सभी निशान,

किसमें कितना कौन है,

कैसे हो पहचान,

इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: इन पंक्तियों में बताया गया है कि सभी प्राणी एक ही मिट्टी से बने हैं और अंत में हमारा शरीर व्यक्तिगत पहचान खोकर उसी मिट्टी में मिल जाता है। यह पता नहीं रहता कि उस मिट्टी में कौन-कौन से मिट्टी मिली हुई है यानी मनुष्य में कितनी मनुष्यता है और कितनी पशुता यह किसी को पता नहीं होता।


(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

1. नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।

उत्तर:   मनुष्य प्रकृति के साथ कुछ ना कुछ खिलवाड़ करता रहता है। प्रकृति की भी सहनशक्ति एक हद तक होती है। इसके क्रोध का नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था। इसने तीन जहाजों को बच्चो की गेंद के समान उछाल दिया था।

2. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।

उत्तर:  महान तथा बड़े लोगों में माफ़ करने की अधिक क्षमता होती है। किसी भी व्यक्ति की महानता क्रोधित होकर दण्ड देने में नहीं अपितु उसकी गलती को माफ करने में होती है। किसी की भी गलती को माफ़ करना ही महान लोगों के गुण होती है। महान लोग समुंद्र के समान शांत वह गहरे होते हैं। समुंद्र भी उसी प्रकार महान है वह मनुष्य के द्वारा किए गए खिलवाड़ को सहन करता रहा परंतु गलती करने की भी कोई सीमा होती है। जब मनुष्य अपनी गलती से बाज नहीं आया तो समुद्र को क्रोध आ गया और उसने विकराल रूप धारण कर लिया। वैसे तो महान व्यक्तियों की तरह उसमें अथाह गहराई शांति व सहनशक्ति है। परंतु मनुष्य ने उसे क्रोधित एवं विकराल रूप धारण करने पर मजबूर कर दिया।

3. इस बस्ती ने न जाने कितने परिदो-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ वहाँ डेरा डाल लिया है।

उत्तर:  बस्तियों के फैलाव और बड़ी-बड़ी इमारतों को बनाने के चक्कर में मनुष्य ने पेड़ों को काटकर ना जाने कितने पक्षियों को उनके घरों से बेघर कर दिया। उनके ऐसा करने की वजह से कुछ की तो जातियाँ ही नष्ट हो गई। और कुछ पक्षियों के द्वारा इमारतों पर अपना डेरा बसा लिया गया।

4. शेख अयाज़ के पिता बोले, नहीं, यह बात नहीं हैं। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ। इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:  शेख अयाज़ के पिता बोले, नहीं, यह सही नहीं है मैंने एक चीटा को उसके घर  वालों से अलग कर दिया जो कि बिल्कुल गलत है मैने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। मैं उसे उसके घर वापस छोड़ कर अवश्य आऊंगा। इन पंक्तियों के द्वारा उनकी भावनाओं का पता चलता है कि वह पशु पक्षियों  से कितना प्रेम करते हैं उनका उनके प्रति कितना लगाव है। वे पक्षियों की भावनाओं को अच्छी तरह से समझते हैं। वे किसी भी पशु पक्षी को किसी भी प्रकार का दुख देना नहीं चाहते उनका मानना है कि मनुष्य और पशु पक्षी सब एक समान होते हैं जितना दुख मनुष्य को होता है उतना ही पशु-पक्षियों को भी होता है। 


भाषा अध्यन

1. उदारण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिह्नों को पहचानकर रेखांकित कीजिए।

और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए जैसे:

(क) माँ ने भोजन परोसा कर्त

(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ।

(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया|

(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।

(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो।

उत्तर: 

(क) माँ ने भोजन परोसा| कर्ता

(ख) में किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ। संप्रदान

(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। कर्म

(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। अधिकरण

(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो। अधिकरण


2. नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए-

चींटी, घोड़ा, आवाज़, बिल, फौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।

उत्तर: 

चींटी-चीटियाँ

घोड़ा - घोड़े

आवाज़ – आवाजें 

बिल-बिल

 रोटी - रोटियाँ

बिंदु-बिंदु (बिदुओ को)

दीवार-दीवारें

टुकड़ा – टुकडे 


3. निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे कीजिए:

(क) आजकल _________ बहुत खराब है। (जमाना/जमाना)

(ख) पूरे कमरे को________ दो। (सजा / सज़ा)

(ग) माँ दही_______भूल गई|(जमाना / जमाना)

(घ) __________चीनी तो देना|(जरा/जरा)

(ङ) दोषी को _________दी गई।(सजा / सज़ा)

(च) महात्मा के चेहरे पर_________था। (तेज / तेज़)

उत्तर: 

(क) आजकल ज़माना बहुत खराब है।

(ख) पूरे कमरे को सजा दो।

(ग) माँ दही जमाना भूल गई।

(घ). ज़रा चीनी तो देना|

(ङ) दोषी को सज़ा दी गई।

(च) महात्मा के चेहरे पर तेज था।


निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

1. बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरान में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा जानते थे। एक दफा सुलेमान अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से गुजर रहे थे। रास्ते में कुछ चीटियों ने घोड़ों की तापों की आवाज़ सुनी तो डर कर एक-दूसरे से कहा, आप जल्दी से अपने-अपने बिलों में चलो फ़ौज आ रही है। सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोड़ी दूर परं रुक गए और चीटियों से बोले, 'घबराओ नहीं, सुलेमान को खुद ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।' चीटियों ने उनके लिए ईश्वर से दुआ की और सुलेमान अपनी मंजिल की ओर बढ़ गए।

(क) सुलेमान कौन थे और उनके व्यक्तित्व की क्या विशेषता थी?

(क)  बाइबल के सोलोमेन जो कि कुरान के सुलेमान ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। वे मनुष्य के राजा होने के साथ पक्षियों और जानवरों के भी हकीम थे। वे उनकी भाषा को भलीभांति समझते थे और उन सभी का कल्याण करना चाहते थे।

(ख) चीटियाँ क्यों भयभीत थी?

(ख) रास्ते में सुलेमान की फौज के घोड़ों की तापो की आवाज सुनकर  चीटियाँ भयभीत होकर एक दूसरे से बोलने लगी चलो सब अपने-अपने बिलों में छुप जाओ ।

(ग) सुलेमान ने चीटियों से क्या कहा?

(ग)  सुलेमान ने चींटियों को ऐसे घबराया देखकर उनसे उनसे कहा कि घबराओ मत मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूं बल्कि मैं सब का रखवाला हूं। मैं सबके लिए मोहब्बत हूं ना की मुसीबत।


2. दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के में उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धर्मिक ग्रंथ अपनी अपनी तरह से संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी है। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल जुलकर रहते थे अब छोटे छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू करदिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गरमी में ज़्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम है नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है।

(क) दुनिया के विषय में कौन-कौन से सवाल उठते हैं?

उत्तर: दुनिया के विषय में निम्नलिखित सवाल उठते हैं जैसे कि दुनिया कैसे वजूद में आई?  दुनिया कब अस्तित्व में आई होगी? पहले क्या चीज सामने आई? किस प्रकार से इसकी यात्रा शुरू हुई? इस प्रकार के सवाल दुनिया के विषय में उठते हैं।

(ख) पहले और अब के घरों में क्या बदलाव आया है?

उत्तर: पहले के जमाने में घर खुले होते थे तथा उनमें आंगन भी होते थे और आकार में भी बड़े थे। सब मिलजुल कर एक साथ रहते थे। किंतु अब सब अलग-अलग रहते हैं और घर भी छोटे छोटे से डिब्बे के आकार की इमारतों में रहते हैं। 

(ग) मनुष्य ने दुनिया में क्या परिवर्तन लाया और इसके क्या परिणाम हुए? (2)

उत्तर: मनुष्य मनुष्य ने प्रकृति को अपना संतुलन खोने पर मजबूर कर क्योंकि उसने समुंद्र को पीछे की और कर कर उसकी जमीन पर अपना हक जता कर उस पर मारते बनाना शुरू कर दिया और जंगलों के पेड़ पौधों को काट दिया गया नए नए अविष्कारों से होने वाले प्रदूषण से धीरे धीरे पृथ्वी ने अपना संतुलन खो ना शुरू कर दिया। जिस कारण प्रकृति का संतुलन अनियंत्रित हो गया जिस कारण गर्मी के दिनों में ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, जलजले, सैलाब, तूफ़ान, आंधी, भूकंप,और नित्य नए रोग उत्पन्न हुए हैं।

3. कई सालों से बड़े बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी ज़मीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी पेफली हुई टाँगें समेटी, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकडू बैठ गया। फिर खड़ा हो गया...जब खड़े रहने की जगह कम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परंतु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है, और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में पेंफक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आकर गिरा दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने आँधे मुँह और तीसरा गेट वे ऑफ़ इंडिया पर टूट फूटकर सैलानियों का नज़ारा बना बावजूद कोशिश, वे फिर से चलने-फिरने के काबिल नहीं हो सके।

(क) बिल्डर समुद्र के साथ क्या और क्यों कर रहे थे? 

उत्तर: बिल्डरों के द्वारा समुंद्र की जमीन पर कब्जा जमाया जा रहा था वह समुंद्र को पीछे की ओर धकेल कर उस पर अपना आधिपत्य जमा रहे थे वहां पर इमारते बनाकर अधिक से अधिक पैसा कमाने के लिए वे ऐसा कर रहे थे।

(ख) समुद्र को गुस्सा क्यों आया?

उत्तर: बिल्डरों के द्वारा समुंद्र की  जमीन पर दिन प्रतिदिन कब्जा किया जा रहा था।जमीन हथियाए जाने से समुद्र सिकुड़ता एवं छोटा होता जा रहा था। समुद्र के सामने उसके अपने अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया इसलिए उसे गुस्सा आ गया।

(ग) समुद्र ने अपना क्रोथ किस प्रकार प्रकट किया?

उत्तर: समुद्र ने अपना गुस्सा दिखाने के लिए अपनी लहरों के द्वारा तीन जहाजों को बच्चों की गेंद के समान तीन अलग-अलग दिशाओं में फेंक दिया। 


4. ग्वालियर में हमारा एक मकान था, उस मकान के दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुख हुआ उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुख देखकर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए उसने पूरे दिन से जा रखा।दिन भर कुछ खाया पिया नहीं। सिर्फरोती रही और बार-बार नमाज पढ़ पढ़कर खुदा से इस गलती को मुआफ़ करने की दुआ माँगती रही।

(क) ग्वालियर के मकान में घटी किस घटना से लेखक की माँ को दुःख पहुँचा?

उत्तर: लेखक की माँ को दुख इसलिए पहुंचा क्योंकि ग्वालियर के मकान के आंगन में रोशनदान में कबूतर के एक जोड़े के द्वारा घोंसला बनाया गया था। एक बार बिल्ली ने उस घोसले पर हमला कर दिया जिसमें उनके दो अंडे थे जिनमें से एक अंडा गिरकर फूट गया। यह सब देखकर लेखक की माँ  को बहुत दुख पहुंचा।

(ख) दूसरे अंडे को बचाने के प्रयास में क्या हुआ?

उत्तर: बिल्ली से बचाने के चक्कर में लेखक की माँ के हाथ से दूसरा अंडा  छूटकर जमीन पर गिर गया और वह फूट गया।

(ग) लेखक की माँ ने अपनी गलती का किस प्रकार प्रायश्चित किया?

उत्तर:  लेखक की  माँ  ने पश्चाताप करने के लिए पूरा दिन रोजा रखा ना तो कुछ खाया पिया और पूरा दिन बस नमाज पढ़ती रही और अपने किए के पछतावे पर माफी मांगती रही। इस तरह लेखक की माँ ने प्रायश्चित किया।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:

1. सुलेमान कौन थे? उन्हें सबका राजा क्यों कहते हैं?

उत्तर:  सुलेमान ईसा से 1025 वर्ष पहले एक बादशाह थे। सुलेमान को सब का राजा इसलिए कहा जाता था क्योंकि वह मनुष्य जाति के ही बारे में भला नहीं सोचते थे अपितु पशु पक्षियों की भाषा से भी भली भांति परिचित थे वे उनके बारे में भी भला सोचते थे। और उनका ध्यान रखते थे। इसलिए उन्हें सबका राजा  कहते हैं।

2. शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में किस घटना का जिक्र किया है?

उत्तर:  शेख अयाज़ के द्वारा अपनी आत्मकथा में अपने पिता की एक घटना का जिक्र किया है। एक बार उनके पिता भोजन करने के लिए बैठे थे तो उन्होंने अपनी बाजू पर एक काले चीटें को रेंगते देखा तो उसे देखकर उन्हें लगा शायद यह कुए से नहाकर लौटते वक्त मेरी बाजू पर मेरे साथ आ गया है और उसे देखकर उन्हें ऐसा लगा कि शायद यह मेरे कारण अपने घर से बिछड़ गया है तो उन्होंने तुरंत उसे उसके घर छोड़कर आने का निर्णय लिया और वह भोजन छोड़कर तुरंत उसे उसके घर छोड़ने के लिए चल दिए।

3. लशकर सारी उम्र रोते क्यों रहे?

उत्तर:   लश्कर सारी उम्र रोता इसलिए रहा क्योंकि एक बार जब रास्ते से जा रहा था तो एक घायल कुत्ता उसके सामने आ गया। इस्लाम धर्म में कुत्ते को गंदा समझा जाता है इसलिए उसने उस घायल कुत्ते को देख उसे धमकाते हुए एक  तरफ होने के लिए कहा उसके इस प्रकार के बर्ताव को देखकर उस घायल कुत्ते ने कहा ना तो तू अपनी मर्जी से इंसान है और ना ही मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ। जिसने हमें बनाया है वह एक ही है।

4. लेखक की माँ ने प्रायश्चित क्यों और कैसे किया?

उत्तर:  लेखक की माँ ने पश्चाताप इसलिए किया क्योंकि बिल्ली से कबूतर के अंडे को बचाते वक्त उनके हाथ से गलती से कबूतर का अंडा जमीन पर गिर गया और वह अंडा फूट गया जिसका उन्हें बहुत पछतावा हुआ और उन्होंने दिन भर ना तो कुछ खाया पिया और पूरे दिन रोजा रखा। और इस प्रकार अपनी गलती का उन्होंने पश्चाताप किया।

5. 'अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ से हमें क्या सन्देश मिलता है?

उत्तर:  इस पाठ के माध्यम से हमारे मन में  प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना उत्पन्न होती है। हमें सबके साथ मिल जुल कर रहना चाहिए सब के दुख और सुख का ख्याल रखना चाहिए हमें केवल अपने आप को सर्वश्रेष्ठ नहीं मानना चाहिए सबकी भावनाओं को समझना हमारा कर्तव्य है हमें अपने स्वार्थ के चक्कर में प्रकृति के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। 


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4. How can I score high marks in Chapter 15 of Class 10 Hindi Sparsh?

Students should know the concepts given in Chapter 15 of Class 10 Hindi Sparsh. They should read the complete Chapter properly. They should try to understand and remember the whole story of the Chapter. They can refer to the NCERT Solutions for Chapter 15 of Class 10 Hindi Sparsh online to understand the story. They should practice all questions and answers given in the textbook. Students should practice all questions in writing to avoid spelling mistakes in exams.

5. How do I prepare Chapter 15 of Class 10 Hindi Sparsh?

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6. Can I read the summary of Chapter 15 of Class 10 Hindi Sparsh?

Students can read the summary from the page NCERT Solutions for Chapter 15 of Class 10 Hindi Sparsh. The summary of the Chapter is given by an expert subject teacher. It can help students to understand the story and idea of the entire Chapter easily. Students can prepare for their exams from the online notes and summary. The notes of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 15 are given in simple language for quick understanding.