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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 Sanskriti

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NCERT Solutions for Class 10 Chapter 12 Hindi - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 12 Sanskriti by Bhadant Anand Kausalyayan explores the complex ideas of civilisation and culture. Chapter 12 gives insight into the evolution of human society, examining how inventions like fire and the wheel contributed to the growth of civilisation. It also questions the real meaning of culture, emphasising that it goes beyond material progress.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Chapter 12 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 10 Hindi Chapter 12 Sanskriti (Kshitij)
3. Access NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 12 Sanskriti
4. Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 12 Sanskriti 
5. Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 12 
6. Conclusion 
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 10  Hindi - (Kshitij) 
8. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
9. Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 
FAQs


Our solutions for Class 10 Hindi Kshitij NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 10 Chapter 12.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 12 Sanskriti (Kshitij)

  • The author brings attention to the distinction between the development of tools for survival and those that lead to human welfare. 

  • He questions whether the invention of weapons for self-destruction should be considered part of culture. 

  • The solutions in this chapter help students understand the nuanced differences between civilisation and culture and the importance of using human intelligence for constructive purposes. 

  • It highlights the importance of fire and other inventions in shaping civilisation.

  • The author questions the destructive use of human intelligence.

  • The idea of a “cultured person” is discussed through examples like Newton.

  • The solutions help clarify complex ideas and their practical relevance.

Access NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 12 Sanskriti

 प्रश्न अभ्यास

1.लेखक की दृष्टि में 'सभ्यता' और 'संस्कृति' की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?

उत्तर: लेखक के अनुसार 'सभ्यता' और 'संस्कृति' शब्दों का प्रयोग अलग-अलग ढंग से होता है। जब इन शब्दों के साथ अलग-अलग विशेषण लग जाते हैं: जैसे,भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता, तो जो समझ बन पाती है वह भी बदल जाती है। इसी कारण लेखक की दृष्टि में इन शब्दों की सही समझ अब तक नहीं बन पाई है। 


2.आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे?

उत्तर: जब आग की खोज हुई तो उस समय इंसान में बुद्धि-शक्ति का इतना विकास नहीं हुआ था ,इसी कारण उस समय के अनुसार यह खोज अपने आप में बहुत बड़ी थी। रौशनी की आवश्यकता एवं भोजन को पकाना, यह दो बातें आग के अविष्कार की मुख्य प्रेरणा रही होंगी।  क्योंकि जब अँधेरे में मनुष्य कुछ नहीं देख पा रहा होगा तब उसे रौशनी की आवश्यकता महसूस हुई होगी। साथ ही,कच्चे माँस का स्वाद नापसंद होने के कारण मनुष्य को उसे आग पर पका कर खाने की इच्छा भी हुई होगी। 


3.वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' किसे कहा जा सकता है?

उत्तर: जो व्यक्ति अपनी बुद्धि तथा योग्यता के बल पर कुछ नया अविष्कार करने की क्षमता रखता हो, उसे वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' कहा जा सकता है। जिसमें यह क्षमता जितनी अधिक होगी, वह उतना ही अधिक संस्कृत व्यक्ति होगा। जैसे, न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का अविष्कार किया, तो वह एक संस्कृत व्यक्ति था। आज विद्यार्थियों को इस विषय पर न्यूटन से अधिक ज्ञान है परंतु उन्होंने इस विषय का अविष्कार नहीं किया इसलिए उन्हें संस्कृत नहीं कहा जा सकता। 


4.न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?

उत्तर: संस्कृत मानव उसे कहा जाता है जो अपनी बुद्धि-शक्ति और योग्यता के बल पर कोई नया अविष्कार कर सके। न्यूटन ने अपनी इसी योग्यता के बल पर गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों की खोज की, इसलिए उसे संस्कृत मानव कहा जा सकता है। आज के समय में इस विषय पर लोगों के पास और अधिक जानकारी है परंतु उन्हें न्यूटन से अधिक सभ्य कहा जा सकता है लेकिन संस्कृत नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि न्यूटन ने इस विषय की खोज की थी और आज उसे ही आगे बढ़ाया जा रहा है। 


5.किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का अविष्कार हुआ होगा?

उत्तर: जब मनुष्य को अपने शरीर को ढकने और सर्दियों से बचने की आवश्यकता महसूस हुई होगी, तब सुई-धागे की खोज हुई होगी। साथ ही, मनुष्य को अपने शरीर को सजाने के लिए आवश्यकतानुसार दो कपड़े के टुकड़ों को जोड़ने के लिए भी सुई-धागे की ज़रूरत महसूस हुई होगी। 


5."मानव संस्कृति एक अभिवाज्य वस्तु है।" किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब-

(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गईं। 

उत्तर: मानव संस्कृति को वर्ण व्यवस्था एवं धर्म के नाम पर विभाजित करने की चेष्टा की जाती है।

1.बहुत बार वर्ण व्यवस्था के नाम पर जात-पात का विभाजन देखा जाता है। 

2.वहीं दूसरी ओर धर्म के नाम पर भी विभाजन होते हैं जिसका परिणाम हम भारत-पाकिस्तान के रूप में देख सकते हैं। 

(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का परिणाम दिया। 

उत्तर: ऐसे बहुत से उदहारण हैं जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का परिणाम दिया।जैसे-

1.जब कार्ल मार्क्स ने सभी मजदूरों के हित के लिए आवाज़ उठाई और अपना सारा जीवन संघर्ष में बिता दिया। 

2.सिद्दार्थ, अर्थात गौतम बुद्ध ने अपने महल का आराम और घर केवल मानव कल्याण के लिए छोड़ा था। 


6.आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का अविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?

उत्तर: मानव सदियों से अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित रहा है जिसके लिए उसने अनेकों अविष्कार किए हैं।जब मानव अपनी रक्षा के लिए,मानवहित और आत्महित के लिए, अविष्कार करता है जो मानव कल्याण की भावना से जुड़ा हो तो उसे हम संस्कृति कहते हैं। परंतु जब अविष्कार के पीछे की भावना और योग्यता का उपयोग विनाश के लिए किया जाए तो हम उसे संस्कृति कभी नहीं कह सकते। विनाश की भावना से जुड़ कर अविष्कार असंस्कृति बन जाता है। 


रचना और अभिव्यक्ति 

7.लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए। 

उत्तर: लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की जो परिभाषा दी है उसके अनुसार इन दोनों शब्दों का प्रयोग अनेक अर्थों में किया जाता है। अलग-अलग विशेषण लगने से इनकी परिभाषा और भी भिन्न हो जाती है। मनुष्य के रहन-सहन का तरीका सभ्यता का हिस्सा है। संस्कृति ज़िन्दगी का चिंतात्मक एवं कलात्मक मेल है, जो ज़िन्दगी को संपन्न बनाती है। सभ्यता को संस्कृति का परिपक्व रूप भी माना जा सकता है। 


8. तत्त्वान ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या जानते हैं, लिखिए।

Answer: सभ्यता वह है जो मनुष्य के बाहरी विकास को दर्शाती है, जैसे रहन-सहन, तकनीकी विकास, विज्ञान और अन्य भौतिक प्रगति। सभ्यता में भौतिकता का पहलू अधिक रहता है। इसके विपरीत, संस्कृति वह है जो मनुष्य के आंतरिक गुणों और उसकी नैतिकता, कला, साहित्य, धर्म और विचारधारा को दर्शाती है। सभ्यता बाहरी विकास से जुड़ी होती है, जबकि संस्कृति आंतरिक विकास से संबंधित होती है।

कुल मिलाकर, सभ्यता और संस्कृति दोनों का मिलन ही समाज को संपूर्ण बनाता है।


भाषा-अध्ययन

9.निम्लिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए-

1.गलत-सलत                                                                                           

2.आत्म-विनाश                                                                                                    

3.महामानव                                                                                                            

4.पददलित                                                                                                       

5.हिंदू-मुस्लिम                                                                                             

6.यथोचित                                                                                                        

7.सप्तर्षि                         

8.सुलोचना 

उत्तर:-

1.गलत-सलत : गलत और सलत (द्वंद समास)          

2.आत्म-विनाश : आत्मा का विनाश (तत्पुरुष समास)                                           

3.महामानव : महान है जो मानव (कर्मधारय समास)                                             

4.पददलित : पद से दलित (तत्पुरुष समास)                                                   

5.हिंदू-मुस्लिम : हिंदू और मुस्लिम (द्वंद समास)                                                  

6.यथोचित : जो उचित हो (अव्ययीभाव समास)

7.सप्तर्षि : सात ऋषियों का समूह (द्विगु समास)                                                           

8.सुलोचना : सुंदर लोचन है जिसके (कर्मधारय समास)


Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 12 Sanskriti 

  • Understanding the difference between civilisation and culture.

  • Recognising the importance of constructive inventions for human welfare.

  • Learning about the role of intellect in shaping culture and society.

  • Gaining insights into the moral responsibility of using intelligence for the betterment of humanity.

  • Exploring the dangers of using intellect for destructive purposes.


Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 12 

S. No

Important Study Material Links for Chapter 12

1.

Class 10 Sanskriti Questions

2.

Class 10 Sanskriti Notes


Conclusion 

Chapter 12 Sanskriti by Bhadant Anand Kausalyayan provides a deep analysis of the role of human intelligence in shaping civilisation and culture. The author emphasises that true culture goes beyond material achievements and involves the ethical use of intellect. These NCERT Solutions guide students in understanding the broader implications of the chapter, helping them prepare for exams while reflecting on the importance of moral and intellectual responsibility.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 10  Hindi - (Kshitij) 

After familiarising yourself with the Class 10 Hindi Chapter 7 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 10 Kshitij textbook chapters.



NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions


Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 

You can also download additional study materials provided by Vedantu for Class 10  Hindi.


S. No

Important Links for Class 10 Hindi

1.

Class 10 Hindi NCERT Book

2.

Class 10 Hindi Revision Notes

3.

Class 10 Hindi Important Questions

4.

Class 10 Hindi Sample Papers

5.

Class 10 Hindi PYQPs

6.

Class 10 Hindi NCERT Solutions

FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 12 Sanskriti

1. What is the main theme of Chapter 12 'Sanskriti' in Class 10 Hindi?

The main theme of the chapter is the distinction between civilisation and culture, highlighting the importance of using human intelligence for constructive and ethical purposes.

2. Why does the author question the use of human intellect for destructive purposes in 'Sanskriti'?

The author questions whether inventions meant for destruction, like weapons, should be considered part of human culture, as true culture is meant to promote welfare, not harm.

3. What is the significance of fire in the evolution of civilisation as described in Chapter 12?

Fire is seen as a major invention that contributed to human progress, providing light, warmth, and the ability to cook food, marking a significant step in civilisation’s growth.

4. How does chapter 12 Sanskriti define a cultured person?

A cultured person is defined as someone who uses their intellect to discover and create new things for the betterment of society, such as Newton, who made groundbreaking scientific discoveries.

5. How do NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 'Sanskriti' help students?

The solutions provide detailed explanations of the chapter’s key themes and concepts, helping students understand the deeper meanings of civilisation and culture for better exam preparation.

6. What is the difference between civilisation and culture as explained in Chapter 12?

Civilisation is seen as the material progress of society, such as inventions and discoveries, while culture involves the intellectual and moral growth that leads to human welfare.

7. Why is the invention of fire considered a major turning point in human civilisation?

The invention of fire is considered a major turning point because it provided essential benefits like light, heat, and the ability to cook, which improved human life significantly.

8. What moral responsibility does the author emphasise in Chapter 12 Sanskriti?

The author emphasises the moral responsibility of using human intelligence for the betterment of society and discourages the use of intellect for destructive purposes.

9. How does chapter 12 Sanskriti reflect on the misuse of human intelligence?

The chapter reflects on how human intelligence can lead to both constructive and destructive outcomes, urging society to focus on using intellect for positive and humane purposes.

10. How does chapter 12 Sanskriti connect to modern societal issues?

Chapter 12 connects to modern issues by discussing the ethical implications of inventions and the importance of using human intelligence to benefit society rather than harm it.