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Sangatkar Class 10 Hindi Chapter 6 CBSE Notes 2025-26

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Hindi Notes for Chapter 6 Sangatkar Class 10- FREE PDF Download

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Hindi Notes for Chapter 6 Sangatkar Class 10- FREE PDF Download

‘संगतकार’ अध्याय (लेखक: मंगलेश डबराल) में मुख्य रूप से संगीत के क्षेत्र में संगतकार (लाक्षरिक) की भूमिका और उसके महत्व पर प्रकाश डाला गया है। मंगलेश डबराल का जन्म 1948 में फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। 


उनकी शिक्षा नरफनावा में पूर्ण हुई। उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और संस्थानों में कार्य किया और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी हुए। उनकी कविताओं में संगीत, मानवता, सांगरोध और आशावाद का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।

संगतकार का अर्थ और भूमिका


  • संगीत में 'संगतकार' (लाक्षरिक) वह कलाकार होता है जो मंच पर मुख्य गायक के पीछे रहकर उसकी गायकी में सहायक की भूमिका निभाता है। 
  • ये मुख्य गायक के स्वर को मजबूती और स्थिरता प्रदान करता है। 
  • संगतकार केवल सहायक ही नहीं बल्कि मंच के पीछे रहकर पूरे संगीत कार्यक्रम की सफलता की नींव भी है। 
  • सही समय पर स्वर पकड़ना, कठिन राग में भी मुख्य गायक को प्रेरणा देना और कभी-कभी स्वर के बिखराव के समय मुख्य गायक को संभालना इनकी अहम जिम्मेदारी है।
कविता का भावार्थ


कविता में मंगलेश डबराल ने लाक्षरिक को ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा है, जो सदैव परदे के पीछे रहकर भी अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। गीत के दौरान जब मुख्य गायक स्वर की अथाह ऊँचाइयों पर चला जाता है या कभी मार्ग भटक जाता है, तब लाक्षरिक उसका सहारा बनता है। 


लाक्षरिक न केवल संगीत में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र, जैसे—नाटक, फिल्म, नृत्य, साहित्य, पत्रकारिता आदि में दिखाई देते हैं। वह सफलता की सीढ़ी का वह महत्वपूर्ण पायदान है, जो दिखता कम है, लेकिन बिना उसके सफलता असंभव है।

मुख्य गायक और संगतकार का संबंध


मुख्य गायक और संगतकार का संबंध गुरु-शिष्य, सहयोगी, या भाई जैसे गहरे होते हैं। लाक्षरिक प्राचीन काल से अपने स्वर को मुख्य गायक की झंकार में पिरोता आया है। 


जब मुख्य गायक किसी नई धुन या कठिन राग में उलझ जाता है या मंच पर अकेला महसूस करता है, तब संगतकार उसका मनोबल बढ़ाता है और उसे संभालता है। 


इस प्रकार मुख्य गायक का कलाकार बने रहना और उसका आत्मविश्वास बना रहना बहुत हद तक संगतकार पर निर्भर करता है।

संगतकार का महत्व एवं सामाजिक संदेश


  • इस कविता के माध्यम से लेखक ने संदेश दिया है कि किसी भी कार्य में मुख्य व्यक्ति के अलावा भी बहुत से व्यक्तियों का योगदान होता है। 
  • जैसे—नाटक, फिल्म, संगीत, नृत्य, कला, विज्ञान आदि हर क्षेत्र में चुनिंदा लोग ही मंच पर नजर आते हैं, जबकि असली मेहनत तो पीछे रहकर काम करने वाले लोग करते हैं। 
  • समाज में ऐसे असंख्य लोग हैं जो कभी प्रसिद्धि नहीं पाते, पर बिना उनके कोई उपलब्धि संभव नहीं है। यह कविता हमें सिखाती है कि प्रत्येक भूमिका का महत्व है, चाहे वह सामने दिखे या न दिखे।
प्रमुख शब्दार्थ
  • लाक्षरिक — मुख्य गायक के साथ स्वर मिलाने वाला सहायक कलाकार
  • झंक — ऊँचा गंभीर स्वर
  • वर्ज्य — गीत के धुन का वह भाग जिसे अलग कर दिया जाए
  • रागिनी — संगीत में स्वर का विस्तार
  • नौसिखिया — जो नया या अभ्यास में आरंभिक अवस्था में हो
  • धीरे से पुकारता — सांत्वना या संकेत देने का भाव
‘फक़रत’ कविता का मर्म


फक़रत कविता में यह बताया गया है कि कोई भी राग, जो एक बार गाया जा चुका है या उसमें उत्पन्न होने वाली आवाज़ की पतली फांक जिनका स्वर मौन में दब सकता है, उनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए, बल्कि उनकी मनुष्यता और संवेदनशीलता को समझना चाहिए। यह मानवीय सहयोग और संवेदनशीलता का बोध कराता है।

संगीत के अन्य आवश्यक तथ्य
  • संगीत के सात शुद्ध सुर — सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
  • सप्तक — सात सुरों के समूह को सप्तक कहा जाता है, जो मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं: मध्य सप्तक, तार सप्तक, मंद्र सप्तक।
प्रश्न-अभ्यास से परीक्षा उपयोगी तथ्य
  • लाक्षरिक उन लोगों का प्रतीक है, जो प्रमुख कलाकारों की सहायता करते हैं और मंच की सफलता में अमूल्य योगदान देते हैं।
  • संगीत के अतिरिक्त जीवन के हर क्षेत्र, जैसे—साहित्य, विज्ञान, शिक्षा, मीडिया, खेल आदि में भी लाक्षरिक समान सहायक व्यक्तित्व होते हैं।
  • किसी भी उपलब्धि की नींव हमेशा उन गुमनाम सहयोगियों के प्रयास और उपस्थिति पर टिकी होती है, जिन्हें सुर्खियों में स्थान नहीं मिलता।
  • मुख्य गायक जब थकान, भ्रम या संकोच का अनुभव करता है, तब संगतकार उसका मनोबल बढ़ाता है और उसे संभालता है।
अध्यायिक गतिविधियाँ
  • फिल्म, नाटक या मंचीय प्रस्तुति में मुख्य कलाकार के अलावा सेट डिजाइनर, मेकअप आर्टिस्ट, लाईट मैन, ध्वनि संचालक आदि का योगदान भी महत्वपूर्ण होता है।
  • विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंच के पीछे काम करने वाले सहायक विद्यार्थियों का सहयोग आवश्यक होता है, जिससे कार्यक्रम सफल हो पाते हैं।
तालिका : संगीत में संगतकार की भूमिका
मुख्य कार्य महत्व
मुख्य गायक को स्वर में मजबूती देना गायकी में स्थिरता एवं संतुलन
कठिन रागों में सहारा देना कला की निरंतरता बनाए रखना
लय और ताल की सही पकड़ रचना में सुंदरता और अनुशासन
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु
  • लाक्षरिक के माध्यम से समाज में सहयोग, विनम्रता, संवेदना, और समूह में काम करने के महत्व को समझाया गया है।
  • कविता हमें यह सिखाती है कि परदे के पीछे रहकर भी अपनी मेहनत को निरंतर जारी रखना कभी व्यर्थ नहीं जाता।
  • लेखक ने मानवीय संबंध, परस्पर सहायता, और मान्यता की आवश्यकता को उजागर किया है।
  • कक्षा, विद्यालय या बाह्य मंच—हर जगह सहायक व्यक्तित्व का योगदान उतना ही आवश्यक है जितना मुख्य व्यक्तित्व का।
  • कविता के सन्दर्भ में परीक्षा में व्यक्तित्व, शब्दार्थ, भावार्थ व सहयोग के महत्व पर आधारित प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
उपसंहार


‘संगतकार’ कविता और उसका सन्देश हमें यह सिखाता है कि जीवन के हर क्षेत्र में, चाहे वह संगीत हो, शिक्षा हो या कोई अन्य कार्यक्षेत्र, सहयोग और सहायक कार्यों का विशेष महत्व होता है। मंगलेश डबराल की काव्य–शैली पाठकों को संवेदनशीलता के साथ-साथ क्रियाशील जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। मुख्य कलाकार का मंच पर चमकना उन्हीं गुमनाम सहयोगियों की वजह से संभव है, जिनके बिना मंच अधूरा है।

Class 12 Hindi Chapter 6 Notes – Sangatkar (संगतकार) by Manglesh Dabral: Revision Key Points

These Class 12 Hindi Chapter 6 notes on “Sangatkar” present the core ideas, poetic style, and deeper themes of Manglesh Dabral’s work in a concise, exam-focused format. Every key definition and concept is highlighted in easy language for thorough last-minute revision.


With these NCERT-based chapter notes, students can understand the importance of supporting roles in society and literature, just as explained in "Sangatkar." The notes help learners remember critical literary points and answer board exam questions more effectively.


FAQs on Sangatkar Class 10 Hindi Chapter 6 CBSE Notes 2025-26

1. What is included in the CBSE Class 10 Hindi Kshitij Notes Chapter 6?

CBSE Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6 notes cover stepwise solutions, key definitions, exercise answers, summaries, and revision tips tailored for exam preparation.

2. How do I write stepwise answers for Hindi Chapter 6 to score full marks?

Write clear, structured stepwise answers to align with CBSE marking.

  1. Read the question carefully.
  2. Use relevant points from the chapter.
  3. Structure your answer in introduction, main body, and conclusion.
  4. Highlight keywords and use examples.

3. What are the most important topics in Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6?

The most important topics are the chapter summary, author intent, main character traits, and literary devices. Focus on:

  • Central theme
  • Chapter message
  • Key events
  • Exam-ready definitions

4. Where can I download the NCERT Notes PDF for Hindi Kshitij Chapter 6?

You can download the Class 10 Hindi Kshitij Notes Chapter 6 PDF directly from the revision notes page for offline study.

5. How should I present long answers for CBSE Hindi Kshitij exams?

Organise your answer for clarity and scoring.

  • Start with a brief introduction
  • Explain each point in separate paragraphs
  • Support with textual references
  • Conclude with a summary

6. What are common mistakes in answering Hindi Kshitij Chapter 6 questions?

Key mistakes include missing main points, writing unrelated content, poor structure, and incomplete answers. Avoid:

  • Ignoring question keywords
  • Skipping definitions
  • Not including examples

7. Is practising stepwise solutions important for CBSE exams?

Yes. Practising stepwise solutions improves answer accuracy, helps with CBSE step marking, and enhances confidence for scoring full marks.

8. Do examiners give partial marks for correct steps in Hindi answers?

Yes. Examiners award partial marks for each correct step or point, even if the final answer is partly incorrect, provided key terms are included.

9. How can I quickly revise CBSE Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6 before exams?

Follow a focused revision plan:

  • Review summary notes first
  • Revise key definitions
  • Practice main questions stepwise
  • Refer to sample answers
  • Attempt quick quizzes

10. What is the marking scheme for Chapter 6 answers in CBSE Class 10 Hindi?

Marks are given for correct content, structure, use of keywords, and completeness. Diagrams get marks only if prescribed; definitions always fetch marks if relevant.

11. Are these notes aligned with the CBSE 2025–26 syllabus?

Yes. All content, stepwise solutions, and revision tips follow the latest CBSE 2025–26 Hindi Kshitij syllabus and marking scheme.