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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 19 Yathasmay Rochate Vishvam

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Last updated date: 17th Apr 2024
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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 19 Yathasmay Rochate Vishvam - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 19 Yathasmay Rochate Vishvam prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 19 – यथास्मै रोचते विश्वम्

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                      1 अंक

1. अफलातून ने संसार को क्या कहा था ?

उत्तर: अफलातून ने संसार को असल की नकल बताकर कला की नकल बताया है।


2. अरस्तु ने मनुष्य के संबंध में क्या कहा है ?

उत्तर : अरस्तु ने कहा है कि जैसे मनुष्य को उसकी सीमा से बढ़ कर देखने पर नकल – नवीस कला का खण्डन हो जाता हैं।


3. यूनानी विद्वानों के बारे में क्या कहा गया है ?

उत्तर: यूनानी विद्वानों के बारे में कहा जाता हैं की वे कला को जीवन की नकल समझते है ।


4. लेखक के अनुसार प्रजापति कौन होता है ?

उत्तर: लेखक के अनुसार प्रजापति ईश्वर और कवि है । 


5. “ हैमलेट “ का लेखक कौन हैं ?

उत्तर: “ हैमलेट “ के लेखक का नाम शेक्सपियर हैं ।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                  2 अंक

6. 17वीं और 20वीं सदी के प्रमुख कवियों के नाम लिखिए ।

उत्तर: 17वीं और 20वीं सदी के प्रमुख कवि रविंद्र नाथ , भारतेंदु , विरेश लिंगम , तमिल भारती , मलयाली वल्लतोल  आदि थे । जिन्होंने अंग्रेजी राज और सामंती अवशेषों पर अपनी रचनाओं से प्रहार किया ।


7. 15वीं – 16वीं  सदी के कवि गायकों के नाम लिखिए ।

उत्तर: 15वीं – 16वीं सदी के हिंदी साहित्य के कवि कश्मीरी ललद्यद , पंजाबी नामक , हिंदी सूरदास , मीराबाई , तुलसीदास , कबीर दास, बंगाली चंडीदास , आदि गायकों ने समूचे भारत के जीर्ण मानव संबंधों के पिंजरे को झकझोर दिया था।


8. कवि कैसे अपनी रूचि के अनुसार विश्व को परिवर्तित करता है ?

उत्तर: कवि अपनी रूचि के अनुसार विश्व को परिवर्तित करने हेतु विश्व को बताता है कि उसमें इतना असंतोष क्यों है ? वह यह भी बताता है कि विश्व में व्यापक कुसंगतिया क्या है , ताकि लोग अपने समाज को और अच्छी तरह से समझ सके। कभी अपनी कल्पनाओं द्वारा संसार को एक नया रूप देता है तथा उसे और अधिक प्रभावशाली बनाता है।


9. लेखक द्वारा खींचे गए चित्र समाज की व्यवस्था से मेल खाते हैं । कैसे?

उत्तर: लेखक जो साहित्य लिखता है , वह समाज में अपनी आंखो द्वारा देखे गए कुसंगति या तथ्यों के  आधार पर लिखता है । लेखक का साहित्य लिखना उसके आसपास के वातावरण पर आधारित है, उन्होंने जो देखा वही अपनी कल्पनाओं के द्वारा अपने साहित्य में उतार दिया । इसलिए लेखक के साहित्य समाज के भावों से मेल खाते हैं ।


10. साहित्य को कैसा होना चाहिए ?

उत्तर: साहित्य को समाज का दर्पण होने के साथ-साथ मानव सुधार के लेखों से भरा होना चाहिए । साहित्य संबंधों , कुरीतियों , असंगतियों के खिलाफ एक मुहिम से भरा होना चाहिए , जिसमें समाज सुधार का भाव भरा हुआ हो । साहित्य को समाज के आधार पर लिखा जाना चाहिए । 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                    3 अंक

11. साहित्य की तुलना कृष्ण के शंख से करते हुए लेखक क्या कहते हैं ?

उत्तर: लेखक ने साहित्य को ' पांचजन्य ' कहकर , इसकी विशेषता का वर्णन किया है । कृष्ण के शंख 'पांचजन्य’ की विशेषता थी कि इसे एक स्थान से फूंके जाने पर ध्वनियां पांच स्थान से बाहर निकलती थी । लेखक साहित्य को पांचजन्य शंख के समान मानता है , जो अपने संघर्षों से हार चुके इंसान को अपनी आवाज से जागृत कर देता है और एक नया हौसला उत्पन्न कर देता है । साहित्य ने मनुष्य के मन के पांचजन्य जैसे निराशा , दुख , हार , आदि भावों को उखाड़ सकता है । यह आदिकाल में मनुष्य की रक्षा कर रहा है । साहित्य का पांचजन्य उन लोगों का उपहास करता है , जो भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं।


12. साहित्यकार को सूक्ष्म दृष्टि का होना चाहिए , क्यों और कैसे?

उत्तर: सूक्ष्म दृष्टि का होना , साहित्यकार के लिए महत्वपूर्ण गुण माना जाता है। उसके अंदर रचना और देखना दोनों गुणों का होना जरूरी है । रचना की शक्ति से वह नई रचनाओं की सृष्टि करेगा । जब की दृष्टि से वह समाज में व्याप्त सूक्ष्मा समस्याओं को देखने की क्षमता रखता है । समाज में व्याप्त समस्याओं पर पैनी नजर रखते हुए उसे समाप्त करने के लिए नई रचनाओं का निर्माण साहित्य का प्रमुख गुण है । उनकी रचनाएं इन समस्याओं की जड़ पर प्रहार करती तो है ही साथ-साथ समाज में घुलित असंगतियों को समाप्त करने का भी काम करती है । साहित्य एक सुनहरे भविष्य का निर्माण कर , आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छे भविष्य का निर्माण करती है।


13. समाज में साहित्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: भारत में वर्षों से , जैसे पुरोहित जनता का मार्ग प्रशस्त करता है और जनता को हर तरह के निर्देश देता है , वह जनता को पूजा-पाठ के साथ-साथ जीवन में कष्टों के निवारण हेतु भी निर्देश आदेशित करता है । वैसे ही साहित्य या कवि , जनता को संघर्षों के प्रति उनकी चाहतों को पूरा करने के लिए निर्देश देता है । समाज में मानवीय संबंधों में व्याप्त परेशानियों के साथ-साथ भावना को समाप्त करने का प्रयास करता है। यदि कवि या साहित्य, पुरोहित भांति जनता को दिशानिर्देश करने में सक्षम नहीं , तो उसे साहित्य कहने का हक भी नहीं है ।


14. कवि की रचना , समाज में फैली कुरीतियों का हितेषी नहीं है । पाठ के आधार पर इस कथन के समर्थन में टिप्पणी करें ।

उत्तर: कवि को लेखक कलालोक का वासी मानते हैं मगर यह भी मानते हैं कि धरातल पर उसका पैर भली-भांति टिका हुआ है । कवि या लेखक समाज में व्याप्त कुरीतियों , विसंगतियों से आहत होकर अपनी कल्पना उसे ऐसे समाज की रचना करता है , जो दूषित वातावरण से मुक्त है । साधारण व्यक्ति भी इस तरह की विसंगतियों से प्रताड़ित होता है । मगर उसे स्वाभाविक रूप से यह दिखाई नहीं देती । परंतु जब वह कवि की रचना पड़ता है , तो उसके सामने समाज की सारी बुराइयां स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है । कवि की रचना ऐसी होनी चाहिए जिसे पढ़कर पाठक को लगे मानव रचना उसके जीवन को उद्देश्य बनाकर लिखी गई हो ।


15. साहित्य का काम सिर्फ मनोरंजन और कामवासना की पूर्ति करना नहीं है। टिप्पणी करें।

उत्तर: लेखक के अनुसार साहित्य का काम एकमात्र मनोरंजन ही नहीं है, बल्कि मनुष्य को आगे बढ़ने और चलते रहने की शिक्षा देना भी है । साहित्य का गौरवशील इतिहास इस बात का प्रमाण है कि हमारी परंपराओं के समक्ष ऐसी कोई कला नहीं है जिसमे कोई उद्देश्य ना हो । हमारा साहित्य निराशा और पराजय के भावों का पोषण नहीं करता । वे स्वाभाविक रूप से समय के काल में फंसकर गाल में समा जाते हैं या गायब हो जाते हैं। जो कला मनुष्य को दिशाहीन बना दे , उस कला की समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                        5 अंक

16. कवि को लेखक ने प्रजापति के समान क्यों कहा है?

उत्तर: लेखक कहते हैं कि जिस तरह प्रजापति दुनिया की संरचना अपनी इच्छा के अनुसार करता है , ठीक उसी प्रकार कवि अपनी कल्पना के सहारे संसार को बदलता है । लेखक की दृष्टि में दुनिया में परिवर्तन लाने की शक्ति कवि और प्रजापति दोनों में होती है। इसी वजह से लेखक ने कवि की तुलना प्रजापति से की है। प्रजापति कभी भी अपने अनुसार दुनिया को बदल देता है वैसे ही कभी अपने द्वारा रचित कविताओं और रचनाओं के दम पर सड़ी गली परंपराओं और कुरीतियों को उखाड़ फेंकने की शक्ति रखता है। कवि में प्रजापति के समान ही अलग रचनात्मक शक्ति होती है, जो अपने कमल के जरिए शब्दों में और शब्दों के जरिए लोगों के बीच सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है। कवि अपनी रचनाओं के दम पर समाज में हो रही कुरीतियों को बदलने की सोच रखता है। प्रजापति अपनी शक्ति के जरिए संसार को बदल सकता है वैसे ही कभी अपने कलम के जरिए संसार को बदल सकता है।


17. आदर्श पात्र और उनके गुणों को अपनी रचना में संग्रहित करने के पीछे कवि की चेष्टा क्या है?

उत्तर: दुर्लभ गुणों के समावेश रखने वाला एक ही व्यक्ति हो , अक्सर ऐसा नहीं होता। इसलिए ऐसा व्यक्ति ढूंढने से भी नहीं मिलता । मगर कवि के अंदर ऐसी क्षमता कूट-कूट कर भरी होती है ‌ की दुर्बल गुणों से युक्त पात्र का निर्माण कर सकें । यह पात्र केवल मनोरंजन के लिए नहीं होता । इसकी पीछे खास उद्देश्य होता है । कुछ गुण मनुष्य जन्म के साथ ही लेकर आता है । परंतु कुछ गुणों का समावेश उसके परिवेश या समाज से होता है । लेकिन जब हम ऐसे पात्रों की रचना करते हैं जिसमें दुर्बल गुणों का समावेश होता है तो हमारा उद्देश्य समाज के सामने आदर्श पात्र लाना होता है । यह समाज में लोगों का आदर्श बन जाता है। यही आदर्श लोगों में दुर्लभ गुणों का विकास कर सकता है । जैसे श्री राम की कल्पना का उद्देश्य है कि हर घर में राम कॉल लक्ष्मण जैसे पुत्र , पति और मित्र हो । कवि इस प्रकार के आदर्श पात्रों की रचना कर , समाज के बुरे गुणों को समाप्त कर, आदर्श स्थापित करने का प्रयास करते हैं ।


18.  साहित्य मनुष्य को साहस देने के साथ-साथ उत्साह भी रखता है। कैसे?

उत्तर: साहित्य हतोत्साहित मनुष्य को आगे बढ़ने के लिए कहता है। उसका काम समाज को नई दिशा और थके हारे मनुष्य को नई ऊंचाई देने के अलावा मन को शांति प्रदान करता है। साहित्य के इतिहास की उदासी, प्रसंता में बदल जाती है। सड़ी गली परंपरानई नई परंपराओं द्वारा बदल दी जाती है। यह सब मनुष्य के अंदर नया उत्साह उत्पन्न करता है। यह कार्य मनुष्य को अनेक राहें उपलब्ध करवाता है। साहित्य मार्गदर्शी बनकर की सभी विसंगतियों को बुलाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।साहित्य में मनुष्य को अपने जीवन की झलक तो मिलती है साथ ही साथ जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने की प्रेरणा भी मिलती है। इन सभी कारणों से मनुष्य को प्रेरित, उद्देश्य, मार्ग, आदि देने में सक्षम है। एक लेखक की लिखी रचना या उसके द्वारा रचित साहित्य का महत्वलोगों द्वारा बड़े चाव से पढ़ा जाता है और आगे भी पढ़ा जाता रहेगा।


19. साहित्य मानवीय संबंधों से जुड़ा हुआ है। कैसे?

उत्तर: मानव ही एक कवि या लेखक होता है। वह मानवीय संबंधों और समाज से घुला मिला होता है। आज तक कोई ऐसा साहित्य नहीं हुआ, जो मानवीय संबंधों से जुड़ा ना हो।असल में मनुष्य के जीवन का नीव मानव्य संबंध है। कोई किसी के माता-पिता है, तो कोई मित्र, कोई भाई बहन इत्यादि ये सब मानव संबंध से जुड़े हुए हैं। इस कारण जब कोई लेखक या कवि साहित्य का निर्माण करता है तो साहित्य का समाज से जुड़ाव निश्चय है। एक कवि या लेखक की रचना में संबंधों का उल्लेख तभी मिलता है जब लेखक उस संबंध से खुद ही आहत हो। इसके इन संबंधों की छाया उसके साहित्य में स्वयं ही पड़ जाती है। कवि संतोष और असंतोष के आधार पर साहित्य का वर्णन करता है।इसलिए किसी लेखक के लिए सृजन करते वक्त इंसान के विभिन्न पहलुओं के प्रति चेतना का होना आवश्यक हो जाता है। इस प्रकार साहित्य का संबंध मानवीय संबंधों से जुड़ा हुआ होता है।


20. समाज में 15वीं -16वीं सदी की भूमिका लिखिए।

उत्तर: 15वीं-16वीं सदी भारतीय साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण युग था। इस काल में बहुत उच्च कोटि का साहित्य मिलता है। इस समय के कवियों के अंदर कई तरह की बात थी जो आज के कवियों में नहीं मिलती। उस समाज में बाहरी शासकों के शासन के कारण असंतोष, अशांति, दुख, कष्ट, जाति और धर्म भेदभाव आदि आडंबर उत्पन्न थे। उषा शांति के खात्मे के लिए संत कवियों का उदय हुआ जिन्होंने ना केवल जनता को सुख दिया बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने का भी प्रयास किया। उस समय की  रचनाओं के जोरदार प्रहार के कारण उस समय के भेदभाव और आडंबरों की नींव हिल पड़ी। इन्होंने भारतीय समाज में सच्ची भक्ति तथा मनुष्यता के भेद को सही स्थान दिया। इनकी रचनाओं से जनता के अंदर प्रसन्नता और प्रेम का प्रसार हुआ ‌। इन्होंने लोगों के जीवन को एक नया मार्ग दिया और साथ ही उनके अंदर एक नए उत्साह का जन्म प्रसार किया।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 19 Yathasmay Rochate Vishvam

1. Who is the writer of Class 12 Hindi Antra Chapter 19 – Yathasmay Rochate Vishvam?

Shri Ram Vilas Sharma is the writer of Class 12 Hindi Antra Chapter 19. The writer is known for writing excellent stories. Students can read Class 12 Hindi Antra Chapter 19 on Vedantu to understand the main idea of the Chapter. The writer compares the poet to Prajapati and describes the story interestingly. Students will feel relaxed while reading the story as it will help them to move forward for achieving success in life. 

2. How many questions are asked from Class 12 Hindi Antra Chapter 19 – Yathasmay Rochate Vishvam?

Students have to answer 10 questions given at the end of Class 12 Hindi Antra Chapter 19 – Yathasmay Rochate Vishvam. They can refer to the important questions of Class 12 Hindi Antra Chapter 19 given on Vedantu app and website. All NCERT Solutions are given in simple language for easy understanding of the concepts. Students can refer to important questions to prepare for their exams. All important questions are available in PDF format and students can download them for free. 

3. Where can I find the summary of Class 12 Hindi Antra Chapter 19?

Students can find the summary of Class 12 Hindi Antra Chapter 19 on Vedantu. They can download the summary of Chapter 19 on their computers and can read it two or three times to understand the concept of the chapter. Students can refer to the summary to understand the whole story and retain the chapter better. The summary of the chapter is easy to understand as it is given in very simple language. 

4. Are important questions given on Vedantu for Class 12 Hindi Antra Chapter 19 – Yathasmay Rochate Vishvam sufficient to prepare for exams?

Important questions given on Vedantu can help students of Class 12 to prepare for their board exams. Important questions are based on the latest exam pattern and syllabus prescribed by the CBSE for Class 12. All important questions are prepared by expert teachers. They use reliable sources such as previous year's questions papers, guides, ten-year papers, and other important sources to prepare important questions. Important questions can help students to score well in their exams. 

5. Where can I download important questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 19 for free?

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