Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Shukratare Ke Saman

ffImage

NCERT Solutions for Class 9 Chapter 5 Shukratare Ke Saman - FREE PDF Download

Explore the NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 5 Shukratare Ke Saman. This resource helps students understand the chapter better. It includes clear explanations, summaries, and answers to NCERT questions according to the Latest CBSE Class 9 Hindi Syllabus. The chapter tells the story of a bus journey, making it relatable and enjoyable for students. By downloading this FREE PDF, students can get the help they need to study and prepare for their exams effectively.

toc-symbol
Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 9 Chapter 5 Shukratare Ke Saman - FREE PDF Download
2. Glance on Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 5 - Shukratare Ke Saman (शुक्रतारे के समान)
3. Access NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 – Shukratare Ke Saman
    3.1प्रश्न-अभ्यास (लिखित)
    3.2निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:
    3.3निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:
    3.4भाषा-अध्ययन
4. Shukra Taare Ki Samaan: Sparsh Chapter 5 Class 9 Summary
5. Benefits of NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 5 Shukratare Ke Saman
6. Important Study Material Links for Class 9 Hindi - Sparsh Chapter 5
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh)
8. NCERT Class 9 Hindi Other Books Solutions
9. Study Material for Class 9 Hindi:
FAQs


This guide provides easy-to-understand answers and key points that simplify learning. It is designed for students to grasp the main ideas of the chapter without difficulty. With these NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh, students can practise and improve their skills in Hindi. Don't miss the chance to download this valuable resource for FREE and enhance your learning experience.


Glance on Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 5 - Shukratare Ke Saman (शुक्रतारे के समान)

Chapter 5, "Shukratare Ke Saman," presents a thought-provoking narrative that explores themes of gratitude, the value of relationships, and the wonders of the universe. Here’s a brief overview of the chapter:


  • The chapter emphasises the importance of expressing gratitude towards those who contribute positively to our lives, encouraging readers to appreciate the efforts of others.

  • It uses vivid imagery to describe celestial bodies, particularly Venus (Shukratara), drawing parallels between the beauty of the universe and the beauty found in human relationships.

  • The narrative highlights the connections between people, illustrating how these bonds enrich our lives and the importance of acknowledging their significance.

  • The text encourages readers to reflect on their place in the universe and the impact of their actions on others, promoting a sense of responsibility and mindfulness.

  • The chapter invites readers to consider their own experiences of gratitude and the role it plays in developing positive relationships in their lives.

  • The chapter is written in an engaging manner that resonates with students, making complex ideas accessible and relatable.

Access NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 – Shukratare Ke Saman

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:

1. महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?

उत्तर: महादेव भाई अपना परिचय गाँधीजी के 'हम्माल' और 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देते थे जिसका मतलब है - हर तरह के कार्य सफलतापूर्वक करने वाला व्यक्ति।


2. यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

उत्तर: ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी इसलिए रहने लगी थी क्योंकि उसके मुख्य लेखक 'हार्नीमैन' को गाँधीजी का अनुयायी होने के कारण देश निकाला दे दिया गया था इसलिए वे इंग्लैंड चले गए जिसका अर्थ यह हुआ कि मुख्य लिखने वाला ही नहीं रहा तो लेखों में कमी आना स्वभाविक ही था।


3. गाँधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

उत्तर: गाँधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि यह सप्ताह में दो बार ही छपेगी क्योंकि सत्याग्रह आंदोलन में व्यस्त रहने के कारण गाँधीजी का काम बहुत बढ़ गया था।


4. गाँधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

उत्तर:  गाँधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।


5. महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

उत्तर: महादेव भाई के झोलों में समाचार पत्र, मासिक पत्रिकाएँ और पुस्तकें भरी रहती थीं।


6. महादेव भाई ने गाँधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?      

उत्तर: महादेव भाई ने गाँधीजी की 'सत्य के प्रयोग' नामक प्रसिद्ध पुस्तक का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया था।


7. अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?

उत्तर: अहमदाबाद से निम्नलिखित दो साप्ताहिक निकलते थे:

क) यंग इंडिया 

ख) नवजीवन


8. महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

उत्तर: महादेव भाई दिन में १७-१८ घंटे काम करते थे।


9. महादेव भाई से गाँधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

उत्तर: महादेव भाई से गाँधीजी की निकटता इस वाक्य से सिद्ध होती है- 'ए रे जखम जोगे नहि जशे’– यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।


प्रश्न-अभ्यास (लिखित)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:

10. गाँधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

उत्तर: महादेव गाँधीजी के लिए पुत्र से भी बढ़कर थे। सन 1917 में वे गाँधीजी के पास गए थे। गाँधीजी ने उनको तभी अपने उत्तराधिकारी का पद दे दिया था। गाँधीजी जब सन 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद पंजाब जा रहे थे तो पलवल रेलवे स्टेशन पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था तभी गाँधीजी ने महादेव को अपना वारिस कहा था और तभी से पूरे देश में वे गाँधीजी के वारिस के रूप में जाने जाने लगे।


11. गाँधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

उत्तर: गाँधीजी से मिलने आनेवालों से महादेव भाई सबसे पहले खुद मिलते थे, उनकी समस्याएँ सुनते थे और उनकी समस्याओं की एक संक्षिप्त टिप्पणी तैयार करते थे फिर वे उसे गाँधीजी को दिखाते थे। इसके बाद में वह आने वालों से गाँधीजी की मुलाकात करवाते थे।


12. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

उत्तर: महादेव भाई ने गाँधीजी की आत्मकथा 'सत्य का प्रयोग' का अंग्रेजी अनुवाद किया। वे प्रतिदिन डायरी भी लिखा करते थे, उनकी यह डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें साहित्यिक देंन ही हैं। महादेव भाई देश-विदेश के समाचार पत्रों में गाँधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी भी किया करते थे। शरद बाबू, टैगोर आदि की कहानियों का भी उन्होंने अनुवाद किया। यंग इंडिया में भी उन्होंने अनेक लेख लिखें।


13. महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?

उत्तर: महादेव भाई बेहद गर्मी में वर्धा से पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे और वापस भी जाते थे। 11 मील रोज गर्मी में पैदल चलने से उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा और इसके कारण उनकी अकाल मृत्यु हो गई।


14. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गाँधीजी क्या कहते थे?

उत्तर: महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गाँधीजी का कहना था कि वह बिल्कुल सही और स्पष्ट होते हैं। उन नोटस में कभी अल्पविराम तक की भी गलती नहीं होती। साथ ही लिखावट भी बहुत सुंदर होती है।


निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:

15. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?

उत्तर: पंजाब में फ़ौजी शासन ने ज़्यादातर नेताओं को कैदी बना लिया और उन्हें उम्र कैद की सजा देकर काला पानी भेज दिया। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र के संपादक को 10 साल की सजा मिली तथा सन 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। इसके अलावा आम जनता पर भी अनेक अत्याचार किए गए।


16. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?

उत्तर: महादेव जी एक कर्तव्यनिष्ठ व विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। उनकी लेखन शैली अद्वितीय थी। वे कट्टर विरोधियों के साथ ही सत्यनिष्ठा और विवेक संबंधी बातें करते थे। वे गाँधीजी के सहयोगी थे। उनका ज्यादातर समय गाँधीजी के साथ ही देश भ्रमण तथा उनकी प्रतिदिन की गतिविधियों में बीतता था। वे समय-समय पर गाँधीजी की गतिविधियों पर टीका टिप्पणी भी किया करते थे। देश में ही नहीं विदेश में भी वे लोकप्रिय थे। उनका योगदान साहित्य में भी अविस्मरणीय है। इन्हीं सभी कारणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था।


17. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर: महादेव जी बेहद शुद्ध, सुंदर व प्रभावी लेख लिखते थे। उनके शब्दों का कोई सानी नहीं था। गाँधीजी हमेशा ही वायसराय को भेजने वाले पत्रों को महादेव जी से ही लिखवाते थे। उनका लेख देखकर सभी मंत्र मुक्त हो जाते थे। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि उनके समान लिखने वाला कोई नहीं है।


निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:

18. ‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’

उत्तर: लेखक गाँधीजी के निजी सचिव की निष्ठा, समर्पण और उनकी प्रतिभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि वे स्वयं को गाँधीजी का निजी सचिव ही नहीं बल्कि एक ऐसा सहयोगी, ऐसा मित्र मानते थे जो सदा उनके साथ परछाई की तरह रहे। वे गाँधीजी की हर गतिविधि में उनका साथ देते थे। उन पर टीका टिप्पणी भी करते थे। यहां तक कि गाँधीजी अपने हर पत्र जो कि वायसराय  को भेजे जाने होते थे उन्हें महादेव से ही लिखावना पसंद करते थे। इसी कारण महादेव स्वयं को गाँधीजी के ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ कहते थे उसमें गौरव का अनुभव थी करते थे।


19. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।

उत्तर: लेखक का तात्पर्य सफ़ेद से अच्छे कार्यों से है व स्याह से बुरे कार्यों से है। एक वकील के पेशे में उसका काम गलत को सही और सही को गलत साबित करना होता है। बुरे कामों को भी सही करार दे दिया जाता है तथा सही को भी  तमाम सबूतों और गवाहों के माध्यम से गलत साबित किया कर दिया जाता है। इस पेशे में पूरी तरह सच्चाई से काम नहीं होता। मकसद केवल जीत होती है इसलिए गाँधीजी ने इस पेशे को छोड़ दिया था।


20. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।

उत्तर: महादेव जी को एक शुक्रतारे की तरह माना गया है। जिस प्रकार शुक्रतारे की आयु लघु होती है, उसी प्रकार महादेव जी भी अकाल ही मृत्यु को प्राप्त हो गए थे पर शुक्रतारे की ही भाँति वे अपने लघु जीवन की छाप हर दिल पर छोड़ गए। उन्होंने ऐसे-ऐसे कार्य किए जिससे लोग उनके जाने के बाद भी उन्हें याद करते रहे।


21. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।

उत्तर: महादेव जी द्वारा लिखे पत्र बेहद अद्वितीय व अद्भुत होते थे। उनकी लिखावट बहुत ही सुन्दर थी व उनके लेखन में अल्पविराम तक की गलती नहीं होती थी। गाँधीजी जो भी पत्र वाइसराय को उनसे लिखवाकर भेजते थे तो वे सभी इतने प्रभावित होते थे कि लम्बी साँसे लेने लगते थे।


भाषा-अध्ययन

22. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए–

  • सप्ताह - साप्ताहिक

  • साहित्य -

  • व्यक्ति -

  • राजनीति -

  • अर्थ -

  • धर्म -

  • मास -

उत्तर: 

  • सप्ताह - साप्ताहिक

  • साहित्य - साहित्यिक

  • व्यक्ति - वैयक्तिक

  • राजनीति - राजनीतिक  

  • अर्थ - आर्थिक

  • धर्म - धार्मिक

  • मास - मासिक


23. नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए–

अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि

  • आर्य

  • डर

  • क्रय

  • उपस्थित

  • नायक

  • आगत

  • मार्ग

  • लोक

  • भाग्य

उत्तर: 

  • आर्य - अनार्य

  • डर - निडर

  • क्रय - विक्रय

  • उपस्थित - अनुपस्थित   

  • नायक - अधिनायक 

  • आगत - स्वागत

  • मार्ग - कुमार्ग

  • लोक -  परलोक

  • भाग्य - सौभाग्य


24. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए–

1. आड़े हाथों लेना - चोर के पकड़े जाने पर पुलिस ने उसे आड़े हाथों लिया।

2. दाँतों तले अंगुली दबाना - जंगल सफ़ारी के दौरान 'बाघ' के आने की आवाज़ सुनकर सभी लोगों ने अपने दाँतों तले अंगुली दबा ली।

3. लोहे के चने चबाना - कारगिल के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।

4. अस्त हो जाना - भारतीय वैज्ञानिकों की अथक मेहनत के कारण अब 'कोरोना' नामक महामारी का सूर्य अस्त होने वाला है।

5. मंत्र-मुग्ध करना - अटल जी ने विदेश में हिंदी भाषण देकर भारतियों को मन्त्र-मुग्ध कर दिया।


25. निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए:

1. वारिस -

2. मुकाम -

3. तालीम -

4. जिगरी -

5. फ़र्क -

6. गिरफ़्तार -

उत्तर: 

1. वारिस - वंश, उत्तराधिकारी

2. मुकाम - लक्ष्य, मंजिल  

3. तालीम - शिक्षा

4. जिगरी - पक्का, घनिष्ठ

5. फ़र्क - अंतर, भेद

6. गिरफ़्तार - कैद, बंदी


26. उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए:

उदाहरणः गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।

गांधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।

2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।

3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।

4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।

5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर: 

1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।

2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।

3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।

4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।

5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में लिखा जाया करता था।


Shukra Taare Ki Samaan: Sparsh Chapter 5 Class 9 Summary

The author Swami Anand wrote a beautiful piece of literature in memory of Gandhiji’s secretary Mahadev Bhai Desai. He was appointed by Mahatma Gandhi when he was unable to handle the pressure of writing articles in the local newspapers while revolting against the atrocities of the British. After the Jallianwalah Bagh incident, Gandhiji got engaged in a non-violent movement against British Rule. It was Mahadev Desai who took over the newspaper editing and other responsibilities. When you study the Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 solutions, you will find how he managed this huge responsibility with absolute dedication.


He used to follow and write about the deeds of Gandhi and published them in newspapers that many read during that time. He also read the newspapers of different locations in the country and posted his comments. He used to be one of the translation officials working in the government department before he joined Mahatma Gandhi. In Chapter 5 Hindi Class 9 Sparsh, you will find out how dedicatedly he completed all the responsibilities assigned to him by Gandhi. He was extremely talented and finished four hours of work within an hour. He was engrossed in following what Gandhi did and also translated the book ‘Satya Ka Prayog’ into English. In 1934, Gandhiji moved to Segaon but Mahadev remained in Maganwadi. He used to walk 11 miles every day to meet his responsibilities without complaining. It took a toll on his health. He died a premature death and Gandhiji felt his absence throughout his life. In this NCERT Solutions Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5, you will find out how Mahadev did impressive work and managed to take Gandhiji by surprise. He was compared to Shukra Taara who comes up in the sky every day, enlightens everyone’s night, and sets back on the horizon.


Benefits of NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 5 Shukratare Ke Saman

  • Deeper Understanding of Themes: The NCERT Solutions help students delve into the themes of gratitude and interpersonal relationships presented in the chapter. By breaking down the text, students can better appreciate the nuances of expressing thanks and recognising the contributions of others.

  • Clarification of Key Concepts: The solutions provide clear explanations of key concepts, such as the significance of the Shukratara (Venus) as a metaphor for beauty and appreciation in life. This clarity aids students in grasping the broader philosophical insights offered in the chapter.

  • Structured Answers for Exam Preparation: With detailed answers to chapter-related questions, students are well-equipped to prepare for exams. The structured format helps them learn how to articulate their thoughts effectively, especially when discussing complex topics like gratitude and relationships.

  • Enhanced Writing Skills: Engaging with the solutions can improve students’ writing abilities, as they learn to express their thoughts on the importance of gratitude clearly and coherently, enhancing their overall communication skills.

  • Accessibility of Resources: The NCERT Solutions for Shukratare Ke Saman are readily available online, providing easy access for students to review and study at their convenience, reinforcing their learning experience.


NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 5: Shukratare Ke Saman provide invaluable support for students seeking to deepen their understanding of the chapter's themes of gratitude and interpersonal relationships. These solutions facilitate a clearer comprehension of the text, enhancing students' ability to reflect on their own experiences with gratitude. Additionally, the accessibility of these resources ensures that students can engage with the material at their own pace. Overall, the insights gained from this chapter and its solutions encourage students to appreciate the beauty in their relationships and foster a mindset of gratitude, enriching both their academic and personal lives.


Important Study Material Links for Class 9 Hindi - Sparsh Chapter 5

S.No.

Study Material Links for Sparsh Chapter 5 Shukratare Ke Saman

1

Class 9 Shukratare Ke Saman Notes

2

Class 9 Shukratare Ke Saman Questions



Chapter-wise NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh)



NCERT Class 9 Hindi Other Books Solutions



Study Material for Class 9 Hindi:

S. No

Access the Study Materials for Class 9 Hindi

1.

CBSE Class 9 Hindi NCERT Book

2.

Class 9 Hindi Revision Notes

3.

Class 9 Hindi Important Questions

4.

CBSE Class 9 Hindi Sample Papers

5.

CBSE Class 9 Hindi NCERT Solutions

FAQs on NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Shukratare Ke Saman

1. How Can You Write Proper Literature-Based Answers?

The smart use of solutions related to the respective chapters will deliver a platform where you can practise. This practice will develop the skill to write proper literature-based answers. For instance, you can concentrate on the answers in the Hindi Ch 5 Class 9 Sparsh solution to study and frame your own.

2. Why Use NCERT Class 9 Hindi Sparsh Chapter 5 Solution?

You can download the solution on your computer and memorise the answers to prepare for the exams.

3. What Makes Vedantu the Right Choice?

The quality answers in the NCERT Solutions for Class 9th Hindi Sparsh Chapter 5 will tell you why most of the students follow this education portal. You will find exceptional study material and online sessions from the top mentors in this portal for all classes.

4. Is Class 9 Hindi Chapter 5 difficult?

Chapter 5 "Shukr Taare Ke Samaan '' of the Hindi Textbook Sparsh of Class 9 can appear slightly arduous to students at first. The chapter does require exhaustive reading and memorisation of certain important names. However, students should not dread this chapter. If you attempt to earnestly understand the chapter, it is quite a fascinating chapter. Thus, students must read chapters that may appear difficult to them multiple times.  This not only increases your reading ability but also helps in better memorisation.

5. Chapter 5 "Shukr Taare Ke Samaan '' of Hindi Textbook Sparsh of Class 9 uses some difficult vocabulary and important names. What is the correct way to study this chapter perfectly?

Shukr Taare Ke Samaan is a fascinating chapter that transports the reader in the era of the Indian independence struggle. To  study this chapter competently:

  1. Read the chapter at least three times.

  2. Mark the names of important people, places, and newspapers, mentioned in the chapter while reading. 

  3. Try to solve the chapters questions yourself first and then refer to Vedantu's NCERT Solutions for Chapter 5 for improved self-evaluation.

  4. Use Vedantu's explanations for this chapter for enhanced understanding.

6. Who is the inspiration behind the chapter "Shukr Taare Ke Samaan”?

The author has dedicated the Chapter "Shukr Taare Ke Samaan '' to Mahadev Desai. He was an Indian activist and a close confidant of Mahatma Gandhi. For many years he served as the personal assistant of Mahatma Gandhi. Mahatma Gandhi depended on him for several things. The chapter lists several virtues of Mahadev Desai and how he became indispensable to Mahatma Gandhi over the years. He is remembered in history as one of the major supporters and contributors to Gandhi's struggles.

7. Why did the writer title this chapter "Shukr Taare ke Samaan?"

The writer has beautifully titled Chapter 5 "Shukr Taare Ke Samaan" meaning  “like Venus". He describes his reason for doing so. He explains that just as Venus is seen as a close companion of the Moon, Mahadev Desai too was considered the closest comrade of Mahatma Gandhi. He goes on to clarify that as Venus is visible only for a short but significant time, Mahadev Desai too appeared at the peak of our independence struggle and disappeared suddenly owing to his sudden death.

8. How was Gandhiji affected by the sudden death of  Mahadev Desai according to Chapter 5 "Shukr Taare Ke Samaan '' of Hindi Textbook Sparsh of Class 9?

Mahatma Gandhi had grown very close to Mahadev in their course of working together. He himself admitted that Mahadev Desai had become indispensable to him. Gandhi had given several important responsibilities to him. Hence, when he passed away suddenly Mahatma Gandhi was taken aback. He kept remembering him throughout his life. Sometimes he even recited some couplets in his memory. Years later when Gandhi would intend to call Pyarelal Ji, he involuntarily took Mahadev's name. This tells us how much he missed him.

9. How do NCERT Solutions promote a reading habit among students?

By emphasising the value of personal libraries and the joy of reading, NCERT Solutions encourages students to cultivate a reading habit. The solutions highlight how books contribute to personal growth and learning, motivating students to explore literature.

10. How can students improve their writing skills using these NCERT Solutions?

Students can improve their writing skills by studying the structured responses provided in the NCERT Solutions. By analysing the way ideas are presented and articulated, they can learn to express their thoughts clearly and effectively in their writing.