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NCERT Solutions For Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Malhar Aadami Ka Anupat - 2025-26

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Stepwise Solutions & Exam Tips for Class 8 Hindi Chapter 9 Aadami Ka Anupat

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Stepwise Solutions & Exam Tips for Class 8 Hindi Chapter 9 Aadami Ka Anupat


मेरी समझ से

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★) बनाइए । कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

प्रश्न 1.
कविता के अनुसार ब्रह्मांड में मानव का स्थान कैसा है?

  • पृथ्वी पर सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण

  • ब्रह्मांड की तुलना में अत्यंत सूक्ष्म

  • सूर्य, चंद्र आदि सभी नक्षत्रों से बड़ा

  • समस्त प्रकृति पर शासन करने वाला

उत्तर: ब्रह्मांड की तुलना में अत्यंत सूक्ष्म

प्रश्न 2.
कविता में मुख्य रूप से किन दो वस्तुओं के अनुपात को दिखाया गया है?

  • पृथ्वी और सूर्य

  • देश और नगर

  • घर और कमरा

  • मानव और ब्रह्मांड

उत्तर: मानव और ब्रह्मांड

प्रश्न 3.
कविता के अनुसार मानव किन भावों और कार्यों में लिप्त रहता है ?

  • त्याग, ज्ञान और प्रेम में

  • सेवा और परोपकार में

  • ईर्ष्या, अहं, स्वार्थ, घृणा में

  • उदारता, धर्म और न्याय में

उत्तर: ईर्ष्या, अहं, स्वार्थ, घृणा में

प्रश्न 4.
कविता के अनुसार मानव का सबसे बड़ा दोष क्या है?

  • वह अपनी सीमाओं और दुर्बलताओं को नहीं समझता।

  • वह दूसरों पर शासन स्थापित करना चाहता है।

  • वह प्रकृति के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता है।

  • वह अपने छोटेपन को भूल अहंकारी हो जाता है।

उत्तर: वह अपने छोटेपन को भूल अहंकारी हो जाता है।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ विचार कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

पंक्तियों पर चर्चा

नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। अपने समूह में इनके अर्थ पर चर्चा कीजिए और लिखिए-

(क) “अनगिन नक्षत्रों में / पृथ्वी एक छोटी /करोड़ों में एक ही।”


उत्तर: अनगिनत तारों और ग्रहों के समूहों के बीच हमारी पृथ्वी एक बहुत ही छोटी इकाई है। अनंत ब्रह्मांड की विशालता में हमारा यह पूरा ग्रह भी अत्यंत छोटा प्रतीत होता है।

(ख) “संख्यातीत शंख सी दीवारें उठाता है / अपने को दूजे का स्वामी बताता है। ‘


उत्तर: मनुष्य ने स्वयं को अन्य मनुष्यों से अलग कर लिया है। वह भेदभाव और मनमुटाव के साथ अपना जीवन जी रहा है। अविश्वास और कठोरता को बढ़ावा दे रहा है। दूसरों से श्रेष्ठ दिखने की होड़ में मनुष्य बुराई की ओर अग्रसर हो रहा है।


(ग) “देशों की कौन कहे / एक कमरे में / दो दुनिया रचाता है।”


उत्तर: ईश्वर ने सभी को समान रूप से बनाया है, लेकिन इंसान इस सच्चाई को नज़रअंदाज़ कर चुका है। देश और दुनिया की बात तो दूर, उसने अपने परिवार और रिश्तों को भी धोखा देकर खुद के लिए एक अलग संसार बना लिया है।


देशों की कौन कहे / एक कमरे में / दो दुनिया रचाता है।


मिलकर करें मिलान

नीचे दो स्तंभ दिए गए हैं। अपने समूह में चर्चा करके स्तंभ 1 की पंक्तियों का मिलान स्तंभ 2 में दिए गए सही अर्थ से कीजिए ।


नीचे दो स्तंभ दिए गए हैं। अपने समूह में चर्चा करके स्तंभ 1 की पंक्तियों का मिलान स्तंभ 2 में दिए गए सही अर्थ से कीजिए ।


उत्तर:
1. 3
2. 5
3. 6
4. 2
5. 1
6. 4

अनुपात

इस कविता में ‘मानव’ और ‘ब्रह्मांड’ के उदाहरण द्वारा व्यक्ति के अल्पत्व और सृष्टि की विशालता के अनुपात को दिखाया गया है। अपने साथियों के साथ मिलकर विचार कीजिए कि मानव को ब्रह्मांड जैसा विस्तार पाने के लिए इनमें से किन-किन गुणों या मूल्यों की आवश्यकता होगी? आपने ये गुण क्यों चुने, यह भी साझा कीजिए ।


इस कविता में ‘मानव’ और ‘ब्रह्मांड’ के उदाहरण द्वारा व्यक्ति के अल्पत्व और सृष्टि की विशालता के अनुपात को दिखाया गया है। अपने साथियों के साथ मिलकर विचार कीजिए कि मानव को ब्रह्मांड जैसा विस्तार पाने के लिए इनमें से किन-किन गुणों या मूल्यों की आवश्यकता होगी? आपने ये गुण क्यों चुने, यह भी साझा कीजिए ।


उत्तर:

मनुष्य को अपनी सोच को ब्रह्मांड के समान विस्तृत बनाना चाहिए। सृष्टि की विशालता से प्रेरित होकर उसे जीवन को सार्थक और उद्देश्यपूर्ण बनाने का प्रयास करना चाहिए। सहअस्तित्व, समावेशिता, सौहार्द, सहयोग और सहनशीलता जैसे गुणों को अपनाकर वह अपने जीवन को और भी सुंदर बना सकता है। ईश्वर ने इंसान को अपार बुद्धि दी है, और यदि उसका सही उपयोग किया जाए तो मनुष्य ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।

सकारात्मक दृष्टिकोण और व्यवहार से हम वास्तविक सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अच्छे गुणों को अपनाने से हमारा जीवन ही नहीं, बल्कि हमारा देश और समाज भी बेहतर बन सकता है।

सोच-विचार के लिए

कविता को पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) कविता के अनुसार मानव किन कारणों से स्वयं को सीमाओं में बाँधता चला जाता है ?

(ख) यदि आपको इस कविता की एक पंक्ति को दीवार पर लिखना हो, जो आपको प्रतिदिन प्रेरित करे तो आप कौन-सी पंक्ति चुनेंगे और क्यों ?

(ग) कवि ने मानव की सीमाओं और कमियों की ओर ध्यान दिलाया है, लेकिन कहीं भी क्रोध नहीं दिखाया। आपको इस कविता का भाव कैसा लगा – व्यंग्य, करुणा, चिंता या कुछ और ? क्यों ?

(घ) आपके अनुसार ‘दीवारें उठाना’ केवल ईंट-पत्थर से जुड़ा काम है या कुछ और भी हो सकता है ? अपने विचारानुसार समझाइए।

(ङ) मानवता के विकास में सहयोग, समर्पण और सहिष्णुता जैसी सकारात्मक प्रवृत्तियाँ ईर्ष्या, अहं, स्वार्थ और घृणा जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों से कहीं अधिक प्रभावी हैं। उदाहरण देकर बताइए कि सहिष्णुता या सहयोग के कारण समाज में कैसे परिवर्तन आए हैं?

उत्तर:

(क)
मनुष्य अनेक कारणों से स्वयं को सीमित कर लेता है और अपने परिवार, समाज, देश व विश्व से दूर होता जाता है। इसमें अहंकार, स्वार्थ, ईर्ष्या, द्वेष और घृणा जैसी भावनाएँ शामिल हैं। ये नकारात्मक भावनाएँ या अवगुण व्यक्ति को दूसरों से अलग-थलग कर देती हैं और उसे दूसरों को अपने से कमतर समझने की ओर ले जाती हैं। ऐसे में वह संबंधों का महत्व नहीं समझ पाता और केवल अपने स्वार्थ या अभिमान की पूर्ति में ही लगा रहता है।

(ख)
‘अपने को दूजे का स्वामी बताता है
देशों की कौन कहे
एक कमरे में
दो दुनिया रचाता है’
— कविता की ये पंक्तियाँ मैं दीवार पर लिखना चाहूँगी क्योंकि यह याद दिलाती हैं कि जब इंसान अहंकार और अत्यधिक आत्मविश्वास में डूब जाता है, तो वह अपने ही परिवार और रिश्तों से दूर हो जाता है। यदि परिवार में भी प्रेम और सामंजस्य नहीं है तो हम देश और दुनिया को क्या सिखा सकते हैं? ये पंक्तियाँ मुझे जीवन में उदारता, त्याग, सेवा और परोपकार जैसे गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी।

(ग)
मैं इस बात से सहमत हूँ कि कवि ने मानव की कमजोरियों और सीमाओं को उजागर किया है, लेकिन इसमें कहीं भी क्रोध नहीं झलकता। कविता में आत्मचिंतन और चिंता की भावना अधिक प्रतीत होती है। मनुष्य स्वयं को अत्यंत बुद्धिमान और शक्तिशाली मानता है तथा विज्ञान और तकनीक की मदद से मिली सफलताओं पर गर्व करता है, जबकि सच्चाई यह है कि ब्रह्मांड के विशाल विस्तार में मनुष्य का स्थान बहुत ही सूक्ष्म है। असली चुनौती है, देश और दुनिया को जीतने से पहले अपनी ही कमियों पर विजय प्राप्त करना।

(घ)
‘दीवारें उठाना’ सिर्फ ईंट-पत्थर की दीवारें खड़ी करना नहीं है। कविता में इसका प्रतीकात्मक अर्थ है कि जैसे-जैसे इंसान प्रगति करता है, वैसे-वैसे वह अपने संबंधों से दूर होता जाता है और आत्मकेंद्रित हो जाता है। अपनी भावनाओं को जीवन की भागदौड़ में खो देता है। कभी-कभी वह अपनी सोच को इतना सीमित कर लेता है कि एक छोटे से कमरे में भी अपने प्रियजनों से दूर दो अलग-अलग दुनियाएँ बना लेता है।

(ङ)
मानवता के उत्थान में सहिष्णुता, सहनशीलता और समर्पण जैसे गुणों की अहम भूमिका है। ये गुण न केवल व्यक्ति के जीवन को श्रेष्ठ बनाते हैं, बल्कि समाज को भी उन्नति की राह पर ले जाते हैं। देश की प्रगति में सहयोग से सामूहिक प्रयास, समर्पण से सतत विकास और सहिष्णुता से सामाजिक एकता पैदा होती है। उदाहरण के तौर पर, आज शिक्षा व्यवस्था में सहिष्णुता और सहयोग के कारण कई बदलाव आए हैं—शिक्षा अधिक समावेशी बनी है, अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्रों को समान अवसर मिल रहे हैं, और संसाधनों की कमी को दूर करने की कोशिशें हो रही हैं।

अनुमान और कल्पना

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) मान लीजिए कि आप एक दिन के लिए पूरे ब्रह्मांड को नियंत्रित कर सकते हैं। अब आप मानव की कौन-कौन सी आदतों को बदलना चाहेंगे? क्यों ?

(ख) यदि आप अंतरिक्ष यात्री बन जाएँ और ब्रह्मांड के किसी दूसरे भाग में जाएँ तो आप किस स्थान (कमरा, घर, नगर आदि) को सबसे अधिक याद करेंगे और क्यों ?

(ग) मान लीजिए कि एक बच्चा या बच्ची कविता में उल्लिखित सभी सीमाओं को पार कर सकता या सकती है- वह कहाँ तक जाएगा या जाएगी और क्या देखेगा या देखेगी? एक कल्पनात्मक यात्रा-वृत्तांत लिखिए।

(घ) इस कविता को पढ़ने के बाद, आप स्वयं को ब्रह्मांड के अनुपात में कैसा अनुभव करते हैं? एक अनुच्छेद लिखिए–“मैं ब्रह्मांड में एक… हूँ।”

(ङ) मान लीजिए कि किसी दूसरे संसार से आपके पास संदेश आया है कि उसे पृथ्वी के किसी व्यक्ति की आवश्यकता है। आप किसे भेजना चाहेंगे और क्यों?

(च) कविता में “ईर्ष्या, अहं, स्वार्थ” जैसी प्रवृत्तियों की चर्चा की गई है। कल्पना कीजिए कि एक दिन केलिए ये भाव सभी व्यक्तियों में समाप्त हो जाएँ तो उससे समाज में क्या-क्या परिवर्तन होगा ?

(छ) यदि आपको इस कविता का एक पोस्टर बनाना हो जिसमें इसके मूल भाव–’ विराटता और लघुता’ तथा ‘मनुष्य का भ्रम ‘ – दर्शाया जाए तो आप क्या चित्र, प्रतीक और शब्द उपयोग करेंगे? संक्षेप में बताइए ।

उत्तर:

(क)
यदि मुझे एक दिन के लिए पूरे ब्रह्मांड का नियंत्रण मिल जाए, तो मैं इंसानों की कुछ आदतें बदलना चाहूँगी ताकि दुनिया और बेहतर बन सके। मैं प्रदूषण फैलाने की प्रवृत्ति को खत्म करती, जैविक और रासायनिक प्रदूषण पर रोक लगाती, और सौर तथा वायु ऊर्जा का समान वितरण सुनिश्चित करती। पृथ्वी के अमूल्य संसाधनों की रक्षा करती और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव कम करने की कोशिश करती। मैं किसी भी देश की स्वार्थी नीतियों और सीमाएँ बाँटने की प्रवृत्ति को बदलती। साथ ही, जाति और धर्म के नाम पर होने वाले भेदभाव व असहिष्णुता को समाप्त कर मानवता को सबसे ऊपर रखती।

(ख)
अगर मैं अंतरिक्ष यात्री बनकर ब्रह्मांड के किसी अन्य हिस्से में चली जाऊँ, तो मुझे सबसे अधिक अपने घर और देश की याद आएगी। घर की भावना सुरक्षा देती है, और घर के रिश्तों में प्यार व अपनापन होता है। देश से ही हमारी पहचान है, और उसकी मिट्टी माँ के समान होती है। घर से जुड़ी हर याद अनमोल है और देश हमारी संस्कृति तथा इतिहास की अनुभूति कराता है।

(ग)
एक बच्चे की नजर से सीमाओं को पार करते हुए यात्रा-वृत्तांत लिखना विशेष अनुभव होगा। सबसे पहले मैं अपने घर और मोहल्ले की यात्रा का वर्णन करती, जहाँ परिवार और दोस्तों के साथ बिताए पल याद आते हैं। फिर नगर और शहर का जिक्र—ऊँची इमारतें, रंग-बिरंगी दुकानें, पुल, और सड़कें। अलग-अलग भाषाएँ, लोगों की चहल-पहल, फिर प्रदेश और देश की ओर बढ़ती—भिन्न-भिन्न वेशभूषा, खानपान, त्योहार और परंपराएँ। कहीं शांति, कहीं संघर्ष, कहीं मेलजोल, कहीं भिन्नता। चौथे चरण में पृथ्वी और फिर ब्रह्मांड—नीला ग्रह, जीवन की विविधताएँ, समुद्र, पहाड़, जंगल। अंत में अनगिनत तारे, ग्रह और आकाशगंगाएँ। इस यात्रा ने मुझे सिखाया कि सीमाएँ सिर्फ दीवारों और नक्शों में नहीं, हमारी सोच में भी होती हैं। यदि मन खुला हो, तो इंसानियत की कोई सीमा नहीं होती।

(घ)
“मैं ब्रह्मांड में एक छोटा-सा मानव हूँ। इतने विशाल ब्रह्मांड की तुलना में मानव का आकार नगण्य है, पर अपनी सोच और दृष्टिकोण को भी उसने सीमित कर लिया है। हमारी पृथ्वी भी इस ब्रह्मांड में एक बिंदु जैसी है, लेकिन इंसान अपनी जिज्ञासा, दार्शनिक शक्ति और बुद्धि के कारण विशिष्ट पहचान बना सकता है। इंसान की खोज और सीखने की कोई सीमा नहीं है। हमें अपने छोटे जीवन में अपने वातावरण को सुंदर और स्वच्छ रखने की कोशिश करनी चाहिए और इस जीवन का सम्मान करना चाहिए। ब्रह्मांड की विराटता से प्रेरणा लेकर हमें अपने आप को बेहतर बनाना चाहिए, क्योंकि हम सृष्टि के छोटे लेकिन जरूरी हिस्से हैं।”

(ङ)
यदि किसी अन्य संसार से यह संदेश मिले कि उन्हें पृथ्वी के किसी व्यक्ति की आवश्यकता है, तो मैं ऐसा व्यक्ति भेजना चाहूँगी जो प्रेरक, सहिष्णु और मानवता को अपना धर्म मानने वाला हो—जो निष्पक्षता से पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करे और दोनों सभ्यताओं के बीच संवाद स्थापित कर सके।

(च)
अगर एक दिन के लिए सभी लोगों में ईर्ष्या, अहंकार और स्वार्थ जैसी प्रवृत्तियाँ खत्म हो जाएँ, तो समाज में जबरदस्त परिवर्तन आ सकता है। बैर, कटुता और विद्वेष मिट जाएँगे, और हर नागरिक की उन्नति होगी। बुरी भावनाएँ खत्म होने पर आदर्श स्थापित होंगे और लोग अपनी सच्ची क्षमताएँ पहचान पाएँगे। संतोष, करुणा और शांति से समाज खुशहाल बन जाएगा।

(छ)
‘विराटता और लघुता’ तथा ‘मनुष्य का भ्रम’ पर पोस्टर बनाने के लिए आप ये प्रतीक, शब्द और चित्र प्रयोग कर सकते हैं:

  • आकाशगंगा, नक्षत्र और सैटेलाइट से ली गई पृथ्वी की तस्वीरें।

  • ध्यान मुद्रा में बैठे मानव का चित्र, मानव मस्तिष्क और हृदय के प्रतीक।

  • उपयोगी शब्द: ब्रह्मांड, मानव आकार, अनंतता, आत्मबोध, मानव की लघुता, संकुचित सोच, उदात्त विचार आदि।

शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘सृष्टि’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-


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नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘सृष्टि’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-


सृजन

(क) कविता में कमरे से लेकर ब्रह्मांड तक का विस्तार दिखाया गया है। इस क्रम को अपनी तरह से एक रेखाचित्र, सीढ़ी या ‘मानसिक चित्रण’ (माइंड-मैप) द्वारा प्रदर्शित कीजिए। प्रत्येक स्तर पर कुछ विशेषताएँ लिखिए, जैसे-पास- – पड़ोस की एक विशेष बात, नगर का कोई स्थान, देश की विविधता आदि। उसके नीचे एक पंक्ति में इस प्रश्न का उत्तर लिखिए- “मैं इस चित्र में कहाँ हूँ और क्यों ?”

(ख) अगर इसी कविता की तरह कोई कहानी लिखनी हो जिसका नाम हो ‘ब्रह्मांड में मानव’ तो उसको आरंभ कैसे करेंगे? कुछ वाक्य लिखिए।

(ग) ‘एक कमरे में दो दुनिया रचाता है’ पंक्ति को ध्यान से पढ़िए। अगर आपसे कहा जाए कि आप एक ऐसी दुनिया बनाइए जिसमें कोई दीवार न हो तो वह कैसी होगी? उसका वर्णन कीजिए।

(घ) एक चित्र श्रृंखला बनाइए जिसमें ये क्रम दिखे-
आदमी → कमरा → घर → पड़ोसी क्षेत्र → नगर → देश → पृथ्वी → ब्रह्मांड
प्रत्येक चित्र में आकार का अनुपात दिखाया जाए जिससे यह स्पष्ट हो कि आदमी कितना छोटा है।

उत्तर:

सृजनात्मक गतिविधि विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों की मदद से पूरी कीजिए।


कविता की रचना

‘दो व्यक्ति कमरे में
कमरे से छोटे-
इन पंक्तियों में चिह्न पर ध्यान दीजिए। क्या आपने इस चिह्न को पहले कहीं देखा है ? इस चिह्न को ‘निदेशक चिह्न’ कहते हैं । यह एक प्रकार का विराम चिह्न है जो किसी बात को आगे बढ़ाने या स्पष्ट करने के लिए उपयोग होता है। यह किसी विषय की अतिरिक्त जानकारी, जैसे – व्याख्या, उदाहरण या उद्धरण देने के लिए उपयोग होता है। इस कविता में इस चिह्न का प्रयोग एक ठहराव, सोच का संकेत और आगे आने वाले महत्त्वपूर्ण विचार की ओर पाठक का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया गया है। यह संकेत देता है कि अब कुछ ऐसा कहा जाने वाला है जो पाठक को सोचने पर विवश करेगा।

इस कविता में ऐसी अनेक विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे-अधिकतर पंक्तियों का अंतिम शब्द ‘में’ है, बहुत छोटी-छोटी पंक्तियाँ हैं आदि ।


नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘सृष्टि’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-


(क) अपने समूह के साथ मिलकर कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर: कविता की भाषा सरल और सहज है, जिससे छात्र इसे आसानी से समझ सकते हैं।

इसमें छोटे-छोटे वाक्यों का उपयोग किया गया है।

कविता में व्यंग्यात्मक शैली अपनाई गई है।

इसमें लय और गेयता का विशेष गुण है।

अलंकारों का सुंदरता से प्रयोग किया गया है।”

(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ झलकती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए-


‘दो व्यक्ति कमरे में


उत्तर:
1. 4
2. 1
3. 2
4. 3
5. 5
6. 6

कविता का सौंदर्य

नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने समूह में मिलकर खोजिए। इन प्रश्नों से आप कविता का आनंद और अच्छी तरह से ले सकेंगे।


(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ झलकती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए-


(क) कविता में अलग-अलग प्रकार से ब्रह्मांड की विशालता को व्यक्त किया गया है। उनकी पहचान कीजिए।

(ख) “संख्यातीत शंख सी दीवारें उठाता है

“अपने को दूजे का स्वामी बताता है’

“एक कमरे में

दो दुनिया रचाता है”

कविता में ये सारी क्रियाएँ मनुष्य के लिए आई हैं। आप अपने अनुसार कविता में नई क्रियाओं का प्रयोग करके कविता की रचना कीजिए ।

उत्तर:

(क)
कविता में ब्रह्मांड की विशालता को कई अलग-अलग तरीकों से दर्शाया गया है—

  • भौतिक संरचना के रूप में:
    कमरे से शुरू होकर व्यक्ति, घर, मोहल्ला, नगर, प्रदेश, देश, पृथ्वी, नक्षत्र, आकाशगंगा और अंततः ब्रह्मांड तक की पूरी श्रृंखला को प्रस्तुत किया गया है।

  • संख्या या गणना के आधार पर:
    दो व्यक्ति, अनेक देश, कई पृथ्वी, असंख्य नक्षत्र, एक छोटी-सी पृथ्वी, करोड़ों में एक और लाखों ब्रह्मांड—इस तरह तुलना की गई है।

  • आत्मचिंतन के रूप में:
    कवि ने बताया है कि विशाल ब्रह्मांड में मनुष्य एक छोटी-सी कड़ी मात्र है, लेकिन स्वार्थ और अहंकार के चलते उसने अपनी भावनाओं और सोच को सीमित कर लिया है और मन की दीवारें खड़ी कर ली हैं।

(ख)
नई गतिविधियों का उपयोग करते हुए कविता की रचना इस प्रकार की जा सकती है—

आदमी है कमरे के भीतर
कमरा है कैमरे के अंदर
कैमरा छुपा है एक नए ऐप में
नया ऐप है ब्रांडेड मोबाइल में
मोबाइल पड़ा है जेब में
और आदमी सीमित है
आधुनिक तकनीक के घेरे में…

अब आदमी का घर ऐसा है—
पहले वाई-फाई से जुड़ता है
फिर रिश्तों की बारी आती है
बातचीत, हँसी की लहरें
अब स्क्रीन टाइम में ही सिमट गई हैं
डिजिटल घड़ी चलने के नाम पर बस आँकड़े गिनती है
ऊँची दीवारों में उलझा आदमी
क्या एक पल रुककर सुकून नहीं ले सकता?

आपके शब्द


नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने समूह में मिलकर खोजिए। इन प्रश्नों से आप कविता का आनंद और अच्छी तरह से ले सकेंगे।


“सबको समेटे है

परिधि नभ गंगा की’

आपने ‘आकाशगंगा’ शब्द सुना और पढ़ा होगा । लेकिन कविता में ‘नभ गंगा’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है।

आप भी अपने समूह में मिलकर इसी प्रकार दो शब्दों को मिलाकर नए शब्द बनाइए।

उत्तर:

गगनमंडल
श्रीलक्ष्मी

 चलचित्रगृह
स्वर्गदूत
रेलयान

विशेषण और विशेष्य


नई गतिविधियों का उपयोग करते हुए कविता की रचना इस प्रकार की जा सकती है—


पृथ्वी एक छोटी 

यहाँ ‘छोटी’ शब्द ‘पृथ्वी’ की विशेषता बता रहा है अर्थात ‘छोटी’ ‘विशेषण’ है। ‘पृथ्वी’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है। अर्थात ‘पृथ्वी’ ‘विशेष्य’ शब्द है।

अब आप नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य

शब्दों को पहचानकर लिखिए-


आप भी अपने समूह में मिलकर इसी प्रकार दो शब्दों को मिलाकर नए शब्द बनाइए।


उत्तर:


पंक्ति

विशेषण

विशेष्य

1. दो व्यक्ति कमरे में

दो

व्यक्ति

2. अनगिन नक्षत्रों में

अनगिन

नक्षत्र

3. लाखों ब्रह्मांडों में

लाखों

ब्रह्मांडों

4. अपना एक ब्रह्मांड

एक

ब्रह्मांड

5. संख्यातीत शंख सी

संख्यातीत

शंख

6. एक कमरे में

एक

कमरे

7. दो दुनिया रचाता है

दो

दुनिया


पाठ से आगे


यहाँ ‘छोटी’ शब्द ‘पृथ्वी’ की विशेषता बता रहा है अर्थात ‘छोटी’ ‘विशेषण’ है। ‘पृथ्वी’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है। अर्थात ‘पृथ्वी’ ‘विशेष्य’ शब्द है।


प्रश्न- अभ्यास आपकी बात

(क) कोई ऐसी स्थिति बताइए जहाँ ‘अनुपात’ बिगड़ गया हो – जैसे काम का बोझ अधिक और समय कम।

उत्तर:

प्रथम अवस्था – आपदा की स्थिति – ऐसी परिस्थिति में, जैसे भूकंप या बाढ़ के समय, राहत दल को बहुत कम समय में लोगों को सुरक्षित निकालना आवश्यक होता है।

(ख) आप अपने परिवार, विद्यालय या मोहल्ले में ‘विराटता’ (विशाल दृष्टिकोण) कैसे ला सकते हैं? कुछ उपाय सोचकर लिखिए। (संकेत – किसी को अनदेखा न करना, सबकी सहायता करना आदि)

उत्तर: रेस्तरां में ग्राहकों की संख्या बहुत अधिक है, लेकिन वहाँ काम करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं।

संख्यातीत शंख

“संख्यातीत शंख सी दीवारें उठाता है”
शंख का अर्थ है— 100 पद्म की संख्या ।
नीचे भारतीय संख्या प्रणाली एक तालिका के रूप में दी गई है।


पाठ से आगे


तालिका के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर खोजिए-

  1. जिस संख्या में 15 शून्य होते हैं, उसे क्या कहते हैं?

  2. महाशंख में कितने शून्य होते हैं?

  3. एक लाख में कितने हजार होते हैं?

  4. उपर्युक्त तालिका के अनुसार सबसे छोटी और सबसे बड़ी संख्या कौन-सी है ?

  5. दस करोड़ और एक अरब को जोड़ने पर कौन-सी संख्या आएगी?

उत्तर

  • जिस संख्या में 15 शून्य होते हैं, उसे क्या कहते हैं?

    • जिस संख्या में 15 शून्य होते हैं, उसे नील कहते हैं। (1 नील $= 10^{15}$)

    • ध्यान दें: पश्चिमी (अंतर्राष्ट्रीय) संख्या प्रणाली में इसे क्वाड्रिलियन कहते हैं।

  • महाशंख में कितने शून्य होते हैं?

    • महाशंख में 17 शून्य होते हैं। (1 महाशंख $= 1017)

  • एक लाख में कितने हजार होते हैं?

    • एक लाख में सौ (100) हजार होते हैं।

      • 1,00,000 (एक लाख)/ 1000 (एक हजार) =100

  • उपर्युक्त तालिका के अनुसार सबसे छोटी और सबसे बड़ी संख्या कौन-सी है ?

    • चूँकि कोई तालिका प्रदान नहीं की गई है, इसलिए इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जा सकता।

  • दस करोड़ और एक अरब को जोड़ने पर कौन-सी संख्या आएगी?

    • दस करोड़ (10,00,00,000) और एक अरब (1,00,00,00,000) को जोड़ने पर एक अरब दस करोड़ संख्या आएगी।

      • 10,00,00,000 + 1,00,00,00,000 = 1,10,00,00,000

समावेशन और समानता

जैसे पृथ्वी अनगिनत नक्षत्रों में एक छोटा-सा ग्रह है, वैसे ही प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह विशेष आवश्यकता वाला हो या न हो, समाज का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।

प्रश्न – एक समूह चर्चा आयोजित करें जिसमें सभी मानवों के लिए समान अवसरों की आवश्यकता पर बल दिया जाए। (भले ही उनका जेंडर, आय, मत, विश्वास, शारीरिक रूप, रंग या आकार – प्रकार आदि कैसा भी हो)

उत्तर: जैसे पृथ्वी असंख्य तारों के बीच एक छोटा-सा ग्रह है, वैसे ही हर व्यक्ति, चाहे वह छोटा हो या दिखने में अलग हो, जीवन और समाज का अहम हिस्सा है। प्रत्येक इंसान की अपनी अलग महत्ता और स्थान है, और वह समाज की संरचना का जरूरी अंग है। ठीक वैसे ही जैसे स्कूल में हर विद्यार्थी का महत्व होता है और सभी को शिक्षा पाने का समान अधिकार मिलता है। हर छात्र की अपनी क्षमताएँ, प्रतिभाएँ और परिस्थितियाँ होती हैं, और शिक्षक का दायित्व है कि वे उनकी योग्यता के अनुसार उनमें कौशल का विकास करें। इसी तरह, समाज भी अलग-अलग लोगों से मिलकर बनता है। हर व्यक्ति, चाहे उसका कार्यक्षेत्र कुछ भी हो, समाज के विकास में योगदान देता है। सभी मिलकर ही एक सशक्त और सुखी समाज का निर्माण करते हैं।

आज की पहेली

पता लगाइए कि कौन-सा अंतरिक्ष यान कौन-से ग्रह पर जाएगा-


(ख) आप अपने परिवार, विद्यालय या मोहल्ले में ‘विराटता’ (विशाल दृष्टिकोण) कैसे ला सकते हैं? कुछ उपाय सोचकर लिखिए। (संकेत – किसी को अनदेखा न करना, सबकी सहायता करना आदि)


उत्तर – यह कार्य विद्यार्थियों को स्वयं करना चाहिए।


झरोखे से

आइए, अब पढ़ते हैं प्रसिद्ध गीत ‘होंगे कामयाब ‘।

होंगे कामयाब!

होंगे कामयाब
होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब… एक दिन


पता लगाइए कि कौन-सा अंतरिक्ष यान कौन-से ग्रह पर जाएगा-


मन में है विश्वास पूरा विश्व
हम होंगे कामयाब…. एक दिन
होगी शांति चारों ओर

होगी शांति चारों ओर
होगी शांति चारों ओर… एक दिन
मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब… एक दिन
नहीं डर किसी का आज
नहीं भय किसी का आज

नहीं डर किसी का
आज के दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब … एक दिन

हम चलेंगे साथ-साथ डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ… एक दिन मन में है विश्वास पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब … एक दिन

भावांतर
गिरिजा कुमार माथुर

उत्तर – इसे स्वयं पढ़ें।

खोजबीन के लिए

  • हम होंगे कामयाब एक दिन
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  • कल्पना जो सितारों में खो गई
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  • सुनीता अंतरिक्ष में
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  • ब्रह्माण्ड और पृथ्वी
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  • हौसलों की उड़ान-मंगलयान 

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NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 आदमी का अनुपात (2025-26)

इस अध्याय में आदमी का अनुपात की गहराई से व्याख्या की गई है। NCERT Solutions का अभ्यास करके विद्यार्थी प्रमुख भाव और कविता का मर्म अच्छी तरह समझ सकते हैं। यह अभ्यास परीक्षा के लिए सहायक है।


Malhar Chapter 9 में मानव और ब्रह्माण्ड के बीच अनुपात व सीमाएँ समझाई गई हैं। ये प्रश्न-उत्तर आपके कौशल और प्रस्तुतीकरण को बढ़ाते हैं और परीक्षा में अच्छे अंक पाने का मार्ग बनाते हैं।


पाठ की अभ्यास आधारित तैयारी से विद्यार्थियों को आत्मविश्वास मिलता है। उत्तर लिखते समय मुख्य विचार, भाव और शब्दों पर ध्यान दें। इससे उत्तर सटीक बनेंगे और आपकी तैयारी श्रेष्ठ होगी।


FAQs on NCERT Solutions For Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Malhar Aadami Ka Anupat - 2025-26

1. What are NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat, and how do they help in exam preparation?

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat are comprehensive, stepwise answers to all intext and back exercises of the chapter. These solutions, following CBSE guidelines, help students understand key concepts, structure answers according to marking schemes, and reinforce learning for better performance in exams.

2. How can I use step-by-step NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 to score full marks?

To score full marks using NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9, follow each step as given and present your answers clearly. Use bullet points, highlight key definitions, and break longer answers into logical parts—these strategies, aligned with CBSE pattern, maximize marks and make your presentation exam-ready.

3. Are diagrams or definitions mandatory in answers for CBSE Class 8 Hindi Malhar Chapter 9?

Providing relevant diagrams and accurate definitions in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat can help secure extra marks according to CBSE marking schemes. If asked, label diagrams neatly and include precise definitions; otherwise, focus on clear explanations, which are highly valued in Hindi subject evaluation.

4. Where can I download free PDF solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat?

You can download the free PDF of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat exclusively from Vedantu. Vedantu provides high-quality, teacher-reviewed solutions in PDF format for convenient offline study and quick revision.

5. What are the most important topics and questions in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 for CBSE exams?

The most important topics in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 typically include core themes, key definitions, author’s intent, and any intext or back exercise questions highlighted in the Vedantu PDF. Focus on questions that require detailed explanations, word meanings, and reference to context to strengthen exam readiness.

6. How should long answers be structured for maximum marks in Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat?

Structuring long answers for NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat involves a systematic approach:

  1. Start with a concise introduction referencing the question.
  2. Breaking the answer into logical paragraphs.
  3. Include definitions, examples, and where required, relevant quotes from the text.
  4. Conclude with a summary linking back to the main theme.

7. Are NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat enough for CBSE board exams?

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 9 Aadami Ka Anupat cover all core and secondary topics required by the CBSE syllabus. For most students, thoroughly practicing these stepwise solutions on Vedantu provides a strong foundation and is sufficient for good performance in board exams, especially when combined with revision and sample papers.

8. What common mistakes should I avoid in CBSE Class 8 Hindi Chapter 9 Aadami Ka Anupat answers?

To excel in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9, avoid these frequent mistakes:

  • Missing out key points or steps in long answers
  • Omitting definitions or diagrams where required
  • Poor handwriting or messy presentation
  • Using incorrect terminology not aligned with the textbook
  • Overlooking marks allocation per step or point

9. How can a revision planner from Vedantu help prepare for Class 8 Hindi Chapter 9 Aadami Ka Anupat quickly?

A Vedantu revision planner for NCERT Solutions Class 8 Hindi Chapter 9 Aadami Ka Anupat helps students organize preparation efficiently with structured 1-day, 3-day, and 7-day plans, ensuring complete coverage, timely revision of key questions, and targeted practice of high-weightage topics.

10. Do examiners award partial marks for correct steps even if the final answer is wrong in Class 8 Hindi Chapter 9 questions?

In NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 as per the CBSE marking scheme, examiners often award partial marks for correct steps, relevant points, or justified explanations, even if the final answer is not fully correct. Always show your working and understanding in every part of your answer.