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Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 4 - Bidai Sambhasan

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Last updated date: 17th Apr 2024
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MVSAT 2024

CBSE Class 11 Hindi Aroh Important Questions Chapter 4 - Bidai Sambhasan - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 4 - Bidai Sambhasan prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions Class 11 Hindi Chapter 4 - विदाई संभाषण

अति लघु उत्तरीय प्रश्न   (1 अंक)

1. चिरस्थायी और विषाद का शब्दार्थ बताइए।

उत्तर: चिरस्थायी – हमेशा रहने वाला

विषाद – दु:ख


2. सारांश तथा विच्छेद का विलोम शब्द बताइए।

उत्तर: सारांश – पूर्ण

 विच्छेद संधि


3. लार्ड कर्जन के क्रूरता की तुलना किससे की गई है?

उत्तर: पाठ में लार्ड कर्जन के क्रूरता की तुलना नदिशाह से की गई है।


4.कहानी में पधारे शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है?

उत्तर: कहानी में पधारे शब्द का प्रयोग “ चले जाएं “ के संदर्भ में किया गया है।


5. लार्ड कर्जन को कितनी बार भारत का वायसराय बनाया गया था?

उत्तर: लॉर्ड कर्जन को दो बार भारत का वायसराय बनाया गया था।


लघु उत्तरीय प्रश्न   (2 अंक)

1. लार्ड कर्जन के किस निर्णय के कारण उनका पूरे भारत में विरोध होने लगा?

उत्तर: लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया था। देशवासियों को उनका यह निर्णय उचित नहीं लगा इसी कारण पूरा देश उनके विरोध उठ खड़ा हो गया । भारत की प्रजा उनसे खफा थी उन्होंने जिस प्रकार का सम्मान लार्ड कर्जन को दिया था उन्हें वह वापिस नहीं मिला।


2. इस कहानी में लेखक किसे तीसरी शक्ति कहकर संबोधित करते है?

उत्तर: इस कहानी में लेखक ब्रिटिश सरकार को तीसरी शक्ति कहकर संबोधित करते हैं। भारत में इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया की अनुमति के बिना कोई कार्य नहीं किया जाता था।


3. लेखक ने लार्ड कर्जन को किसकी भावनाओं का सम्मान न करने का दोष दिया गया?

उत्तर: लेखक कहते हैं लार्ड कर्जन ने भारत कि उस प्रजा का सम्मान नहीं किया जिस प्रजा ने उन्हें बहुत सम्मान दिया। भारत की प्रजा ने लार्ड कर्जन को वह वैभव प्रदान किया जो उन्हें अपने पूरे जीवन में और कहीं से नहीं मिल सकता था। प्रजा को लार्ड कर्जन से बहुत उम्मीद थी परंतु वे उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।


4. किन दो कविताओं के माध्यम से लेखक भारत की प्रजा की भावनाओं को समझाते हैं?

उत्तर: दो गायों की कथा तथा नर सुल्तान के नरवरगढ़ मे रुकने की कहानी के माध्यम से लेखक भारत की प्रजा की भावनाओं को समझाते है। इन दोनों कविताओं में लेखक भारत की जनता के विषय में बताते हैं।


5. इस पाठ के आधार पर बताइए की शासन क्या है?

उत्तर: शासन का अर्थ व्यवस्था का प्रबंधन है। यह व्यवस्था लोगों के हितों के लिए होनी चाहिए। शासन में, शासक और जनता दोनों होते हैं। यह आवश्यक है कि किसी भी बड़े फैसले के लिए जनता को अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए।


लघु उत्तरीय प्रश्न   (3 अंक)

1. नरवरगढ़ से विदा होते समय नर सुल्तान ने नरवरगढ़ के लोगों को धन्यवाद देने के लिए क्या कहा?

उत्तर: नर सुल्तान ने कहा कि “प्यारे नरवरगढ़ ! मेरा प्रणाम ले। आज मैं तुमसे जुदा होता हूँ । तू मेरा अन्नदाता है। अपनी विपदा के दिन मैंने तुझमें कांटे हैं। तेरे ऋण का बदला मैं गरीब सिपाही नहीं दे सकता। भाई नरवरगढ़! यदि मैंने जानबूझकर एक दिन भी अपनी सेवा में चूक की हो, यहां की प्रजा की शुभ चिंता ना की हो, यहां की स्त्रियों को माता और बहन दृष्टि से ना देखा हो तो मेरा प्रणाम ना ले, नहीं तो प्रसन्न होकर एक बार मेरा प्रणाम ले और मुझे जाने की आज्ञा दें। “


2. लार्ड कर्जन को ब्रिटिश शासकों ने क्यों हटा दिया?

उत्तर: इंग्लैंड में महारानी विक्टोरिया का शासन था। भारत में उनके आदेशों का पालन करने के लि    ए वायसराय हुआ करते थे। इंग्लैंड के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लार्ड कर्जन को नियुक्त किया गया। जब ब्रिटिश शासकों को लगा कि लॉर्ड कर्जन ब्रिटिश शासकों के हित को नहीं बचा सकता तथा उनके उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकता तो उन्होंने लॉर्ड कर्जन को वायसराय के पद से हटा दिया।


3. बंगाल विभाजन के फैसला का देश, ब्रिटिश सरकार और लॉर्ड कर्जन पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: जब लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया तो उसकी इस फैसले के खिलाफ सारा देश एकमत होकर इस फैसले का विरोध करने लगा। देशव्यापी विरोध ने ब्रिटिश सरकार की जड़ें हिला दी। लार्ड कर्जन से ब्रिटिश सरकार क्षुब्ध हो गई। जब उसने एक सैन्य अधिकारी की नियुक्ति ना मानने ब्रिटिश सरकार के समक्ष अपने इस्तीफे की धमकी दी तो ब्रिटिश सरकार ने उस का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उसे पद से हटा दिया।


4. बालमुकुंद गुप्त का संक्षिप्त परिचय दीजिए।

उत्तर: बालमुकुंद गुप्त जी का जन्म 1865 में गुड़ियाना ग्राम जिले रोहतक में हुआ था। इन्होंने अकबर-ए-चुनार, हिंदुस्तान, हिंदी बंगवासी तथा भारतमित्र का संपादन किया। इनकी प्रमुख रचनाएं-शिवशंभू के चिट्ठे और खात तथा खेल तमाशा आदि है। इनकी मृत्यु 1907 में हुई।


5. नर सुल्तान नाम के राजकुमार की कहानी क्या थी?

उत्तर: लेखक के अनुसार नर सुल्तान नाम के राजकुमार ने अपने विपदा भरे दिन नरवरगढ़ नामक स्थल पर बिताए। उस स्थान पर उसे एक ऊंचे पद का काम करना पड़ता था। जिस दिन वह उसनगर से विदा हुआ उसने नरवरगढ़ के लोगों को उसके विपदा भरे दिनों में साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न   (5 अंक)

1. बैलों की कहानी का निष्कर्ष क्या है?

उत्तर: बैलों की कहानी का निष्कर्ष यह है कि भारत में रहने वाले इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी साथ रहने वालों के लिए भावनात्मक लगाव हो जाता है। शिव शंभू की दो गायों में से एक गाय अक्सर अपने से कमजोर गाय को मारती थी। जब मारने वाली गाय वहां से चली जाती थी तो उस दिन कमजोर गाय उस गाय की अनुपस्थिति में चारा नहीं खाती थी। कमजोर गाय को दूसरी वाली से एक साथ रहने के कारण भावनात्मक लगाव हो गया, जिसके कारण उसके मन में करुणा उत्पन्न हो गई। वह गाय उसे मारती थी परंतु फिर भी कमजोर गाय दूसरे गाय के बिना चारा नहीं खा पाती । इस कहानी से हमें पता चलता है कि इंसान हो या जानवर सब को एक दूसरे के साथ रहने से भावनात्मक लगाव हो जाता है और उनकी अनुपस्थिति में कोई कार्य करने का मन नहीं करता।


2. लार्ड कर्जन का वैभव कैसा था तथा वह कैसे समाप्त हो गया?

उत्तर: भारत में लार्ड कर्जन जैसा वैभव किसी अन्य अंग्रेज शासक का नहीं था। उनका वैभव दिल्ली दरबार में था। उनके साथ में उनकी पत्नी की भी सोने की कुर्सी पर बैठती थी। उनका हाथी बादशाह के भाई के हाथी से ऊंचा और आगे रहता था। लार्ड कर्जन के एक इशारे पर, सम्राट, प्रशासन और सभी रईसों को हाथ जोड़कर देखा गया। उनके एक इशारे पर बड़े-बड़े राजा मिट्टी में विलीन हो जाते थे और कई रहीस हो गए। लेकिन अंत में लॉर्ड कर्जन ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि उनकी सिफारिश पर एक भी आदमी को रखा नहीं गया, इस बात से लॉर्ड कर्जन बहुत नाराज थे इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनकी एक जिद के कारण उनका सारा वैभव नष्ट हो गया।


3. बालमुकुंद गुप्त ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लेख कैसे लिखते थे?

उत्तर: लॉर्ड कर्जन एक निरंकुश वायसराय था। उनकी प्रेस की अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने के कारण बालमुकुंद गुप्त “शिव शंभू” नाम की एक काल्पनिक चरित्र के माध्यम से लेख लिखते थे । यह चरित्र भांग का आदि था और डरता नहीं था। यह चरित्र ब्रिटिश बड़प्पन को उजागर करने के लिए बनाया गया था। लेखक ने सरकारी कानून के कारण इस नाम का इस्तेमाल किया। लेखक उस समय ब्रिटिश सरकार से सीधे टकराव की स्थिति में नहीं था। लेकिन ब्रिटिश सरकार का पोल खोलकर लोगों को जागरूक भी करना था, इसलिए काल्पनिक पात्रों के माध्यम से किस्से कहता था।


4. लेखक ने लॉर्ड कर्जन की ज़िद की तुलना किस शासक से की?

उत्तर: लेखक ने लॉर्ड कर्जन की ज़िद की तुलना नादिरशाह से की। नादिरशाह एक तानाशाही और बेहद ही क्रूर शासक था। उसने दिल्ली में कत्ले-ऐ-आम करवाया और किसी की नहीं सुनी। परंतु आसिफजाह ने तलवार गले में डाल कर प्रार्थना की तो नादिरशाह ने कत्लेआम बंद कर दिया। लार्ड कर्जन के द्वारा किया गया बंगाल विभाजन किसी कत्लेआम से कम नहीं था। 8 करोड लोगों ने उनसे बार-बार प्रार्थना की लेकिन उन्होंने अपनी जिद नहीं छोड़ी। इसलिए लॉर्ड कर्जन क्रूरता के संदर्भ में नादिर शाह से ज्यादा क्रूर थे। अंततः यह कहना सही है कि लॉर्ड कर्जन की जिद की तुलना नादिर शाह से की जा सकती है।


5. लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

उत्तर: लॉर्ड कर्जन को अंग्रेजी सरकार द्वारा दो बार वायसराय का पद दिया गया। भारत में अंग्रेजों के शासन को स्थापित करने के लिए अनेकों काम किए गए उनमें से एक बंगाल का विभाजन था। इन्होंने यह योजना राष्ट्रवादी भावनाओं को कुचलने के लिए बनाई थी। लोगों ने लॉर्ड कर्जन को बहुत सम्मान दिया था लेकिन प्रजा को वह सम्मान वापस नहीं मिला। बंगाल के लोग लॉर्ड कर्जन की इस योजना को समझ गए और उसका विरोध करना शुरू कर दिया परंतु लॉर्ड कर्जन ने अपनी योजना पूरी कर ही ली और बंगाल को दो भागों में बांट दिया। जनता इस बात से बहुत खफा थी इसलिए उन्होंने इस योजना का बड़े जोरों से विरोध किया लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 4 - Bidai Sambhasan

1. You did not pay any heed to the request of eight crore subjects not to break up - which historical event has been referred to here?

The author has pointed out here the historical event of the partition of Bengal. Lord Curzon was appointed twice as the Viceroy of India. He did many things to make British rule permanent in India. To crush the nationalist sentiments in India, he planned to partition Bengal. The people of the country understood this move of the viceroy and opposed this plan, but Curzon fulfilled his stubbornness and divided Bengal into two parts.

2. There is another third power between you and the residents here - who is called the third power here?

Here the third power refers to the British rulers. England was ruled by Queen Victoria. In India, the orders given by the Queen were followed by the Viceroy.  Lord Curzon was also appointed as Viceroy to fulfil the purpose of protecting British interests. When the British rulers felt that Curzon was not working in the interests of the British rulers, he was removed from the post of Viceroy by them. To know more, students can visit the Vedantu app and website.

3. Briefly describe the tenure of Lord Curzon.

Lord Curzon was given the position of Viceroy twice by the British Government. Many things were done to establish British rule in India. One among them was the Bengal partition. He had made this plan to crush the nationalist sentiments. People had given a lot of respect to Lord Curzon but the people did not get the same respect back. The people of Bengal understood this plan of Lord Curzon and started opposing it, but Lord Curzon completed his plan and divided Bengal into two parts. The public was very angry with this, so they opposed this plan with great enthusiasm but they could not succeed.

4. With which ruler did the author compare the stubbornness of Lord Curzon?

The author compared the stubbornness of Lord Curzon to that of Nadir Shah. Nadir Shah was a dictatorial and very cruel ruler. He slaughtered many people in Delhi and did not listen to anyone. But when Asif Jah pointed with a sword around his neck, Nadir Shah was compelled to stop the slaughter. The partition of Bengal by Lord Curzon was no less than a massacre. 8 crore people prayed to him again and again but he did not give up his stubbornness. Hence Lord Curzon was crueller than Nadir Shah in terms of cruelty. Ultimately it is correct to say that Lord Curzon's stubbornness can be compared to that of Nadir Shah.

5. Do you think governance means following arbitrary orders blindly and not listening to anyone? With reference to these lines, what is a rule? Discuss this.

Governance is the management of the economy. Governance is not carried out by the will of anyone. It is the set of rules that constitute a good system. This arrangement should be in accordance with the public interest. The people remain unhappy with the autocratic ruler and after some time the ruler will be removed from the position. People should have freedom of expression. There should be a sense of public welfare in every policy. The story describes the cruelty of Lord Curzon in which he took a big and historic decision like the partition of Bengal and did not consider it necessary to take public opinion which was unfair to the public. To know more, you can visit Vedantu and download the PDF of important questions free of cost to study offline.