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NCERT Solutions for Class 11 Chemistry In Hindi Chapter 13 Hydrocarbons

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NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 Hydrocarbons In Hindi PDF Download

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 Hydrocarbons In Hindi PDF Download
2. NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 Hydrocarbons in Hindi
3. NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 Hydrocarbons in Hindi

NCERT, which stands for The National Council of Educational Research and Training, is responsible for designing and publishing textbooks for all the classes and subjects. NCERT textbooks covered all the topics and are applicable to the Central Board of Secondary Education (CBSE) and various state boards.

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NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 Hydrocarbons in Hindi

1. मेथेन के क्लोरीनीकरण के दौरान एथेन कैसे बनती है? आप इसे कैसे समझाएँगे?

उत्तर: मेथेन का क्लोरीनीकरण एक मुक्त मूलक प्रक्रिया है जो निम्नलिखित क्रियाविधि से होती है- 

(i) भृंखला समारम्भन (Chain initiation)

$\mathrm{Cl}-\mathrm{-}-\mathrm{Cl} \rightarrow \mathrm{Cl}+\mathrm{Cl}$

(ii) शृंखला संचरण (Chain propagation)

$\mathrm{CH}_{4}+\mathrm{Cl} \mathrm{CH}_{3}+\mathrm{HCl} \mathrm{C} \mathrm{H}_{3}+\mathrm{Cl}-\mathrm{Cl} \rightarrow \mathrm{CH}_{3} \mathrm{Cl}+\mathrm{Cl}$

(iii) भृंखला समापन (Chain termination)

$\mathrm{C}\mathrm{H}_{3}+\mathrm{C} \mathrm{H}_{3} \rightarrow \mathrm{CH}_{3}-\mathrm{CH}_{3}$

$\mathrm{C} \mathrm{H}_{3}+\mathrm{Cl} \rightarrow \mathrm{CH}_{3} \mathrm{Cl}$

$\mathrm{Cl}+\mathrm{Cl} \rightarrow \mathrm{Cl}_{2}$

इस क्रियाविधि से स्पष्ट है कि मुक्त मूलक $\mathrm{CH}_{3}$ परस्पर संयुक्त होकर एथेन बनाते हैं। 


2. निम्नलिखित यौगिकों के I.U.P.A.C. नाम लिखिए-

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उत्तर:

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निम्नलिखित यौगिकों, जिनमें द्विआबंध तथा त्रिआबंध की संख्या दर्शायी गई है, के सभी संभावित स्थिति समावयवों के संरचना-सूत्र एवं IUPAC नाम दीजिए-

(क) $\mathrm{C}_{4} \mathrm{H}_{8}$ ( एक द्विआबंध)

उत्तर: $C_{4} H_{8}$ (एक द्विआबन्ध)

(i) ${ }^{4} \mathrm{CH}_{3} \mathrm{C}^{3} \mathrm{H}_{2}-{ }^{2} \mathrm{CH}=\mathrm{C}^{1} \mathrm{H}_{2}$

(ii)

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(iii) 

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(iv)

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(ख) $\mathrm{C}_{5} \mathrm{H}_{8}$ ( एक त्रिआबंध)
उत्तर: (i) $\mathrm{CH}_{3} \mathrm{CH}_{2} \mathrm{CH}_{2} \mathrm{C}^{2} \equiv \mathrm{CH}^{1}$ पेन्ट-1-आइन

(ii) $\mathrm{CH}_{3} \mathrm{CH}_{2}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{C}^{2}-\mathrm{CH}_{3}$

पेन्ट-2-आइन

(iii) 

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4. निम्नलिखित यौगिकों के ओजोनी-अपघटन के पश्चात् बनने वाले उत्पादों के नाम लिखिए-

(i) पेन्ट-2-ईन

(ii) 3, 4-डाइमेथिल-हेप्ट-3-ईन

(iii) 2-एथिल ब्यूट-1-ईन

(iv) 1-फेनिल ब्यूट-1-ईन

उत्तर:

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5. एक ऐल्कीन ‘A’ के ओजोनी अपघटन से पेन्टेन-3-ओन तथा एथेनॉल का मिश्रण प्राप्त होता है। ‘A’ का I.U.P.A.C. नाम तथा संरचना दीजिए।

उत्तर:  ऐल्कीन ‘A’ 3-एथिल पेन्ट-2-ईन है। यह ओजोनी अपघटन पर एथेनले तथा पेन्टेन-3-ओन देता है। इनकी संरचनाएँ निम्नलिखित है-

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6. एक ऐल्केन A में तीन C—C, आठ C—H सिग्मा-आबन्ध तथा एक C—C पाई आबन्ध हैं। A ओजोनी अपघटन से दो अणु ऐल्डिहाइड, जिनका मोलर द्रव्यमान 44 है, देता है। A का आई०यू०पी०ए०सी० नाम लिखिए।

उत्तर: $44 u$ मोलर द्रव्यमान का ऐल्डिहाइड एथेनल $\left(\mathrm{CH}_{3} \mathrm{CHO}\right)$ है। एथेनल के दो मोलों को एक साथ लिखकर उनके ऑक्सीजन परमाणु हटाते हैं और उन्हें द्विआबन्ध द्वारा जोड़ देते हैं।

$\mathrm{CH}_{3} \mathrm{CH}=\mathrm{O}_{3}-\mathrm{CHCH}_{3}$

अत: ऐल्केन है- $\mathrm{CH}_{3} \mathrm{CH}=\mathrm{CH}-\mathrm{CH}_{3}$
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ब्यूट-2-ईन ब्यूट-2-ईन में तीन C-C, आठ $C-H \sigma$-आबन्ध तथा एक $C-C \pi$ आबन्ध है।


7. एक ऐल्कीन, जिसके ओजोनी अपघटन से प्रोपेनॉल तथा पेन्टेन-3-ओन प्राप्त होते हैं, का संरचनात्मक सूत्र क्या है?

उत्तर:  उत्पाद हैं-

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8. निम्नलिखित हाइड्रोकार्बनों के दहन की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए-

(i) ब्यूटेन

उत्तर: $C_{4} H_{10}(g)+13 / 2 O_{2}(g) \rightarrow^{\Delta} 4 C O_{2}(g)+5 H_{2} O(g)$

(ii) पेन्टीन

उत्तर: $C_{5} H_{10}(g)+15 / 20_{2}(g) \rightarrow^{\Delta} 5 C O_{2}(g)+5 H_{2} O(g)$

(iii) हेक्साइन

उत्तर: $\mathrm{C}_{6} \mathrm{H}_{10}(\mathrm{~g})+17 / 2 \mathrm{O}_{2}(\mathrm{~g}) \rightarrow{ }^{\mathrm{A}} 6 \mathrm{CO}_{2}(\mathrm{~g})+5 \mathrm{H}_{2} \mathrm{O}(\mathrm{g})$

(iv) टॉलूईन

उत्तर: $\mathrm{CH}_{3}(\mathrm{~g})+9 \mathrm{O}_{2}(\mathrm{~g}) \rightarrow^{\mathbf{4}} 7 \mathrm{CO}_{2}(\mathrm{~g})+4 \mathrm{H}_{2} \mathrm{O}(\mathrm{g})$


9. हेक्स-2-ईन की समपक्ष (सिस) तथा विपक्ष (ट्रांस) संरचनाएँ बनाइए। इनमें से कौन-से समावयव का क्वथनांक उच्च होता है और क्यों?

उत्तर :         (Image will be Uploaded Soon)

किसी अणु का क्वथनांक द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्योन्यक्रियाओं पर निर्भर करता है। क्युकि सिस समावयवी में उच्च द्विध्रुव आघूर्ण होता है, और इसका क्वथनांक उच्च होता है।


10. बेन्जीन में तीन द्वि-आबन्ध होते हैं, फिर भी यह अत्यधिक स्थायी है, क्यों?

उत्तर: बेंजीन का अति स्थायित्व अनुनाद या 7-इलेक्ट्रॉनों के विस्थानीकरण के कारण होता है। बेंजीन में सभी 67t-इलेक्ट्रॉन (तीन द्विआबन्धों के) विस्थानीकृत (delocalised) होते हैं तथा अणु को स्थायित्व प्रदान करते हैं।

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11. किसी निकाय द्वारा ऐरोमैटिकता प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक शर्ते क्या हैं?

उत्तर: किसी अणु के ऐरोमैटिक होने के लिए आवश्यक शर्ते निम्नलिखित इस प्रकार हैं-

1. अणु में तल के ऊपर और नीचे विस्थानीकृत -इलेक्ट्रॉनों का एक चक्रीय अभ्र (cyclic cloud) होना चाहिए।

2. अणु समतलीय होना चाहिए। ये इसलिए जरुरी है क्योंकि 7-इलेक्ट्रॉनों के पूर्ण विस्थानीकरण के लिए वलय समतलीय होनी चाहिए जिससे p-कक्षकों का चक्रीय अतिव्यापन हो सके।

3. इसमें (4n+2) π-इलेक्ट्रॉनं होने चाहिए, जहाँ n = 0, 1, 2, 3, … है। इसे हकल नियम कहा जाता हैं।


12. इनमें से कौन-से निकाय ऐरोमैटिक नहीं हैं? कारण स्पष्ट कीजिए-

(i)

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उत्तर: ये  एक $Sp_3$ संकरित कार्बन परमाणु होता है, अतः अणु इसमे समतलीय नहीं होगा।क्युकि अणु में 6π-इलेक्ट्रॉन होते हैं। लेकिन निकाय पूर्णत: संयुग्मित नहीं है चूँकि सभी π-इलेक्ट्रॉन चक्रीय वलय के सभी परमाणुओं के चारों ओर चक्रीय इलेक्ट्रॉन अभ्र नहीं बनाते हैं, एवम यह ऐरोमैटिक यौगिक नहीं है।

(ii)

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उत्तर: ये ऐरोमैटिक यौगिक नहीं है क्योंकि इसमें एक $Sp_3$ कार्बन परमाणु हैं जिसके कारण अणु समतलीय नहीं होता है। पुनः इसमें केवल 4-इलेक्ट्रॉन हैं अत: निकाय ऐरोमैटिक नहीं है क्योकि (4n +2) π-इलेक्ट्रॉनों युक्त । समतलीय चक्रीय अभ्र इस्मे उपस्थित नहीं है।

(iii)

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उत्तर: ये ऐरोमैटिक नहीं है क्योंकि इस्मे केवल 8-इलेक्ट्रॉनों युक्त निकाय है अतः यह हकल के नियम अर्थात् (4n +2) π-इलेक्ट्रॉन का पालन नहीं करता है। साथ ही यह समतलीय न होकर टब आकृति (tub-shaped) का होता है।


13. बेन्जीन को निम्नलिखित में कैसे परिवर्तित करेंगे-

(i) p-नाइट्रोब्रोमोबेन्जीन

(ii) m-नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन

(iii) p-नाइट्रोटॉलूईन

(iv) ऐसीटोफीनोन।

उत्तर:

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14. ऐल्केन $\mathrm{HC}-\mathrm{CH}_{2}-\mathrm{C}-\mathrm{CH}_{32}-\mathrm{CH}_{2}-\mathrm{CH}\left(\mathrm{CH}_{3}\right)$ में $1^{\circ}, 2^{\circ}$ तथा $3^{\circ}$ कार्बन परमाणुओं की पहचान कीजिए तथा प्रत्येक कार्बन से आबन्धित कुल हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या भी बताइए।

उत्तर:

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पाँच 1° कार्बन परमाणुओं से 15 H संलग्न हैं।

दो 2° कार्बन परमाणुओं से 4 H संलग्न हैं।

एक 3° कार्बन परमाणु से 1 H संलग्न है।


15. क्वथनांक पर ऐल्केन की श्रृंखला के शाखन का क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: ऐल्केनों के क्वथनांक शाखन के साथ घटते हैं क्योंकि शाखन (branching) बढ़ने पर ऐल्केन का पृष्ठ क्षेत्रफल गोले (sphere) के समान हो जाता है। क्युकि गोले का पृष्ठ क्षेत्रफल न्यूनतम होता है,एवम वाण्डर वाल्स बल न्यूनतम होते हैं। अतः शाखन पर क्वथनांक घटते रहते हैं।


16. प्रोपीन पर HBr के संकलन से 2-ब्रोमोप्रोपेन बनता है, जबकि बेंजॉयल परॉक्साइड की उपस्थिति में यह अभिक्रिया 1-ब्रोमोप्रोपेन देती है। क्रियाविधि की सहायता से इसका कारण स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: प्रोपीन पर HBr का योग आयनिक इलेक्ट्रॉनस्नेही योगात्मक अभिक्रिया है जो मारकोनीकॉफ नियमानुसार होती है। इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम H जुड़कर 2° कार्बोधनायन देता है। इस कार्योधनायन पर नाभिकस्नेही Br- आयन को शीघ्रता से आक्रमण होता है तथा 2-ब्रोमोप्रोपेन प्राप्त होती है।

बेन्जॉयल परॉक्साइड की उपस्थिति में प्रक्रिया मुक्त मूलक क्रियाविधि के अनुसार होती है। इस अभिक्रिया में Br मुक्त मुलक इलेक्ट्रॉनस्नेहीं के रूप में कार्य करता है जो बेन्जॉयल परॉक्साइड की HBr से क्रिया द्वारा प्राप्त होता है।

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मुक्त मूलक प्रोपीन पर इस प्रकार क्रिया करता है कि अधिक स्थायी द्वितीयक (2°) मुक्त मूलक की उत्पत्ति हो सके। यह 2° मूलक HBr से एक H-परमाणु ग्रहण कर 1-ब्रोमोप्रोपेन देता है।

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17. 1, 2-डाइमेथिलबेन्जीन (o-जाइलीन) के ओजोनी अपघटन के फलस्वरूप निर्मित उत्पादों को लिखिए। यह परिणाम बेन्जीन की केकुले संरचना की पुष्टि किस प्रकार करता है?

उत्तर: 0-जाइलीन को निम्नलिखित दो केकुले संरचनाओं को अनुनाद संकर माना जाता है। प्रत्येक के ओजोनी अपघटन से दो उत्पाद प्राप्त होते हैं-

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अतः समग्र रूप से तीन उत्पाद निर्मित होते हैं। चूंकि सभी तीन उत्पाद दो केकुले संरचनाओं में से एक से प्राप्त नहीं हो सकते हैं इससे प्रदर्शित होता है कि o-जाइलीन दो केकुले संरचनाओं का अनुनाद संकर है।


18. बेन्जीन, n-हैक्सेन तथा एथाइन को घटते हुए अम्लीय व्यवहार के क्रम में व्यवस्थित कीजिए और इस व्यवहार का कारण बताइए।

उत्तर: इन तीनों यौगिकों में कार्बन की संकरण अवस्था निम्नवत् है-

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कक्षक का 5-लक्षण बढ़ने पर अम्लीय लक्षण बढ़ता है अतः अम्लीय लक्षण निम्न क्रम में घटता है-

ऐसीटिलीन > बेंजीन > हेक्सेन


19. बेन्जीन इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ सरलतापूर्वक क्यों प्रदर्शित करती हैं, जबकि उसमें नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन कठिन होता है?

उत्तर: $\mathrm{C}_{6} \mathrm{H}_{6}$ (बेंजीन) की कक्षक संरचना प्रदर्शित करती है कि -इलेक्ट्रॉन अभ्र वलय के ऊपर तथा नीचे स्थित होता है और ढ़ीला व्यवस्थित होता है अतः इलेक्ट्रॉनस्नेही के लिए आसानी से उपलब्ध है, अत: बेंजीन इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ शीध्रता से देती है तथा नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन क्रियाएँ: कठिनता से देती है।


20. आप निम्नलिखित यौगिकों को बेन्जीन में कैसे परिवर्तित करेंगे?

(i) एथाइन

(ii) एथीन

(iii) हेक्सेन।

उत्तर:

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21. उन सभी ऐल्कीनों की संरचनाएँ लिखिए, जो हाइड्रोजनीकरण करने पर 2-मेथिल । ब्यूटेन देती हैं।

उत्तर: उत्पाद की संरचना निम्नवत् है-

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22. निम्नलिखित यौगिकों को उनकी इलेक्ट्रॉनस्नेही (E) के प्रति घटती आपेक्षिक क्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए-

(क) क्लोरोबेन्जीन, 

2,4 -डाइनाइट्रोक्लोरोबेन्जीन, $p$-नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन

उत्तर: क्लोरोबेंजीन > p-नाइट्रोक्लोरोबेंजीन > 2,4-डाइनाइट्रोक्लोरोबेंजीन

(ख) टॉलूईन, 

$\mathrm{p}-\mathrm{H}_{3} \mathrm{C}-\mathrm{C}_{6} \mathrm{H}_{4}-\mathrm{NO}_{2}, \mathrm{p}-\mathrm{O}_{2} \mathrm{~N}-\mathrm{C}_{6} \mathrm{H}_{4}-\mathrm{NO}_{2}$

उत्तर: टॉलूईन $>\mathrm{p}-\mathrm{H}_{3} \mathrm{C}-\mathrm{C}_{6} \mathrm{H}_{4}-\mathrm{NO}_{2}>\mathrm{p}-\mathrm{O}_{2} \mathrm{~N}-\mathrm{C}_{6} \mathrm{H}_{4}-\mathrm{NO}_{2}$


23. बेन्जीन, m-डाइनाइट्रोबेन्जीन तथा टॉलूईन में से किसका नाइट्रीकरण आसानी से होता है और क्यों?

उत्तर: $\mathrm{C}-\mathrm{H}_{3}$ समूह इलेक्ट्रॉनदाता का समूह होता है जबकि $\mathrm{N}-\mathrm{O}_{2}$ समूह इलेक्ट्रॉन निष्कासक का होता है। अतः अधिकतम इलेक्ट्रॉन घनत्व टॉलूईन में होगा उससे कम बेंजीन में और सबसे कम m-डाइनाइट्रोबेंजीन में। अतः नाइट्रीकरण का घटता हुआ क्रम निम्न होगा-

टॉलूईन > बेंजीन > m-डाइनाइट्रोबेंजीन


24. बेन्जीन के एथिलीकरण में निर्जल ऐलुमिनियम क्लोराइड के स्थान पर कोई दूसरा लूइस अम्ल सुझाइए।

उत्तर: निर्जल $\mathrm{FeCl}_{3}, \mathrm{SnCl}_{4}, \mathrm{BF}_{3}$ आदि।


25. क्या कारण है कि वुज अभिक्रिया विषम संख्याकार्बन परमाणु वाले विशुद्ध ऐल्केन बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं की जाती? एक उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: विषम संख्या कार्बन परमाणु युक्त ऐल्केनों के बनाने में दो ऐल्किल हैलाइडों का प्रयोग किया जाता है। ये दो ऐल्किल हैलाइड तीन विभिन्न प्रकारों से अभिकृत होकर वांछित ऐल्केन के स्थान पर तीन ऐल्केनों का मिश्रण बनाते हैं। 1-ब्रोमोप्रोपेन तथा 1-ब्रोमोब्यूटेन की वुटुंज अभिक्रिया से हेक्सेन, हेप्टेन तथा ऑक्टेन का मिश्रण प्राप्त होता है जैसा कि नीचे प्रदर्शित है-

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NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 Hydrocarbons in Hindi

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