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Important Questions for CBSE Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 - Bhor Aur Barkha

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Last updated date: 23rd Apr 2024
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CBSE Class 7 Hindi Vasant Important Questions Chapter 16 - Bhor Aur Barkha - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 - Bhor Aur Barkha prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions for class 7 Hindi Vasant Chapter 16 – भोर और बरखा

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1. "ग्वाल-बाल सब करत  ................ सबद उचारै"

निम्न पंक्ति को पूरा करो ।

उत्तर: ग्वाल-बाल सब करत  कुलाहल, जय-जय  सबद उचारै।।


2. निम्न का विलोम शब्द लिखिए |

शीतल , भोर

उत्तर: 

शीतल - गरम

भोर - संध्या


3. निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखिए |

मथत, सरण

उत्तर: 

मथत - अच्छी तरह से मिलाना

सरण - पास आना


4. निम्न शब्दों का पर्यायवाची लिखिए।

शीतल, भनक

उत्तर: 

शीतल - शीत, ठंडा, सर्द

भनक - संकेत, सूत्र, सुराग


5. इस कविता के रचयिता का नाम लिखो ?

उत्तर: इस कविता की रचयिता मीरा बाई है ।


लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

1. कविता का शीर्षक भोर और बरखा क्या प्रदर्शित करता है ?

उत्तर: भोर प्रदर्शित करता है ब्रज प्रदेश की सुबह को और बरखा प्रदर्शित करता भवन में आने की प्रसन्नता को।


2. कविता में कुल कितने पद है? पदों में क्या भिन्नता है?

उत्तर: कविता में कुल दो पद है। प्रथम पद भोर अर्थात सुबह का वर्णन है और दूसरा पद बरखा अर्थात वर्षा ऋतु का वर्णन है ।


3. मीरा बाई के अनुसार यशोदा जी क्या करती हैं ?

उत्तर: मीरा बाई कहती हैं कि माता यशोदा कान्हा को तरह - तरह के प्रलोभन देकर जगाने की कोशिश कर रही है।


4. “जागो बंसीवारे ललना ! मोरे प्यार !" यशोदा माँ क्या- क्या कह कर और किसको जगा रही हैं ?

उत्तर: यहाँ यशोदा माँ अपने पुत्र कान्हा को जगा रही है और उनको 'बंसीवारे ललाना', 'मोर प्यारे', 'लाल जी' जैसे प्यारे शब्दों से बुलाती हैं।


5. "माखन-रोटी हाथ मँह लीनी

गउवन के रखवारे।'

निम्न पंक्ति का आशय लिखो।

उत्तर: इन पक्तियों के माध्यम से यशोदा जी कहती है कि ग्वाल बाल अपने हाथों में माखन-रोटी ले कर गाय चराने के लिए जाने की तैयारी में हैं।


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

1. मीरा बाई ने कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन किस पद में किया है ? इससे सम्बंधित कुछ पक्तियों को लिखो ।

उत्तर: दुसरे पद में उन्होंने श्री कृष्ण के प्रति अपने प्यार का वर्णन भी किया है।

नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।


2. कविता के अनुसार ब्रज कि सुबह का वर्णन करो ।

उत्तर: कविता के अनुसार ब्रज में सुबह होते ही हर एक घर के द्वार खुल जाते हैं। ग्वालिन दही तथा मक्खन बनाना आरंभ कर देती है । उनके कंगन की ध्वनि हर घर में गूंजती रहती है । ग्वाल लड़के अपने हाथों में मक्खन और रोटी लेते हैं और गायों को चराने के लिए तैयार हो जाते हैं।


3. मीरा बाई को सावन क्यों अच्छा लगा ?

उत्तर: मीराबाई को सावन अच्छा इसलिए लगता है क्योंकि सावन से श्री कृष्ण के आने का अहसास होता है। इस मौसम में प्रकृति बेहद सुंदर हो जाती है और मीराबाई का मन खुशी व उमंग से भर जाता है ।


4. पाठ के आधार पर सावन की विशेषता लिखो ।

उत्तर:

(क) सावन का दृश्य और अनुभव बहुत खूबसूरत होता है।

(ख) सावन में मन उमंग और खुशी से भर उठता है

(ग) सावन में मानव और पशु-पक्षी सभी प्रसन्न हो जाते हैं।


5. जागो बंसीवारे ललना!

जागो मोरे प्यारे!

रजनी बीती, भोर भयो है , घर-घर खुले किंवारे।

 निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: निम्न पक्ति में यशोदा जी कहती है कि उठ जाओ मेरे बंसीवारे ललना' उठ जाओ मेरे प्यारे रात समाप्त हो गयी है और सुबह हो चुकी है । सभी के घरों के द्वार भी खुल गये हैं ।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 5 अंक)

1. मीराबाई का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए ।

उत्तर: मीराबाई का जन्म सन् 1498 में राजस्थान के मेड़ता में हुआ। इनकी मृत्यु के बारे में किसी को सही जानकारी प्राप्त  नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ये अंतिम क्षणों में श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति में ही समा गई थीं। मीरा बाई श्री कृष्ण की परम भक्त थी । ये शादी के कुछ वर्ष के बाद ही विधवा हो गईं और कृष्ण-भक्ति में लीन हो गईं। इनकी प्रमुख रचनाएं नरसी का मायरा, राग सोरठा के पद, राग गोविंद आदि हैं। मीरा के पद एक ग्रन्थ में भी संकलित हैं।


2. "बरसे बदरिया सावन की।

सावन की, मन-भावन की।।"

सावन में उमग्यो मेरो मनवा , भनक सुनी हरि आवन की।

निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: निम्न पक्तियों में मीरा बाई सावन की खूबसूरती का चित्रण कर रही है | मीरा बाई को सावन का मौसम बहुत ही प्रिय है । सावन में उनका मन उमंग व खुशी से भर जाता है। मीरा बाई को सावन का मौसम हरी अर्थात कृष्ण के आने का संदेश लगता है ।


3. उमड़-घुमड़ चहुँदिस से आया

दामिन दमकै झर लावन की।।

नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।

निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: इन पक्तियों में मीरा बाई कहती है कि उमड़-घुमड़ कर बादल आसमान में सभी दिशाओं में बिखर जाते हैं और आसमान में बिजली भी गरज रही है। आसमान से बारिश की छोटी छोटी बूंदें गिर रही हैं। ठंडी पवन चल रही हैं जो मीराबाई को ऐसा महसूस करवाती हैं कि मानो श्रीकृष्ण स्वयं चलकर उनके निकट चले आ रहे हैं।


4. गोपी दही मथत, सुनियत हैं कंगना के झनकारे।।

उठो लालजी! भोर भयो है, सुर-नर ठाढ़े द्वारे।

ग्वाल-बाल सब करत कुलाहल

जय-जय सबद उचारै।।

निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: निम्न पक्तियों में यशोदा जी कहती है कि उठो और देखो कान्हा सभी गोपियाँ माखन मथ रही है | उनके कंगना कि ध्वनि सुनो यह सब तुम्हारे लिए ही मक्खन बना रही है। हमारे द्वार पर देवता और सभी मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।


5. माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर , सरण आयाँ को तारै।। निम्न

पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: यशोदा माता कान्हा जी से कहती हैं कि उठो कान्हा और देखो तुम्हारे सभी मित्र हाथ में माखन और रोटी लिए द्वार पर प्रतीक्षा कर रहे हैं और तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं। वह सब गाय चराने जाने के लिए तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं। इसलिए उठ जाओ कान्हा ।