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Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Antra Chapter 6 - Khanabadosh

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Last updated date: 25th Apr 2024
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CBSE Class 11 Hindi Antra Important Questions Chapter 6 - Khanabadosh - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 11 Hindi Antra Chapter 6 - Khanabadosh prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions Class 11 Hindi Chapter 6 - खानाबदोश

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                          (1 अंक)

1. सुकिया की पत्नी का क्या नाम था? 

उत्तर: सुकिया की पत्नी का नाम मानो था। 


2. भट्टा मालिक का नाम बताइए? 

उत्तर: भट्टा मालिक का नाम मुख्तार सिंह था। 


3.किसनी की शादी कितने महीने पहले हुई थी? 

उत्तर: किसनी की शादी महेश से लगभग 5 से 6 महीने पहले हुई थी। 


4.जसदेव कौन था? 

उत्तर: जसदेव एक छोटी उम्र का लड़का था, जिसे असगर ठेकेदार द्वारा मानो और सुखिया के साथ काम पर लगाया गया था। 


5.भट्टे पर दवा की जगह किस चीज का इस्तेमाल होता था? 

उत्तर: भट्टे पर दवा दारू का इस्तेमाल होने के स्थान पर कटने फटने पर अथवा घाव पर मिट्टी लगा दिया करते थे ,और दवाई की जगह कपड़ा जलाकर राख भर दिया करते थे। 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                                  (2 अंक)

6. सूबेसिंह के स्वभाव के बारे में बताएं। 

उत्तर: सूबे सिंह एक दुष्ट प्रवृत्ति का इंसान था । वह अपनी ज़िद पर डटे रहने वालों में से था। उसके सामने तो ठेकेदार भी अपनी मनमानी नहीं कर पाता था। अपने पिताजी की गैर हाजरी में तो उसका एक अलग ही रौब रहा करता था  जिससे भट्टे का माहौल ही बदल जाता था।


7. मानो को कौन सा सपना परेशान कर रहा था? 

उत्तर: मानो की परेशानी का कारण और कुछ नहीं बल्कि उसका सपना था जिसमें ईंटों से बना हुआ एक छोटा सा घर था वह ख्याल इतनी शिद्दत से पुख्ता हुआ था कि वह उसकी परेशानी का कारण बन गया । यही ईटों के घर का ख्याल उसे  बार-बार परेशान कर रहा था


8. ट्रांजिस्टर के आने से भट्टे के माहौल में क्या फर्क पड़ा था?

उत्तर: सूबेसिंह ने प्रसन्नतापूर्वक किसनी को एक ट्रांजिस्टर दिया। वह उसे इतने जोर से बजाती थी कि पूरे भट्टे का माहौल फिल्मी गानों की आवाज से गमक उठता ।भट्टे के उस शांत माहौल में ट्रांजिस्टर ने एक खनक सी पैदा कर दी थी।


9. किसनी के जीवन में सूबेसिंह के आने से क्या बदलाव आए थे ?

उत्तर: किसनी  को अब गारे- मिट्टी का काम नहीं करना पड़ता था ,और वह शाम को सूबेसिंह के साथ शहर की ओर भी जाया करती थी ।उसके पास दफ्तर में बैठने का काम रह गया था इसके साथ साथ वह अब पैसा ज्यादा होने की वजह से बन ठन कर भी रहने लगी थी।


10. असगर ठेकेदार सूबे सिंह से क्यों  चिड़ा  रहता था?

उत्तर: पिता मालिक मुख्तार सिंह की अनुपस्थिति में जब सूबे सिंह भट्टे पर जाया करते थे तो उनकी आदतों की वजह से असगर ठेकेदार सूबेसिंह जी  चिड़े रहते थे ।सूबेसिंह बहुत ही जिद्दी ,अड़ियल और मनमौजी किस्म के इंसान थे वेहमेशा अपने मन की करते थे।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                            (3 अंक)

11. मन में खुद के घर का ख्याल आने पर मानो और सुकिया निराश क्यों हो गए?

उत्तर: मानो और सुकिया घर बनाना चाहते थे लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे वह दोनों दिहाड़ी मजदूर थे उनकी जिंदगी रोज मिलने वाले भट्टे के वेतन से चलती थी ।भट्टे पर काम करने से उन्हें जितना पैसा मिलता था,वह उसी से गुजारा किया करते थे इसलिए उनके पास घर बनाने लायक  पैसे तक  नहीं थे इसलिए वे इस बारे में सोच कर निराश हो  गए।


12.भट्टे के परिवेश को दर्शाते हुए लेखक ने क्या कहा है?

उत्तर: भट्टे पर लगभग 20 या 30 लोग एक साथ काम किया करते थे। मिट्टी से सने ये लोग भरी दुपहरी और दिन में भट्टे पर चहल -पहल रखा करते थे।

 शाम होते ही भट्टे पर अंधेरा और शांति दोनों एक साथ आती थी। क्योंकि शाम होने पर मजदूर अपनी झुग्गी झोपड़ियों में चले जाया करते थे। झुग्गी झोपड़ियों में से बेकार में निकलने वाली बस एक ही चीज थी और वह था धुआँ जो चूल्हे से खाना बनाते वक्त निकलता था वरना ये लोग तो इस हद तक गरीब थे कि पानी की जगह धुआँ पीकर भी अपना काम चला सकते थे।


13.मजदूरों को उनकी मजदूरी देते वक्त भट्टा मालिक के रवैया का वर्णन करो।

उत्तर: भट्टा मालिक का लड़का सूबेसिंह और वहां रहने वाला अक्सर ठेकेदार दोनों का स्वभाव बहुत ही निर्दयी था। लोगों पर अत्याचार करना जैसे उनका काम था । दोनों वहां पर रहने वाले मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार किया करते थे ।मजदूर बेचारे दिनभर तपती धूप में दिहाड़ी पर मेहनत किया करते जिससे शाम को उन्हें उनकी दिहाड़ी हजार ईंट के रेट से मिल जाए। लेकिन दोनों को उनकी सही मजदूरी देने में भी उन्हें परेशानी होती थी ।और यही नहीं जब मजदूर उनकी बात नहीं मानते थे तो दिहाड़ी भी ना देते और साथ में उन को जान से मार डालने की धमकी भी दिया करते थे।


14. मानो के हाथ का खाना खाने से जसदेव ने क्यों मना कर दिया?

उत्तर: उस समय भी लोग छूआछूत और भेदभाव जैसी घृणित बीमारियों से ग्रसित थे। जसदेव जाति से बामन था और मानो नीच जाति की थी। बामन जाति का होने के कारण जसदेव नीच जाति के लोगों के हाथों से बना खाना कैसे खा सकता था इसलिए भूख होते हुए होते हुए भी झोपड़ी में खाना लाई  मानो को जसदेव ने इंकार कर दिया,और मानो के हाथ का बना खाना नहीं खाया।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                                                  (5 अंक)

15. मानो  भट्टे की जिंदगी से सामंजस्य नहीं बैठा पाई थी। क्यों? 

उत्तर: मानो एक किसान परिवार से थी और किसान स्वतंत्र होते हैं मन से भी और तन से भी किसी के यहां मजदूरी नहीं करते हैं, अपने लिए कमाते हैं,लेकिन यहां मानो का  हाल कुछ अलग था। पैसे की कमी की वजह और बदहाली की वजह से ही उसे अपना गांव छोड़कर आना पड़ा था उसके गांव छोड़ने की एक वजह उसका पति सुखिया भी था जो वहीं उसी भट्टे पर काम करता था। उस  भट्टे का माहौल शाम को कुछ इस प्रकार हो जाया करता था मानो काट खाने को दौड़ रहा हो ।सुखिया किसान परिवार की होने के नाते इस प्रकार के माहौल को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी इसलिए उसे  यहां घुटन  होती थी और इन्हीं सब कारणों से  वह अपने जीवन में संबंध स्थापित नहीं कर पा रही थी।


16. "ईटों की दयनीय स्थिति देखकर मानो अवाक रह गई " मानो की मनोदशा का वर्णन करिए।

उत्तर: सुबह जब मानो भट्टी की तरफ अपनी ईंटें देखने गई तो मानो उसके पैरों तले जमीन फिसल गई ।वह अवाक खड़ी  रह गई।  उसने देखा कि  उसकी ईंटों को किसी ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया था । ईंटों के नष्ट हो जाने से अब उसे उसकी दिहाड़ी का एक पैसा भी नहीं मिलने वाला था उसे अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसका सपना अचानक से यूं  एक पल में ही चकनाचूर हो जाएगा। उसके सामने उसके सपने एक फटी चादर की भांति डोलने लगे जो हवा में फटफट की आवाज के साथ शोर कर रही थी और जिस की आवाज सिर्फ मानो के कान तक ही पहुंच रही थी और जोर जोर से  कह रही थी कि तुम्हारा घर अब नहीं बन पाएगा।


17. किस सवाल ने  सुकिया  को परेशान कर रखा था?

उत्तर: ईंटों के बदले स्वरूप को जब पहली बार मानो और सुकिया ने देखा तो मानो के मन में एक सवाल आया, उसने उस सवाल को सुकिया से पूछा कि, एक घर में कितनी ईंटें लग जाती हैं? तो सुकिया ने जवाब दिया बहुत...कई ...,हजारलोहा..., और सीमेंट, लकड़ी, रेत अलग से। मगर जैसे ही उसने इसका जवाब दिया तो उसके दिमाग में कई और सवाल घर कर गए । उसका  घर कब बनेगा ? क्या कभी वो ऐसे ईंटें अपने घर लगा पाएगा ।उसके पास इस  तरह सवाल तो कई  थे लेकिन उनके जवाब नहीं थे। सवालों से जूझते हुए उसके चेहरे की शिकन साफ बयां कर रही थी जैसे  उसके हाथों में लकीर ही नहीं है। उसे ऐसा कुछ नहीं मिल रहा था उस समय जिससे वह अपने मन को शांत कर सके ,समझा पाए इसलिए वह बेचैन हो उठा ।


18. सूबेसिंह ने जसदेव को क्यों मारा था? 

उत्तर: एक बार सूबे सिंह ने किसनी की अनुपस्थिति के कारण असगर ठेकेदार को मानो  को बुलाने के लिए भेजा क्योंकि सूबे सिंह की मानो पर नजर खराब थी ।ठेकेदार मानो को बुलाने के लिए तो गया ,लेकिन सुकिया‌  यह सुनकर क्रोधित हो उठा। स्थिति देखकर जसदेव ने तय किया कि वह मानो के स्थान पर सूबे सिंह के पास जाएगा। जब सूबे  सिंह ने देखा कि मानो की जगह जसदेव आया है तो वह गुस्से से लाल हो गया। गुस्से में आके जसदेव  को लाल जूतों से बहुत मारा। मानो के ना आने की वजह से सूबे सिंह का सारा गुस्सा जसदेव पर निकल गया और जसदेव की बहुत बुरी तरीके से पिटाई हुई।


19.“ भट्टे की जिंदगी अजीब थी ।" क्यों?

उत्तर: भट्टे की जिंदगी वाकई में काफी अजीब थी। कहो तो शाम को ही गांव में बस्ती जैसा माहौल बन जाया करता था। शाम के समय में झुग्गी झोपड़ियों में से पके हुए खाने की जो महक आती थी  वो  भट्टे पर काम करने वाले लोगों के नीरस जीवन में कुछ खुशबू के रंग भर दिया करती थी। उनके जीवन में मानो ताजगी के नए रंग लेके आयी हो। वहां ज्यादातर लोग गुड़ या लाल मिर्च के साथ रोटियां खाकर अपने पेट की आग बुझा लिया करते थे, और सुबह के समय हेडपंप पर नहाने और शरीर में चिपकी मिट्टी को हटाने के लिए कुछ इस प्रकार भीड़ का हिस्सा बन जाते थे जिसमें सब अपनी-  अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार किया करते। सच पूछिए तो मिट्टी उनकी नस-नस में ऐसे बसी थी जैसे कि अगर अरब का इत्र भी उनको आके कोई ला  दे  तब भी उनके शरीर से मिट्टी की वह खुशबू  तो नहीं जा सकती ।भट्टे पर रहने वाले लोगों के जीवन में मानो मिट्टी की खुशबू के अलावा और खुशबू अपना कोई अस्तित्व ही नहीं रखती थी। इसलिए लेखक को लगता है उनका जीवन वास्तविकता में कितना अजीब था इसे समझना काफी  मुश्किल है ।


20.लेखक ‘ओमप्रकाश वाल्मीकि’ का जीवन परिचय लिखिए।

उत्तर: ओमप्रकाश वाल्मीकि जी का जन्म 30 जून 1950 को मुजफ्फरनगर जिले के बरला गांव में हुआ था। वह एक अछूत परिवार से थे उनकी प्राथमिक शिक्षा उनके गांव और देहरादून से पूरी हुई। वे ज्यादा समृद्ध परिवार से नहीं थे इसलिए उनका बचपन आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों में गुजरा। इसके साथ ही बचपन में उन्हें कई मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ी इस बात का प्रमाण हमें उनकी आत्मकथा ‘जूठन ’से मिलता है। हालांकि वाल्मीकि जी कुछ समय तक महाराष्ट्र में भी रहे थे  जहां उन्होंने दलित लेखकों के संपर्क में आकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की रचनाओं का अध्ययन किया ।इस कारण इसके बाद उनकी रचना की दृष्टि में एक बहुत ही बुनियादी परिवर्तन हुआ। उसके बाद देहरादून में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में अधिकारी के तौर पर काम करते हुए अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें उनके कार्यों में सबसे अधिक दलित उत्थान के लिए सम्मानित और पुरस्कृत किया गया। उनके साहित्य के लिए भी उन्हें कई पुरस्कार मिले ।सन 1993 में डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार ,सन 1995 में परिवेश  सम्मान ,इंडिया बुक पुरस्कार ,अमेरिका सम्मान और साहित्य भूषण पुरस्कार से अलंकृत किया गया ।उनका देहांत 17 नवंबर 2013 में हुआ था तब उनकी उम्र केवल 63 वर्ष की थी।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Antra Chapter 6 - Khanabadosh

1. Spiti is not mentioned in Indian history. What could be the cause of this?

Spiti is not mentioned in Indian history because the geology and climate of Spiti are difficult to live in. This township receives little rain and is blanketed in snow for eight to nine months of the year. There is a transportation scarcity as well. To be remembered in history, a location must have the bare minimum of amenities to encourage people to visit and tell stories about it, which Spiti sadly lacks.

2. Describe the scenario of Spiti.

Spiti is one of India's most picturesque hill stations, but getting there can be challenging. Within the town, there is also a dearth of transportation. This community is almost cut off from the rest of the world, and visiting during the winter is difficult. Spiti is a Himachal Pradesh township in the Lahaul district. Until the British took control, it was independent of the ancient Indian era. Spiti has a population density of fewer than four persons per square mile. Spiti was ruled by a nono during the British occupation. For all the important questions and explanations, visit Vedantu app or website.

3. Why is the writer shocked after seeing the condition of Spiti?

The writer is not astonished by the sparsity of the population in Spiti, but he is perplexed as to how even a small number of people have managed to survive here. He's baffled as to why they chose to stay in a place where there's no wood to keep warm in the frigid winters. People staying in such a location, he claims, is beyond something that makes sense. Lahaul and Spiti were given unique status as a result of the Spiti regulation. To study more important questions of this chapter, students can download the PDF of important questions free of cost.

4. Why does the writer want people to leave the plains and come to the hills?

Spiti's mountains are higher and more beautiful than Lahaul's. Spiti is located at an elevation of 13000 feet above sea level, and people still want to visit due to the natural beauty of its hills. The author wishes for people to leave the plains and travel to the hills, where they should first let go of their pride before letting go of the pride of the huge mountain ranges. This will instill positive pride in them, which is essential for daring young people. He wants our young people to come here and welcome them so that their hot blood will melt the ice of Spiti. To understand what the author is trying to convey, visit Vedantu for a complete explanation of Class 11 Hindi Chapter 6.

5. Describe the journey of Krishnanath.

Krishnanath was born in the city of Varanasi, Uttar Pradesh, in 1934 and died in the year 2016. He was a complex individual. He graduated from Kashi Hindu Vishwavidyalaya with a master's degree in economics. Following his studies, he became interested in social movements and Buddhist preachings. He was fluent in both English and Hindi and had previously worked in journalism. He was a member of the Kalpana magazine's editor's group. He also edited Mankind, an English magazine.