Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

NCERT Solutions For Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 Van Ke Maarg Mein - 2025-26

ffImage
banner

NCERT Solutions For Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 Van Ke Maarg Mein - 2025-26

NCERT Solutions Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 by Vedantu provides you with the complete answers to the questions from the NCERT Vasant Hindi textbook. It contains detailed explanations, key points and other important references which are helpful for students. Our content is created by our experienced faculty who understands the needs of students and has prepared it accordingly. Each solution has been checked and reviewed by our experienced faculty before being compiled into a PDF. The language used has been kept easy for the sake of simplicity and a better understanding of the students who access it.


Class:

NCERT Solutions For Class 6

Subject:

Class 6 Hindi - Vasant

Chapter Name:

Chapter 16 - Van Ke Maarg Mein

Content Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2025-26

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

Chapter Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

Access NCERT Solutions For Class 6 Hindi Vasant पाठ १६ - वन के मार्ग में

1. नगर से बाहर निकलकर दो पद चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई?

उत्तर: नगर से बाहर निकलकर दो पद चलने के बाद सीताजी के बल पर पसीना आने लग गया और उनके मधुर व कोमल होंठ सूख गए।


2. ‘अब और कितनी दूर चलना है पर्णकुटी कहा बनाएगा’, यह किसने किस्से पूछा और क्यों?

उत्तर: ‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहा बनाएगा।’ यह सीता माता ने श्रीराम जी से पूछा क्योंकि वह चलते चलते थक गयी थी।


3. राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?

उत्तर: सीता जी को थका हुआ देखकर श्रीराम जी बहुत देर तक उनके पाँव से काटा निकालने का अभिनय करने लगे ताकि सीता जी को आराम करने के लिए कुछ समय मिल जाए।


4. दोनों सवैया के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।

उत्तर:  पहले सवैये में वनवास को जाते हुए सीताजी की थकावट का वर्णन किया गया है। सीताजी अयोध्या नगर से दो कदम दूर चलने के बाद थक जाती है, उनके माथे पर पसीना आने लगता है, उनके कोमल होंठ सूख जाते हैं।  वे श्रीरामजी से बड़ी व्याकुलता से पूछती है कि पर्णकुटी कहा बनानी है तथा अब कितनी दूर चलना है? सीताजी को इस दशा में देखकर श्री संत राम जी की आँखें नम हो जाती है। दूसरे सवैये में श्री राम का सीता के प्रति प्रेम दिखाया गया है। सीताजी को थका हुआ देखकर श्रीराम बहुत देर तक पाँव से कांटा निकालने का अभिनय करने लगते हैं ताकि सीताजी को आराम करने के लिए कुछ समय मिल जाए। 


5. पाठ के आधार पर बने मार्ग का वर्णन अपने शब्दों में करो?

उत्तर: वन का मार्ग अत्यंत कठिन था। मार्ग में बहुत सारे काँटे थे। बीच में कहीं पानी का स्रोत नहीं था। दिन का समय था तथा बहुत गर्मी पड़ रही थी।


6. गर्मी के दिनों में कच्ची सड़क की तपती धूल में नंगे पाँव चलने पर पाँव जलते हैं। ऐसी स्थिती में पेड़ की छाया में खड़ा होने और पाँव धोने पर बड़ी राहत मिलती है। ठीक वैसे ही जैसे प्यास लगने पर पानी मिल जाए और भूख लगने पर भोजन। तुम्हें भी किसी वस्तु की आवश्यकता हुई होगी और वह कुछ समय बाद पूरी हो गयी होगी। तुम सोचकर लिखो की आवश्यकता पूरी होने के पहले तक तुम्हारे मन की दशा कैसी थी?

उत्तर:  किसी वस्तु की आवश्यकता पूरी होने के पहले तक हमारे मन में बहुत व्याकुलता रहती है। उस वस्तु के विचार बार बार दिमाग में आते रहते है तथा उसे प्राप्त करने के लिए अनेक प्रयास करते हैं।हम वस्तु के आने से पहले ही विचारो का भवन सजा लेते है, की उसकी पूर्ति होने के बाद हम उसका किस तरह प्रयोग करेंगे । यह विचार हमें उसे प्राप्त करेने को प्रेरित करता रहता है। छोटी छोटी बातों में भी हम उस वस्तु का वर्णन बीच में ले ही आते है। हम अपने लक्ष्य पूर्ति के लिए अपने कार्यों को कुछ चरणों में बाँटते है। फिर उसको धीरे धीरे प्राप्त करता होआ देखते है। मन की वह व्याकुलता हमें निश्चिंत नही बेठने देती। उस वस्तु को प्राप्त करके की मन शांत और खुश होता है। 


7. लखि देखकर

धरि रखकर

पोछि पोंछकर

जानि जानकर

ऊपर लिखें शब्दों और उनके अर्थों को ध्यान से देखो | हिंदी में जिस उद्धेश्य के लिए हम क्रिया में 'कर' जोड़ते हैं, उसी के लिए अवधी में क्रिया में (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे- अवधी में बैठ बैठि + और हिंदी में बैठ कर बैठकर | तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता + है? अपनी भाषा के ऐसे छह शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।

उत्तर:  मेरी भाषा हिंदी खड़ी बोली है।

हिन्दी        भोजपुरी

पीकर = पी के 

सोकर = सो के 

जागकर = जाग के 

रुककर = ठहर कर

रखकर = रख के 

 देखकर = ताक के 


8. "मिट्टी का गहरा अंधकार, डूबा है उसमे एक बीज |" उसमे एक बीज डूबा हुआ है। जब हम किसी बात को कविता में कहते हैं तो वाक्य के शब्दों के क्रम में बदलाव आता है, जैसे "छाँह घरीक है ठाढे " को गद्य में ऐसे लिखा जाता सकता है "छाया में वक घड़ी खड़ा होकर । उदाहरण के आधार पर नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के गद्य के शब्दक्रम में लिखो।

- पुर तें निकसी रघुबीर बधू

- पुट सूखि गए मधुराधर वै॥

- बैठि विलम्ब लो कंटक काढ़े।

-पर्णकुटी करिहौं कित है? 

उत्तर: पुर तें निकसी रघुबीर बधू सीताजी नगर से वन की ओर प्रस्थान किया

पुट सूख गए मधुराधर वै || 

सीताजी के मधुर होंठ सूख गए। 

बैठि बिलम्ब लौं कंटक काढ़े। 

श्रीराम ने कुछ देर बैठकर होने पांवों में से काँटे निकाले । पर्णकुटी करिहों कित है? पर्णकुटी कहां बनाएंगे?


NCERT Solutions Class 6 Hindi Chapter 16 - Free PDF Download

NCERT Solutions Class 6 Chapter 16 PDF is easily downloadable from the website and the app. Our study material is well-structured containing all the important details of the chapter so that students have no difficulty comprehending the chapter. The answers to the questions have been kept compact and to-the-point which helps students to learn and memorize better for their examination.


NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 - “VAN KE MARG MEIN”

Chapter 16 of Class 6 Vasant Hindi is an extract from Tulsidas's work. The chapter is short yet a bit difficult. To make things easier and clearer, our subject experts have developed NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16. This content has been compiled by the teachers who have made sure that the solutions are student-friendly, easy-to-grasp and complete so that the students don’t have to put an extra effort after reading it.


NCERT Solutions For Class 6 Hindi Chapter-wise Mark Weightage 

NCERT Solutions Class 6 Chapter 16 can be easily accessed and downloaded from the internet. Chapter 16 consists of savannas containing four lines from TulsiDas’s work. It is an important chapter from the examination point of view and various long and short questions have been asked every year from this chapter. Our solutions have important references and examples from Hindi Literature about the topic and complete answers to the NCERT based questions from the chapter. Some students find it difficult to read from the book directly but our content is made simple and lucid so that students get hold of the literature content with the utmost ease. This is one of the best tools available for quick and efficient revision of the chapter.


Why are Class 6 Hindi Chapter 16 NCERT Solutions Important?

  • NCERT Solutions for Hindi Class 6 Chapter 16 is easily available on the internet and can be easily accessed just after the download.

  • The solutions provided are easy-to-understand and compact which is an advantage from the examination point of view.

  • CBSE Class 6 Hindi Chapter 16 Solutions have been prepared and compiled by our team of subject experts who have put in their efforts to make the content accurate yet interesting.

  • The content has been prepared in a structure with the aim of better understanding and appropriate application of the knowledge.

  • NCERT Solutions come with key points, accurate content and instances that reduce the effort before the examination and make it a great tool for quick revision.

FAQs on NCERT Solutions For Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 Van Ke Maarg Mein - 2025-26

1. NCERT Solutions के अनुसार, कक्षा 6 हिंदी पाठ 16 'वन के मार्ग में' के दोनों सवैयों का मूल भावार्थ क्या है?

NCERT Solutions के अनुसार, इस पाठ के दोनों सवैयों का भावार्थ इस प्रकार है:

  • पहला सवैया: इसमें अयोध्या से निकलकर वन के मार्ग पर चलते हुए सीता जी की थकान का वर्णन है। कुछ दूर चलने पर ही वह थक जाती हैं, उनके माथे पर पसीना आ जाता है और होंठ सूख जाते हैं। वह श्री राम से पूछती हैं कि अभी और कितना चलना है और पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे। सीता जी की ऐसी व्याकुलता देखकर श्री राम की आँखों में आँसू आ जाते हैं।
  • दूसरा सवैया: इसमें श्री राम और सीता जी के पारस्परिक प्रेम का सुंदर चित्रण है। जब लक्ष्मण पानी लेने जाते हैं, तो राम सीता को थका हुआ देखकर एक पेड़ के नीचे बैठ जाते हैं और बहुत देर तक उनके पैरों से काँटे निकालते हैं। श्री राम का अपने प्रति यह प्रेम देखकर सीता जी का शरीर रोमांचित हो उठता है।

2. 'वन के मार्ग में' पाठ के अभ्यास प्रश्नों के उत्तर लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि पूरे अंक मिलें?

CBSE 2025-26 के दिशानिर्देशों के अनुसार, 'वन के मार्ग में' पाठ के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • संदर्भ प्रस्तुत करना: उत्तर की शुरुआत में कविता और कवि (तुलसीदास) का उल्लेख करें।
  • काव्य पंक्तियों का प्रयोग: अपने उत्तर का समर्थन करने के लिए कविता से प्रासंगिक पंक्तियों का उदाहरण दें।
  • स्पष्ट भाषा: सरल और स्पष्ट भाषा में पात्रों की मनोदशा और भावनाओं (जैसे थकान, प्रेम, चिंता) का वर्णन करें।
  • शब्द सीमा का पालन: प्रश्न के अंकों के अनुसार उत्तर की लंबाई निर्धारित करें।

3. NCERT Solutions के आधार पर, श्री राम ने सीता जी की थकान दूर करने के लिए क्या किया?

NCERT Solutions में दिए गए उत्तरों के अनुसार, जब श्री राम ने देखा कि सीता जी वन के मार्ग पर चलते हुए बहुत थक गई हैं, तो उन्होंने उनकी थकान दूर करने के लिए विश्राम करने का निर्णय लिया। लक्ष्मण जब पानी लेने गए थे, उस दौरान श्री राम एक पेड़ की छाया में बैठ गए और बहुत देर तक धीरजपूर्वक सीता जी के पैरों से काँटे निकालते रहे। उनका मुख्य उद्देश्य सीता जी को आराम करने के लिए पर्याप्त समय देना था, जिससे उनकी थकान कम हो सके।

4. कक्षा 6 हिंदी अध्याय 16 के लिए NCERT Solutions का उपयोग करने का सही तरीका क्या है?

NCERT Solutions का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए, छात्रों को पहले स्वयं अभ्यास के प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए। इसके बाद, वे इन Solutions का उपयोग कर सकते हैं:

  • अपने उत्तरों की सटीकता की जाँच करने के लिए।
  • उत्तर लिखने की सही संरचना और विधि को समझने के लिए।
  • यह जानने के लिए कि किसी प्रश्न के उत्तर में कौन-से महत्वपूर्ण बिंदु शामिल होने चाहिए।
  • कविता के कठिन शब्दों और भावार्थ को बेहतर ढंग से समझने के लिए।

यह तरीका केवल नकल करने के बजाय विषय की गहरी समझ विकसित करने में मदद करता है।

5. 'वन के मार्ग में' कविता में सीता जी का थक जाना क्या उनकी कमजोरी को दर्शाता है? NCERT के दृष्टिकोण से इसका उत्तर कैसे लिखें?

नहीं, सीता जी का थक जाना उनकी कमजोरी को नहीं, बल्कि यात्रा की कठिनाई और उनकी मानवीय प्रकृति को दर्शाता है। एक राजकुमारी होने के नाते, वह ऐसे कठिन मार्गों पर चलने की आदी नहीं थीं। उनका थकना, पसीना आना और व्याकुल होना यह दिखाता है कि उन्होंने श्री राम के लिए कितने बड़े सुख का त्याग किया था। NCERT के दृष्टिकोण से उत्तर लिखते समय, इसे उनकी कमजोरी के बजाय उनके त्याग, प्रेम और दृढ़ संकल्प के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए।

6. तुलसीदास ने इस कविता में सरल और आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग क्यों किया है? इससे भाव को समझने में कैसे मदद मिलती है?

तुलसीदास जी ने 'वन के मार्ग में' कविता में सरल अवधी भाषा का प्रयोग इसलिए किया है ताकि श्री राम और सीता जैसे दिव्य पात्रों की मानवीय भावनाओं को आम लोग भी आसानी से महसूस कर सकें। सरल भाषा का प्रयोग करने से:

  • थकान, चिंता और प्रेम जैसी भावनाएँ अधिक सजीव और relatable लगती हैं।
  • पाठक पात्रों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ पाता है।
  • कविता का संदेश (प्रेम, त्याग और सहिष्णुता) बिना किसी भाषाई बाधा के सीधे पाठकों तक पहुँचता है।

7. पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन करने वाले प्रश्न का सही उत्तर कैसे संरचित करें?

वन के मार्ग का वर्णन करने वाले प्रश्न का उत्तर लिखते समय, इन बिंदुओं को शामिल करना चाहिए:

  • भौतिक कठिनाइयाँ: मार्ग काँटों से भरा और ऊबड़-खाबड़ था।
  • वातावरण: चारों ओर घना जंगल था, जिससे असुरक्षा और अकेलापन महसूस होता था।
  • सुविधाओं का अभाव: रास्ते में भोजन और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी थी।
  • मानसिक प्रभाव: यह मार्ग न केवल शारीरिक रूप से थकाने वाला था, बल्कि मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण था, जैसा कि सीता जी की व्याकुलता से पता चलता है।

इन बिंदुओं को मिलाकर एक सुसंगत पैराग्राफ बनाने से उत्तर पूर्ण और प्रभावी होगा।