NCERT Solutions For Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 Van Ke Maarg Mein - 2025-26
FAQs on NCERT Solutions For Class 6 Hindi Vasant Chapter 16 Van Ke Maarg Mein - 2025-26
1. NCERT Solutions के अनुसार, कक्षा 6 हिंदी पाठ 16 'वन के मार्ग में' के दोनों सवैयों का मूल भावार्थ क्या है?
NCERT Solutions के अनुसार, इस पाठ के दोनों सवैयों का भावार्थ इस प्रकार है:
- पहला सवैया: इसमें अयोध्या से निकलकर वन के मार्ग पर चलते हुए सीता जी की थकान का वर्णन है। कुछ दूर चलने पर ही वह थक जाती हैं, उनके माथे पर पसीना आ जाता है और होंठ सूख जाते हैं। वह श्री राम से पूछती हैं कि अभी और कितना चलना है और पर्णकुटी कहाँ बनाएँगे। सीता जी की ऐसी व्याकुलता देखकर श्री राम की आँखों में आँसू आ जाते हैं।
- दूसरा सवैया: इसमें श्री राम और सीता जी के पारस्परिक प्रेम का सुंदर चित्रण है। जब लक्ष्मण पानी लेने जाते हैं, तो राम सीता को थका हुआ देखकर एक पेड़ के नीचे बैठ जाते हैं और बहुत देर तक उनके पैरों से काँटे निकालते हैं। श्री राम का अपने प्रति यह प्रेम देखकर सीता जी का शरीर रोमांचित हो उठता है।
2. 'वन के मार्ग में' पाठ के अभ्यास प्रश्नों के उत्तर लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि पूरे अंक मिलें?
CBSE 2025-26 के दिशानिर्देशों के अनुसार, 'वन के मार्ग में' पाठ के प्रश्नों के उत्तर लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- संदर्भ प्रस्तुत करना: उत्तर की शुरुआत में कविता और कवि (तुलसीदास) का उल्लेख करें।
- काव्य पंक्तियों का प्रयोग: अपने उत्तर का समर्थन करने के लिए कविता से प्रासंगिक पंक्तियों का उदाहरण दें।
- स्पष्ट भाषा: सरल और स्पष्ट भाषा में पात्रों की मनोदशा और भावनाओं (जैसे थकान, प्रेम, चिंता) का वर्णन करें।
- शब्द सीमा का पालन: प्रश्न के अंकों के अनुसार उत्तर की लंबाई निर्धारित करें।
3. NCERT Solutions के आधार पर, श्री राम ने सीता जी की थकान दूर करने के लिए क्या किया?
NCERT Solutions में दिए गए उत्तरों के अनुसार, जब श्री राम ने देखा कि सीता जी वन के मार्ग पर चलते हुए बहुत थक गई हैं, तो उन्होंने उनकी थकान दूर करने के लिए विश्राम करने का निर्णय लिया। लक्ष्मण जब पानी लेने गए थे, उस दौरान श्री राम एक पेड़ की छाया में बैठ गए और बहुत देर तक धीरजपूर्वक सीता जी के पैरों से काँटे निकालते रहे। उनका मुख्य उद्देश्य सीता जी को आराम करने के लिए पर्याप्त समय देना था, जिससे उनकी थकान कम हो सके।
4. कक्षा 6 हिंदी अध्याय 16 के लिए NCERT Solutions का उपयोग करने का सही तरीका क्या है?
NCERT Solutions का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए, छात्रों को पहले स्वयं अभ्यास के प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए। इसके बाद, वे इन Solutions का उपयोग कर सकते हैं:
- अपने उत्तरों की सटीकता की जाँच करने के लिए।
- उत्तर लिखने की सही संरचना और विधि को समझने के लिए।
- यह जानने के लिए कि किसी प्रश्न के उत्तर में कौन-से महत्वपूर्ण बिंदु शामिल होने चाहिए।
- कविता के कठिन शब्दों और भावार्थ को बेहतर ढंग से समझने के लिए।
यह तरीका केवल नकल करने के बजाय विषय की गहरी समझ विकसित करने में मदद करता है।
5. 'वन के मार्ग में' कविता में सीता जी का थक जाना क्या उनकी कमजोरी को दर्शाता है? NCERT के दृष्टिकोण से इसका उत्तर कैसे लिखें?
नहीं, सीता जी का थक जाना उनकी कमजोरी को नहीं, बल्कि यात्रा की कठिनाई और उनकी मानवीय प्रकृति को दर्शाता है। एक राजकुमारी होने के नाते, वह ऐसे कठिन मार्गों पर चलने की आदी नहीं थीं। उनका थकना, पसीना आना और व्याकुल होना यह दिखाता है कि उन्होंने श्री राम के लिए कितने बड़े सुख का त्याग किया था। NCERT के दृष्टिकोण से उत्तर लिखते समय, इसे उनकी कमजोरी के बजाय उनके त्याग, प्रेम और दृढ़ संकल्प के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए।
6. तुलसीदास ने इस कविता में सरल और आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग क्यों किया है? इससे भाव को समझने में कैसे मदद मिलती है?
तुलसीदास जी ने 'वन के मार्ग में' कविता में सरल अवधी भाषा का प्रयोग इसलिए किया है ताकि श्री राम और सीता जैसे दिव्य पात्रों की मानवीय भावनाओं को आम लोग भी आसानी से महसूस कर सकें। सरल भाषा का प्रयोग करने से:
- थकान, चिंता और प्रेम जैसी भावनाएँ अधिक सजीव और relatable लगती हैं।
- पाठक पात्रों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ पाता है।
- कविता का संदेश (प्रेम, त्याग और सहिष्णुता) बिना किसी भाषाई बाधा के सीधे पाठकों तक पहुँचता है।
7. पाठ के आधार पर वन के मार्ग का वर्णन करने वाले प्रश्न का सही उत्तर कैसे संरचित करें?
वन के मार्ग का वर्णन करने वाले प्रश्न का उत्तर लिखते समय, इन बिंदुओं को शामिल करना चाहिए:
- भौतिक कठिनाइयाँ: मार्ग काँटों से भरा और ऊबड़-खाबड़ था।
- वातावरण: चारों ओर घना जंगल था, जिससे असुरक्षा और अकेलापन महसूस होता था।
- सुविधाओं का अभाव: रास्ते में भोजन और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी थी।
- मानसिक प्रभाव: यह मार्ग न केवल शारीरिक रूप से थकाने वाला था, बल्कि मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण था, जैसा कि सीता जी की व्याकुलता से पता चलता है।
इन बिंदुओं को मिलाकर एक सुसंगत पैराग्राफ बनाने से उत्तर पूर्ण और प्रभावी होगा।



















