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NCERT Solutions for Class 11 Biology In Hindi Chapter 20 Locomotion and Movement

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NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 20 Locomotion and Movement in Hindi PDF Download

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 20 Locomotion and Movement in Hindi PDF Download
2. Access NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 20 - गमन एवं संचलन
3. NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 20 Locomotion and Movement in Hindi


Class:

NCERT Solutions for Class 11

Subject:

Class 11 Biology

Chapter Name:

Chapter 20 - Locomotion and Movement

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

Chapter Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes


NCERT, which stands for The National Council of Educational Research and Training, is responsible for designing and publishing textbooks for all the classes and subjects. NCERT textbooks covered all the topics and are applicable to the Central Board of Secondary Education (CBSE) and various state boards.


We, at Vedantu, offer free NCERT Solutions in English medium and Hindi medium for all the classes as well. Created by subject matter experts, these NCERT Solutions in Hindi are very helpful to the students of all classes.

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Access NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 20 - गमन एवं संचलन

1. कंकाल पेशी के एक सार्कोमियर का चित्र बनाइए और विभिन्न भागों को चिन्हित कीजिए।

उत्तर:  कंकाल पेशी के सार्कोमियर की संरचना:-


(Image will be uploaded soon)


(अ) सार्कोमियर को दर्शाते हुए एक पेशी तंतु की संरचना (ब) एक सार्कोमियर का आरेख 


2. पेशी संकुचन के सप तन्तु सिद्धांत को परिभाषित कीजिए।

उत्तर: हक्सले (Huxley, 1954) ने रेखित पेशी तंतुओं का इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा अध्ययन करके इनमें उपस्थित एक्टिन तथा मायोसिन छड़ों (actin and myosin filaments) का विशिष्ट विन्यास देखा। इस विन्यास को देखते हुए उन्होंने पेशी तन्तु संकुचन का सप तन्तु या छड़ विसर्पण सिद्धान्त (sliding filament theory) दिया।

रेखित पेशियों के संकुचन की क्रियाविधि - रेखित पेशियों में संकुचन तंत्रिका उद्दीपन के फलस्वरूप होता है। एक्टिन बड़े मायोसिन छड़ों के ऊपर फिसलकर इनके भीतर (सामियर के केन्द्र की ओर) प्रवेश कर जाती हैं, जिससे पेशी तन्तु में संकुचन हो जाता है।

पेशी संकुचन का सप तन्तु या छड़ विसर्पण सिद्धान्त - सामान्य अवस्था में सार्कोमियर (sarcomere) में ATP तथा मैग्नीशियम आयन होते हैं; कैल्शियम आयन भी सूक्ष्म मात्रा में होते हैं। एक्टिन बड़े ट्रोपो मायोसिन (tropomyosin) के साथ इस प्रकार जुड़ी रहती हैं कि ये मायोसिन छड़ों के साथ नहीं जुड़ सकते। जब पेशी तन्तु को तन्त्रिका आवेग द्वारा श्री होल्ड उद्दीपन (threshold stimulus) प्राप्त होता है, तब पेशी तन्तु के अन्तर्द्रव्यी जाल (ER) से Ca+ (कैल्शियम आयन) सार्कोमियर में मुक्त हो जाते हैं। ये कैल्शियम आयन ट्रोपो मायोसिन के साथ संयुक्त (bind) हो जाते हैं और एक्टिन बड़े (actin filaments) स्वतन्त्र हो जाती हैं। इसी समय ATP के जल विघटन (hydrolysis) के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। इस ऊर्जा की उपस्थिति में एक्टिने तथा मायोसिन सक्रिय हो जाते हैं और नए सेतु बन्धों (across bridges) की रचना होती है। इसके फलस्वरूप एक्टिन छड़े मायोसिन छड़ों के ऊपर फिसलकर साकमियर के केन्द्र की ओर चली जाती हैं। एक्टिन तथा मायोसिन मिलकर एक्टोमायोसिन (actomyosin) की रचना करते हैं।

इस प्रक्रिया में पेशी तन्तु की लम्बाई कम हो जाती है अर्थात् संकुचित हो जाता है। जब उद्दीपन समाप्त हो जाता है, तब सक्रिय पम्पिंग द्वारा कैल्शियम आयनों को अन्तर्रव्यीय जाल में पंप कर दिया जाता है। ट्रोपो मायोसिन स्वतन्त्र हो जाता है, इससे एक्टिन व मायोसिन के बीच के सेतु बंधन टूट जाते हैं। एक्टिन फिर ट्रोपो मायोसिन के साथ संयुक्त (bind) हो जाता है। पेशी तन्तु वापस अपनी पुरानी लम्बाई में लौट आता है। मृत्यु के पश्चात् ATP के न बनने के कारण Ca+ वापस सार्कोप्लास्मिक जाल में नहीं जा सकते; अतः पेशियाँ सिकुड़ी रह जाती हैं और शरीर अकड़ा रह जाता।


(Image will be uploaded soon)


क्रॉस सेतु के बनने की अवस्था शीर्ष का घूर्णन तथा क्रॉस सेतु का टूटना 

ऊर्जा आपूर्ति (Energy supply) = पेशी संकुचन के लिए ऊर्जा की आपूर्ति ATP द्वारा होती है। पेशियों में ATP का निर्माण ग्लाइकोजन के अपचय (catabolism) के फलस्वरूप होता है।

पेशी संकुचन के समय ATP के जल विघटन (hydrolysis) से ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

ATP→ ADP + Pi + ऊर्जा

पेशियों में एक और उच्च ऊर्जा यौगिक उपस्थित होता है, जिसे क्रिएटिन फॉस्फेट (creatine phosphate-PCr कहते हैं। इसका प्रयोग भी ATP निर्माण में होता है।

ADP + PCr→ATP + Cr

विश्रामावस्था में ATP द्वारा फिर से क्रिएटिन फॉस्फेट का निर्माण हो जाता है।

ATP + Cr→PCr + ADP

इस प्रकार पेशी में क्रिएटिन फॉस्फेट का भण्डार बना रहता है, जो आवश्यकता पड़ने पर ATP प्रदान कर सकता है।


3. पेशी संकुचन के प्रमुख चरणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: पेशी संकुचन का सप तन्तु या छड़ विसर्पण सिद्धान्त:-

सामान्य अवस्था में सार्कोमियर (sarcomere) में ATP तथा मैग्नीशियम आयन होते हैं; कैल्शियम आयन भी सूक्ष्म मात्रा में होते हैं। एक्टिन छड़े ट्रोपो मायोसिन (tropomyosin) के साथ इस प्रकार जुड़ी रहती हैं कि ये मायोसिन छड़ों के साथ नहीं जुड़ सकतीं। जब पेशी तन्तु को तन्त्रिका आवेग द्वारा श्री होल्ड उद्दीपन (threshold stimulus) प्राप्त होता है, तब पेशी तन्तु के अन्तर्द्रव्यी जाल (ER) से Ca+ (कैल्शियम आयन) सार्कोमियर में मुक्त हो जाते हैं। ये कैल्शियम आयन ट्रोपो मायोसिन के साथ संयुक्त (bind) हो जाते हैं और एक्टिन छड़े (actin filaments) स्वतन्त्र हो जाती हैं। इसी समय ATP के जल विघटन (hydrolysis) के फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। इस ऊर्जा की उपस्थिति में एक्टिने तथा मायोसिन सक्रिय हो जाते हैं और नए सेतु बन्धों (across bridges) की रचना होती है। इसके फलस्वरूप एक्टिन छड़े मायोसिन छड़ों के ऊपर फिसलकर साकमियर के केन्द्र की ओर चली जाती हैं। एक्टिन तथा मायोसिन मिलकर एक्टोमायोसिन (actomyosin) की रचना करते हैं।

इस प्रक्रिया में पेशी तन्तु की लम्बाई कम हो जाती है अर्थात् संकुचित हो जाता है। जब उद्दीपन समाप्त हो जाता है, तब सक्रिय पम्पिंग द्वारा कैल्शियम आयनों को अन्तर्रव्यीय जाल में पंप कर दिया जाता है। ट्रोपो मायोसिन स्वतन्त्र हो जाता है, इससे एक्टिन व मायोसिन के बीच के सेतु बंधन टूट जाते हैं। एक्टिन फिर ट्रोपो मायोसिन के साथ संयुक्त (bind) हो जाता है। पेशी तन्तु वापस अपनी पुरानी लम्बाई में लौट आता है। मृत्यु के पश्चात् ATP के न बनने के कारण Ca+ वापस सार्कोप्लास्मिक जाल में नहीं जा सकते; अतः पेशियाँ सिकुड़ी रह जाती हैं और शरीर अकड़ा रह जाता।


4. ‘सही’ या ‘गलत' लिखें:-

(क) एक्टिन पतले तन्तु में स्थित होता है।

उत्तर: सही।


(ख) रेखित पेशी रेशे का H -क्षेत्र मोटे और पतले, दोनों तंतुओं को प्रदर्शित करता है।

उत्तर: गलत।


(ग) मानव कंकाल में 206 अस्थियां होती हैं।

उत्तर: सही।


(घ) मनुष्य में 11 जोड़ी पसलियां होती हैं।

उत्तर: गलत।


(ङ) उरोस्थि शरीर के अधर भाग में स्थित होती है।

उत्तर: सही।


5. इनके बीच अंतर बताइए:-

(क) एक्टिन और मायोसिन ।

उत्तर:  

क्र० सं०

एक्टिन (Actin)

मायोसिन (Myosin)

1.

ये 'T' बैण्ड में पाए जाते हैं और 'A' बैण्ड में भी उभरे रहते हैं।

ये केवल 'A' बैण्ड में पाए जाते हैं।

2.

ये मायोसिन तंतुओं से पतले (लगभग  मोटे) होते हैं।

ये एक्टिन की तुलना में मोटे (लगभग  मोटे)होते हैं। इनकी संख्या अधिक होती है।

3.

प्रत्येक मायोफाइब्रिल में लगभग 300 पेशी तन्तु होते हैं।

प्रत्येक मायोफाइब्रिल में लगभग 1500 मायोसिन तन्तु होते हैं।

4.

इनका अणुभार लगभग 46,000 डाल्टन होता है।

इनका अणुभार लगभग 4,70,000 डाल्टन होता है।

5.

सेतु बन्धन (cross bridge) अनुपस्थित होता है।

सेतु बन्धन (cross bridges) पाए जाते हैं।


(ख) लाल और श्वेत पेशियाँ ।

उत्तर: 

क्र० सं०

लाल पेशी तन्तु (Red Muscle Fibres)

श्वेत पेशीय तन्तु (White Muscle Fibres)

1.

मायोग्लोबिन (myoglobin) पाया जाता है।

मायोग्लोबिन नहीं पाया जाता।

2.

ये पतले, गहरे, लाल रंग के होते हैं।

ये मोटे तथा हल्के रंग के होते हैं।

3.

इनमें ऑक्सी श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा प्राप्त होती है।

इनमें अनॉक्सी श्वसन द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है।

4.

सार्कोप्लास्मिक तालिका कम होती है।

सार्कोप्लास्मिक तालिका अधिक होती है।

5.

रक्त कोशिकाएँ अपेक्षाकृत अधिक संख्या में पाई जाती हैं।

रक्त कोशिकाएँ अपेक्षाकृत कम संख्या में पाई जाती हैं।

6.

लाल पेशियों थकावट महसूस नहीं करतीं।

श्वेत पेशियाँ शीघ्र थकावट महसूस करती हैं।


(ग) अंस और श्रोणि मेखला।

उत्तर: 

क्र० सं०

अंसमेखला (Pectoral Girdle)

श्रोणि मेखला (Pelvic Girdle)

1.

प्रत्येक अर्धांश में स्कैपुला तथा क्लैविकल (scapula and clavicle) अस्थियाँ होती हैं।

प्रत्येक अर्द्धाश में इलियम, इस्चियम और प्यूबिस (ilium, ischium and pubis) अस्थियाँ होती हैं।

2.

चपटे स्कैपुला में ग्लेनाइड (glenoid) गुहा होती है। इसमें अग्रपाद की ह्यूमस का शीर्ष लगा होता है।

उक्त अस्थियों के सन्धि तल पर ऐसीटैबुलम गुहा (acetabulum cavity) होती है। इसमें पश्चपाद की फीमर का शीर्ष लगा होता है।

3.

प्रत्येक क्लैविकल को सामान्यतः जत्रुक (collar bone) कहते हैं।

श्रोणि मेखला के दोनों अर्धांश मिलकर प्यूबिक संलयन (pubic symphysis) बनाते हैं।


6. स्तम्भ I का स्तम्भ II से मिलान करें:-

स्तम्भ-I                      स्तम्भ-II

(i) चिकनी पेशी         (क) मायोग्लोबिन

(ii) ट्रोपो मायोसिन     (ख) पतले तन्तु

(iii) लाल पेशी          (ग) सीवन (suture)

(iv) कपाल               (घ) अनैच्छिक

उत्तर:

(i) (घ)

(ii) (ख)

(iii) (क)

(iv) (ग)


7. मानव शरीर की कोशिकाओं द्वारा प्रदर्शित विभिन्न गतियाँ कौन-सी हैं?

उत्तर: मानव शरीर की कोशिकाओं में मुख्यत: निम्नलिखित तीन प्रकार की गतियाँ होती हैं -

1. अमीबीय या कूटपादी गति (Amoeboid or Pseudopodial Movement) : मानव शरीर में पाई जाने वाली श्वेत रुधिराणु (leucocytes) एवं महा भक्षकाणु (macrophages) कोशिकाएँ कूटपाद द्वारा अमीबा की भाँति गति करती हैं।

2. पक्ष्माभी गति (Ciliary Movement) : स्तनियों (मानव) में शुक्र वाहिनियों, अण्ड वाहिनियों, श्वास नाल में पक्ष्माभी (cilia) पाए जाते हैं। इनकी गति से शुक्र वाहिनियों में शुक्राणु और अंडे वाहिनियों में अंडाणु का परिवहन होता है। श्वास नाल के पक्ष्माभ श्लेष्मा को बाहर की ओर धकेलते हैं।

3. पेशीय गति (Muscular Movement) : हमारे उपांगों (अग्रपाद, पश्चपाद), जबड़ों, जिह्वा, नेत्र पेशियों, आहार नाल, हृदय आदि में पेशीय गति होती है। पेशीय गति में कंकाल, पेशियाँ तथा तन्त्रिकाएँ सम्मिलित होती हैं।

  1. नेत्र गोलक-नेत्र कोटर में अरेखित पेशियों द्वारा गति करता है। आइरिस तथा सिलियरी काय (iris and ciliary body) पेशियाँ नेत्र में जाने वाले प्रकाश की मात्रा का नियमन करती हैं।

  2. हृदय की हृद पेशियाँ तथा रक्त वाहिनियों की अरेखित पेशियाँ रक्त परिसंचरण में सहायक होती हैं।

  3. डायफ्राम तथा पसलियों के मध्य स्थित अरेखित पेशियों के संकुचन एवं शिथिलन के फलस्वरूप श्वास क्रिया (breathing) सम्पन्न होती है।

  4. आहारनाल की पेशियों में क्रमाकुंचन गतियों के कारण भोजन आगे खिसकता है। भोजन की लुगदी (chyme) बनती है।

  5. कंकालीय पेशियाँ (skeletal muscles) कंकाल से जुड़ी होती हैं। प्रचलन एवं अंगों की गति से ये सीधे संबंधित होती हैं। कंकाल या रेखित पेशियों के संकुचन एवं शिथिलन के कारण परिचालन/गति होती है।


8. आप किस प्रकार से एक कंकाल पेशी और हृद पेशी में विभेद करेंगे?

उत्तर: कंकाल (रेखिल): मेशी और हृद पेशी में अंतर:-

क्र० सं०

कंकाल/रेखित पेशियाँ (Striped Muscles)

हृद पेशियाँ (Cardiac Muscles)

1.

पेशी तन्तु सामान्यतः 2 से 4 सेमी लम्बे, 10 - 30 pi  मोटे अशाखित तथा बेलनाकार होते हैं।

पेशी तन्तु लगभग 50 - 100 pi  लम्बे तथा 208 मोटे एवं शाखित होते हैं और शाखाएँ आपस में एक-दूसरे से मिलकर जाल बनाती हैं।

2.

पेशी तन्तु के चारों ओर स्पष्ट सार्कोलेमा (sarcolemma) होता है।

सार्कोलेमा स्पष्ट नहीं होता।

3.

प्रत्येक पेशी तन्तु बहुकेन्द्रीय होता है।

प्रत्येक पेशी तन्तु में एक या दो केन्द्रक होते हैं।

4.

प्रत्येक पेशी तन्तु में अनेक समानान्तर तन्तुक  (myofilaments) होते हैं जिनके बीच-बीच में पेशीद्रव्य (sarcoplasm) होता है।

इसमें भी समान होता है।

5.

प्रत्येक तन्तुक में गहरी तथा हल्की पट्टियाँ (bands) होती हैं।

इसमें भी गहरे तथा हल्के रंग की पट्टियां पाई जाती हैं।

6.

अन्तर्विष्ट पट्टियाँ नहीं पाई जाती।

तन्तुओं के सिरों पर अनुप्रस्थ पट्टियाँ, अन्तर्विष्ट पट्टियाँ (intercalated discs) होती हैं।

7.

रेखित पेशियाँ ऐच्छिक तथा थकने वाली होती हैं।

हृद पेशियाँ अनैच्छिक तथा न थकने वाली होती हैं।


9. निम्नलिखित जोड़ों के प्रकार बताइए:-

(क) एटलस/अक्ष (एक्सिस)

उत्तर: उपास्थिमय संधि |


(ख) अंगूठे के कार्पल्स/मेटाकार्पल

उत्तर: सैडल संधि |


(ग) फैलेंजेज के बीच

उत्तर: कब्जा संधि |


(घ) फीमर/एसिटेबुलम

उत्तर: कंदुक खल्लिका संधि |


(ङ) कपालीय अस्थियों के बीच

उत्तर: सीवन |


(च) श्रोणि मेखला की प्यूबिक अस्थियों के बीच

उत्तर: उपास्थिमय संधि।


10. रिक्त स्थानों में उचित शब्दों को भरिए:-

(क) सभी स्तनधारियों में (कुछ को छोड़कर)………..ग्रीवा कशेरुक होते हैं।

उत्तर: सात।


(ख) प्रत्येक मानव पाद में फैलेंजेज की संख्या………है।

उत्तर: 14 फैलेंजेज।


(ग) मायोफाइब्रिले के पतले तन्तुओं में  एक्टिन और दो अन्य दूसरे प्रोटीन, जैसे……..और…….होते हैं।

उत्तर: ट्रोपोनिन (troponin), ट्रोपो मायोसिन (tropomyosin)।


(घ) पेशी रेशे में कैल्शियम……….में भण्डारित रहता है।

उत्तर: सार्कोप्लास्मिक जालक (sarcoplasmic reticulum)


(च) ……..मनुष्य का कपाल……..अस्थियों से बना होता है।

उत्तर: 11 वीं, 12 वीं।


NCERT Solutions for Class 11 Biology Chapter 20 Locomotion and Movement in Hindi

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