NCERT Solutions For Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 Chandrakant Devtale - 2025-26
FAQs on NCERT Solutions For Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 Chandrakant Devtale - 2025-26
1. NCERT Class 9 Hindi Chapter 16 के समाधान में यमराज की अवधारणा को कैसे समझाएँ?
NCERT समाधान लिखते समय, 'यमराज की दिशा' कविता के संदर्भ में यमराज को पौराणिक कथाओं के अनुसार मृत्यु के देवता के रूप में प्रस्तुत करें। उत्तर में यह स्पष्ट करें कि कवि की माँ की मान्यता के अनुसार, दक्षिण दिशा यमराज का निवास स्थान है और उस दिशा में पैर करके सोना उनका अपमान करना है। यह केवल एक पारंपरिक मान्यता है जिसे कवि ने कविता के माध्यम से आधुनिक जीवन के खतरों से जोड़ा है।
2. कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई? इस प्रश्न का उत्तर CBSE पैटर्न के अनुसार कैसे दें?
इस प्रश्न का उत्तर CBSE पैटर्न के अनुसार लिखने के लिए, इन बिंदुओं को शामिल करें:
- सबसे पहले बताएं कि कवि की माँ ने उन्हें बचपन में ही सिखा दिया था कि दक्षिण दिशा में पैर करके कभी नहीं सोना चाहिए क्योंकि यह यमराज की दिशा है।
- इसके बाद लिखें कि माँ की इस सीख का कवि पर गहरा प्रभाव पड़ा और यह डर उनके मन में बस गया।
- अंत में निष्कर्ष दें कि इसी डर और माँ की सलाह को हमेशा याद रखने के कारण कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी कोई मुश्किल नहीं हुई, क्योंकि वह उस दिशा से हमेशा सचेत रहते थे।
3. 'कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?' इस प्रश्न का NCERT समाधान कैसे लिखें?
इस महत्वपूर्ण प्रश्न के NCERT समाधान के लिए, निम्नलिखित संरचना का पालन करें:
1. प्रतीकात्मक अर्थ: स्पष्ट करें कि यहाँ 'दक्षिण दिशा' का अर्थ केवल भौगोलिक दिशा नहीं है, बल्कि यह शोषण, हिंसा, और विनाश का प्रतीक है।
2. आधुनिक संदर्भ: बताएं कि आज के भौतिकवादी युग में, शोषणकारी ताकतें और विनाशकारी गतिविधियाँ (जैसे आतंकवाद, युद्ध, भ्रष्टाचार) हर जगह मौजूद हैं।
3. निष्कर्ष: कवि का आशय है कि आज जीवन के लिए खतरा किसी एक दिशा से नहीं, बल्कि चारों ओर से है। इसलिए, आज हर दिशा यमराज का घर बन चुकी है, और मृत्यु की आशंका सर्वव्यापी हो गई है।
4. 'यमराज की दिशा' कविता में कवि ने सभ्यता के विकास की खतरनाक दिशा की ओर संकेत किया है। इस भाव को उत्तर में लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इस भाव को स्पष्ट करने के लिए, अपने उत्तर में इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें:
- आलोचनात्मक दृष्टिकोण: यह उल्लेख करें कि कवि आधुनिक सभ्यता की प्रगति को एकतरफा नहीं देखते, बल्कि उसके नकारात्मक परिणामों पर भी प्रकाश डालते हैं।
- उदाहरण: आप पूंजीवादी संस्कृति, हथियारों की होड़, और मानवीय मूल्यों के पतन जैसे उदाहरण देकर अपने तर्क को मज़बूत कर सकते हैं।
- कवि का संदेश: अंत में यह बताएं कि कवि हमें सचेत करना चाहते हैं कि विकास के नाम पर हम ऐसी दिशा में न बढ़ें जहाँ हर तरफ विनाश और अमानवीयता ही हो, जो यमराज की दिशा के समान है।
5. NCERT समाधान लिखते समय, 'यमराज की दिशा' कविता के प्रतीकात्मक अर्थ और शाब्दिक अर्थ में संतुलन कैसे बनाएँ?
एक प्रभावी उत्तर लिखने के लिए संतुलन बनाना आवश्यक है। पहले शाब्दिक अर्थ से शुरुआत करें, जैसे माँ की सीख और दक्षिण दिशा का डर। इसके बाद, उस शाब्दिक अर्थ को आधार बनाकर प्रतीकात्मक अर्थ की व्याख्या करें। बताएं कि कैसे कवि ने 'दक्षिण दिशा' और 'यमराज' जैसे पारंपरिक प्रतीकों का उपयोग आज के समाज की समस्याओं, जैसे भ्रष्टाचार, हिंसा और शोषण को दर्शाने के लिए किया है। इस तरह, आपका उत्तर गहरा और विश्लेषणात्मक बनेगा।
6. Class 9 Hindi Chapter 16 के समाधान लिखते समय छात्र अक्सर क्या गलती करते हैं?
छात्र अक्सर निम्नलिखित गलतियाँ करते हैं:
- शाब्दिक अर्थ तक सीमित रहना: कई छात्र केवल कविता के ऊपरी अर्थ (माँ की सीख, दक्षिण दिशा) को ही लिखते हैं और उसके गहरे, प्रतीकात्मक अर्थ (आधुनिक सभ्यता की आलोचना) को अनदेखा कर देते हैं।
- अप्रासंगिक व्याख्या: कुछ छात्र कविता की व्याख्या को अत्यधिक काल्पनिक या व्यक्तिगत बना देते हैं, जो कवि के मूल संदेश से भटक जाता है।
- अस्पष्ट भाषा: उत्तर में कवि के विचारों को स्पष्ट और सटीक भाषा में प्रस्तुत न कर पाना भी एक आम गलती है। एक अच्छे समाधान के लिए विचारों की स्पष्टता अनिवार्य है।
7. कवि की माँ द्वारा दी गई पारंपरिक सीख और आज के यथार्थ के बीच के विरोधाभास को 'यमराज की दिशा' के समाधान में कैसे प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें?
इस विरोधाभास को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने के लिए, अपने उत्तर को दो भागों में बाँटें।
भाग 1: पारंपरिक सीख: यहाँ बताएं कि माँ की दुनिया में बुराई और खतरा केवल एक दिशा (दक्षिण) तक सीमित था, जिससे बचना संभव था।
भाग 2: आधुनिक यथार्थ: यहाँ कवि के अनुभव का वर्णन करें, जहाँ शोषण और विनाश (यमराज) किसी एक दिशा में नहीं, बल्कि सर्वव्यापी हैं। इस प्रकार, आप यह दर्शा सकते हैं कि जहाँ माँ की सीख एक सरल और सुरक्षित दुनिया का प्रतीक है, वहीं कवि का यथार्थ एक जटिल और खतरनाक दुनिया को उजागर करता है।

































