NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 3 Classification of Elements and Periodicity in Properties In Hindi PDF Download
Download the Class 11 Chemistry NCERT Solutions in Hindi medium and English medium as well offered by the leading e-learning platform Vedantu. If you are a student of Class 11, you have reached the right platform. The NCERT Solutions for Class 11 Chemistry in Hindi provided by us are designed in a simple, straightforward language, which are easy to memorise. You will also be able to download the PDF file for NCERT Solutions for Class 11 Chemistry in Hindi from our website at absolutely free of cost.


NCERT, which stands for The National Council of Educational Research and Training, is responsible for designing and publishing textbooks for all the classes and subjects. NCERT textbooks covered all the topics and are applicable to the Central Board of Secondary Education (CBSE) and various state boards.
We, at Vedantu, offer free NCERT Solutions in English medium and Hindi medium for all the classes as well. Created by subject matter experts, these NCERT Solutions in Hindi are very helpful to the students of all classes.
Note:➤Unlock your dream college possibilities with our NEET College Predictor!
Access NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 3 – तत्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मो में आवर्तिता
1. आवर्त सारणी में व्यवस्था का भौतिक आधार क्या है?
उत्तर: समय की अवधि में वितरण का भौतिक आधार एक ही समूह में समान गुणों (भौतिक-रासायनिक) वाले तत्वों की नियुक्ति है। इन तत्वों की विशेषताएं मुख्य रूप से उनके स्वस्थ इलेक्ट्रॉनिक गोले पर आधारित होती हैं। इस प्रकार तत्वों के परमाणुओं का मान कोश के संघटन के समान ही होता है।
2. मेंडलीव ने किस महत्त्वपूर्ण गुणधर्म को अपनी आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण का आधार बनाया? क्या वे उस पर दृढ़ रह पाए?
उत्तर: मेंडेलीव का मानना है कि परमाणु मात्रा सदस्य वर्गीकरण का आधार है और तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के क्रम में व्यवस्थित किया है। वह सबसे नीचे खड़ा था और उनके परमाणु भार के आधार पर गुणों की भविष्यवाणी करता था जिससे उस समय के तत्व अज्ञात हो जाते थे। जब इन कारणों को जाना जाता है तो उनकी भविष्यवाणी सही होती है।
3. मेंडलीव के आवर्त नियम और आधुनिक आवर्त नियम में मौलिक अन्तर क्या है?
उत्तर: मेंडेलीव का वर्तमान कानून तत्वों की परमाणु संख्या पर आधारित है और वर्तमान कानून तत्वों की परमाणु संख्या पर आधारित है। अतः मौलिक परिवर्तन वर्गीकरण का आधार है।
4. क्वाण्टम संख्याओं के आधार पर यह सिद्ध कीजिए कि आवर्त सारणी के छठवें आवर्त में 32 तत्व होने चाहिए।
उत्तर: आवर्त सारणी के दीर्घ रूप में प्रत्येक आवर्त एक नई कक्षा के भरने से प्रारम्भ होता है। छठवाँ आवर्त(मुख्य क्वाण्टम संख्या
इस प्रकार, उपकक्षाएँ
5. आवर्त और वर्ग के पदों में यह बताइए कि
उत्तर:
या
यह स्पष्ट है कि दिया तत्त्व एक सामान्य तत्त्व है तथा आवर्त सारणी के
6. उस तत्व का परमाणु क्रमांक लिखिए, जो आवर्त सारणी में तीसरे आवर्त और
उत्तर: तीसरे आवर्त में केवल
7. कौन-से तत्व का नाम निम्नलिखित द्वारा दिया गया है?
(i) लॉरेन्स बर्कले प्रयोगशाला द्वारा
उत्तर: लॉरेन्सियम (Lawrencium) (
(ii) सी बोर्ग समूह द्वारा।
उत्तर: सीबोर्गीयम (Seaborgium) (
8. एक ही वर्ग में उपस्थित तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुणधर्म समान क्यों होते हैं?
उत्तर: एक ही वर्ग में विद्यमान तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होते हैं अर्थात् उनकी संयोजी कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है। इसी कारण से एक ही वर्ग में विद्यमान तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
9. परमाणु त्रिज्या’ और ‘आयनिक त्रिज्या से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: परमाणु त्रिज्या से तात्पर्य परमाणु का आकार है, जो परमाणु के नाभिक के केन्द्र से बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉन की दूरी के बराबर मानी जाती है। किसी आयन की ‘आयनिक त्रिज्या’ उसके नाभिक तथा उस बिन्दु के मध्य की दूरी को माना जाता है जिस पर नाभिक का प्रभाव आयन के इलेक्ट्रॉन मेघ पर प्रभावी होता है।
10. किसी वर्ग या आवर्त में परमाणु त्रिज्या किस प्रकार परिवर्तित होती है? इस परिवर्तन की व्याख्या आप किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:आवर्त में परमाणु त्रिज्याएँ (Atomic Radii in Periods) किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर परमाणु त्रिज्याएँ नियमित क्रम में क्षार धातु से हैलोजेन तक घटती हैं; क्योंकि नाभिकीय आवेश बढ़ने के साथ-साथ बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉनों की संख्या में भी वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। इस कारण इनकी नाभिक व बाह्यतमं कोशों के बीच की दूरी क्रमशः घटती है; अत: परमाणु त्रिज्या घटती है। (यह ध्यान देने योग्य है कि यहाँ उत्कृष्ट गैसों की परमाणु त्रिज्या पर विचार नहीं किया जा रहा है। एकल परमाणु होने के कारण उनकी आबन्धित त्रिज्या बहुत अधिक है। इसलिए उत्कृष्ट गैसों की तुलना दूसरे तत्वों की सहसंयोजक त्रिज्या से न करके वाण्डरवाल्स त्रिज्या से करते हैं।)
कुछ तत्वों के लिए परमाणु त्रिज्या का मान निम्नांकित सारणी
सारणी -1 : आवर्त में परमाणु त्रिज्या के मान ( पिकोमीटर,pm म (value of atomic radii in period (in pm)) | |
परमाणु ( आवर्त II) | |
परमाणु त्रिज्या | |
परमाणु ( आवर्त III) | |
परमाणु त्रिज्या |
द्वितीय आवर्त में परमाणु त्रिज्या में परमाणु क्रमांक के साथ परिवर्तन चित्र-

वर्ग में परमाणु त्रिज्याएँ (Atomic radii in Groups)
किसी वर्ग में ऊपर से नीचे चलने पर परमाणु त्रिज्याएँ बढ़ती हैं; क्योंकि जैसे-जैसे नाभिकीय आवेश बढ़ता है, इलेक्ट्रॉनिक कोशों की संख्या बढ़ती जाती है, फलस्वरूप बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने की क्षमता घटती है; अत: परमाणु त्रिज्या बढ़ती है।
निम्नांकित सारणी
सारणी -2: वर्ग में त्रिज्या का मान ( पिकोमीटर, pm में ) (values of atomic radii in group ( in pm)) | |||
परमाणु ( वर्ग | परमाणु त्रिज्या | परमाणु ( वर्ग | परमाणु त्रिज्या |
वर्ग में परमाणु क्रमांकों के साथ क्षार धातुओं तथा हैलोजेनों की परमाणु त्रिज्याओं में परिवर्तन

11. समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज से आप क्या समझते हैं? एक ऐसी स्पीशीज का नाम लिखिए, जो निम्नलिखित परमाणुओं या आयनों के साथ समइलेक्ट्रॉनिक होगी-
उत्तर: वे स्पीशीज (विभिन्न तत्त्वों के आयन या परमाणु) जिनमें इलेक्ट्रॉनों की संख्या समने होती है। लेकिन नाभिकीय आवेश भिन्न होता है, समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज कहलाती हैं।
(i)
उत्तर:
(ii)
उत्तर :
(iii)
उत्तर:
(iv)
उत्तर:
12. निम्नलिखित स्पीशीज पर विचार कीजिए- –
(क) इनमें क्या समानता है? |
उत्तर: दी गई प्रत्येक स्पीशीज में
(ख) इन्हें आयनिक त्रिज्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर: समइलेक्ट्रॉनिक आयनों की आयनिक त्रिज्या, परमाणु आवेश के बढ़ने के साथ घटती है। दी।
गई स्पीशीज के परमाणु आवेश निम्नवत् हैं-
अत: इनका परमाणु त्रिज्याओं का बढ़ता क्रम निम्नवत् है-
आयनिक त्रिज्या बढ़ती है
13. धनायन अपने जनक परमाणुओं से छोटे क्यों होते हैं और ऋणायनों की त्रिज्या उनके जनक परमाणुओं की त्रिज्या से अधिक क्यों होती है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: जनक परमाणुओं से एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों के निकलने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है। इस प्रकार बचे हुए इलेक्ट्रॉन अधिक नाभिकीय आकर्षण का अनुभव करते हैं। परिणामस्वरूप त्रिज्या घटती है। इसी कारण धनायन की त्रिज्या उनके जनक परमाणु से छोटी होती है। दूसरी ओर, जनके परमाणुओं में एक या अधिक इलेक्ट्रॉन बढ़ने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता है। इस प्रकार, इलेक्ट्रॉन कम नाभिकीय आकर्षण या खिंचाव अनुभव करते हैं। परिणामस्वरूप त्रिज्या बढ़ती है। इसी कारण से ऋणायनों की त्रिज्या उनके जनक परमाणुओं की त्रिज्या से अधिक होती है।
14. आयनन एन्थैल्पी और इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी को परिभाषित करने में विलगित गैसीय परमाणु तथा ‘आद्य अवस्था पदों की सार्थकता क्या है?
उत्तर: किसी परमाणु के नाभिक द्वारा उसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों पर आरोपित बल काफी मात्रा में अणु में उपस्थित अन्य परमाणुओं तथा पड़ौसी परमाणुओं की उपस्थिति पर निर्भर करता है। चूंकि इस बल का परिमाण आयनन एन्थैल्पी तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी के मानों को निर्धारित करता है, अतः इन्हें विलगित परमाणुओं के लिए परिभाषित करना आवश्यक है। एक अकेले परमाणु को विलगित करना सम्भव नहीं है। चूंकि गैसीय अवस्था में परमाणु (या अणु) काफी अलग होते हैं, आयनन एन्थैल्पी तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी गैसीय परमाणुओं के लिए परिभाषित की जाती है तथा यह माना जाता है कि वे विलगित हैं। इसके अतिरिक्त आद्य अवस्था (ground state) निम्नतम ऊर्जा की अवस्था अर्थात् सबसे अधिक स्थाई अवस्था को निर्देशित करती है। यदि परमाणु उत्तेजित अवस्था में है, तो इसकी ऊर्जा का एक निश्चित मान होगा और इस अवस्था में आयनन एन्थैल्पी तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी के मान भिन्न होंगे। अतः आयनन एन्थैल्पी तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी को परिभाषित करते समय एक गैसीय परमाणु को आद्य अवस्था में स्थित होना आवश्यक है।
15. हाइड्रोजन परमाणु में आद्य अवस्था में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा
उत्तर: हाइड्रोजन परमाणु की आद्य अवस्था से इलेक्ट्रॉन निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा
परमाणविक हाइड्रोजन की आयनन एन्थैल्पी
16. द्वितीय आवर्त के तत्वों में वास्तविक आयनन एन्थैल्पी का क्रम इस प्रकार है
(i)
उत्तर:
बोरॉन (B) में, इसके एक
जब हम एक ही मुख्य क्वाण्टम ऊर्जा स्तर पर विचार करते हैं तो
(ii)
उत्तर: नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नांकित प्रकार हैं या
स्पष्ट है कि नाइट्रोजन में तीनों बाह्यतम 2p-इलेक्ट्रॉन विभिन्न
17. आप इस तथ्य की व्याख्या किस प्रकार करेंगे कि सोडियम की प्रथम आयनन एन्थैल्पी मैग्नीशियम की प्रथम आयनन एन्थैल्पी से कम है, किन्तु इसकी द्वितीय आयनन एन्थैल्पी मैग्नीशियम की द्वितीय आयनन एन्थैल्पी से अधिक है?
उत्तर:
चूँकि सोडियम (
प्रथम इलेक्ट्रॉन निकलने के बाद, सोडियम
18. मुख्य समूह तत्वों में आयनन एन्थैल्पी के किसी समूह में नीचे की ओर कम होने के कौन-से कारक हैं?
उत्तर: मुख्य समूह तत्वों में आयनन एन्थैल्पी के किसी समूह में नीचे की ओर कम होने के विभिन्न कारक निम्नलिखित हैं-
1. समूह में नीचे जाने पर नाभिकीय आवेश बढ़ता है।
2. समूह में नीचे जाने पर प्रत्येक तत्व में नए कोश जुड़ जाने के कारण परमाणु आकार बढ़ जाते ।
3. समूह में नीचे जाने पर आन्तरिक इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है। इससे बाह्यतम इलेक्ट्रॉनों पर आवरण-प्रभाव घट जाता है।
परमाणु आकार में वृद्धि तथा आवरण-प्रभाव का संयुक्त प्रभाव नाभिकीय आवेश में वृद्धि के प्रभाव से अधिक हो जाता है। ये प्रभाव इस प्रकार कार्य करते हैं कि नाभिक तथा बाह्यतम इलेक्ट्रॉनों के मध्य आकर्षण बल कम हो जाता है। परिणामस्वरूप समूह में नीचे जाने पर आयनन एन्थैल्पी कम हो जाती है।
19. वर्ग
सामान्य से इस विचलन की प्रवर्ति की व्याख्या आप किस प्रकार करेंगे ?
उत्तर: सामान्य परम्परा के अनुसार वर्ग
20. तत्वों के निम्नलिखित युग्मों में किस तत्व की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी अधिक ऋणात्मक होगी?
(i)
उत्तर:
(ii)
उत्तर:
21. आप क्या सोचते हैं कि
उत्तर: ऑक्सीजन (
और अधिक इलेक्ट्रॉन के जुड़ने के लिए ऊर्जा का अवशोषण आवश्यक है।
इसका कारण यह है कि ऋण आवेशित
22. इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी और इलेक्ट्रॉन ऋणात्मकता में क्या मूल अन्तर है?
उत्तर: इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी किसी विलगित गैसीय परमाणु की एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति को संदर्भित करती है, जबकि विद्युत ऋणात्मकता किसी परमाणु के द्वारा सहसंयोजक बध में साझे के युग्मित इलेक्ट्रॉन को अपनी ओर खींचने की प्रवृत्ति है। इस प्रकार ये दोनों गुण एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं, जबकि दोनों एक परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन को आकर्षित करने की प्रवृत्ति को संदर्भित करते हैं।
23. सभी नाइट्रोजन यौगिकों में
उत्तर: यह कथन विवादास्पद है क्योंकि एक परमाणु की विद्युत ऋणात्मकता उसके सभी यौगिकों में स्थिर नहीं होती है। यह संकरण अवस्था तथा ऑक्सीकरण अवस्था के साथ बदलती है। उदाहरण के लिए,
24. उस सिद्धान्त का वर्णन कीजिए, जो परमाणु की त्रिज्या से सम्बन्धित होता है,
(i) जब वह इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
उत्तर: जब परमाणु एक या अधिक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है, तब ऋणायन बनता है। परमाणु के ऋणायन में परिवर्तन के दौरान एक या अधिक इलेक्ट्रॉन परमाणु के संयोजी कोश से जुड़ जाते हैं। नाभिकीय आवेश जनक परमाणु के समान ही रहता है। संयोजी कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या में वृद्धि, इलेक्ट्रॉनों द्वारा परस्परीय परिरक्षण की अधिकता के कारण, प्रभावी नाभिकीय आवेश को कम कर देती है। परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉन-मेघ विस्तृत हो जाता है अर्थात् आयनिक त्रिज्या बढ़ जाती है।
(ii) जब वह इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है।
उत्तर: जब परमाणु एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों का त्याग करता है, तब धनायन बनता है। इस प्रकार प्राप्त धनायन सदैव अपने जनक परमाणु से आकार में छोटा होता है। ऐसा निम्नलिखित कारणों से हो सकता है-
- संयोजी कोश के विलोपन द्वारा (
- प्रभावी नाभिकीय आवेश में वृद्धि के द्वारा (
25. किसी तत्व के दो समस्थानिकों की प्रथम आयनन एन्थैल्पी समान होगी या भिन्न? आप क्या मानते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर: एक तत्त्व के समस्थानिकों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या, परमाणु नाभिकीय आवेश तथा आकार समान होता है। इसलिए इनकी प्रथम आयनन एन्थैल्पी के मान समान होते हैं।
26. धातुओं और अधातुओं में मुख्य अन्तर क्या है?
उत्तर: धातुएँ विद्युत धनात्मक तत्त्व हैं तथा एक या अधिक संयोजी इलेक्ट्रॉनों को त्यागकर धनायनों का निर्माण करती हैं। ये एक अपचायक के रूप में कार्य करती हैं तथा इनकी आयनन एन्थैल्पी, इलेक्ट्रॉनिक लब्धि एन्थैल्पी तथा विद्युत ऋणात्मकता का मान कम होता है। ये बेसिक ऑक्साइड्स बनाती हैं। दूसरी तरफ, अधातुएँ विद्युत ऋणात्मक तत्त्व हैं तथा अपने संयोजी कक्ष में एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति दर्शाती हैं। ये ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करती हैं। इनकी आयनन एन्थैल्पी, इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी तथा विद्युत ऋणात्मकता के मान अधिक होते हैं। ये अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं।
27. आवर्त सारणी का उपयोग करते हुए निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) उस तंव का नाम बताइए जिसके बाह्य उप-कोश में पाँच इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों।
उत्तर:
(ख) उस तत्व का नाम बताइए जिसकी प्रवृत्ति दो इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की हो।
उत्तर:
(ग) उस तत्व का नाम बताइए जिसकी प्रवृत्ति दो इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त करने की हो।
उत्तर:
(घ) उस वर्ग का नाम बताइए जिसमें सामान्य ताप पर धातु, अधातु, द्रव और गैस उपस्थित हों।
उत्तर: द्रव धातुएँ :
द्रव अधातुएँ ब्रोमीन (वर्ग
28. प्रथम वर्ग के तत्वों के लिए अभिक्रियाशीलता का बढ़ता हुआ क्रम इस प्रकार है
इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर: वर्ग
29.
उत्तर:
(i)
(ii)
(iii)
(iv)
30. तत्व, जिसका बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित है, का स्थान आवर्त सारणी में बताइए-
(i)
उत्तर: दिया गया तत्त्व तीसरे आवर्त (
∴ वर्ग की संख्या
इस प्रकार, यह तत्त्व तीसरे आवर्त तथा वर्ग 16 में स्थित है। यह सल्फर (S) है।
(ii)
उत्तर: दिया गया तत्त्व चौथे आवर्त (
∴ वर्ग की संख्या
इस प्रकार यह तत्त्व चौथे आवर्त तथा समूह
(iii)
उत्तर: दिया गया तत्त्व छठवें आवर्त में स्थित है। यह एक f-ब्लॉक तत्त्व है क्योंकि विभेदी इलेक्ट्रॉन (
31. कुछ तत्वों की प्रथम ∆iH1 और द्वितीय ∆iH2 आयनन एन्थैल्पी (kJ mol-1 में) और इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी (∆egH) (kJ mol-1 में) निम्नलिखित है-
तत्व ∆iH1 ∆iH2 ∆egH
(क) सबसे कम अभिक्रियाशील धातु है?
उत्तर: तत्त्व
(ख) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु है?
उत्तर: तत्त्व
(ग) सबसे अधिक अभिक्रियाशील अधातु है?
उत्तर: तत्त्व
(घ) सबसे कम अभिक्रियाशील अधातु है?
उत्तर: तत्त्व
(ङ) ऐसी धातु है, जो स्थायी द्विअंगी हैलाइड (
उत्तर: तत्त्व
(च) ऐसी धातु, जो मुख्यतः
उत्तर: तत्त्व
32. तत्वों के निम्नलिखित युग्मों के संयोजन से बने स्थायी द्विअंगी यौगिकों के सूत्रों की प्रगुक्ति कीजिए-
(क) लीथियम और ऑक्सीजन
उत्तर: लीथियम की संयोजकता (
(ख) मैग्नीशियम और नाइट्रोजन
उत्तर: मैग्नीशियम ((
संयोजकता
(ग) ऐलुमिनियम और आयोडीन
उत्तर: ऐलुमिनियम ((
(घ) सिलिकन और ऑक्सीजन
उत्तर: सिलिकॉन (
(ङ) फॉस्फोरस और फ्लुओरीन
उत्तर: फॉस्फोरस ((
(च) 71वाँ तत्व और फ्लुओरीन
उत्तर: तत्त्व जिसका परमाणु क्रमांक
33. आधुनिक आवर्त सारणी में आवर्त निम्नलिखित में से किसको व्यक्त करता है?
(क) परमाणु संख्या
(ख) परमाणु द्रव्यमान
(ग) मुख्य क्वाण्टम संख्या
(घ) दिगंशी क्वाण्टम संख्या
उत्तर: (ग) मुख्य क्वाण्टम संख्या
आधुनिक आवर्त सारणी में, प्रत्येक आवर्त एक नवीन कक्ष के भरने के साथ प्रारम्भ होता है।
34. आधुनिक आवर्त सारणी के लिए निम्नलिखित के सन्दर्भ में कौन-सा कथन सही नहीं है।
(क)
(ख)
(ग) प्रत्येक ब्लॉक में स्तम्भों की संख्या उस उपकोश में भरे जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है।
(घ) तत्व के इलेक्ट्रॉन विन्यास को भरते समय अन्तिम भरे जाने वाले इलेक्ट्रॉन को उपकोश उसके दिगंशी क्वाण्टम संख्या को प्रदर्शित करता है।
उत्तर: कथन (ख) असत्य है।
35. ऐसा कारक, जो संयोजकता इलेक्ट्रॉन को प्रभावित करता है, उस तत्व की रासायनिक , प्रवृत्ति भी प्रभावित करता है। निम्नलिखित में से कौन-सा कारक संयोजकता कोश को
प्रभावित नहीं करता?
(क) संयोजक मुख्य क्वाण्टम संख्या (
(ख) नाभिकीय आवेश (
(ग) नाभिकीय द्रव्यमान
(घ) क्रोड इलेक्ट्रॉनों की संख्या
उत्तर: नाभिकीय द्रव्यमान। नाभिकीय द्रव्यमान संयोजकता कोश को प्रभावित नहीं करता है।
36. समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज
(क) नाभिकीय आवेश (
(ख) मुख्य क्वाण्टम संख्या (
(ग) बाह्य कक्षकों में इलेक्ट्रॉन-इलेक्ट्रॉन अन्योन्यक्रिया
(घ) ऊपर दिए गए कारणों में से कोई भी नहीं, क्योंकि उनका आकार समान है।
उत्तर: नाभिकीय आवेश। समइलेक्ट्रॉनिक आयनों की त्रिज्या नाभिकीय आवेश के बढ़ने पर घटती है। दी गई समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज में विभिन्न नाभिकीय आवेश हैं और इस प्रकार उनके आकार भिन्न हैं। इनका आकार निम्न क्रम में घटता है-
37. आयनन एन्थैल्पी के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा असत्य/गलत है?
(क) प्रत्येक उत्तरोत्तर इलेक्ट्रॉन से आयनन एन्थैल्पी बढ़ती है।
(ख) क्रोड उत्कृष्ट गैस के विन्यास से जब इलेक्ट्रॉन को निकाला जाता है, तब आयनन एन्थैल्पी का मान अत्यधिक होता है।
(ग) आयनन एन्थैल्पी के मान में अत्यधिक तीव्र वृद्धि संयोजकता इलेक्ट्रॉनों के विलोपन को व्यक्त करती है।
(घ) कम मान वाले कक्षकों से अधिक
उत्तर: कथन (घ) असत्य है। अधिक » मान वाले कक्षकों से इलेक्ट्रॉनों को आसानी से निकाला जा सकता है, क्योंकि निकलने वाला इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होता है।
38.
(क)
(ख)
(ग)
(घ)
उत्तर: (घ)
यह क्रम इसलिए सही है क्योंकि धात्विक गुण आवर्त में आगे बढ़ने पर घटता है। इसलिए,
39. तत्वों
(क)
(ख)
(ग)
(घ)
उत्तर: (ग)
यह इसलिए है क्योकि अधातु अभिलक्षण एक आवर्त में बायें से । दायें ओर जाने पर बढ़ते हैं तथा वर्ग में नीचे जाने पर घटते हैं।
40. तत्वों
(क)
(ख)
(ग)
(घ)
उत्तर: (ख)
तत्त्वों का ऑक्सीकारक गुणधर्म एक आवर्त में बायें से दायें चलने पर बढ़ता है तथा वर्ग में नीचे जाने पर घटता है। ऑक्सीजन
41.
उत्तर: एक तत्व के लिए परमाणु संख्या का मान स्थिर होता है लेकिन द्रव्यमान संख्या का मान तत्व के समस्थानिक प्रकृति पर निर्भर करता है। अतः द्रव्यमान संख्या को प्रतिक के साथ दर्शाना आवश्यक हो जाता है। परम्परा के अनुसार तत्व के प्रतिक में द्रव्यमान संख्या को ऊपर बांये एवं परमाणु संख्या को नीचे बांये ओर इस प्रकार लिखा जाता है –
NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 3 Classification of Elements and Periodicity in Properties in Hindi
Chapter-wise NCERT Solutions are provided everywhere on the internet with an aim to help the students to gain a comprehensive understanding. Class 11 Chemistry Chapter 3 solution Hindi mediums are created by our in-house experts keeping the understanding ability of all types of candidates in mind. NCERT textbooks and solutions are built to give a strong foundation to every concept. These NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 3 in Hindi ensure a smooth understanding of all the concepts including the advanced concepts covered in the textbook.
NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 3 in Hindi medium PDF download are easily available on our official website (vedantu.com). Upon visiting the website, you have to register on the website with your phone number and email address. Then you will be able to download all the study materials of your preference in a click. You can also download the Class 11 Chemistry Classification of Elements and Periodicity in Properties solution Hindi medium from Vedantu app as well by following the similar procedures, but you have to download the app from Google play store before doing that.
NCERT Solutions in Hindi medium have been created keeping those students in mind who are studying in a Hindi medium school. These NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Classification of Elements and Periodicity in Properties in Hindi medium pdf download have innumerable benefits as these are created in simple and easy-to-understand language. The best feature of these solutions is a free download option. Students of Class 11 can download these solutions at any time as per their convenience for self-study purpose.
These solutions are nothing but a compilation of all the answers to the questions of the textbook exercises. The answers/ solutions are given in a stepwise format and very well researched by the subject matter experts who have relevant experience in this field. Relevant diagrams, graphs, illustrations are provided along with the answers wherever required. In nutshell, NCERT Solutions for Class 11 Chemistry in Hindi come really handy in exam preparation and quick revision as well prior to the final examinations.











