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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Malhar Chapter 5 Rahim Ke Dohe

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NCERT Solutions for Class 6 Chapter 5 Hindi - FREE PDF Download

Vedantu provides NCERT Solutions for Class 6 Hindi Malhar Chapter 5, which explores the profound and timeless wisdom encapsulated in the couplets (dohe) of the renowned poet and saint, Rahim. Known for his insightful and reflective poetry, Rahim’s dohe offers valuable lessons on morality, life, and human nature. In this chapter, students will learn the meanings and interpretations of Rahim’s couplets, which convey deep philosophical thoughts and practical advice in a concise and poetic form.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 6 Chapter 5 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 5 - Rahim Ke Dohe
3. Access NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe
    3.1पाठ से
    3.2मिलकर करें मिलान
    3.3पंक्तियों पर चर्चा
    3.4सोच-विचार के लिए
    3.5शब्दों की बात
    3.6शब्द एक अर्थ अनेक
    3.7पाठ से आगे
    3.8आज की पहेली
    3.9खोजबीन के लिए
4. Benefits of NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe
5. Important Study Material Links for Hindi Chapter 5 Class 6 - Rahim Ke Dohe
6. Conclusion
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi - Malhar
8. Related Important Links for Hindi Class 6
FAQs


Our solutions for Class 6 Hindi NCERT Solutions PDF breaks down the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 6 Chapter 5.


Glance on Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 5 - Rahim Ke Dohe

  • Chapter 5, "Rahim Ke Dohe," introduces students to the poetic couplets of Rahim, a prominent figure in Hindi literature known for his insightful and moralistic poetry. 

  • Rahim's dohe are short, yet profound verses that reflect his deep understanding of life, ethics, and human nature.

  • The chapter begins with an introduction to Rahim, explaining his significance as a poet and philosopher.

  • It highlights his contributions to Hindi literature and the moral values expressed in his poetry.

  • The core of the chapter revolves around the dohe (couplets) written by Rahim. Each doha is presented with its text and followed by an explanation of its meaning. 

  • These couplets offer practical wisdom and reflect Rahim's perspective on various aspects of life.

  • The chapter discusses the central themes of Rahim’s dohe, such as humility, wisdom, the value of time, and the importance of learning from experience. 

  • It emphasises how these teachings are relevant in everyday life and can guide individuals in their personal growth.

Access NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सबसे सही (सटीक) उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (★) बनाइए—

प्रश्न 1.
“रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल। आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल।” दोहे का भाव है-

  • सोच-समझकर बोलना चाहिए।

  • मधुर वाणी में बोलना चाहिए।

  • धीरे – धीरे बोलना चाहिए।

  • सदा सच बोलना चाहिए।

उत्तर: सोच-समझकर बोलना चाहिए।


प्रश्न 2.
“रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि । जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि।” इस दोहे का भाव क्या है?

  • तलवार सुई से बड़ी होती है।

  • सुई का काम तलवार नहीं कर सकती।

  • तलवार का महत्व सुई से ज्यादा है।

  • हर छोटी-बड़ी चीज़ का अपना महत्व होता है।

उत्तर: हर छोटी-बड़ी चीज़ का अपना महत्व होता है।


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने यही उत्तर क्यों चुने?
उत्तर:

  • सोच-समझकर बोलना चाहिए ताकि बाद में पछतावा न पड़े।

  • हर छोटी-बड़ी चीज़ का अपना महत्व होता है अर्थात किसी को उसके रूप, आकार या आर्थिक स्थिति से नहीं आंकना चाहिए क्योंकि प्रत्येक का अपनी-अपनी जगह महत्व होता है।


मिलकर करें मिलान

पाठ में से कुछ दोहे स्तंभ 1 में दिए गए हैं और उनके भाव स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर सही भाव से मिलान कीजिए।


पाठ में से कुछ दोहे स्तंभ 1 में दिए गए हैं और उनके भाव स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर सही भाव से मिलान कीजिए।


उत्तर:
1. → 3
2. → 2
3. → 1


पंक्तियों पर चर्चा

नीच दिए गए दोहों पर समूह में चर्चा कीजिए और उनके अर्थ या भावार्थ अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए –

(क) “रहिमन बिपदाहू भली, जो थोरे दिन होय ।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय। ”
उत्तर: रहीमदास का मानना है कि थोड़े दिन की विपदा भी भली होती है जो हमें यह बता देती है कि संसार में कौन हमारा हितैषी है और कौन अहितैषी अर्थात कौन हमारा मुश्किल में साथ देने वाला है और कौन नहीं।


(ख) “रहिमन जिह्वा बावरी, कहि गइ सरग पताल।
आपु तो कहि भीतर रही, जूती खात कपाल।”
उत्तर: रहीमदास का कहना है कि हमारी जीभ बिलकुल बावरी अर्थात पागल जैसी होती है । यह कई बार ऐसा कुछ बोल देती है कि दिमाग को जूते खाने पड़ते हैं अर्थात मनुष्य को पछताना पड़ता है।


सोच-विचार के लिए

दोहों को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

प्रश्न 1.
“रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।”

(क) इस दोहे में ‘मिले’ के स्थान पर ‘जुड़े’ और ‘छिटकाय’ के स्थान पर ‘चटकाय’ शब्द का प्रयोग भी लोक में प्रचलित है। जैसे—
“रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाय ।”
इसी प्रकार पहले दोहे में ‘डारि’ के स्थान पर ‘डार’, ‘तलवार’ के स्थान पर ‘तरवार’ और चौथे दोहे में ‘’मानुष’ के स्थान पर ‘मानस’ का उपयोग भी प्रचलित हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर: डारि के स्थान पर डार तलवारि के स्थान पर तलवार मानुष के स्थान पर मानस आदि शब्दों का प्रयोग थोडी-सी दूरी पर बोली बदल जाने के कारण होता है।


(ख) इस दोहे में प्रेम के उदाहरण में धागे का प्रयोग ही क्यों किया गया है? क्या आप धागे के स्थान पर कोई अन्य उदाहरण सुझा सकते हैं? अपने सुझाव का कारण भी बताइए।
उत्तर: कवि ने प्रेम के टूटने को धागे द्वारा दर्शाया है कि जिस प्रकार धागा एक बार टूट जाए तो उसे जोड़ने के लिए गाँठ लगानी पड़ती है। ऐसे ही प्रेम संबंधों में दरार आ जाए तो भले ही उन्हें फिर से जोड़ लिया जाए परंतु मन-मुटाव रह ही जाता है। इसे हम अन्य उदाहरणों द्वारा भी समझ सकते है जैसे-

  1. नदी के जल से एक लोटा पानी ले लिया जाए तो उन्हें दोबारा नदी में मिलाया तो जा सकता है परंतु उसे उसकी सहोदर (मित्र) बूँदों से नहीं मिलाया जा सकता। ऐसे ही किसी से संबंध अगर टूट जाए तो दोबारा वैसे नहीं बन पाते।

  2. एक टूटे हुए लकड़ी के डंडे को प्रयत्न करके सिल भी लिया जाए तो हम पहले की भाँति उसका प्रयोग नहीं कर सकते। हर बार ध्यान से प्रयोग करना पड़ता है।

  3. एक कीमती कपड़े के फट जाने पर उसे कितना भी सिल लिया जाए लेकिन मन में उसका फटा होना खटकता ही रहता है।


प्रश्न 2.
“तरुवर फल नहिं खात हैं, सरवर पियहिँ न पान ।
कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान।”
इस दोहे में प्रकृति के माध्यम से मनुष्य के किस मानवीय गुण की बात की गई है? प्रकृति से हम और क्या-क्या सीख सकते हैं?
उत्तर: प्रकृति के माध्यम से इस दोहे में मनुष्य के इस मानवीय गुण की बात की गई है कि जैसे पेड़ अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल ग्रहण नहीं करते। ऐसे ही सज्जन धन का संचय स्वयं के लिए न करके दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। प्रकृति से हम और गुण भी सीख सकते हैं। जैसे-


  • नदियों के जल की भाँति निरंतर आगे बढ़ना चाहिए।

  • जिस प्रकार तपती गरमी से बचाने के लिए वृक्ष छाया देते हैं, वैसे ही दूसरों के कठिन समय में हमें उनकी मदद करनी चाहिए।

  • फूलों की भाँति अपने अच्छे कार्यों की सुगंध चारों ओर बिखेरनी चाहिए।

  • सूरज की भाँति अच्छे कार्य करने पर अपना नाम जग में चमकाना चाहिए।

  • चाँद की चाँदनी की ठंड कला की भाँति अपने विचारों से सबको प्रभावित करना चाहिए।

  • पर्वतों की भाँति अपने विचारों को दृढ़ रखना चाहिए।

  • सागर की भाँति अपने हृदय को विशाल बनाना चाहिए। जीवन में अच्छी-बुरी जिन भी घटनाओं का सामना हो उन्हें गहराई से अपने अंदर समेटना चाहिए।


शब्दों की बात

हमने शब्दों के नए-नए रूप जाने और समझे। अब कुछ करके देखें- 

  • शब्द-संपदा

कविता में आए कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इन शब्दों को आपकी मातृभाषा में क्या कहते हैं? लिखिए।


कविता में आए कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इन शब्दों को आपकी मातृभाषा में क्या कहते हैं? लिखिए।



उत्तर:


कविता में आए शब्द

मातृभाषा में समानार्थक शब्द

तरुवर

पेड़

बिपति

कष्ट

छिटकाय

तोड़ना

सुजान

सज्जन

सरवर

तालाब

साँचे

सच्चे

कपाल

दिमाग



शब्द एक अर्थ अनेक

“रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।”

इस दोहे में ‘पानी’ शब्द के तीन अर्थ हैं— सम्मान, जल, चमक।

इसी प्रकार कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। आप भी इन शब्दों के तीन-तीन अर्थ लिखिए। आप इस कार्य में शब्दकोश, इंटरनेट, शिक्षक या अभिभावकों की सहायता भी ले सकते हैं।

कल – ________, _________, _________
उत्तर: कल – आने वाला कल, चैन या शांति, पुर्जा/मशीन


पत्र – ________, _________, _________
उत्तर: पत्र – पत्ता, चिट्ठी, दल


कर – ________, _________, _________
उत्तर: कर – हाथ, टैक्स, किरण


फल – ________, _________, _________
उत्तर: फल – परिणाम, एक खाने का फल (आम), हल का अग्र भाग


पाठ से आगे

आपकी बात

“रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि ।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तलवारि ॥”

इस दोहे का भाव है— न कोई बड़ा है और न ही कोई छोटा है। सबके अपने-अपने काम हैं, सबकी अपनी-अपनी उपयोगिता और महत्ता है। चाहे हाथी हो या चींटी, तलवार हो या सुई, सबके अपने-अपने आकार-प्रकार हैं और सबकी अपनी-अपनी उपयोगिता और महत्व है। सिलाई का काम सुई से ही किया जा सकता है, तलवार से नहीं। सुई जोड़ने का काम करती है जबकि तलवार काटने का। कोई वस्तु हो या व्यक्ति, छोटा हो या बड़ा, सबका सम्मान करना चाहिए।

अपने मनपसंद दोहे को इस तरह की शैली में अपने शब्दों में लिखिए | दोहा पाठ से या पाठ से बाहर का हो सकता है।
उत्तर: बड़े बड़ाई न करै; बड़ो न बोले बोल ।
रहिमन हीरा कब कहैं, लाख मेरो टकै का मोल रहीमदास जी कहते हैं कि जिनमें बड़प्पन होता है वे अपनी बड़ाई स्वयं कभी नहीं करते। उनके कार्य ही उनके कौशल को दर्शा देते हैं। जैसे हीरा कितना भी बहुमूल्य क्यों न हो लेकिन कभी अपने मुँह से अपने बारे में नहीं कहता। हमें भी अपने गुणों को दर्शाना नहीं चाहिए। वे स्वतः ही हमारे कार्यों के माध्यम से सबके समक्ष आ जाते हैं। जैसे- कुशल खिलाड़ी अपने खेल से, बावर्ची अपने स्वादिष्ट पकवानों से अच्छा नर्तक अपने नृत्य से श्रेष्ठ गायक अपने गायन से प्रतिभाशाली विद्यार्थी अपने परिणाम से ही जाना जाता है।


आज की पहेली

1. दो अक्षर का मेरा नाम, आता हूँ खाने के काम
उल्टा होकर नाच दिखाऊँ, मैं क्यों अपना नाम बताऊँ।

उत्तर: नमक


2. एक किले के दो ही द्वार, उनमें सैनिक लकड़ीदार
टकराएँ जब दीवारों से, जल उठे सारा संसार।

उत्तर: माचिस


खोजबीन के लिए

रहीम के कुछ अन्य दोहे पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।

उत्तर: रहीम के दोहे उनकी गहन सोच और जीवन के मूल्यवान सबक को दर्शाते हैं। यदि आप रहीम के कुछ अन्य दोहे पढ़ना और समझना चाहते हैं, तो निम्नलिखित संसाधनों की सहायता ले सकते हैं:

  1. पुस्तकालय:

    • अपने स्थानीय पुस्तकालय में "रहीम के दोहे" या "रहीम की कविताएँ" से संबंधित किताबें खोजें। वहां आप रहीम के अन्य दोहे और उनकी व्याख्याएँ प्राप्त कर सकते हैं।

  2. इंटरनेट:

    • इंटरनेट पर "रहीम के दोहे" खोजें। कई वेबसाइट्स और साहित्यिक पोर्टल्स पर रहीम के दोहे और उनकी व्याख्या उपलब्ध हैं।

    • आप Google पर "Rahim ke dohe" या "Rahim's couplets" सर्च करके भी उनकी अन्य रचनाओं तक पहुंच सकते हैं।


Benefits of NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe

  • Class 6 Hindi Lesson 5 Question Answers provide detailed explanations of the lesson, helping students learn the lesson easily.

  • The solutions Break down the text and vocabulary, making it easier for students to understand the context and characters' actions.

  • Offers clear answers to textbook questions, enabling students to complete their assignments accurately and efficiently.

  • Class 6 Hindi Chapter 5 Question Answers encourage critical thinking and discussion about empathy, cooperation, and real-life problem-solving.

  • NCERT Solutions include engaging exercises and activities related to the chapter, making learning fun and interactive for students.

  • It helps students feel more prepared and confident in understanding the chapter's themes and content.

  • The Class 6 Hindi Chapter 5 Question Answer PDF is available for FREE download so that students can easily access it when needed.


Important Study Material Links for Hindi Chapter 5 Class 6 - Rahim Ke Dohe

S.No.

Important Study Material Links for Chapter 5

1.

Class 6 Rahim Ke Dohe Important Questions

2.

Class 6 Rahim Ke Dohe  Revision Notes



Conclusion

NCERT Solutions for Hindi Class 6 Chapter 5 is a comprehensive resource for understanding the lesson’s concepts. With step-by-step explanations and examples, students can learn the concepts effectively. Accessible in PDF format, students can review the material conveniently. These solutions for Hindi Malhar Chapter 5 Class 6 enhance understanding, and exam performance, making it easier for students studying in Class 6. You can easily access and download the FREE Class 6 Hindi Chapter 5 PDF from Vedantu updated for the 2024-25 syllabus. Students can refer to these solutions to perform better in their examinations.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi - Malhar

After familiarising yourself with the Class 6 Hindi Chapter 5 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 6 Malhar textbook chapters.



Related Important Links for Hindi Class 6

Along with this, students can also download additional study materials provided by Vedantu for Hindi Class 6.

S.No.

Important Links for Class 6 Hindi

1.

Class 6 Hindi NCERT Book

2.

Class 6 Hindi Revision Notes

3.

Class 6 Hindi Important Questions

4.

Class 6 Hindi Sample Papers

FAQs on NCERT Solutions for Class 6 Hindi Malhar Chapter 5 Rahim Ke Dohe

1. What are the main themes explored in Rahim's dohe featured in Chapter 5?

The main themes include wisdom, humility, the nature of time, and moral conduct. Rahim’s dohe often provide insights into ethical behaviour and practical life lessons.

2. Who was Rahim, and why is he significant in Hindi literature?

Rahim, also known as Rahimdas, was a prominent poet and scholar in Hindi literature. He is known for his dohe (couplets) which convey deep philosophical thoughts and moral teachings.

3. What is a doha, and how is it used in Rahim’s poetry?

A Doha is a two-line couplet with a specific rhythmic pattern and meaning. Rahim used dohas to express profound ideas and moral lessons in a concise and impactful manner.

4. Can you provide a summary of one of the dohe from the Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe?

For example, one of Rahim's dohas discusses the value of being humble and how one's actions should reflect inner virtue rather than outward show.

5. How does Rahim's use of language contribute to the effectiveness of his dohe?

Rahim’s use of simple yet profound language makes his dohe accessible and memorable. The use of metaphor and allegory adds depth to his teachings.

6. What lessons can students learn from Rahim's dohe in this chapter from Class 6 Hindi?

Students can learn about the importance of humility, the value of wisdom, and the significance of ethical behaviour in daily life.

7. How does Rahim’s poetry reflect the cultural and historical context of his time?

Rahim’s poetry reflects the socio-cultural and moral values of his time, offering insights into the ethical norms and philosophical beliefs prevalent in his era.

8. What are some examples of Rahim's dohe included in the Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe?

Examples include couplets on the nature of time, the value of learning from others, and the importance of not boasting.

9. How is Rahim's dohe relevant to modern readers?

Rahim’s dohe offers timeless wisdom and practical advice that remain relevant for personal growth and ethical conduct in contemporary times.

10. What role do illustrations or explanations play in understanding Rahim’s dohe?

Illustrations and explanations help clarify the meaning and context of the dohe, making it easier for readers to grasp the underlying message.