CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Thalash - 2025-26
FAQs on CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Thalash - 2025-26
1. नेहरू अपनी पुस्तक 'भारत की खोज' के 'तलाश' अध्याय के माध्यम से वास्तव में क्या खोजना चाहते थे?
इस अध्याय में, नेहरू जी भारत के अतीत, उसकी शक्ति और सीमाओं को समझना चाहते थे। वह यह जानना चाहते थे कि आखिर वह कौन सी ताकत है जो हज़ारों वर्षों से भारतीय सभ्यता को जीवित रखे हुए है। यह केवल एक ऐतिहासिक खोज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और उसकी पहचान की एक गहरी तलाश थी।
2. CBSE 2025-26 परीक्षा के लिए, 'तलाश' अध्याय से कौन-से विषय सबसे महत्वपूर्ण हैं?
कक्षा 8 की परीक्षा के लिए 'तलाश' अध्याय से निम्नलिखित विषयों पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं:
भारत के प्रति नेहरू का दृष्टिकोण (एक मित्रवत आलोचक के रूप में)।
भारत के अतीत का बोझ और सामर्थ्य।
भारत की 'अनेकता में एकता' की विशेषता।
सिंधु घाटी सभ्यता का भारतीय संस्कृति से संबंध।
नेहरू के लिए 'भारत माता' की अवधारणा।
3. नेहरू ने भारत को समझने के लिए स्वयं को एक 'बाहरी आलोचक' के रूप में क्यों नहीं देखा?
नेहरू ने स्वयं को एक बाहरी आलोचक के रूप में इसलिए नहीं देखा क्योंकि वह भारत का एक अभिन्न अंग थे और उनकी रगों में भारत का खून दौड़ता था। वह भारत की अच्छाइयों और बुराइयों, दोनों से गहराई से जुड़े थे। उनका दृष्टिकोण एक मित्रवत आलोचक का था, जो प्रशंसा करने के साथ-साथ कमियों को भी सुधारना चाहता था।
4. लेखक के अनुसार, भारत अपने अतीत के 'बोझ और सामर्थ्य' दोनों को एक साथ कैसे संभालता है?
लेखक के अनुसार, भारत का अतीत एक बोझ है क्योंकि इसमें कई नकारात्मक प्रथाएँ और रूढ़ियाँ शामिल हैं जो देश को आगे बढ़ने से रोकती हैं। वहीं, यह एक सामर्थ्य भी है क्योंकि यही अतीत भारत को एक अटूट सांस्कृतिक विरासत, सहनशीलता और जीवन-शक्ति प्रदान करता है। भारत इन दोनों विरोधी पहलुओं के बीच संतुलन बनाकर ही आगे बढ़ता है।
5. 'तलाश' अध्याय में सिंधु घाटी सभ्यता का उल्लेख क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
सिंधु घाटी सभ्यता का उल्लेख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय सभ्यता की प्राचीनता और निरंतरता को दर्शाता है। नेहरू बताते हैं कि 5000 वर्ष पुरानी यह विकसित नगरीय सभ्यता आधुनिक भारतीय संस्कृति का आधार है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की सांस्कृतिक जड़ें कितनी गहरी और मज़बूत हैं।
6. 'अनेकता में एकता' की अवधारणा 'तलाश' अध्याय के मूल विचार से कैसे संबंधित है?
'तलाश' अध्याय का मूल विचार भारत की उस आंतरिक शक्ति को खोजना है जो उसे एकजुट रखती है। 'अनेकता में एकता' इसी शक्ति का सबसे बड़ा प्रमाण है। नेहरू दर्शाते हैं कि विभिन्न धर्मों, भाषाओं, और संस्कृतियों के बावजूद, एक अदृश्य भारतीयता का धागा सभी को एक साथ पिरोए रखता है। यही भारत की असली पहचान और शक्ति है।
7. क्या 'तलाश' अध्याय सिर्फ भारत के इतिहास का वर्णन है या इसका कोई गहरा दार्शनिक महत्व भी है? स्पष्ट कीजिए।
'तलाश' सिर्फ इतिहास का वर्णन नहीं है, बल्कि इसका गहरा दार्शनिक महत्व है। यह अध्याय केवल घटनाओं को सूचीबद्ध नहीं करता, बल्कि यह सवाल पूछता है कि 'भारत क्या है?'। यह भारत की पहचान, उसकी आत्मा, और समय के साथ उसके बने रहने के कारणों की खोज है। यह एक आत्म-विश्लेषण और वैचारिक यात्रा है।
8. नेहरू के लिए 'भारत माता' की अवधारणा का वास्तविक अर्थ क्या था और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
नेहरू के लिए 'भारत माता' की अवधारणा सिर्फ धरती, पहाड़, या नदियों तक सीमित नहीं थी। उनके लिए 'भारत माता' का वास्तविक अर्थ भारत के करोड़ों लोग थे। उनका मानना था कि इन लोगों की जय ही 'भारत माता की जय' है। यह विचार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 'तलाश' के मानवीय और लोकतान्त्रिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।





















