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CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Ahmednagar Ka Kila - 2025-26

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CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Ahmednagar Ka Kila - 2025-26

In "Ahmednagar Ka Kila," Chapter 1 of the Class 8 Hindi Syllabus, students read about Jawaharlal Nehru's thoughts while he was imprisoned by the British at Ahmednagar Fort. Nehru uses the fort as a place to reflect on India's history, the struggle for freedom, and his hopes for the country’s future. His reflections talk about India's rich culture, its strength, and the desire to break free from colonial rule.

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Vedantu offers a FREE PDF of Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Important Questions from this chapter to help students understand Nehru's reflections better. The questions are made by experienced subject experts to match the CBSE curriculum, helping students prepare well for their exams.

Access Important Questions for Class 8 Hindi Chapter 1 - Ahmednagar Ka Kila

1. भारत की प्राचीन सभ्यता को किस प्रकार से देखा जाता है?
उत्तर: भारत की प्राचीन सभ्यता को एक विकसित और समृद्ध सभ्यता के रूप में देखा जाता है, जिसका आधार सिंधु घाटी की सभ्यता है।


2. नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को किस रूप में बताया है?
उत्तर: नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को आरंभ से ही एक परिपक्व और विकसित सभ्यता के रूप में वर्णित किया है।


3. सिंधु घाटी की सभ्यता का अंत किन कारणों से हुआ?
उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता का अंत बाढ़, जलवायु परिवर्तन, और उपजाऊ भूमि के सूखने के कारण हुआ।


4. नेहरू जी के अनुसार भारत की ताकत क्या थी?
उत्तर: नेहरू जी के अनुसार भारत की ताकत उसकी सांस्कृतिक धरोहर और सहनशीलता थी, जिसने उसे बाहरी आक्रमणों से भी सुरक्षित रखा।


5. प्राचीन समय में भारत में कर किस पर लगाया जाता था?
उत्तर: प्राचीन समय में भूमि और उत्पादन पर कर लगाए जाते थे।


6. भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी विकास में क्यों पिछड़ गया था?
उत्तर: भारत यूरोप से तकनीकी विकास में इसलिए पिछड़ गया क्योंकि उस समय भारत पर लगातार आक्रमण हो रहे थे। जबकि यूरोप में पुनर्जागरण और औद्योगिक क्रांति पहले शुरू हो चुकी थी, जिससे वहां तेजी से विकास हुआ।


7. नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को क्यों महत्वपूर्ण माना?
उत्तर: नेहरू जी ने सिंधु घाटी की सभ्यता को इसलिए महत्वपूर्ण माना क्योंकि यह सभ्यता आरंभ से ही परिपक्व थी और इसका अन्य सभ्यताओं से व्यापारिक संबंध था। यह सभ्यता नगर योजना और जल निकासी जैसी आधुनिक सुविधाओं का उपयोग करती थी।


8. नेहरू जी के विचार में भारतीय संस्कृति में कौन से तत्व हजारों वर्षों से बने हुए हैं?
उत्तर: सत्य, अहिंसा, परोपकार, त्याग की भावना, अतिथि सत्कार, और मातृभूमि की रक्षा की भावना भारतीय संस्कृति में हजारों वर्षों से बने हुए हैं।


9. नेहरू जी के अनुसार ब्रिटिश शासन भारत की प्रगति में कैसे बाधक बना?
उत्तर: नेहरू जी के अनुसार ब्रिटिश शासन ने भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति को अवरुद्ध किया, और भारतीय संसाधनों का शोषण किया। अंग्रेजों ने भारत की स्वतंत्रता और समृद्धि को प्रभावित किया।


10. प्राचीन समय में भारतीय संस्कृति का विदेशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: प्राचीन समय में भारतीय संस्कृति का विदेशों पर गहरा प्रभाव पड़ा। भारतीय खान-पान, वस्त्र, और शिल्प कला फारस, मेसोपोटामिया, और मिश्र जैसी सभ्यताओं पर असर डाला।


11. सिंधु घाटी की सभ्यता के अंत के संभावित कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता के अंत के कई संभावित कारण हैं। विद्वानों के अनुसार, यह सभ्यता बाढ़ और जलवायु परिवर्तन के कारण समाप्त हो गई होगी। सिंधु नदी के किनारे बसने के कारण यह क्षेत्र अक्सर बाढ़ के प्रकोप में रहता था। कुछ विद्वानों का मानना है कि मौसम में बदलाव के कारण उपजाऊ भूमि सूख गई और रेगिस्तान में बदल गई। इसके अलावा, युद्ध और आक्रमण भी इस सभ्यता के पतन के कारण हो सकते हैं। खुदाई में मिले प्रमाण बताते हैं कि इस सभ्यता का अंत अचानक नहीं हुआ बल्कि धीरे-धीरे हुआ था।


12. नेहरू जी ने भारत को “विकसित सयाने रूप” में क्यों बताया है?
उत्तर: नेहरू जी ने भारत को “विकसित सयाने रूप” में इसलिए बताया क्योंकि भारत की सभ्यता आरंभ से ही परिपक्व और उन्नत थी। सिंधु घाटी की सभ्यता ने न केवल सुंदर वस्तुओं का निर्माण किया, बल्कि नगर योजना, भवन निर्माण, और जल निकासी प्रणाली जैसी उन्नत व्यवस्थाएँ भी स्थापित कीं। यह सभ्यता अपने समय की सबसे उन्नत सभ्यताओं में से एक थी और उसने अन्य सभ्यताओं के साथ व्यापारिक संबंध भी बनाए थे। नेहरू जी के अनुसार, यह भारतीय सभ्यता की प्राचीनता और समृद्धि का प्रतीक है।


13. नेहरू जी ने ब्रिटिश शासन के भारत पर क्या प्रभाव देखे?
उत्तर: नेहरू जी के अनुसार, ब्रिटिश शासन ने भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक प्रगति को बाधित किया। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिटिशों ने भारत पर शासन नहीं किया होता, तो भारत न केवल अधिक स्वतंत्र होता बल्कि कहीं अधिक समृद्ध और प्रगतिशील होता। अंग्रेजों ने भारत की संपत्ति का शोषण किया और इसे अपने उपनिवेश के रूप में बनाए रखा।


14. सिंधु घाटी सभ्यता के विकास के मुख्य कारक क्या थे?
उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता के विकास के मुख्य कारक इसके व्यापारिक संबंध थे, जो फारस, मेसोपोटामिया, और मिश्र की उन्नत सभ्यताओं के साथ स्थापित थे। यह सभ्यता नगर योजना, भवन निर्माण, और जल निकासी प्रणाली जैसी आधुनिक सुविधाओं के कारण अत्यधिक विकसित थी। साथ ही, सिंधु घाटी सभ्यता में कृषि, दस्तकारी, और व्यापार का भी महत्वपूर्ण योगदान था।


15. आजादी से पहले और आज के किसानों की समस्याओं में क्या अंतर है?
उत्तर: आजादी से पहले किसानों को गरीबी, जमींदारों और महाजनों का शोषण, भारी कर, और पुलिस के अत्याचार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। आज के किसानों को आधुनिक उपकरणों और संसाधनों की कमी, जलवायु परिवर्तन, और सरकारी नीतियों की जटिलताओं से जूझना पड़ता है। हालांकि, आज सरकारी सहायता योजनाएँ हैं, फिर भी किसानों को उनकी फसल की सही कीमत और पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाता।


16. नेहरू जी के अनुसार, सिंधु घाटी की सभ्यता को आधुनिक भारत से जोड़ने वाला कौन सा तत्व महत्वपूर्ण है?
उत्तर: नेहरू जी के अनुसार, सिंधु घाटी की सभ्यता को आधुनिक भारत से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण तत्व उसकी सांस्कृतिक धरोहर और तकनीकी प्रगति है। यह सभ्यता भारत की सहनशीलता और निरंतरता का प्रतीक है, जिसे भारतीय पहचान के रूप में देखा जा सकता है।


17. क्या भारत आज भी औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त है? तर्क सहित उत्तर दें।
उत्तर: भारत में आज भी कहीं-कहीं औपनिवेशिक मानसिकता देखने को मिलती है, जैसे अंग्रेजी भाषा का अत्यधिक महत्त्व और पश्चिमी संस्कृति की ओर झुकाव। हालांकि, देश में स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का विचार बढ़ रहा है, जो इस मानसिकता को चुनौती देता है।


18. नेहरू जी ने भारतीय संस्कृति को कैसे “सजीव” बताया है, और वह कैसे आज भी प्रासंगिक है?
उत्तर: नेहरू जी ने भारतीय संस्कृति को सजीव इसलिए बताया क्योंकि यह समय के साथ-साथ बदलती परिस्थितियों में भी अपनी पहचान और मूल्यों को बनाए रखने में सक्षम रही है। यह संस्कृति आज भी प्रासंगिक है क्योंकि इसकी सहनशीलता, विविधता, और एकता की भावना आज के समाज में भी महत्वपूर्ण हैं।


19. क्या आपको लगता है कि भारत की प्राचीन सभ्यता और आज के समाज में कोई विशेष समानता है? तर्क दें।
उत्तर: भारत की प्राचीन सभ्यता और आज के समाज में सहनशीलता, विविधता का सम्मान, और एकता की भावना जैसी विशेष समानताएँ हैं। प्राचीन सभ्यता में व्यापार और कला के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों का सम्मिलन देखा गया था, और आज भी यह विविधता भारत की पहचान है।


20. क्या नेहरू जी के विचार आज के भारत के लिए भी प्रासंगिक हैं? उदाहरण देकर समझाएं।
उत्तर: नेहरू जी के विचार जैसे सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान, सामाजिक एकता, और भारत की अंतर्राष्ट्रीय पहचान आज भी प्रासंगिक हैं। उनके द्वारा दिए गए स्वतंत्रता, समता, और बंधुता के विचार आज के लोकतांत्रिक समाज में महत्वपूर्ण हैं, खासकर वैश्वीकरण और सामाजिक विविधता के दौर में।


21. नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता को भारतीय इतिहास की “भोर-बेला” क्यों कहा?
उत्तर: नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता को भारतीय इतिहास की “भोर-बेला” इसलिए कहा क्योंकि यह सभ्यता प्राचीन काल से ही परिपक्व और उन्नत थी। यह सभ्यता भारतीय इतिहास की शुरुआत का प्रतीक है, जो आरंभ से ही विकसित और समृद्ध रही है।

22. आज के समय में भारतीय संस्कृति का किन-किन क्षेत्रों में वैश्विक प्रभाव है?
उत्तर: आज भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रभाव खान-पान, योग, बॉलीवुड फिल्में, भारतीय कपड़े, और पारंपरिक संगीत में देखा जा सकता है। भारतीय योग और आयुर्वेद का पश्चिमी देशों में व्यापक रूप से स्वागत हो रहा है।


23. सिंधु घाटी सभ्यता और आधुनिक शहरी सभ्यता के बीच क्या मुख्य अंतर हैं?
उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता में नगर योजना और जल निकासी प्रणाली जैसी सुविधाओं का समावेश था, जो उस समय के लिए अत्यधिक उन्नत थीं। आज की शहरी सभ्यता में यह विकास अत्यधिक तकनीकी हो गया है, लेकिन सिंधु घाटी ने शहरीकरण के प्रारंभिक चरण में ही इन सुविधाओं का विकास किया था।


24. नेहरू जी के अनुसार भारत को एक राष्ट्र के रूप में विकसित करने के लिए कौन से पहलू महत्वपूर्ण थे?
उत्तर: नेहरू जी के अनुसार, भारत को एक राष्ट्र के रूप में विकसित करने के लिए सांस्कृतिक एकता, वैज्ञानिक सोच, और समाज में समानता के विचार महत्वपूर्ण थे। वे भारत के भविष्य को एक प्रगतिशील और समृद्ध देश के रूप में देखना चाहते थे।


25. क्या आपको लगता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के तकनीकी और सांस्कृतिक योगदानों का आज के समाज पर प्रभाव है?
उत्तर: हां, सिंधु घाटी सभ्यता के तकनीकी और सांस्कृतिक योगदानों का आज के समाज पर प्रभाव देखा जा सकता है। इसकी जल निकासी प्रणाली और नगर योजना आज भी प्रेरणा स्रोत हैं, और इसका सांस्कृतिक योगदान भारतीय कला, शिल्प और व्यापारिक संबंधों में देखा जा सकता है।


Conclusion:

Ahmednagar Ka Kila" gives us a deep insight into Jawaharlal Nehru’s thoughts during his time in prison at Ahmednagar Fort. Nehru reflects on India’s rich culture, history, and the ongoing struggle for freedom. He expresses both his hopes for the country’s future and his belief in India's ability to overcome challenges. The chapter is a blend of emotion and intellect, allowing readers to connect with Nehru's perspective during a crucial time in India’s history. Vedantu’s important questions FREE PDF for this chapter helps students grasp these reflections, making it easier to prepare for exams, anywhere, anytime as you wish.


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FAQs on CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Ahmednagar Ka Kila - 2025-26

1. अहमदनगर के किले में बंदी जीवन के दौरान जवाहरलाल नेहरू ने कौन से दो प्रमुख कार्य करना आरम्भ किया? यह प्रश्न 2025-26 की परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

अहमदनगर के किले में बंदी के रूप में रहते हुए, नेहरू जी ने दो प्रमुख कार्य शुरू किए। पहला, उन्होंने बागवानी का काम शुरू किया, जहाँ वे पथरीली और बंजर ज़मीन को खोदकर उसे फूलों की क्यारियों के लिए तैयार करते थे। जब उन्होंने बागवानी में पर्याप्त काम कर लिया, तो उन्होंने अपना दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण कार्य, यानी लेखन, आरम्भ किया और 'भारत की खोज' (Discovery of India) नामक पुस्तक लिखी।

2. 'अहमदनगर का किला' पाठ में इस किले के किस ऐतिहासिक प्रसंग का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है?

इस पाठ में अहमदनगर के किले से जुड़ी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना का उल्लेख है, जो चाँद बीबी से संबंधित है। चाँद बीबी एक अत्यंत साहसी महिला थीं, जिन्होंने मुगल सम्राट अकबर की शाही सेना के विरुद्ध इस किले की रक्षा के लिए अपनी सेना का नेतृत्व किया था। हालांकि, अंत में उनके ही एक आदमी ने उनकी हत्या कर दी थी। यह प्रसंग भारत के प्रतिरोध के इतिहास को दर्शाता है।

3. नेहरू जी के अनुसार, 'अतीत का दबाव' किन दो रूपों में अनुभव होता है? यह एक संभावित 3-अंकीय प्रश्न है।

नेहरू जी के अनुसार, 'अतीत का दबाव' दो अलग-अलग रूपों में महसूस होता है। एक ओर, यह दबाव सकारात्मक हो सकता है जो हमें हमारी महान और समृद्ध विरासत से प्रेरणा देता है। दूसरी ओर, यह नकारात्मक भी हो सकता है, जब यह हमें पुरानी और अनुपयोगी परंपराओं और रीति-रिवाजों में जकड़ लेता है, जिससे राष्ट्र की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।

4. लेखक अपनी विरासत के किन पहलुओं को अपनाना और किनको छोड़ देना चाहता था? यह एक उच्च स्तरीय वैचारिक प्रश्न (HOTS) है।

लेखक भारत की उस पूरी विरासत को अपनाना चाहता था जिसमें मानवता के हज़ारों वर्षों के साहसिक कार्यों, ज्ञान, कला और विजय की गाथाएँ शामिल थीं। वह भारत के अतीत के हर उस पहलू पर गर्व करते थे जो उसे महान बनाता है। इसके विपरीत, वह विरासत के उन सभी हिस्सों को छोड़ देना चाहते थे जो क्रूरता, विभाजन, और अत्याचार पर आधारित थे और जो मनुष्य को आगे बढ़ने से रोकते थे।

5. जेल के कठिन और अकेले वातावरण में नेहरू जी ने बागवानी और लेखन जैसे रचनात्मक कार्यों का ही चुनाव क्यों किया? इससे उनके व्यक्तित्व के बारे में क्या पता चलता है?

नेहरू जी ने जेल के निराशाजनक माहौल में रचनात्मक कार्यों का चुनाव इसलिए किया ताकि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दे सकें और मानसिक रूप से सक्रिय रह सकें। बागवानी उन्हें धैर्य, श्रम और प्रकृति से जुड़ाव सिखाती थी, जबकि लेखन उन्हें अपने विचारों को व्यवस्थित करने और भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर गहन चिंतन करने का अवसर देता था। यह उनके आशावादी, जुझारू और चिंतनशील व्यक्तित्व को दर्शाता है, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी निर्माण और सृजन में विश्वास रखते थे।

6. 'अहमदनगर का किला' अध्याय को 'भारत की खोज' पुस्तक की एक आदर्श भूमिका क्यों माना जा सकता है?

इस अध्याय को 'भारत की खोज' की एक आदर्श भूमिका इसलिए माना जा सकता है क्योंकि यह पुस्तक के मूल उद्देश्य और लेखक के दृष्टिकोण को स्थापित करता है। इस अध्याय में, नेहरू जी यह स्पष्ट करते हैं कि वे भारत के इतिहास का विश्लेषण क्यों कर रहे हैं - अपनी विरासत को समझने और वर्तमान की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए। यह पाठक को लेखक की मानसिक पृष्ठभूमि और लेखन की प्रेरणा से परिचित कराता है, जिससे पूरी पुस्तक को समझने के लिए एक ठोस आधार तैयार होता है।

7. नेहरू जी ने क्यों कहा कि इतिहास का लेखन अतीत के भारी बोझ से एक हद तक राहत दिलाता है?

नेहरू जी ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जब कोई व्यक्ति इतिहास का गहराई से विश्लेषण करता है, तो वह घटनाओं के कारणों और परिणामों को समझने लगता है। यह समझ उसे अतीत की सफलताओं और विफलताओं से सीखने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में, व्यक्ति केवल अतीत की घटनाओं से भावनात्मक रूप से बंधा नहीं रहता, बल्कि एक विश्लेषक बन जाता है। यही बौद्धिक प्रक्रिया उसे अतीत के भावनात्मक बोझ से मुक्त कर एक हद तक राहत दिलाती है।

8. 'भारत की खोज' लिखते समय नेहरू जी के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या थी? परीक्षा की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।

'भारत की खोज' लिखते समय नेहरू जी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत के लंबे और जटिल इतिहास को सुसंबद्ध और पठनीय रूप में प्रस्तुत करना था। उनके लिए यह मुश्किल था कि वे अतीत के किन पहलुओं पर विस्तार से लिखें और किन्हें संक्षिप्त करें। वे चाहते थे कि पुस्तक केवल तथ्यों का संग्रह न हो, बल्कि भारत की आत्मा और उसकी जीवंतता को भी दर्शाए, जो कि एक अत्यंत कठिन कार्य था।