CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Ahmednagar Ka Kila - 2025-26
FAQs on CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Ahmednagar Ka Kila - 2025-26
1. अहमदनगर के किले में बंदी जीवन के दौरान जवाहरलाल नेहरू ने कौन से दो प्रमुख कार्य करना आरम्भ किया? यह प्रश्न 2025-26 की परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
अहमदनगर के किले में बंदी के रूप में रहते हुए, नेहरू जी ने दो प्रमुख कार्य शुरू किए। पहला, उन्होंने बागवानी का काम शुरू किया, जहाँ वे पथरीली और बंजर ज़मीन को खोदकर उसे फूलों की क्यारियों के लिए तैयार करते थे। जब उन्होंने बागवानी में पर्याप्त काम कर लिया, तो उन्होंने अपना दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण कार्य, यानी लेखन, आरम्भ किया और 'भारत की खोज' (Discovery of India) नामक पुस्तक लिखी।
2. 'अहमदनगर का किला' पाठ में इस किले के किस ऐतिहासिक प्रसंग का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है?
इस पाठ में अहमदनगर के किले से जुड़ी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना का उल्लेख है, जो चाँद बीबी से संबंधित है। चाँद बीबी एक अत्यंत साहसी महिला थीं, जिन्होंने मुगल सम्राट अकबर की शाही सेना के विरुद्ध इस किले की रक्षा के लिए अपनी सेना का नेतृत्व किया था। हालांकि, अंत में उनके ही एक आदमी ने उनकी हत्या कर दी थी। यह प्रसंग भारत के प्रतिरोध के इतिहास को दर्शाता है।
3. नेहरू जी के अनुसार, 'अतीत का दबाव' किन दो रूपों में अनुभव होता है? यह एक संभावित 3-अंकीय प्रश्न है।
नेहरू जी के अनुसार, 'अतीत का दबाव' दो अलग-अलग रूपों में महसूस होता है। एक ओर, यह दबाव सकारात्मक हो सकता है जो हमें हमारी महान और समृद्ध विरासत से प्रेरणा देता है। दूसरी ओर, यह नकारात्मक भी हो सकता है, जब यह हमें पुरानी और अनुपयोगी परंपराओं और रीति-रिवाजों में जकड़ लेता है, जिससे राष्ट्र की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।
4. लेखक अपनी विरासत के किन पहलुओं को अपनाना और किनको छोड़ देना चाहता था? यह एक उच्च स्तरीय वैचारिक प्रश्न (HOTS) है।
लेखक भारत की उस पूरी विरासत को अपनाना चाहता था जिसमें मानवता के हज़ारों वर्षों के साहसिक कार्यों, ज्ञान, कला और विजय की गाथाएँ शामिल थीं। वह भारत के अतीत के हर उस पहलू पर गर्व करते थे जो उसे महान बनाता है। इसके विपरीत, वह विरासत के उन सभी हिस्सों को छोड़ देना चाहते थे जो क्रूरता, विभाजन, और अत्याचार पर आधारित थे और जो मनुष्य को आगे बढ़ने से रोकते थे।
5. जेल के कठिन और अकेले वातावरण में नेहरू जी ने बागवानी और लेखन जैसे रचनात्मक कार्यों का ही चुनाव क्यों किया? इससे उनके व्यक्तित्व के बारे में क्या पता चलता है?
नेहरू जी ने जेल के निराशाजनक माहौल में रचनात्मक कार्यों का चुनाव इसलिए किया ताकि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दे सकें और मानसिक रूप से सक्रिय रह सकें। बागवानी उन्हें धैर्य, श्रम और प्रकृति से जुड़ाव सिखाती थी, जबकि लेखन उन्हें अपने विचारों को व्यवस्थित करने और भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर गहन चिंतन करने का अवसर देता था। यह उनके आशावादी, जुझारू और चिंतनशील व्यक्तित्व को दर्शाता है, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी निर्माण और सृजन में विश्वास रखते थे।
6. 'अहमदनगर का किला' अध्याय को 'भारत की खोज' पुस्तक की एक आदर्श भूमिका क्यों माना जा सकता है?
इस अध्याय को 'भारत की खोज' की एक आदर्श भूमिका इसलिए माना जा सकता है क्योंकि यह पुस्तक के मूल उद्देश्य और लेखक के दृष्टिकोण को स्थापित करता है। इस अध्याय में, नेहरू जी यह स्पष्ट करते हैं कि वे भारत के इतिहास का विश्लेषण क्यों कर रहे हैं - अपनी विरासत को समझने और वर्तमान की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए। यह पाठक को लेखक की मानसिक पृष्ठभूमि और लेखन की प्रेरणा से परिचित कराता है, जिससे पूरी पुस्तक को समझने के लिए एक ठोस आधार तैयार होता है।
7. नेहरू जी ने क्यों कहा कि इतिहास का लेखन अतीत के भारी बोझ से एक हद तक राहत दिलाता है?
नेहरू जी ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जब कोई व्यक्ति इतिहास का गहराई से विश्लेषण करता है, तो वह घटनाओं के कारणों और परिणामों को समझने लगता है। यह समझ उसे अतीत की सफलताओं और विफलताओं से सीखने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में, व्यक्ति केवल अतीत की घटनाओं से भावनात्मक रूप से बंधा नहीं रहता, बल्कि एक विश्लेषक बन जाता है। यही बौद्धिक प्रक्रिया उसे अतीत के भावनात्मक बोझ से मुक्त कर एक हद तक राहत दिलाती है।
8. 'भारत की खोज' लिखते समय नेहरू जी के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या थी? परीक्षा की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
'भारत की खोज' लिखते समय नेहरू जी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत के लंबे और जटिल इतिहास को सुसंबद्ध और पठनीय रूप में प्रस्तुत करना था। उनके लिए यह मुश्किल था कि वे अतीत के किन पहलुओं पर विस्तार से लिखें और किन्हें संक्षिप्त करें। वे चाहते थे कि पुस्तक केवल तथ्यों का संग्रह न हो, बल्कि भारत की आत्मा और उसकी जीवंतता को भी दर्शाए, जो कि एक अत्यंत कठिन कार्य था।















