Important Questions Class 7 Hindi Durva Chapter 5
FAQs on Important Questions Class 7 Hindi Durva Chapter 5
1. कक्षा 7 दूर्वा के अध्याय 5 'थोड़ी धरती पाऊं' से कौन-से महत्वपूर्ण प्रश्न परीक्षा में पूछे जा सकते हैं?
CBSE 2025-26 की परीक्षा के लिए, इस अध्याय से कई महत्वपूर्ण प्रश्न बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
कविता का मूल भाव और संदेश स्पष्ट कीजिए।
कवि की धरती और प्रकृति से क्या अपेक्षाएँ हैं?
'थोड़ी धरती पाऊं' शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
कविता में व्यक्त पर्यावरण संरक्षण की भावना को अपने शब्दों में लिखिए।
कविता की कुछ पंक्तियों का भावार्थ लिखने के लिए भी कहा जा सकता है।
2. 'थोड़ी धरती पाऊं' कविता का केंद्रीय भाव क्या है और यह परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
इस कविता का केंद्रीय भाव मनुष्य की प्रकृति से निकटता की इच्छा और शहरीकरण के कारण प्रकृति से बढ़ती दूरी पर चिंता व्यक्त करना है। कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी एक छोटे से बगीचे की कामना करते हैं जहाँ वे पेड़-पौधे, फल-फूल और चहचहाते पक्षियों के बीच रह सकें। यह परीक्षा के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पर्यावरण चेतना और मानवीय संवेदनाओं जैसे समसामयिक विषयों को छूता है, जिन पर अक्सर 3 या 5 अंकों के मूल्य-आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
3. कविता के अनुसार कवि की क्या-क्या इच्छाएँ हैं? परीक्षा के दृष्टिकोण से इन इच्छाओं का क्या महत्व है?
कविता में कवि की प्रमुख इच्छाएँ हैं:
उनके पास एक छोटा सा जमीन का टुकड़ा हो।
उस जमीन पर वे एक बगीचा लगाएँ जिसमें फूल और फल हों।
उनके बगीचे में चिड़ियाँ चहचहाएँ और जलाशय में ताजी हवा हो।
वे प्रकृति के साथ एक गहरा और आत्मीय रिश्ता महसूस कर सकें।
परीक्षा के दृष्टिकोण से ये इच्छाएँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये कविता के मुख्य संदेश - प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण - को रेखांकित करती हैं।
4. कवि 'बहुत सारी' धरती की जगह 'थोड़ी धरती' की ही कामना क्यों करते हैं? इससे उनके चरित्र की किस विशेषता का पता चलता है?
कवि 'थोड़ी धरती' की कामना इसलिए करते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य सिर्फ प्रकृति के सानिध्य में रहना है, न कि भूमि पर अधिकार जताना या उसका व्यावसायिक उपयोग करना। यह उनकी सादगी, संतोष और निस्वार्थ प्रकृति प्रेम को दर्शाता है। वे केवल एक छोटा सा बगीचा चाहते हैं जहाँ वे फूल, फल, और पक्षियों के साथ एक सामंजस्यपूर्ण जीवन जी सकें। यह दर्शाता है कि सच्ची खुशी बड़े दिखावे में नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ एक सरल और गहरे रिश्ते में है।
5. इस कविता में उठाए गए मुद्दे आज के शहरी जीवन की किन पर्यावरणीय समस्याओं से जुड़ते हैं?
यह कविता सीधे तौर पर आज की गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं से जुड़ती है, जैसे:
शहरीकरण के कारण पेड़ों की कटाई और हरे-भरे क्षेत्रों का खत्म होना।
पक्षी और अन्य जीवों के प्राकृतिक आवास का विनाश।
शहरों में बढ़ता वायु और ध्वनि प्रदूषण।
मनुष्य का प्रकृति से बढ़ता अलगाव और तनावपूर्ण जीवन।
6. 'थोड़ी धरती पाऊं' कविता से छात्रों को क्या महत्वपूर्ण नैतिक शिक्षा मिलती है?
यह कविता हमें कई महत्वपूर्ण नैतिक शिक्षाएँ देती है:
हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और उसे संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए।
जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं के अलावा मानसिक शांति और प्रकृति से जुड़ाव भी आवश्यक है।
पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता और प्रेम का भाव रखना चाहिए।
हमें यह समझना चाहिए कि अंधाधुंध विकास हमारे पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुँचा रहा है।
7. अध्याय 5 'थोड़ी धरती पाऊं' से 1 या 2 अंक वाले कौन-से संभावित प्रश्न पूछे जा सकते हैं?
इस अध्याय से 1 या 2 अंक के लिए निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न महत्वपूर्ण हैं:
कवि का पूरा नाम क्या है? (सर्वेश्वर दयाल सक्सेना)
कवि अपने बगीचे में क्या-क्या उगाना चाहते हैं? (फूल-फल)
कवि पेड़ों को क्या कहकर संबोधित करते हैं? (मेरे भाई)
'ताजी हवा' और 'शांत जलाशय' से कवि का क्या तात्पर्य है?
8. कवि के बचपन और आज के समय में क्या अंतर दिखाया गया है? यह अंतर आज के समाज पर कैसे लागू होता है?
कवि अपने बचपन को याद करते हैं जब उनके घर के आसपास हरियाली और पेड़-पौधे थे। आज, उसी जगह पर कंक्रीट के जंगल (इमारतें) खड़े हो गए हैं। यह अंतर आज के समाज पर पूरी तरह लागू होता है, जहाँ विकास के नाम पर प्रकृति का विनाश हो रहा है। बच्चों को खेलने के लिए खुले मैदान नहीं मिलते और लोगों को ताजी हवा के लिए तरसना पड़ता है। यह कविता हमें याद दिलाती है कि हमने प्रगति की दौड़ में क्या खो दिया है।





















