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CBSE Important Questions for Class 6 Hindi Vasant Jo Dekh Kar Bhi Nahi Dekhte - 2025-26

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CBSE Important Questions for Class 6 Hindi Vasant Jo Dekh Kar Bhi Nahi Dekhte - 2025-26

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 6 Hindi Vasant Chapter 11 - Jo dekh kar bhi Nahi Dekhte prepared by expert hindi teachers from the latest edition of CBSE(NCERT) books.


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Study Important Questions Class 6 Hindi Vasant पाठ - ११ जो देखकर भी नहीं देखते

अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक)

1. लेखिका अपने दोस्तों की परीक्षा क्यों लेती हैं?

उत्तर: लेखिका अपने दोस्तों की परीक्षा इसलिए लेती है क्योंकि वो देखना चाहती हैं की उसके दोस्त दुनिया को कैसे देखते हैं।


2. जंगल की सैर पर कौन गया था?

उत्तर: लेखिका की मित्र जंगल की सैर पर गयी थी।


3. कालीन से ज्यादा लेखिका को क्या पसंद है?

उत्तर: कालीन से ज्यादा लेखिका को हरे घास से भरा हुआ मैदान पसंद है।


4. जीवन को किन रंगों से हरा - भरा किया जा सकता है?

उत्तर: जीवन को पर्यावरण, जिसमें इंद्रधनुष के सात रंग हैं, उस से जीवन के रंगो को हरा भरा जा सकता है।


5. अपनी उंगलियों के बीच लेखिका क्या महसूस करती हैं? 

उत्तर: लेखिका अपनी उंगलियों के बीच में झरनों के पानी को महसूस करती हैं।


लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)


6. लेखिका अपने दोस्तों के बारे में क्या कहती हैं?

उत्तर: लेखिका अपने दोस्तों के बारे में कहती हैं कि उसके दोस्तों की आँख होते हुए भी वो सब कुछ देखने से चूक जाते हैं एवं उनके मित्र प्रकृति की उन बारीकियों को नहीं देख पाते जो लेखिका नेत्रहीन होकर भी देख लेती हैं।


7. जंगल के किन चीजों के बारे में लेखिका ने लिखा है?

उत्तर:  लेखिका को प्रकृति से अत्यधिक लगाव है इसीलिए उन्होंने प्रकृति की अनेक चीज़ों के बारे में लिखा है जिनमें से सर्वप्रथम उन्होंने जंगल में बहने वाले झरने के बारे में, चीड़ की खुरदरी छाल और घास के मैदानों के बारे में भी लिखा है।


8. लेखिका को किस से प्रेम है?

उत्तर: लेखिका को प्रकृति से बहुत प्रेम है| वह प्रकृति की उन बारिकियों को महसूस कर सकती हैं जो अन्य लोग नहीं कर पाते इसीलिए वो  प्रकृति की हर छोटी से छोटी बारीकियों से अत्यधिक प्रेम करती हैं।


9. जीवन रंगों से लेखिका का क्या मतलब है?

उत्तर: जीवन रंगो से लेखिका का मतलब जीवन में आने वाले परिस्थितियों से हैं। जीवन में आने वाले  सुख – दुःख,मुश्किल और उतर – चढ़ाव  से है और लेखिका ने इस बात पर बल दिया हैं।


10. झरनों के बारे में लेखिका क्या कहती हैं?

उत्तर:  लेखिका को प्रकृति से अधिक लगव था।वे प्रकृति की छोटी -छोटी बारिकियों को महसूस करती थी और उन्हें झरने के पानी को अंगुलियों के बीच बहते हुए महसूस करना काफ़ी पसंद था और यह करके वो आनंद से भर जाती थी और उनका मन प्रफुल्लित हो जाता था।



लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक)

11. लेखिका का दिल किन चीजों के लिए मचल उठता है?

उत्तर: लेखिका को बहते हुए पानी का झरना, चिड़ियों की मधुर आवाज़, घास के हरे – भरे मैदान बहुत पसंद हैं। वो कहती है, कि वह इसे सिर्फ छूने भर से खुश हो जाती है। अगर वो अपनी आँखों से इसे देख पाती तो बिल्कुल मंत्रमुग्ध हो जाती। उसका दिल इन सारी चीजों को देखने के लिए मचल उठता है।


12. दृष्टि के नियामत होने पर टिपण्णी करें।

उत्तर: जो लोग आँखों के होते हुए भी प्रकृति के बारीकियों को नहीं देख पाते और दृष्टि के आशीर्वाद को बहुत साधारण सी- चीज़ समझते हैं। उनको पता नहीं है की दृष्टि से जिंदगी के खुशियों को इंद्रधनुष के रंगों से भरा जा सकता है। ये ईश्वर की वो नियामत है।


13. लेखिका किन- किन चीज़ो को स्पर्श से जान लेती है?

उत्तर: लेखिका अपने हाथों से स्पर्श करके प्रकृति के बनाए गई हर एक चीज़ को पहचान लेती हैं। वो भोज- पत्र के पेड़ की चिकनी छाल, चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से भी पहचान लेती हैं। उनको बसंत के मौसम में पेड़ों की धुमावदार पत्तियों और उनकी कलियों को छूकर बहुत खुश होती है।


14. परखने की कला के बारे में लेखिका का विचार हैं?

उत्तर: लेखिका जब कुछ लोगों को परखती हैं तो पाती है की उनके पास देखने की शक्ति बहुत कम हैं। वो आंखों से भी वो नहीं देख पाते जो मैं बिना आँखों के देख लेती हूँ। जब भी कहीं वो घूमने जाते हैं तो क्या देखा? फिर पाती हैं, आदमी अपनी शक्तियों और क्षमता का सही उपयोग नहीं कर पाता है।


15. लेखिका को आश्चर्य क्यों हो रहा हैं?

उत्तर: लेखिका को अपने मित्र पर आश्चर्य होता है क्योंकि वो आंखों से भी वो नहीं देख पाते हैं जो मैं बिना आँखों के देख लेती हूँ। जब उनकी मित्र कहती है की उसे जंगल में कुछ नहीं देखा तो आश्चर्य से मन में सोचती है की आदमी अपनी शक्तियों और क्षमताओं का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)

16. लेखिका का संक्षिप्त जीवन - परिचय लिखिए।

उत्तर: हेलेन केलर (२७ जून १८८० - १ जून १९६८) एक अमेरिकी लेखिका और राजनीतिक कार्यकर्ता थीं। वह पहली बधिर और दृष्टिहीन महिला थी जिसने कला स्नातक की उपाधि अर्जित  की थी। ऐनी  सुलिवान के प्रशिक्षण में ६ वर्ष की अवस्था से शुरु हुए ४९ वर्षों के साथ में हेलेन सक्रियता और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँची। उनके जीवन की कहानी ने अनेक फिल्मकारों को आकर्षित किया है। बेहतरीन लेखिका केलर अपनी रचनाओं में युद्ध विरोधी के रूप में नजर आती हैं।



17. इस कहानी से आपको क्या सीख मिलती है?

उत्तर: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपने दिल में प्यार रखिए और चीज़ो को देखने का नज़रिया बदलिए। हमें जो भी मिला है हमें उसका आदर करना चाहिए। अपनी क्षमताओं के लिए ईश्वर को शुक्रिया अदा करना चाहिए। सिर्फ लोभवश आपके पास जो चीज़ हैं आप उसकी इज़्ज़त नहीं करते हैं। ये गलत बात है ऐसा नहीं करना चाहिए।


18. 'आँखों वाले नहीं देख पाते' लेखिका का आशय व्यक्त करिये।

उत्तर: लेखिका को आश्चर्य होता है कि वो आंखों से भी वो नहीं देख पाते जो मैं बिना आँखों के देख लेती हूँ। जब उनकी मित्र कहती है की उसे जंगल में कुछ नहीं देखा तो आश्चर्य से मन में सोचती है की आदमी को अपनी शक्तियों और क्षमताओं का सही उपयोग नहीं कर रहा। सिर्फ लोभवश आपके पास जो चीज़े हैं आप उसकी इज़्ज़त नहीं करते हैं। हमें जो भी मिला है हमें उसका आदर करना चाहिए। अपनी क्षमताओं के लिए ईश्वर को शुक्रिया अदा करना चाहिए।


19. पर्यावरण को लेकर लेखिका के विचार कैसे हैं?

उत्तर: लेखिका के लेख को पढ़कर लगता है की वो प्रकृति की बहुत बड़ी प्रेमी रही होंगी। उनको पेड़ - पौधे, पहाड़ो से गिरने वाले झरने, बसंत में खिलने वाले फूलो से बहुत प्यार है तो लाज़मी है की उनको पर्यावरण से भी बहुत प्यार रहा होगा। उनके अंधे होने की बावजूद उनकी कल्पना और पर्यावरण की समझ ये चीज़ जाहिर करती है की उन्हें पर्यावरण प्रेमी भी कहा जा सकता हैं।



20. प्रकृति की बारीकियों को लेखिका कैसे महसूस करती हैं? और क्या कहती है?

उत्तर: वो भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल, चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती, बसंत के मौसम में पेड़ों की धुमावदार पत्तियों और उनकी कलियों को छूकर बहुत खुश होती है। उनको इसे सिर्फ छूने भर से खुश हो जाती है। उनको पेड़ - पौधे, पहाड़ो से गिरने वाले झरने, बसंत में खिलने वाले फूलो से बहुत प्यार है। वो अपनी आँखों से इसे देख पाती तो बिल्कुल मंत्रमुग्ध हो जाती। वो कहती हैं कि जो कुछ हमें ईश्वर ने दिया है, हमें उसका नेक कामों के लिए उपयोग करना चाहिए।

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FAQs on CBSE Important Questions for Class 6 Hindi Vasant Jo Dekh Kar Bhi Nahi Dekhte - 2025-26

1. कक्षा 6 हिंदी पाठ 'जो देखकर भी नहीं देखते' से परीक्षा में कौन-से महत्वपूर्ण प्रश्न आ सकते हैं?

इस पाठ से 2025-26 की परीक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रश्न बन सकते हैं। आम तौर पर, यहाँ से लघु उत्तरीय प्रश्न (2-3 अंक) और मूल्य-आधारित प्रश्न (HOTS) पूछे जाते हैं। छात्रों को तैयारी करनी चाहिए:

  • लेखिका हेलेन केलर की प्रकृति के प्रति संवेदना।

  • पाठ के शीर्षक की सार्थकता।

  • 'देखने' और 'महसूस करने' के बीच का अंतर।

  • प्रकृति के विभिन्न उपादानों का वर्णन जो लेखिका को आनंद देते थे।

2. 'जो देखकर भी नहीं देखते' पाठ का शीर्षक सार्थक क्यों है? यह एक अपेक्षित प्रश्न क्यों माना जाता है?

यह शीर्षक इसलिए सार्थक है क्योंकि यह पाठ के केंद्रीय भाव को दर्शाता है। लेखिका, जो देख नहीं सकतीं, मानती हैं कि जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे वास्तव में बहुत कम देखते हैं। वे प्रकृति की सुंदरता और उसके छोटे-छोटे चमत्कारों को नजरअंदाज कर देते हैं। यह शीर्षक एक कटाक्ष है उन लोगों पर जो अपनी दृष्टि क्षमता का पूरा उपयोग नहीं करते। यह एक अपेक्षित प्रश्न है क्योंकि यह छात्रों की पाठ की गहरी समझ का मूल्यांकन करता है।

3. लेखिका हेलेन केलर के अनुसार, प्रकृति का जादू क्या है और इसे कैसे महसूस किया जा सकता है?

हेलेन केलर के अनुसार, प्रकृति का जादू उसके हर कण में छिपा है। यह जादू है:

  • भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को छूना।

  • बसंत में खिली नई कलियों की पंखुड़ियों की मखमली सतह को महसूस करना।

  • बहते हुए झरने के पानी में उंगलियाँ डालकर उसके प्रवाह को अनुभव करना।

  • चिड़ियों के मधुर संगीत को सुनना।

लेखिका के अनुसार, इस जादू को केवल आँखों से नहीं, बल्कि स्पर्श और अन्य इंद्रियों से गहराई से महसूस किया जा सकता है।

4. इस पाठ से 3-अंकीय प्रश्न का उत्तर लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

'जो देखकर भी नहीं देखते' पाठ से 3-अंकीय प्रश्न का उत्तर लिखते समय, छात्रों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • उत्तर को स्पष्ट और संक्षिप्त रखें, लगभग 40-50 शब्दों में।

  • सीधे प्रश्न का उत्तर दें और भूमिका में समय बर्बाद न करें।

  • उत्तर में पाठ से कम से कम एक उदाहरण अवश्य शामिल करें, जैसे भोज-पत्र की छाल या फूलों की पंखुड़ियों का जिक्र।

  • लेखिका के दृष्टिकोण को सही ढंग से प्रस्तुत करें।

इन बिंदुओं का पालन करने से पूरे अंक मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

5. लेखिका अपनी मित्र की परीक्षा क्यों लेती हैं, और मित्र के जवाब से उन्हें निराशा क्यों होती है?

लेखिका यह जानने के लिए अपनी मित्र की परीक्षा लेती हैं कि वह जंगल में घूमकर क्या-क्या देखकर आई हैं। उन्हें यह परखना था कि क्या उनकी मित्र ने प्रकृति को सच में गहराई से देखा है। उन्हें निराशा इसलिए होती है क्योंकि उनकी मित्र का जवाब था कि "कुछ खास नहीं"। यह सुनकर लेखिका को आश्चर्य होता है कि कोई भी व्यक्ति एक घंटा जंगल में बिताने के बाद भी कैसे कह सकता है कि उसने कुछ विशेष नहीं देखा।

6. "जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं।" - इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। यह परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

इस पंक्ति का आशय यह है कि दृष्टि रखने वाले लोग अक्सर अपने आसपास की दुनिया की सुंदरता और बारीकियों के प्रति उदासीन होते हैं। वे चीजों को देखते तो हैं, पर उन्हें महसूस नहीं करते। वे इसे एक साधारण बात मानकर महत्व नहीं देते। इसके विपरीत, लेखिका दृष्टिहीन होकर भी स्पर्श से प्रकृति के हर बदलाव को महसूस करती हैं। यह पंक्ति परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पाठ का मूल संदेश है और इससे जुड़े प्रश्न छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता को जाँचते हैं।

7. हेलेन केलर बिना देखे भी सब कुछ कैसे देख लेती थीं? पाठ के आधार पर समझाएँ।

हेलेन केलर अपनी दृष्टि न होने के बावजूद अपनी अन्य इंद्रियों, विशेषकर स्पर्श की भावना, का उपयोग करके सब कुछ 'देख' लेती थीं। वह अपनी उंगलियों से फूलों की पंखुड़ियों की बनावट, पेड़ों की छाल की चिकनाहट या खुरदरापन और पानी के बहाव को महसूस करती थीं। उनके लिए यही सच्चा देखना था, जो केवल सतह को देखने से कहीं अधिक गहरा और आनंददायक था। वे चीजों को मन की आँखों से देखती और महसूस करती थीं।