Important Questions Class 8 Hindi Durva Chapter 17
FAQs on Important Questions Class 8 Hindi Durva Chapter 17
1. कक्षा 8 की परीक्षा के लिए 'वह सुबह कभी तो आएगी' पाठ से कौन-से लघु उत्तरीय प्रश्न (2-3 अंक) महत्वपूर्ण हैं?
सत्र 2025-26 की CBSE परीक्षा के लिए, 'वह सुबह कभी तो आएगी' पाठ से निम्नलिखित लघु उत्तरीय प्रश्न अपेक्षित हैं:
लेखिका की बीमारी का मुख्य कारण क्या था?
परिवार को अपनी दुकान क्यों बेचनी पड़ी?
लेखिका की माँ ने उसके इलाज के लिए पैसे का प्रबंध कैसे किया?
आयुर्वेदिक इलाज का लेखिका पर क्या प्रभाव पड़ा?
ये प्रश्न कहानी के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर आधारित हैं और इनसे आपकी समझ का आकलन किया जाता है।
2. 'वह सुबह कभी तो आएगी' पाठ का केंद्रीय भाव या मुख्य विषय क्या है, जो परीक्षा में लिखने के लिए महत्वपूर्ण है?
इस पाठ का केंद्रीय भाव संघर्ष, आशा और पारिवारिक समर्पण है। यह भोपाल गैस त्रासदी जैसी भयानक आपदा के बाद एक परिवार, विशेषकर एक माँ और उसकी बेटी के अटूट संघर्ष को दर्शाता है। इसका मुख्य विषय यह है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विकट क्यों न हों, मानवीय भावना और उम्मीद के सहारे मुश्किलों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। परीक्षा में यह प्रश्न 3-5 अंकों के लिए पूछा जा सकता है।
3. गैस त्रासदी का लेखिका और उसके परिवार पर क्या-क्या प्रभाव पड़ा? यह प्रश्न परीक्षा में कितने अंकों का आ सकता है?
यह एक दीर्घ उत्तरीय (5-अंक) श्रेणी का महत्वपूर्ण प्रश्न है। गैस त्रासदी के प्रभाव को निम्नलिखित बिंदुओं में बांटा जा सकता है:
शारीरिक प्रभाव: जहरीली गैस के कारण लेखिका को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हुईं, जैसे गले से खून आना, सूजन और लगातार दर्द।
पारिवारिक विघटन: पिता की मृत्यु हो गई और माँ गहरे सदमे में चली गईं, जिससे परिवार का संतुलन बिगड़ गया।
आर्थिक संकट: परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई, जिसके कारण उन्हें अपनी दुकान नाममात्र के मूल्य पर बेचनी पड़ी।
मानसिक प्रभाव: पूरे परिवार को अनिश्चितता, भय और निराशा के माहौल में जीना पड़ा।
4. पाठ के शीर्षक 'वह सुबह कभी तो आएगी' की सार्थकता स्पष्ट कीजिए। यह शीर्षक केवल एक उम्मीद है या कहानी के अंत का संकेत भी?
यह शीर्षक अत्यंत सार्थक और गहरा है। यह केवल एक उम्मीद नहीं, बल्कि कहानी का सार और संकेत दोनों है।
उम्मीद का प्रतीक: यह शीर्षक लेखिका और उसकी माँ के मन में जीवित आशा का प्रतीक है कि संघर्ष और पीड़ा का यह अंधकार एक दिन समाप्त होगा और एक बेहतर सुबह आएगी।
कहानी का संकेत: यह इस बात का भी संकेत है कि माँ के अथक प्रयासों और लेखिका की इच्छाशक्ति से अंततः वे कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करते हैं। आयुर्वेदिक इलाज से स्वास्थ्य में सुधार होना उसी 'सुबह' के आने की पहली किरण थी। इसलिए, यह शीर्षक कहानी के सकारात्मक अंत की ओर भी इशारा करता है।
5. लेखिका की माँ के चरित्र की उन विशेषताओं का वर्णन करें जिन्होंने लेखिका को नया जीवन दिया। यह संघर्ष और मातृत्व का एक शक्तिशाली उदाहरण कैसे है?
यह एक उच्च स्तरीय चिंतन कौशल (HOTS) प्रश्न है। लेखिका की माँ के चरित्र की मुख्य विशेषताएँ थीं:
अटूट संकल्प: डॉक्टरों के जवाब देने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
असीम त्याग: उन्होंने उधार लेकर, दूसरों के घरों में काम करके अपनी बेटी के इलाज के लिए पैसे जुटाए।
सकारात्मक दृष्टिकोण: निराशा के क्षणों में भी, वह 'वह सुबह कभी तो आएगी' की उम्मीद बनाए रखती थीं, जो लेखिका के लिए प्रेरणा बनी।
यह मातृत्व का एक शक्तिशाली उदाहरण है क्योंकि यह दिखाता है कि एक माँ का प्यार और दृढ़ संकल्प किसी भी चिकित्सकीय चमत्कार से बढ़कर हो सकता है, जो न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक उपचार भी प्रदान करता है।
6. लेखिका और उसकी जुड़वाँ बहन के स्वास्थ्य में अंतर के माध्यम से लेखक क्या दर्शाना चाहता है?
लेखिका और उसकी जुड़वाँ बहन के स्वास्थ्य में गहरा अंतर था; लेखिका गंभीर रूप से बीमार थी जबकि उसकी बहन पूरी तरह स्वस्थ थी। इस अंतर के माध्यम से लेखक यह दर्शाना चाहता है कि:
आपदा का प्रभाव अप्रत्यक्ष और अप्रत्याशित हो सकता है। भले ही दोनों एक ही वातावरण में थीं, पर गैस का असर अलग-अलग हुआ।
यह अंतर लेखिका के व्यक्तिगत संघर्ष और पीड़ा को और अधिक गहरा बनाता है, क्योंकि वह अपनी ही बहन को एक सामान्य जीवन जीते हुए देखती थी।
यह भाग्य की विडंबना और जीवन की अनिश्चितताओं को उजागर करता है, जो इस पाठ का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
7. 'वह सुबह कभी तो आएगी' पाठ भोपाल गैस त्रासदी जैसी औद्योगिक आपदाओं के दीर्घकालिक मानवीय परिणामों को कैसे दर्शाता है?
यह पाठ केवल एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि यह भोपाल गैस त्रासदी जैसी औद्योगिक आपदाओं के दीर्घकालिक मानवीय परिणामों का एक जीवंत दस्तावेज है। यह दर्शाता है कि:
पीढ़ियों तक प्रभाव: आपदा का असर केवल तात्कालिक नहीं होता, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, जैसा लेखिका के मामले में हुआ।
आर्थिक और सामाजिक पतन: ऐसी आपदाएँ परिवारों को आर्थिक रूप से तोड़ देती हैं और उन्हें सामाजिक रूप से हाशिए पर धकेल देती हैं।
मनोवैज्ञानिक आघात: त्रासदी से गुजरने वाले लोगों के मन पर जीवन भर का आघात रहता है, जैसे लेखिका की माँ का अपने पति का इंतजार करना।
यह पाठ छात्रों को ऐसी त्रासदियों के प्रति संवेदनशील बनाता है और मानव जीवन के मूल्य की शिक्षा देता है।
8. इस पाठ से किस प्रकार के वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs) या एक-अंकीय प्रश्न पूछे जा सकते हैं?
एक-अंकीय या वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के लिए, छात्रों को पाठ के मुख्य तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए। कुछ संभावित प्रश्न हैं:
लेखिका किस शहर की त्रासदी से प्रभावित थी? (उत्तर: भोपाल)
परिवार ने अपनी दुकान कितने रुपये में बेची थी? (उत्तर: पाँच सौ रुपये)
लेखिका को किस प्रकार के इलाज से फायदा हुआ? (उत्तर: आयुर्वेदिक)
लेखिका की माँ दरवाजे पर किसका इंतजार करती थीं? (उत्तर: अपने पति का)





















