Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Important Questions for CBSE Class 6 Hindi Vasant Chapter 15 - Naukar

ffImage
Last updated date: 26th Apr 2024
Total views: 459.6k
Views today: 12.59k

CBSE Class 6 Hindi Vasant Important Questions Chapter 15 - Naukar - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 6 Hindi Vasant Chapter 15 - Naukar prepared by expert hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions Class-6 Hindi Vasant Chapter - 15 नौकर

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक)

1. गांधी जी जब टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब दिन में कितने मील तक पैदल चलते थे?

उत्तर: गांधी जी जब टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब वे दिन में बयालीस (42) मील तक पैदल चलते थे।


2. गांधी जी साथियों को आड़े हाथ क्यों लेते थे?

उत्तर: गांधी जी जब रसोईघर या भंडार में, मकड़ी का जाला या गंदगी देखते थे, तब वे साथियों को आड़े हाथ लेते थे। 


3. गांधी जी प्रतिदिन सुबह क्या किया करते थे? 

उत्तर: गांधी जी प्रतिदिन सुबह, प्रार्थना करते, रसोईघर में सब्जी छीलते और अपने हाथ से चक्की पर आटा पिसते थे।


4. अंग्रेजी भाषा बोलने वालों को बापू ने क्या काम दिया था?

उत्तर: अंग्रेजी भाषा बोलने वालों को बापू ने गेहूँ बीनने का काम दिया था।


5. दक्षिण अफ्रीका के जेल में गांधी जी क्या करते थे?

उत्तर: दक्षिण अफ्रीका की जेल में गांधी जी, सैकड़ों कैदियों को दो बार का भोजन परोसने का कार्य करते थे।


लघु उत्तरीय प्रश्न  (2 अंक)

6. दक्षिण अफ्रीका के बोअर- युद्ध के दौरान गांधी जी ने क्या किया?

उत्तर: दक्षिण अफ्रीका के बोअर- युद्ध के दौरान गांधी जी ने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील ढोया था ताकि उन्हें सही इलाज मिल सके।


7. बापू का   बिस्तर कौन लगाता था?

उत्तर: बापू अपना बिस्तर स्वयं लगाते थे। उन्हें अपना कार्य स्वयं करना पसंद था। वो अपने बिस्तर के साथ-साथ अन्य लोगों का बिस्तर भी लगाते और उठा देते थे।


8. गांधी जी को उनके कार्यकर्ता की कौन-सी बात पसंद नहीं आयी थी? 

उत्तर: गांधी जी के एक दिन अस्वस्थ होने के कारण उनके कार्यकर्ताओं ने चक्की पर आटा पीसने का कार्य किया। गांधी जी को थकावट से बचाने के लिए, उन्होंने छोटे- बड़े सभी बर्तनों में कुएँ से पानी भर दिया। बापू का मानना था, कि शरीर जब तक बिल्कुल लाचार न हो, तब तक कोई भी उनका कार्य करे ये उन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं था।


9. लैंप का तेल खत्म हो जाने पर गांधी जी क्या करते थे?

उत्तर: गाँधी जी को रात्रि में पत्र लिखने की आदत थी। जब कभी भी रात्रि में लैंप का तेल ख़त्म हो जाता था तो वो चन्द्रमा की रौशनी में बैठकर पत्र ख़त्म किया करते थे।


10. आश्रमवासी को गांधी जी ने काले चक्ते पड़े हुए, केले क्यों दिए? 

उत्तर: आश्रमवासी को गांधी जी ने काले चक्ते पड़े हुए, केले इसीलिए दिएक्यूंकि उस आश्रमवासी का हाज़मा सही नहीं था। ये केले उसके कमज़ोर पाचन को, दुरुस्त करने में सहायक होगा। 


लघु उत्तरीय प्रश्न  (3 अंक)

11. भंडार में गांधी जी क्या- क्या काम करते थे?

उत्तर:  गांधी जी ने कई वर्षों तक, आश्रम के भंडार का काम संभालने का कार्य किया। वो सवेरे की प्रार्थना के बाद रसोईघर में जाकर सब्ज़ियाँ छीलते थे। वो आश्रमवासियों को भोजन में, व्याप्त पौष्टिक गुणों और स्वच्छता के बारे में भी बताया करते थे। जैसे हमेशा सब्ज़ियों को धोकर ही, उनका इस्तेमाल करना चाहिए।  


12. श्रीमती पोलक कमज़ोर क्यों हो गई थी? गांधी जी ने उनकी क्या सहायता की?

उत्तर:  श्रीमती पोलक का बच्चा, उनका दूध पीना नहीं छोड़ रहा था। वह उन्हें रात में सोने भी नहीं देता था। परिणामस्वरूप वो बहुत कमज़ोर हो गई थी। गांधी जी श्रीमती पोलक के बच्चे को रात में, अपने बिस्तर पर सुलाते थे। वे अपने बिस्तर के नीचे एक बर्तन में पानी भरकर रखते थे। जिससे अगर बच्चे को प्यास लगे, तो वे उसे पानी पिला सके। एक पखवाड़े तक माँ से अलग सुलाने के बाद, बच्चे ने माँ का दूध पीना छोड़ दिया।


13. गोखले और गांधी जी के बीच हुए वाक्या को बताइए।

उत्तर: गोखले और गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में साथ ही ठहरे हुए थे। उन्होंने गोखले के दुपट्टे पर इस्त्री की। वे उनका बिस्तर लगाते थे। वे उन्हें भोजन परोसते और पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। जबकि गोखले उन्हें बहुत मना करते थे।



14. कांग्रेस नेता ने गांधी जी को कौन-सा काम करने को बोला?

उत्तर: कांग्रेस के नेता ने गांधी जी को पत्रों के जवाब देने का कार्य सौंपा था। यह कार्य खत्म करने के बाद, गांधी जी ने उनकी कमीज की बातें लगाई और अन्य सेवा के कार्य किए।



15. गांधी जी ने इंग्लैंड के राजघरानों से क्या सीखा और उसका उपयोग कहाँ किया ?

उत्तर: गांधी जी ने इंग्लैंड के राजघरानों से सीखा, कि वहाँ नौकरों को घर का सदस्य मानते हैं। जब वे एक भारतीय सज्जन के घर, काफ़ी दिनों तक ठहरे थे। वहाँ से जब वे जा रहे थे, तो उन्होंने नौकरों का धन्यवाद किया। वे उनसे कहते हैं, कि वे उन्हें सेवक नहीं, अपना भाई मानते हैं।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न   (5 अंक)

16. खाखरा बनाने की विधि गांधी जी ने किसको, क्यों और कब सिखाई? 

उत्तर: खाखरा बनाने की विधि गांधी जी ने, नौआखली पद-यात्रा के समय, अपने ही शिविर में रह रहे दो आदमियों को सिखाई थी। उन दोनों को खाखरा बनाना नहीं आता था, इसीलिए गांधी जी ने उन्हें खाखरा बनाने की विधि सिखाई।


17. आश्रम में काम कराने का गांधी जी ने कौन-सा तरीका अपनाया था?

उत्तर: गांधी जी अपने दैनिक जीवन का कार्य स्वयं करते थे। वे सुबह प्रार्थना के पश्चात चक्की पर आटा पीसते और रसोईघर में सब्जी छिलने आदि कार्य करते थे। उनका यह स्वावलंबी व्यवहार ही, सभी आश्रमवासियों को अपना-अपना कार्य करने की प्रेरणा देता था।


18. भारतीय छात्रों के द्वारा लंदन में दिए गए भोज निमंत्रण में क्या वाक्या हुआ था?

उत्तर: भारतीय छात्रों के द्वारा लंदन में दिए गए,  शाकाहारी भोज निमंत्रण पर गांधी जी शामिल हुए। छात्रों ने निश्चय किया, कि भोज का खाना वे स्वयं बनाएंगे। तीसरे पहर दो बजे एक दुबला-पतला और छहरा आदमी आकर,  छात्रों में शामिल हो गया। वह तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ करने और अन्य छुट पुट कार्य करके, उन छात्रों की मदद कर रहा था। जब बाद में नेता वहाँ आए, तब पता चला, कि यह दुबला-पतला आदमी गांधी जी स्वयं थे।


19. सेवा-टहल का काम किसने-किसने किया?

उत्तर:  भारत की एक जेल में कई साथी कैदियों को सेवा-टहल का कार्य सौंपा गया। एक आदमी उनके फल धोता या काटता, दूसरा बकरियों को दुहता, तीसरा उनके निजी नौकर की तरह काम करता, और चौथा उनके पाखाने की सफाई करता था। एक ब्राह्मण कैदी उनके बर्तन धोता था, और दो गोरे यूरोपियन प्रतिदिन उनकी चारपाई निकालते थे।


20. दैनिक श्रम को लेकर गांधी जी के क्या विचार थे?

उत्तर: गांधी जी अपना दैनिक श्रम स्वयं करने की प्रेरणा, सभी आश्रमवासियों को देते थे। वे इतने बड़े बैरिस्टर होने में उपरांत भी अपना कार्य स्वयं करते थे। वे बिस्तर लगाना, सुबह उठकर पानी भरना, सब्जी धोने और काटने और आटा पिसने आदि कार्य करते थे। वे अन्य आश्रमवासियों के काम में भी, उनकी मदद करते थे। उनका यह सरल व्यवहार आश्रमवासियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत था।