Important Questions Class 6 Hindi Durva Chapter 21
FAQs on Important Questions Class 6 Hindi Durva Chapter 21
1. कक्षा 6 हिंदी की परीक्षा के लिए अध्याय 21, 'अंगुलिमाल' से महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने के क्या फायदे हैं?
अध्याय 21 'अंगुलिमाल' से महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने से कई फायदे होते हैं। इससे छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले संभावित प्रश्नों के पैटर्न का पता चलता है। यह अध्याय के मुख्य विषयों, जैसे करुणा, पश्चाताप और परिवर्तन, पर आपकी समझ को मजबूत करता है और आपको उत्तर लिखने की सही संरचना सिखाता है, जिससे आप परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं।
2. 'अंगुलिमाल' पाठ से किस प्रकार के प्रश्न (लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय, MCQ) परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं?
कक्षा 6 की हिंदी परीक्षा में 'अंगुलिमाल' पाठ से विभिन्न प्रकार के प्रश्न आ सकते हैं। आमतौर पर, इस अध्याय से ये प्रश्न अपेक्षित होते हैं:
- लघु उत्तरीय प्रश्न (2-3 अंक): अंगुलिमाल कौन था, या महात्मा बुद्ध ने उसे क्या उपदेश दिया।
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (4-5 अंक): अंगुलिमाल के चरित्र में आए परिवर्तन का वर्णन या कहानी के मुख्य संदेश की व्याख्या।
- मूल्याधारित प्रश्न (HOTS): कहानी से मिली सीख को अपने जीवन में कैसे अपनाएंगे।
- MCQ: पात्रों या घटनाओं से जुड़े तथ्यात्मक प्रश्न।
3. क्या CBSE कक्षा 6 हिंदी परीक्षा 2025-26 के लिए केवल 'अंगुलिमाल' अध्याय के महत्वपूर्ण प्रश्न पढ़ना ही काफी है?
नहीं, केवल महत्वपूर्ण प्रश्नों पर निर्भर रहना पूरी तैयारी के लिए पर्याप्त नहीं है। महत्वपूर्ण प्रश्न आपको परीक्षा के पैटर्न और मुख्य विषयों को समझने में मदद करते हैं, लेकिन अच्छे अंक लाने के लिए आपको पूरा अध्याय ध्यान से पढ़ना चाहिए। NCERT पुस्तक के सभी अभ्यास प्रश्नों और व्याकरण संबंधी अवधारणाओं को भी समझना ज़रूरी है ताकि आप किसी भी अप्रत्याशित प्रश्न का उत्तर दे सकें।
4. 'अंगुलिमाल' अध्याय से कौन-से 3-अंक वाले प्रश्न परीक्षा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं?
परीक्षा 2025-26 के दृष्टिकोण से, 'अंगुलिमाल' अध्याय से निम्नलिखित 3-अंक वाले प्रश्न महत्वपूर्ण हो सकते हैं:
- महात्मा बुद्ध से मिलने से पहले अंगुलिमाल का व्यवहार कैसा था?
- अंगुलिमाल लोगों की उंगलियां क्यों काटता था?
- महात्मा बुद्ध ने अंगुलिमाल को अहिंसा और करुणा का क्या उपदेश दिया?
- डाकू से साधु बनने के बाद अंगुलिमाल का जीवन कैसा हो गया?
5. महात्मा बुद्ध से मिलने के बाद अंगुलिमाल के चरित्र में क्या परिवर्तन आया? इस पर आधारित प्रश्न का उत्तर कैसे लिखें?
महात्मा बुद्ध से मिलने के बाद अंगुलिमाल का हिंसक और क्रूर स्वभाव पूरी तरह बदल गया। वह एक दयालु और शांत भिक्षु बन गया। इस प्रश्न का उत्तर लिखते समय, आपको इन बिंदुओं को शामिल करना चाहिए:
- प्रारंभिक परिचय: बताएं कि पहले वह एक निर्दयी डाकू था।
- परिवर्तन का कारण: महात्मा बुद्ध के निडरता और करुणा भरे उपदेश का उस पर गहरा प्रभाव पड़ा।
- परिवर्तन के बाद का जीवन: उसने हिंसा का मार्ग छोड़कर क्षमा, शांति और सेवा का मार्ग अपना लिया।
6. अंगुलिमाल एक खूंखार डाकू क्यों बना था? इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है जिसे परीक्षा में अच्छे अंकों के लिए उत्तर में शामिल करना चाहिए?
अंगुलिमाल अपने गुरु के आदेश पर 1000 लोगों की उंगलियां इकट्ठा करने के लिए डाकू बना था, क्योंकि गुरु ने उससे गुरुदक्षिणा में यही मांगा था। इस कहानी का मुख्य संदेश यह है कि सही मार्गदर्शन और करुणा से बुरे से बुरे इंसान का भी हृदय परिवर्तन हो सकता है। परीक्षा में उत्तर लिखते समय, इस संदेश पर जोर दें कि कोई भी व्यक्ति जन्म से बुरा नहीं होता और प्रेम व क्षमा में किसी को भी बदलने की शक्ति होती है।
7. यदि महात्मा बुद्ध अंगुलिमाल से नहीं मिलते तो कहानी का अंत कैसे अलग हो सकता था? इस पर आधारित एक मूल्याधारित प्रश्न का उत्तर कैसे लिखें?
यह एक मूल्याधारित (HOTS) प्रश्न है। इसका उत्तर लिखने के लिए, आपको कल्पना और तर्क का उपयोग करना होगा। आप लिख सकते हैं:
- यदि महात्मा बुद्ध अंगुलिमाल से नहीं मिलते, तो वह शायद अपनी 1000 उंगलियों की माला पूरी करने के लिए और अधिक हिंसा करता।
- वह जीवन भर एक क्रूर डाकू बना रहता और कभी भी उसे अपने कर्मों पर पश्चाताप करने का अवसर नहीं मिलता।
- समाज में उसका भय बना रहता और उसका अंत भी शायद हिंसा से ही होता।
8. 'अंगुलिमाल' पाठ में वर्णित अहिंसा और करुणा के महत्व को आप अपने शब्दों में कैसे समझाएंगे? परीक्षा में इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
'अंगुलिमाल' पाठ सिखाता है कि अहिंसा (हिंसा न करना) और करुणा (दूसरों के प्रति दया) सबसे बड़ी मानवीय शक्तियां हैं। ये गुण केवल शारीरिक चोट न पहुंचाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि किसी को कठोर शब्द न कहने और सभी के प्रति प्रेम का भाव रखने से भी जुड़े हैं। परीक्षा में उत्तर देते समय, इन बातों का ध्यान रखें:
- उत्तर की शुरुआत अहिंसा और करुणा की सरल परिभाषा से करें।
- कहानी से उदाहरण दें, जैसे महात्मा बुद्ध ने बिना डरे अंगुलिमाल को करुणा का मार्ग दिखाया।
- बताएं कि कैसे इन गुणों ने एक डाकू को संत में बदल दिया।
- अंत में, इन मूल्यों की आज के समाज में प्रासंगिकता पर एक पंक्ति लिखें।




















